हरियाणा के सोनीपत जिले में गन्ने की खेती का रकबा लगातार घटता जा रहा है, जिससे कृषि विभाग चिंतित है। पहले जहां जिले में 33 हजार एकड़ भूमि पर गन्ने की खेती होती थी, वहीं अब यह घटकर 22 हजार एकड़ रह गई है। इस समस्या के समाधान के लिए कृषि विभाग पहली बार गन्ना किसान मेले का आयोजन करने जा रहा है। यह मेला 11 मार्च को सोनीपत शुगर मिल में आयोजित होगा, जहां किसानों को गन्ने की नई किस्मों और फसल में लगने वाली बीमारियों से बचाव के उपायों की जानकारी दी जाएगी। इस मेले की तैयारियों में कृषि विभाग जुट गया है और इसे सफल बनाने के लिए प्रयास कर रहा है। 500 गन्ना उत्पादक किसान होंगे शामिल गन्ना किसान मेले में करीब 500 गन्ना उत्पादक किसान भाग लेंगे। इस दौरान उचानी रिसर्च सेंटर से आए विशेषज्ञ किसानों को नई किस्मों के बारे में जागरूक करेंगे। साथ ही, गन्ने की फसल में लगने वाली बीमारियों से बचाव और उपज बढ़ाने के उपाय बताएंगे। मेले में गन्ने से बनने वाले विभिन्न उत्पादों की भी जानकारी दी जाएगी, जिससे किसान अपनी आय बढ़ा सकें। इसके जरिए किसानों को गन्ने के उत्पादन के साथ-साथ खुद का ब्रांड बनाने के लिए भी प्रेरित किया जाएगा। गन्ने का घटता रकबा बना चिंता का विषय गन्ने का रकबा घटने की एक बड़ी वजह फसल में लगने वाली बीमारियां मानी जा रही हैं। हालांकि, हरियाणा में गन्ने का भाव अन्य राज्यों की तुलना में अच्छा है और जिले में गोहाना व सोनीपत में दो शुगर मिल भी संचालित हैं, फिर भी किसान गन्ने की खेती से दूर हो रहे हैं। कृषि उपनिदेशक डॉ. पवन शर्मा बोले सोनीपत कृषि विभाग इस मेले के जरिए ज्यादा से ज्यादा किसानों को गन्ने की खेती से जोड़ने की कोशिश कर रहा है। सोनीपत शुगर मिल के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में करीब 13 हजार एकड़ भूमि पर गन्ने की खेती हो रही है और इस साल मिल से 32 लाख क्विंटल गन्ने की बॉडिंग हुई है। कृषि उपनिदेशक डॉ. पवन शर्मा ने कहा कि आगामी 11 मार्च को सोनीपत शुगर मिल में गन्ना किसान मेले का आयोजन किया जाएगा। इस मेले में विशेषज्ञ किसानों को नई किस्मों और फसल उत्पादन बढ़ाने के तरीके सिखाएंगे। इससे जिले में गन्ने की खेती को प्रोत्साहन मिलेगा और किसान अधिक फायदा कमा सकेंगे। हरियाणा के सोनीपत जिले में गन्ने की खेती का रकबा लगातार घटता जा रहा है, जिससे कृषि विभाग चिंतित है। पहले जहां जिले में 33 हजार एकड़ भूमि पर गन्ने की खेती होती थी, वहीं अब यह घटकर 22 हजार एकड़ रह गई है। इस समस्या के समाधान के लिए कृषि विभाग पहली बार गन्ना किसान मेले का आयोजन करने जा रहा है। यह मेला 11 मार्च को सोनीपत शुगर मिल में आयोजित होगा, जहां किसानों को गन्ने की नई किस्मों और फसल में लगने वाली बीमारियों से बचाव के उपायों की जानकारी दी जाएगी। इस मेले की तैयारियों में कृषि विभाग जुट गया है और इसे सफल बनाने के लिए प्रयास कर रहा है। 500 गन्ना उत्पादक किसान होंगे शामिल गन्ना किसान मेले में करीब 500 गन्ना उत्पादक किसान भाग लेंगे। इस दौरान उचानी रिसर्च सेंटर से आए विशेषज्ञ किसानों को नई किस्मों के बारे में जागरूक करेंगे। साथ ही, गन्ने की फसल में लगने वाली बीमारियों से बचाव और उपज बढ़ाने के उपाय बताएंगे। मेले में गन्ने से बनने वाले विभिन्न उत्पादों की भी जानकारी दी जाएगी, जिससे किसान अपनी आय बढ़ा सकें। इसके जरिए किसानों को गन्ने के उत्पादन के साथ-साथ खुद का ब्रांड बनाने के लिए भी प्रेरित किया जाएगा। गन्ने का घटता रकबा बना चिंता का विषय गन्ने का रकबा घटने की एक बड़ी वजह फसल में लगने वाली बीमारियां मानी जा रही हैं। हालांकि, हरियाणा में गन्ने का भाव अन्य राज्यों की तुलना में अच्छा है और जिले में गोहाना व सोनीपत में दो शुगर मिल भी संचालित हैं, फिर भी किसान गन्ने की खेती से दूर हो रहे हैं। कृषि उपनिदेशक डॉ. पवन शर्मा बोले सोनीपत कृषि विभाग इस मेले के जरिए ज्यादा से ज्यादा किसानों को गन्ने की खेती से जोड़ने की कोशिश कर रहा है। सोनीपत शुगर मिल के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में करीब 13 हजार एकड़ भूमि पर गन्ने की खेती हो रही है और इस साल मिल से 32 लाख क्विंटल गन्ने की बॉडिंग हुई है। कृषि उपनिदेशक डॉ. पवन शर्मा ने कहा कि आगामी 11 मार्च को सोनीपत शुगर मिल में गन्ना किसान मेले का आयोजन किया जाएगा। इस मेले में विशेषज्ञ किसानों को नई किस्मों और फसल उत्पादन बढ़ाने के तरीके सिखाएंगे। इससे जिले में गन्ने की खेती को प्रोत्साहन मिलेगा और किसान अधिक फायदा कमा सकेंगे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
