सोनीपत के खरखौदा में गणतंत्र दिवस के मौके पर संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के आह्वान पर किसानों ने ट्रैक्टर मार्च निकालकर विरोध प्रदर्शन किया। किसानों ने बड़ी संख्या में ट्रैक्टरों के साथ मार्च निकालकर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। सोनीपत में किसानों की हुंकार
खरखौदा में प्रदर्शन कर रहे किसानों ने सरकार को चेतावनी दी कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी कानून की लड़ाई केवल पंजाब तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे देश के किसानों की लड़ाई है। प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार से अपील की कि वे इस मुद्दे को गंभीरता से लें और इसे पंजाब का आंदोलन कहकर इसे छोटा न करें। शंभू और खनौरी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में भी किसानों ने शांतिपूर्ण ट्रैक्टर मार्च निकाला। किसानों ने सरकार से एमएसपी पर गारंटी कानून बनाने की पुरजोर मांग की। सोनीपत शहर में भी ट्रैक्टर मार्च सोनीपत शहर में भी ट्रैक्टर मार्च निकाला गया। यह मार्च महलाना रोड सेक्टर 23 चौराहे से शुरू होकर ककरोई चौक, बस स्टैंड, गीता भवन चौक, पुरखास अड्डा से होते हुए डीसी कार्यालय पर जाकर समाप्त हुआ। इस प्रदर्शन में आल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन (AIKKMS), एआई के एस,भारतीय किसान पंचायत, किसान मजदूर पंचायत, भारतीय किसान यूनियन सहित कई किसान संगठनों के कार्यकर्ता शामिल हुए। सोनीपत में भी किसानों ने एमएसपी को कानूनी दर्जा देने, किसान मजदूरों के सभी कर्ज माफ करने, नई कृषि बाजार राष्ट्रीय नीति और बिजली बिल 2023 को रद्द करने की मांग की। किसान नेताओं ने किया संबोधित
प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले नेताओं ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि सरकार समय रहते किसान-मजदूरों की मांगों को पूरा नहीं करती है तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। कहा कि सरकार सभी सरकारी मंडियों को बंद करके कृषि उत्पादों का व्यापार कॉर्पोरेट को देना चाहती है। वे सरकार के इस षड्यंत्र को सफल नहीं होने देंगे। 14 फरवरी की समय सीमा
किसानों ने स्पष्ट कर दिया कि यदि 14 फरवरी तक सरकार की ओर से कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया, तो आंदोलन की आगे की रूपरेखा तय की जाएगी। प्रदर्शनकारियों ने ऐलान किया कि जब तक उनकी सभी मांगे पूरी नहीं होतीं, आंदोलन जारी रहेगा। सोनीपत के खरखौदा में गणतंत्र दिवस के मौके पर संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) के आह्वान पर किसानों ने ट्रैक्टर मार्च निकालकर विरोध प्रदर्शन किया। किसानों ने बड़ी संख्या में ट्रैक्टरों के साथ मार्च निकालकर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। सोनीपत में किसानों की हुंकार
खरखौदा में प्रदर्शन कर रहे किसानों ने सरकार को चेतावनी दी कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी कानून की लड़ाई केवल पंजाब तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरे देश के किसानों की लड़ाई है। प्रदर्शनकारियों ने केंद्र सरकार से अपील की कि वे इस मुद्दे को गंभीरता से लें और इसे पंजाब का आंदोलन कहकर इसे छोटा न करें। शंभू और खनौरी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में भी किसानों ने शांतिपूर्ण ट्रैक्टर मार्च निकाला। किसानों ने सरकार से एमएसपी पर गारंटी कानून बनाने की पुरजोर मांग की। सोनीपत शहर में भी ट्रैक्टर मार्च सोनीपत शहर में भी ट्रैक्टर मार्च निकाला गया। यह मार्च महलाना रोड सेक्टर 23 चौराहे से शुरू होकर ककरोई चौक, बस स्टैंड, गीता भवन चौक, पुरखास अड्डा से होते हुए डीसी कार्यालय पर जाकर समाप्त हुआ। इस प्रदर्शन में आल इंडिया किसान खेत मजदूर संगठन (AIKKMS), एआई के एस,भारतीय किसान पंचायत, किसान मजदूर पंचायत, भारतीय किसान यूनियन सहित कई किसान संगठनों के कार्यकर्ता शामिल हुए। सोनीपत में भी किसानों ने एमएसपी को कानूनी दर्जा देने, किसान मजदूरों के सभी कर्ज माफ करने, नई कृषि बाजार राष्ट्रीय नीति और बिजली बिल 2023 को रद्द करने की मांग की। किसान नेताओं ने किया संबोधित
प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले नेताओं ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि सरकार समय रहते किसान-मजदूरों की मांगों को पूरा नहीं करती है तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। कहा कि सरकार सभी सरकारी मंडियों को बंद करके कृषि उत्पादों का व्यापार कॉर्पोरेट को देना चाहती है। वे सरकार के इस षड्यंत्र को सफल नहीं होने देंगे। 14 फरवरी की समय सीमा
किसानों ने स्पष्ट कर दिया कि यदि 14 फरवरी तक सरकार की ओर से कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया, तो आंदोलन की आगे की रूपरेखा तय की जाएगी। प्रदर्शनकारियों ने ऐलान किया कि जब तक उनकी सभी मांगे पूरी नहीं होतीं, आंदोलन जारी रहेगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
![सोनीपत में किसानों ने निकाला ट्रैक्टर मार्च:बोले-लड़ाई पंजाब तक सीमित नहीं, MSP गारंटी कानून को लेकर 14 फरवरी तक का दिया समय](https://images.bhaskarassets.com/thumb/1000x1000/web2images/521/2025/01/26/2a6fffdb-d484-4c56-9348-e56cf5fc739e_1737889432.jpg)