हरियाणा के सोनीपत में शुक्रवार को दिन दहाड़े ज्वेलर्स की दुकान पर लूट हो गई। दुकान में घुसे हथियारबंद युवकों ने ज्वेलर्स के सिर पर पिस्तौल की बट से वार किया। इसके बाद वे दुकान से लाखों रुपए कैश के अलावा सोने चांदी के जेवर व हीरे का एक हार लूट कर फरार हो गए। वारदात सोनीपत में सदर थाना के पास में हुई है। लूट की सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची। शहर में नाकाबंदी की गई, लेकिन समाचार लिखे जाने तक लुटेरों का सुराग नहीं लगा था। जानकारी के अनुसार सोनीपत में गोहाना रोड पर सदर थाना के पास यूनीक ज्वेलर्स के नाम से आभूषण की दुकान है। शुक्रवार दोपहर को इसका मालिक जितेंद्र वर्मा दुकान पर था। इसी बीच दो युवक बाइक पर आए और दुकान में घुस गए। युवक ने दुकानदार पर पिस्तौल तान दी और कैश और सोने के आभूषण देने को कहा। दुकानदार ने मना किया तो उसको गोली मारने की धमकी दी। इस बीच जितेंद्र वर्मा के सिर पर पिस्तौल की बट से वार किया गया। वह इससे लहूलुहान हो गया। लुटेरे इसके बाद दुकान से कैश, सोने चांदी के जेवर और एक हीरे का हार लेकर फरार हो गए। लुटेरों के जाते ही दुकानदार ने शोर मचाया। इसके बाद आसपास के लोग वहां पहुंचे और मामले की सूचना पुलिस को दी। हरियाणा के सोनीपत में शुक्रवार को दिन दहाड़े ज्वेलर्स की दुकान पर लूट हो गई। दुकान में घुसे हथियारबंद युवकों ने ज्वेलर्स के सिर पर पिस्तौल की बट से वार किया। इसके बाद वे दुकान से लाखों रुपए कैश के अलावा सोने चांदी के जेवर व हीरे का एक हार लूट कर फरार हो गए। वारदात सोनीपत में सदर थाना के पास में हुई है। लूट की सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची। शहर में नाकाबंदी की गई, लेकिन समाचार लिखे जाने तक लुटेरों का सुराग नहीं लगा था। जानकारी के अनुसार सोनीपत में गोहाना रोड पर सदर थाना के पास यूनीक ज्वेलर्स के नाम से आभूषण की दुकान है। शुक्रवार दोपहर को इसका मालिक जितेंद्र वर्मा दुकान पर था। इसी बीच दो युवक बाइक पर आए और दुकान में घुस गए। युवक ने दुकानदार पर पिस्तौल तान दी और कैश और सोने के आभूषण देने को कहा। दुकानदार ने मना किया तो उसको गोली मारने की धमकी दी। इस बीच जितेंद्र वर्मा के सिर पर पिस्तौल की बट से वार किया गया। वह इससे लहूलुहान हो गया। लुटेरे इसके बाद दुकान से कैश, सोने चांदी के जेवर और एक हीरे का हार लेकर फरार हो गए। लुटेरों के जाते ही दुकानदार ने शोर मचाया। इसके बाद आसपास के लोग वहां पहुंचे और मामले की सूचना पुलिस को दी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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भिवानी में मोबाइल टावर के विरोध में प्रदर्शन:डीसी कार्यालय पहुंचे लोग; SDM को बोले- रेडिएशन से बढेंगी बीमारी, प्लाट मालिक ने धमकाया हरियाणा के भिवानी की संजीव कॉलोनी व ग्वार फैक्ट्री क्षेत्र के लोगों ने सोमवार को अपने क्षेत्र में मोबाइल फोन टावर लगाने के विरोध में प्रदर्शन किया। स्थानीय लोगों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंप कर रिहायशी क्षेत्र में टावर लगाए जाने पर रोक लगाए जाने की मांग की। भिवानी की संजीव कालोनी व ग्वार फैक्ट्री क्षेत्र के लोग सोमवार दोपहर बाद डीसी कार्यालय पहुंचे। कॉलोनी वासियों का कहना था कि टावर की रेडिएशन से कॉलोनी वासियों के सेहत पर दुष्प्रभाव पड़ेगा। टावर केवल खाली वन क्षेत्र में लगाए जाए। कॉलोनी वासियों ने कहा कि उनके क्षेत्र में पहले ही हृदयपात, कैंसर, सिरदर्द, याददाश्त खोने के मरीज बढ़ रहे हैं। टावर लगने से दुष्प्रभाव और बढ़ जाएगा। कॉलोनीवासी के लोग ने टावर स्थापित करवाने वाले प्लॉट मालिक पर भी धमकी देने का आरोप लगाया है। टावर का विरोध करने पर उनको धमकी दे रहा है। उन्होंने बताया कि एक निजी कंपनी के कर्मचारी टावर लगाने आए थे। उनका विरोध कर परमिशन के कागजात मांगे तो वह भड़क पड़े और प्लांट मालिक आकर डराने धमकाने लगा। कालोनी के लोगों ने टावर लगाने पर रोक लगाने की मांग की है।
हरियाणा के कृष्णपाल लगातार तीसरी बार मंत्री बने:कॉलेज से सियासत की शुरुआत, मोदी का करीबी होने पर मिला 2014 में टिकट; बेटा भी पॉलिटिक्स में
हरियाणा के कृष्णपाल लगातार तीसरी बार मंत्री बने:कॉलेज से सियासत की शुरुआत, मोदी का करीबी होने पर मिला 2014 में टिकट; बेटा भी पॉलिटिक्स में हरियाणा की फरीदाबाद लोकसभा सीट से भाजपा सांसद कृष्णपाल गुर्जर को मोदी 3.0 सरकार में राज्यमंत्री बनाया गया है। गुर्जर मोदी सरकार के पिछले दोनों कार्यकाल में भी राज्यमंत्री रहे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार उन पर भरोसा जताकर साफ कर दिया कि गुर्जर उनके भरोसेमंद हैं। फरीदाबाद के सरकारी कॉलेज में छात्र राजनीति से शुरुआत करने वाले कृष्णपाल गुर्जर का केंद्रीय मंत्री की कुर्सी तक पहुंचने का सफर काफी संघर्ष भरा रहा। किसान परिवार में जन्मे 67 साल के गुर्जर की पारिवारिक पृष्ठभूमि राजनीतिक नहीं रही। गुर्जर ने अपने पॉलिटिकल करियर की शुरुआत लोकदल से की थी। वर्ष 1994 में उन्होंने भाजपा जॉइन कर ली और फरीदाबाद में पार्षद का चुनाव जीता। मोदी-खट्टर की जोड़ी के साथ मिलकर कर चुके काम
वर्ष 1994 में पार्टी जॉइन करने के महज 2 साल बाद, BJP ने गुर्जर को 1996 के विधानसभा चुनाव में मेवला महाराजपुर सीट से टिकट दे दिया। यही वो समय था जब तेजतर्रार कृष्णपाल गुर्जर को भाजपा के हरियाणा मामलों के प्रभारी नरेंद्र मोदी के साथ मिलकर काम करने का मौका मिला। उस समय नरेंद्र मोदी और मनोहर लाल खट्टर की जोड़ी हरियाणा में पार्टी संगठन का कामकाज देख रही थी। भाजपा ने 1996 में हरियाणा विधानसभा का चुनाव पूर्व सीएम बंसीलाल की हरियाणा विकास पार्टी (हविपा) के साथ मिलकर लड़ा था। पहले ही चुनाव में जीत दर्ज करने वाले कृष्णपाल गुर्जर चुनाव रिजल्ट आने के बाद बंसीलाल की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार में परिवहन मंत्री बनाए गए। प्रदेशाध्यक्ष बनकर पार्टी का ग्राफ बढ़ाया
गुर्जर के 3 बार विधायक बनने के बाद पार्टी ने उन्हें संगठन की जिम्मेदारी देते हुए वर्ष 2010 में हरियाणा इकाई का प्रदेशाध्यक्ष बना दिया। उस समय हरियाणा में भूपेंद्र सिंह हुड्डा की अगुवाई में कांग्रेस की सरकार थी और BJP ओमप्रकाश चौटाला की इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) की छाया से निकलकर अपना अलग वजूद बनाने की कोशिश कर रही थी। संगठन से जुड़ा होने के कारण गुर्जर ने प्रदेशाध्यक्ष रहते हुए तेजी से पार्टी का ग्राफ बढ़ाने का काम किया। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले BJP ने नरेंद्र मोदी को अपना प्रधानमंत्री चेहरा घोषित कर दिया। इसके बाद टिकट बंटवारे में कृष्णपाल गुर्जर को फरीदाबाद लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा गया। गुर्जर ने अपने इस पहले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के अवतार भड़ाना को हरा दिया। इसके बाद मोदी ने अपनी सरकार में गुर्जर को सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्यमंत्री बनाया। 2019 के लोकसभा चुनाव में गुर्जर दूसरी बार फरीदाबाद सीट से जीते। उस समय विनिंग मार्जिन के लिहाज से देशभर में वह तीसरे स्थान पर रहे। गुर्जर 6 लाख से ज्यादा वोटों से जीतकर दूसरी बार संसद पहुंचे तो मोदी ने फिर से उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल करते हुए उद्योग राज्यमंत्री बना दिया। किसान परिवार से आकर बनाई राजनीति में पहचान
कृष्णपाल गुर्जर पेशे से एडवोकेट हैं। कृष्णपाल के पिता हंसराज जैलदार का अपने एरिया में अच्छा नाम था लेकिन वह कभी राजनीति में नहीं उतरे। दूसरी ओर कृष्णपाल की शुरू से राजनीति में रुचि रही। पारिवारिक पृष्ठभूमि राजनीतिक नहीं होते हुए भी उन्होंने राजनीति के तौर-तरीके पढ़ाई के दौरान ही सीख लिए। फरीदाबाद के कॉलेज में पढ़ते हुए वह छात्र संगठन के अध्यक्ष चुने गए और वहीं से उनके पॉलिटिकल करियर की शुरुआत हुई। ग्रेजुएशन के बाद गुर्जर कानून की डिग्री लेने मेरठ चले गए। वहां से लौटकर अपनी राजनीतिक पारी दोबारा शुरू की। उनकी पत्नी का नाम निर्मला देवी है और वह सियासत से दूर रहती हैं। गुर्जर के बेटे देवेंद्र चौधरी राजनीति में एक्टिव हैं और इस समय फरीदाबाद नगर निगम में सीनियर डिप्टी मेयर हैं। गुर्जर नेता के तौर पर बनाई पहचान
कृष्णपाल की गिनती गुर्जर बिरादरी के बड़े नेताओं में होती है। उन्होंने अपने पहले विधानसभा चुनाव में मेवला महाराजपुर सीट से जिस चौधरी महेंद्र प्रताप और फरीदाबाद लोकसभा सीट से अवतार भड़ाना को हराया, वह दोनों भी गुर्जर समाज के बड़े नेताओं में आते हैं। राजनीति में एक बाद एक मिली जीत ने कृष्णपाल गुर्जर का कद गुर्जर बिरादी के नेताओं में बढ़ा दिया। BJP के अंदर भी उनकी गिनती गुर्जर समाज के प्रमुख नेताओं के रूप में होती है। संगठन में मजबूत पकड़ और तेज-तर्रार नेता की छवि के चलते वह BJP शीर्ष नेतृत्व की पसंद बन गए।
हरियाणा में कांग्रेस सांसद के तीखे बोल,VIDEO:जेपी बोले- किरण चौधरी बंसीलाल की वारिस नहीं, विरासत पुरुष से चलती है, महिला से नहीं
हरियाणा में कांग्रेस सांसद के तीखे बोल,VIDEO:जेपी बोले- किरण चौधरी बंसीलाल की वारिस नहीं, विरासत पुरुष से चलती है, महिला से नहीं जींद के उचाना में आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में पहुंचे हिसार के सांसद जयप्रकाश उर्फ जेपी ने किरण चौधरी के बारे में बोलते हुए कहा कि किरण चौधरी बंसीलाल की विरासत नहीं हैं। विरासत हमेशा पुरुष के माध्यम से चलती है, महिला के माध्यम से नहीं। रणबीर महेंद्रा और अनिरुद्ध बंसीलाल के वारिस हैं, महिलाएं वारिस नहीं हैं। जेपी ने यह भी कहा कि किरण चौधरी समेत प्रदेश में कई नेता भाजपा को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से मदद कर रहे हैं, अगर वह पहले ही कांग्रेस छोड़कर चले जाते और इस तरह से विश्वासघात नहीं करते तो कांग्रेस और अधिक सीटें जीत सकती थी। कांग्रेस में रहते हुए कुछ नेताओं ने उन्हें हराने की कोशिश की। बता दें कि किरण चौधरी ने 2 दिन पहले ही कांग्रेस छोड़कर BJP जॉइन कर ली। इसके बाद उन्होंने खुद को पूर्व CM बंसीलाल का वारिस बताते हुए उनके विजन को आगे बढ़ाने की बात की थी। किरण चौधरी उनकी बेटी श्रुति चौधरी को टिकट न मिलने से नाराज थी। हालांकि इस्तीफे में उन्होंने भूपेंद्र हुड्डा को घेरते हुए कहा था कि हरियाणा में कांग्रेस व्यक्ति सेंट्रिक हो गई है। अगर कोई उनके बराबर आता है तो उसे खत्म कर दिया जाता है। कांग्रेस कार्यकर्ताओं की उमड़ी भीड़
जयप्रकाश उचाना की प्रभुदयाल धर्मशाला में अपनी जीत के बाद धन्यवादी दौरे करते हुए पहुंचे थे। यहां भारी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भीड़ उमड़ी। जेपी ने कहा कि नीट, नेट और ग्रुप डी में तो गड़बड़ है ही, भाजपा में भी गड़बड़ है। जेपी ने कहा कि लोकसभा चुनावों में उचाना में बड़ा गलत प्रयास किया गया और इस गलत प्रयास को लोगों ने सही मायनों में बदल दिया। कुछ दिन पहले भाजपा को छोड़कर कांग्रेस में आए लोग रात को भाजपा का झंडा उठाए मिले थे। जो अभी-अभी भाजपा से आए, उन्होंने पार्टी को नुकसान करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उचाना में टिकट सर्वे के आधार पर मिलेगी
उन्हें उचाना क्षेत्र के किसी चौधरी के नाम से नहीं, भूपेंद्र और दीपेंद्र हुड्डा के नाम से वोट मिले हैं। जनता ने उनका चुनाव लड़ा है, कुछ लोगों ने तो भीतरघात करने का काम किया। प्रत्यक्ष रूप से बीरेंद्र सिंह का नाम लेकर पूछे सवाल पर जेपी ने कहा कि अब वो बुजुर्ग हो गए हैं और बुजुर्गों को सम्मान करना चाहिए। उचाना विधानसभा में टिकट सर्वे के आधार पर मिलेगी, जिसका नाम सर्वे में आएगा, वो ही टिकट का हकदार होगा।