सैलजा बोली,पश्चिम यमुना नहर का नवीनीकरण कराए:सिरसा ब्रांच कनाल से पहुंचता था पानी, पांच जिलों को मिलेगा फायदा, सीएम को लिखा पत्र

सैलजा बोली,पश्चिम यमुना नहर का नवीनीकरण कराए:सिरसा ब्रांच कनाल से पहुंचता था पानी, पांच जिलों को मिलेगा फायदा, सीएम को लिखा पत्र

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि एक ओर जहां तत्कालीन भाजपा सरकार देश की नदियों को एक-दूसरे से जोडकर पानी की कमी और बाढ़ की समस्या खत्म कराना चाहती थी। वहीं मौजूदा समय में सरकार पानी को लेकर गंभीर नहीं है। पंजाब सरकार द्वारा भाखड़ा से हरियाणा के हिस्से का पानी कम किए जाने से समस्या और विकराल हो गई है। इस मामले को लेकर प्रदेश सरकार जिस भी मंच पर आवाज उठाएगी, उसमें कांग्रेस का उसे पूर्ण सहयोग रहेगा। कुमारी सैलजा ने कहा कि पश्चिम यमुना नहर से निकलने वाली सिरसा ब्रांच केनाल का आज भी नेटवर्क है। इसकी नवीनीकरण कर सरकार जींद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा को जल संकट से छुटकारा दिला सकती है। कुमारी सैलजा ने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को लिखे पत्र में कहा है कि पंजाब की तानाशाह सरकार हरियाणा को उसके हिस्से का पानी कम दे रही है, जिसे गंभीरता से लेने की जरूरत है। इस मुद्दे को लेकर आप जब भी केंद्रीय जल शक्ति मंत्री या प्रधानमंत्री से मिले तो हम (कांग्रेस) भी आपके साथ रहकर हरियाणा के हित में आवाज उठाएंगे। सिरसा में एक हलके मे टेल तक नहीं पहुंचता पानी कुमारी सैलजा ने कहा कि भाखड़ा नहर के पानी से हिसार, सिरसा, फतेहाबाद, जींद के लोगों की प्यास बुझती है और फसलों की सिंचाई होती है। समय के साथ आबादी बढ़ने और प्रदेश में पानी की बढ़ती जरूरतों को देखते हुए पानी कम होता जा रहा है। आज हालात ये है कि सिरसा में एक हलका ऐसा भी है, जहां टेल तक पानी पहुंच ही नहीं पाता है। 1896 में सिरसा ब्रांच नहर निकाली गई थी सांसद सैलजा ने कहा कि हरियाणा में सिंचाई पानी की पूर्ति के लिए ताजेवाला बैराज बांध से पश्चिम यमुना नहर निकाली गई थी। बाद में उससे कई छोटी नहरों के माध्यम से पानी का वितरण किया है। इंद्री के समीप इस पश्विम यमुना नहर से 1896 में सिरसा ब्रांच नहर निकाली गई, जो पश्चिमी यमुना नहर की सबसे बड़ी शाखा है। नवीनीकरण से फिर से सिरसा सहित पांच जिलों को मिलेगा फायदा यह नहर कैथल, जींद, फतेहाबाद और सिरसा जिलों से होकर गुजरती है। आज भी सिरसा ब्रांच केनाल का नेटवर्क मौजूद है। अगर इसका नवीनीकरण करवाया जाए तो पश्चिम यमुना नहर का पानी फिर से सिरसा ब्रांच में लाकर कैथल, सिरसा, फतेहाबाद, जींद, हिसार जिला में सिंचाई पानी और पेयजल संकट को दूर किया जा सकता है। इस अधिक मात्रा में आए पानी का पश्चिम यमुना नहर में डालकर इसका सदुपयोग किया जा सकता है। भाखडा नहर से जलापूर्ति में कटौती पर चुप रहना भाजपा सरकार की विफलता सांसद कुमारी सैलजा ने कहा है कि पूरे हरियाणा में पानी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है, लेकिन प्रदेश सरकार केवल पंजाब सरकार पर आरोप लगाकर अपने कर्तव्यों से पल्ला झाड़ रही है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद एसवाईएल नहर का निर्माण न करवा पाना और अब भाखड़ा जल आपूर्ति में कटौती को चुपचाप सहना। दोनों ही भाजपा सरकार की अक्षमता का प्रतीक है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि एक ओर जहां तत्कालीन भाजपा सरकार देश की नदियों को एक-दूसरे से जोडकर पानी की कमी और बाढ़ की समस्या खत्म कराना चाहती थी। वहीं मौजूदा समय में सरकार पानी को लेकर गंभीर नहीं है। पंजाब सरकार द्वारा भाखड़ा से हरियाणा के हिस्से का पानी कम किए जाने से समस्या और विकराल हो गई है। इस मामले को लेकर प्रदेश सरकार जिस भी मंच पर आवाज उठाएगी, उसमें कांग्रेस का उसे पूर्ण सहयोग रहेगा। कुमारी सैलजा ने कहा कि पश्चिम यमुना नहर से निकलने वाली सिरसा ब्रांच केनाल का आज भी नेटवर्क है। इसकी नवीनीकरण कर सरकार जींद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा को जल संकट से छुटकारा दिला सकती है। कुमारी सैलजा ने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को लिखे पत्र में कहा है कि पंजाब की तानाशाह सरकार हरियाणा को उसके हिस्से का पानी कम दे रही है, जिसे गंभीरता से लेने की जरूरत है। इस मुद्दे को लेकर आप जब भी केंद्रीय जल शक्ति मंत्री या प्रधानमंत्री से मिले तो हम (कांग्रेस) भी आपके साथ रहकर हरियाणा के हित में आवाज उठाएंगे। सिरसा में एक हलके मे टेल तक नहीं पहुंचता पानी कुमारी सैलजा ने कहा कि भाखड़ा नहर के पानी से हिसार, सिरसा, फतेहाबाद, जींद के लोगों की प्यास बुझती है और फसलों की सिंचाई होती है। समय के साथ आबादी बढ़ने और प्रदेश में पानी की बढ़ती जरूरतों को देखते हुए पानी कम होता जा रहा है। आज हालात ये है कि सिरसा में एक हलका ऐसा भी है, जहां टेल तक पानी पहुंच ही नहीं पाता है। 1896 में सिरसा ब्रांच नहर निकाली गई थी सांसद सैलजा ने कहा कि हरियाणा में सिंचाई पानी की पूर्ति के लिए ताजेवाला बैराज बांध से पश्चिम यमुना नहर निकाली गई थी। बाद में उससे कई छोटी नहरों के माध्यम से पानी का वितरण किया है। इंद्री के समीप इस पश्विम यमुना नहर से 1896 में सिरसा ब्रांच नहर निकाली गई, जो पश्चिमी यमुना नहर की सबसे बड़ी शाखा है। नवीनीकरण से फिर से सिरसा सहित पांच जिलों को मिलेगा फायदा यह नहर कैथल, जींद, फतेहाबाद और सिरसा जिलों से होकर गुजरती है। आज भी सिरसा ब्रांच केनाल का नेटवर्क मौजूद है। अगर इसका नवीनीकरण करवाया जाए तो पश्चिम यमुना नहर का पानी फिर से सिरसा ब्रांच में लाकर कैथल, सिरसा, फतेहाबाद, जींद, हिसार जिला में सिंचाई पानी और पेयजल संकट को दूर किया जा सकता है। इस अधिक मात्रा में आए पानी का पश्चिम यमुना नहर में डालकर इसका सदुपयोग किया जा सकता है। भाखडा नहर से जलापूर्ति में कटौती पर चुप रहना भाजपा सरकार की विफलता सांसद कुमारी सैलजा ने कहा है कि पूरे हरियाणा में पानी को लेकर हाहाकार मचा हुआ है, लेकिन प्रदेश सरकार केवल पंजाब सरकार पर आरोप लगाकर अपने कर्तव्यों से पल्ला झाड़ रही है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद एसवाईएल नहर का निर्माण न करवा पाना और अब भाखड़ा जल आपूर्ति में कटौती को चुपचाप सहना। दोनों ही भाजपा सरकार की अक्षमता का प्रतीक है।   हरियाणा | दैनिक भास्कर