हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड (HPSEB) धर्मशाला द्वारा ली गई 10वीं कक्षा की परीक्षा में खराब रिजल्ट देने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई की तैयारी है। 25 फीसदी से कम रिजल्ट देने वाले 116 स्कूलों के 250 टीचरों को शिक्षा विभाग ने नोटिस कर दिए है। इनका जवाब आने पर कार्रवाई की जाएगी। नोटिस में शिक्षकों से खराब रिजल्ट के कारण पूछे गए हैं। इनका जवाब संतोषजनक नहीं रहा तो शिक्षकों की एनुअल इनक्रीमेंटी रोकी जाएगी। इनकी ACR में भी खराब रिजल्ट को अंकित किया जाएगा। विभाग की इस कार्रवाई से शिक्षकों में हड़कंप मच गया है। 30 स्कूलों में एक भी बच्चा पास नहीं शिक्षा विभाग के अनुसार, प्रदेश में 30 स्कूल ऐसे हैं, जहां एक भी बच्चा 10वीं कक्षा में पास नहीं हुआ। इससे सरकारी स्कूलों में एजुकेशन पर निरंतर सवाल उठ रहे हैं। यही वजह है कि अभिभावक अपने बच्चों को सरकारी में मुफ्त शिक्षा देने के बजाय प्राइवेट स्कूलों को तवज्जो दे रहे हैं। बता दें कि HPSEB ने बीते मार्च महीने में 10वीं की बोर्ड की परीक्षा ली थी। बीते मई महीने में इनका रिजल्ट आ गया। अब शिक्षा विभाग ने बोर्ड से रिजल्ट लेने के बाद कार्रवाई शुरू कर दी है और नोटिस देकर कार्रवाई की दिशा में पहला कदम बढ़ाया है। क्वालिटी एजुकेशन को टीचरों को विदेश भेज रही सरकार हिमाचल सरकार ने क्वालिटी एजुकेशन के लिए शिक्षकों को विदेश टूर शुरू किए है। इस साल करीब 400 टीचरों को टीचिंग के गुर सीखने के लिए विदेश भेजा गया है। इसका असर आने वाले सालों में नजर आएगा। खराब रिजल्ट का एक कारण ये भी शिक्षा विभाग से जुड़े सूत्रों की माने तो खराब रिजल्ट का कारण टीचर ही नहीं है, बल्कि प्रदेश सरकार की ट्रांसफर पॉलिसी और विभाग की लापरवाही भी जिम्मेदार है। प्रदेश में की स्कूल ऐसे भी चल रहे है जहां एक एक टीचर है। इसी तरह कई बार राजनीति रसूख की वजह से सरकार बीच शैक्षणिक सत्र के दौरान टीचरों को ट्रांसफर कर देती है और कई कई महीनों तक ये पद नहीं भरे जाते। इससे बच्चों की पढ़ाई पर सबसे बुरा असर पड़ रहा है। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड (HPSEB) धर्मशाला द्वारा ली गई 10वीं कक्षा की परीक्षा में खराब रिजल्ट देने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई की तैयारी है। 25 फीसदी से कम रिजल्ट देने वाले 116 स्कूलों के 250 टीचरों को शिक्षा विभाग ने नोटिस कर दिए है। इनका जवाब आने पर कार्रवाई की जाएगी। नोटिस में शिक्षकों से खराब रिजल्ट के कारण पूछे गए हैं। इनका जवाब संतोषजनक नहीं रहा तो शिक्षकों की एनुअल इनक्रीमेंटी रोकी जाएगी। इनकी ACR में भी खराब रिजल्ट को अंकित किया जाएगा। विभाग की इस कार्रवाई से शिक्षकों में हड़कंप मच गया है। 30 स्कूलों में एक भी बच्चा पास नहीं शिक्षा विभाग के अनुसार, प्रदेश में 30 स्कूल ऐसे हैं, जहां एक भी बच्चा 10वीं कक्षा में पास नहीं हुआ। इससे सरकारी स्कूलों में एजुकेशन पर निरंतर सवाल उठ रहे हैं। यही वजह है कि अभिभावक अपने बच्चों को सरकारी में मुफ्त शिक्षा देने के बजाय प्राइवेट स्कूलों को तवज्जो दे रहे हैं। बता दें कि HPSEB ने बीते मार्च महीने में 10वीं की बोर्ड की परीक्षा ली थी। बीते मई महीने में इनका रिजल्ट आ गया। अब शिक्षा विभाग ने बोर्ड से रिजल्ट लेने के बाद कार्रवाई शुरू कर दी है और नोटिस देकर कार्रवाई की दिशा में पहला कदम बढ़ाया है। क्वालिटी एजुकेशन को टीचरों को विदेश भेज रही सरकार हिमाचल सरकार ने क्वालिटी एजुकेशन के लिए शिक्षकों को विदेश टूर शुरू किए है। इस साल करीब 400 टीचरों को टीचिंग के गुर सीखने के लिए विदेश भेजा गया है। इसका असर आने वाले सालों में नजर आएगा। खराब रिजल्ट का एक कारण ये भी शिक्षा विभाग से जुड़े सूत्रों की माने तो खराब रिजल्ट का कारण टीचर ही नहीं है, बल्कि प्रदेश सरकार की ट्रांसफर पॉलिसी और विभाग की लापरवाही भी जिम्मेदार है। प्रदेश में की स्कूल ऐसे भी चल रहे है जहां एक एक टीचर है। इसी तरह कई बार राजनीति रसूख की वजह से सरकार बीच शैक्षणिक सत्र के दौरान टीचरों को ट्रांसफर कर देती है और कई कई महीनों तक ये पद नहीं भरे जाते। इससे बच्चों की पढ़ाई पर सबसे बुरा असर पड़ रहा है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल: कल्पना ने 30 जुलाई को बनाई रील:बोली-जिंदगी में अभी कुछ नहीं देखा, अगले ही दिन 2 नन्हें बच्चों के साथ मलबे में दफन
हिमाचल: कल्पना ने 30 जुलाई को बनाई रील:बोली-जिंदगी में अभी कुछ नहीं देखा, अगले ही दिन 2 नन्हें बच्चों के साथ मलबे में दफन हिमाचल में रामपुर के समेज में मलबे में 2 नन्हें बच्चों के साथ दफन कल्पना केदारटा ने 30 जुलाई को रील बनाई। जिसमे कहा, यार लोग कहते हैं कि काम कर लो.., नहीं मौत आती.., अगर आ गई तो.., मैं इतना बड़ा रिस्क कैसे ले लूं.., अपनी जान के साथ.., अगर मैंने काम किया.. और आ गई मौत फिर.. मैंने तो जिंदगी में कुछ नहीं देखा अभी.., ये शब्द कल्पना के है। इस रील को बनाने के चंद घंटे बाद यानी 31 जुलाई की रात सच में कल्पना जिंदगी में ज्यादा कुछ देखे बिना चल पड़ी। कल्पना केदारटा ने समेज में खड्ड के डर से अपनी ट्रांसफर भी करवा दी थी। कल्पना ने आज झाखड़ी के रत्नपुर के लिए सामान शिफ्ट करना था। कल रत्नपुर में जॉइनिंग देनी थी। मगर कुदरत को कुछ और ही मंजूर था। कल्पना (34), बेटी अक्षिता (7) और बेटा अद्विक (4) मलबे में दफन हो गए। परिवार में अब कल्पना के पति जय सिंह ही बचे हैं। वह अब जिंदा लाश बन गए हैं। बार बार बेसुध हो रहे हैं। अकाउंटेंट थीं कल्पना केदारटा जय सिंह मूल रूप से रामपुर के कांदरी के रहने वाले हैं। उनकी पत्नी कल्पना ग्रीनको हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट में अकाउंट थीं और समेज में तैनात थी। जय के भाई कुशाल सुनैल ने बताया कि छोटे भाई का परिवार समेज खड्ड के सैलाब ने उजाड़ दिया है। उन्होंने बताया कि खड्ड की वजह से ही भाभी की समेज से रत्नपुर को ट्रांसफर करवाई थी। एक हफ्ते तक घर में बच्चों ने की मौज मस्ती कुशाल सुनैल ने बताया कि अक्षिता और अद्विक को स्कूल से एक हफ्ते की मानसून ब्रेक थी। इसलिए दोनों बच्चे एक सप्ताह तक रामपुर के कांदरी गांव में मौज-मस्ती करते रहे। बीते 30 जुलाई को दोनों बच्चे भाभी कल्पना के साथ समेज गए। 31 जुलाई की रात ने उनके साथ कभी न भुला पाने वाला हादसा हो गया। चौथी में अक्षिता, पहली में पढ़ता था अद्विक अक्षिता और अद्विक झाखड़ी में एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ाई करते थे। अक्षिता चौथी क्लास और अद्विक पहली कक्षा में पढ़ाई कर रहा था। दोनों बच्चों को उनके ठेकेदार पिता जय सिंह रोजाना समेज से झाखड़ी स्कूल ले जाते थे। हादसे वाले दिन जय सिंह समेज में नहीं थे। इस वजह से उनकी जान तो बच गई है। मगर उनकी पूरी जिंदगी उजड़ गई है। गोपाल का घर बहने से 12 दबे बताया जा रहा है कि जय सिंह और उनकी पत्नी कल्पना अपने दोनों बच्चों के साथ समेज में गोपाल के तीन मंजिला मकान में किराए पर रहते थे। इसी बिल्डिंग के टॉप-फ्लोर पर उनका क्वार्टर था और इसी में निचले फ्लोर पर कंपनी का दफ्तर भी चल रहा था। गोपाल की बिल्डिंग में 12 लोगों की मौत गोपाल की ही बिल्डिंग ढहने से कुल 12 लोगों की गई है। इसमें जय सिंह की पत्नी, दो बच्चों के अलावा गोपाल की पत्नी शिक्षा (37), बेटी जिया (15) और ग्रीनको हाइड्रो प्रोजेक्ट के 7 कर्मचारियों की भी मौत हुई है। कंपनी के कर्मचारी भी इसी बिल्डिंग में रहते थे। कल्पना केदारटा रील बनाने की शौंकीन थी। नौकरी के साथ साथ वह रील बनाती रहतीं थी। 36 लोगों का 48 घंटे बाद भी सुराग नहीं समेज हादसे में कुल मिलाकर 36 लोग लापता है। 48 घंटे से अधिक समय बीतने के बाद भी किसी का सुराग नहीं लग पाया है। माना जा रहा है कि खड्ड में अत्यधिक पानी की वजह से लोग दूर तक बह गए हो। यही वजह है कि जिला प्रशासन ने समेज से लेकर शिमला के सुन्नी तत्तापानी तक सर्च ऑपरेशन चलाने का निर्णय लिया है।
हिमाचल में तोड़ी पंजाब के पर्यटकों की गाड़ियां:ADG बोले- सोशल मीडिया पर दिया जा रहा दोष; दीनानगर-पठानकोट के रहने वाले तीनों आरोपी
हिमाचल में तोड़ी पंजाब के पर्यटकों की गाड़ियां:ADG बोले- सोशल मीडिया पर दिया जा रहा दोष; दीनानगर-पठानकोट के रहने वाले तीनों आरोपी टूरिस्ट स्टेट हिमाचल प्रदेश की छवि को सोशल मीडिया पर कुछ लोग खराब कर रहे हैं। प्रदेश के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अभिषेक त्रिवेदी ने बुधवार को शिमला में प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि बीते 17 जून की रात 12 बजे के करीब दीनानगर पठानकोट के तीन लोग नूरपूर के एक होटल में कमरा लेने आए। मगर होटल फुल होने की वजह से कमरा नहीं मिला। इसके बाद तीनों पार्किंग में बैठे और जाते वक्त उन्होंने होटल के बाहर पार्क पंजाब, हरियाणा और राजस्थान नंबर की पांच गाड़ियों के शीशे तोड़ दिए। इस बाबत डमटाल थाना में मामला दर्ज है और जांच जारी है। सोशल मीडिया में हिमाचल को किया जा रहा बदनाम वहीं, क्षतिग्रस्त गाड़ियों का किसी ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में वायरल कर दिया। इसमें हिमाचल की छवि को खराब करने की कोशिश की गई और कहा जा रहा है कि हिमाचल में बाहरी राज्यों की गाड़ियों के शीशे तोड़े जा रहे हैं। एडीजी के अनुसार, यह आरोप सही नहीं है। एडीजी बोले- जल्द शीशे तोड़ने वालों की पहचान करेंगे अभिषेक त्रिवेदी ने कहा कि जिन लोगों ने पर्यटकों की गाड़ियां तोड़ी है, उनकी पहचान कर ली गई है। अब तक की जांच में पता चला है कि गाड़ी तोड़ने वाले तीनों व्यक्ति दीनानगर पठानकोट के रहने वाले हैं। उन्होंने कहा कि जिन पर्यटकों की गाड़ियां तोड़ी गई है, उनके नुकसान की होटल प्रबंधन ने ही भरपाई भी की है। खजियार मामले में भी सोशल मीडिया में झूठ परोसा गया एडीजी ने खुद मीडिया के सामने आकर सोशल मीडिया में हिमाचल पर लगाए जा रहे आरोपों को एक सिरे से खारिज किया। उन्होंने कहा कि 9 जो जून को भी एक ऐसा ही मामला चंबा के खजियार में सामने आया था, जिसमे चंडीगढ़ पुलिस का एएसआई सड़क के बीचोबीच गाड़ी पार्क करता है। जब उसे गाड़ी हटाने को कहा जाता है तो वह बहसबाजी करता है। इस मामले में भी प्रदेश पुलिस जांच कर रही है। एनआरआई दंपती के आरोप भी बेबुनियाद अभिषेक त्रिवेदी ने कहा कि एक अन्य मामला बीते 11 जून को चंबा के ही खजियार में पेश आया। जिसमें पंजाब से आए दो भाइयों ने पर्यटक महिलाओं और स्थानीय महिलाओं के हाथ जबरदस्ती हाथ देखने की कोशिश की। इसके बाद एनआरआई दंपती की स्थानीय लोगों और पर्यटकों के साथ मारपीट हुई। इस मामले में पुलिस उचित कार्रवाई कर रही थी। मगर एनआरआई दंपती ने कार्रवाई करने से इनकार किया, जिसमें उनका लिखित बयान चंबा सदर थाना में मौजूद है। मगर, एनआरआई दंपती ने पंजाब पहुंचकर प्रदेश पुलिस पर कार्रवाई नहीं करने को लेकर गंभीर आरोप लगाए। कुछ लोग कंगना के थप्पड़ के बदले की कार्रवाई से जोड़कर देख रहे बता दें कि, सोशल मीडिया पर कुछ लोग इसे कंगना रनोट को मारे गए थप्पड़ के बदले की जा रही वारदात कह रहे है। इससे हिमाचल और पंजाब के बीच तनाव जैसी स्थिति पैदा करने की कोशिश की जा रही है। एडीजी ने कहा कि इन वारदातों को अलग-अलग घटनाओं से जोड़कर देखा जा रहा है, जो सही नहीं है। हिमाचल प्रदेश शांतप्रिय स्टेट है। यहां पर आने वाले हरेक पर्यटक का मान-सम्मान होता है।
PM मोदी की प्रतिक्रिया पर हिमाचल में चढ़ा सियासी पारा:कांग्रेस भाजपा आमने-सामने, हिमाचल को देश में बदनाम करने का आरोप
PM मोदी की प्रतिक्रिया पर हिमाचल में चढ़ा सियासी पारा:कांग्रेस भाजपा आमने-सामने, हिमाचल को देश में बदनाम करने का आरोप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कांग्रेस शासित राज्य सरकारों पर टिपण्णी के बाद हिमाचल में सियासत गरमा गई है। प्रदेश में भाजपा कांग्रेस आमने- सामने हो गयी है। पूर्व सीएम व नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने पीएम मोदी की प्रतिक्रिया को कांग्रेस शासित राज्यों की जमीनी हकीकत करार दी है, वहीं सीएम सुक्खू के प्रधान सलाहकार नरेश चौहान ने भाजपा नेताओं पर हिमाचल प्रदेश को देश भर में बदनाम करने का बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता प्रधानमंत्री को सही जानकारी नही दे रहे हैं। चौहान ने पीएम मोदी के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। क्या बोले नरेश चौहान?
नरेश चौहान ने शिमला में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा के नेता हिमाचल को लेकर दुष्प्रचार कर रहे हैं और देशभर में हिमाचल को बदनाम किया जा रहा है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हिमाचल को लेकर दिए गये बयान को भी उन्होंने दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया और कहा कि उन्हें सही जानकारी नहीं दी जा रही है। साथ ही उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री पूरे देश के हैं तो उन्हें इस तरह से किसी भी राज्य को लेकर बयान बाजी नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार जब सत्ता में आई तो प्रदेश पर कर्ज के बोझ के साथ कर्मचारियों की काफी ज्यादा देनदारियां थी। साथ ही बीते वर्ष प्रदेश में भारी आपदा आई थी लेकिन उस समय देश के प्रधानमंत्री ने हिमाचल के बारे में एक भी शब्द नहीं बोला और ना ही कोई राहत का पैकेज दिया था। देश के प्रधानमंत्री को यदि हिमाचल की चिंता होती, तो कुछ समय हिमाचल की मदद कर देते। हिमाचल की सरकार जनहित में काम कर रही है और जो वादे जनता से किए हैं उनमें से पांच वादों को पूरा कर दिया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार हिमाचल को कोई खास मदद नहीं कर रही है। EX सीएम जयराम ठाकुर ने दी CM सुक्खू को सलाह
वहीं हिमाचल प्रदेश के भाजपा से पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की गारंटियां आज झूठी साबित हुई हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को सच बोलने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की हालत को बच्चा-बच्चा जानता है। ऐसे में अब तो मुख्यमंत्री को सच बोलना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सत्ता में आने से पहले कांग्रेस ने जनता को बड़ी-बड़ी गारंटियां दी थी, लेकिन सत्ता में आने के बाद इन गारंटियों को पूरा नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि सत्ता में आने से पहले कांग्रेस ने 18 साल से 59 साल की महिलाओं को हर महीने 1 हजार 500 रुपए देने का वादा किया था, लेकिन अब इसमें शर्त लगा दी गई है। राज्य की 25 हजार महिलाओं को भी 1500 की सम्मान राशि नहीं दी जा रही है, जबकि सत्ता में आने से पहले हर महिला को बिना शर्त 1500 रुपए देने का वादा किया गया था। “कांग्रेस की सरकार से आम जनता परेशान”- पूर्व सीएम
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि जिस 680 करोड़ रुपए के स्टार्ट अप फंड की बात कही जा रही है, उससे भी अब तक किसी युवा को फायदा नहीं मिला है। इसी तरह गाय और भैंस के दूध पर एमएसपी को लेकर भी बड़े-बड़े वादे किए थे, लेकिन चंद रुपए बढ़ाकर अब झूठ बोलने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपनी गारंटियों को लेकर झूठ बोल रही है और इसी वजह से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कांग्रेस की झूठी गारंटियों का जिक्र किया है। जयराम ठाकुर ने कहा कि आज राज्य में ऐसे हालात पैदा हो चुके हैं कि कर्मचारियों और पेंशनर्स को जब वक्त पर वेतन और पेंशन दी जाती है, तो उसके लिए मुख्यमंत्री को प्रेस कॉन्फ्रेंस करनी पड़ती है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि जहां-जहां कांग्रेस की सरकार है, वहां जनता परेशान हो रही है। पीएम मोदी ने क्या कहा था ?
बता दें कि पीएम मोदी ने अपने अकाउंट पर कांग्रेस शासित राज्य सरकारों पर निशाना साधते हुए सोशल मीडिया एक्स पर लिखा है कि ”कांग्रेस पार्टी को यह बात अब समझ में आ रही है कि झूठे वादे करना तो आसान है, लेकिन उन्हें सही तरीके से लागू करना मुश्किल और नामुमकिन है। वे लगातार प्रचार अभियान के दौरान लोगों से ऐसे वादे करते रहते हैं, जिन्हें वे कभी पूरा नहीं कर पाते। अब वे लोगों के सामने पूरी तरह बेनकाब हो चुके हैं। आज कांग्रेस की सरकार वाले किसी भी राज्य को देख लीजिए- हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना। विकास की गति और वित्तीय स्थिति बद से बदतर होती जा रही है। उनकी तथाकथित गारंटियां अधूरी हैं, जो इन राज्यों के लोगों के साथ एक भयानक धोखा है। ऐसी राजनीति का शिकार गरीब, युवा, किसान और महिलाएं हैं, जिन्हें न केवल इन वादों के लाभों से वंचित किया जाता है, बल्कि उनकी मौजूदा योजनाओं को भी कमजोर किया जाता है।”