हरियाणा में सोनीपत के सुभाष चौक पर अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया में एक नया मोड़ आ गया है। सुप्रीम कोर्ट ने अवैध रूप से बनी 17 दुकानों को हटाने पर लगे स्टे ऑर्डर को कैंसिल कर दिया है। प्रशासन जल्द ही इन दुकानों पर बुलडोजर चलाएगा और दुकानें तोड़कर यहां पार्किंग की सुविधा उपलब्ध कराएगा। क्या है मामला
सुभाष चौक पर व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की संख्या काफी अधिक है, लेकिन पार्किंग की सुविधा न होने के कारण यहां हमेशा जाम की स्थिति रहती है। पहले यहां पार्किंग और ग्रीन बेल्ट की जगह पर कुछ दुकानें बना दी गई थीं। अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 17 दुकानों को हटाने के लिए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी। कई सालों तक चले इस मामले में हाईकोर्ट ने दुकानें तोड़ने के आदेश दिए थे। लेकिन कुछ दुकानदारों ने सुप्रीम कोर्ट से स्टे ले लिया था। सुप्रीम कोर्ट का फैसला सुप्रीम कोर्ट ने सभी तथ्यों और दलीलों को ध्यान में रखते हुए स्टे ऑर्डर को निरस्त कर दिया है। अब नगर निगम प्रशासन को संवैधानिक तरीके से इन दुकानों को हटाना होगा। प्रशासन जल्द ही दुकानदारों को नोटिस जारी करेगा और तय तिथि पर दुकानें तोड़ी जाएंगी। सुभाष चौक पर स्थित 17 दुकानों के गिरने का खतरा मंडरा रहा है। इस घटना से 17 दुकानदारों की रोजी-रोटी संकट आ गया है। स्थानीय विधायक और मेयर के प्रयासों के बावजूद, अभी तक कोई स्थायी समाधान नहीं निकल पाया है। इस मामले में प्रशासन का बुलडोजर कभी भी चल सकता है। लोगों ने किया फैसले का स्वागत सुभाष चौक पर रहने वाले लोगों और आसपास के व्यापारियों ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है। उनका कहना है कि इससे यहां जाम की समस्या से निजात मिलेगी और लोगों को पार्किंग की सुविधा उपलब्ध होगी। प्रशासन की कार्रवाई
प्रशासन ने भी इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि वे जल्द से जल्द इस प्रक्रिया को पूरा करेंगे। प्रभावित दुकानदारों को पहले ही ईएसआई डिस्पेंसरी के सामने दुकानें देने का प्रस्ताव दिया जा चुका है, जिसे कुछ दुकानदारों ने स्वीकार भी किया था। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से सुभाष चौक पर रहने वाले लोगों और व्यापारियों को बड़ी राहत मिली है। अब उम्मीद है कि जल्द ही यहां पार्किंग की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी और जाम की समस्या से निजात मिलेगी। कस्टोडियन की जमीन पर बैठे हैं दुकानदार सुभाष चौक पर 17 दुकानदार कस्टोडियन की जमीन पर करीबन 40 साल बैठे हैं। सोनीपत नगर पालिका के अंतर्गत पहले दुकानदारों से किराया लिया जाता था। लेकिन
पिछले करीबन 15 से 20 साल किराया लेना बंद हो गया है। कस्टोडियन की ऐसी जमीन होती है। जिसका कोई वारिस नहीं है या जिसका खुद को वारिस साबित नहीं किया जा सकता। यह जमीन सरकार के नियंत्रण में होती है। तत्कालीन मेयर ने डेढ़ साल पहले दिया था आश्वासन सितंबर 2023 में प्रशासन की कार्रवाई के आदेश आए थे तो इस दौरान दुकानदारों ने कोर्ट से स्टे ले लिया था। उसके बाद तत्कालीन मेयर निखिल मदान ने दुकानदारों की दुकान न टूटने का आश्वासन दिया था। लेकिन एक बार फिर मुद्दा गरमा गया है और दुकानदारों में हड़कंप मच गई है। प्रशासन ने उस दौरान दुकानदारों को ईएसआई डिस्पेंसरी के नजदीक दुकान अलॉट करने के लिए भी कहा था, लेकिन दुकानदारों ने मना कर दिया था। हरियाणा में सोनीपत के सुभाष चौक पर अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया में एक नया मोड़ आ गया है। सुप्रीम कोर्ट ने अवैध रूप से बनी 17 दुकानों को हटाने पर लगे स्टे ऑर्डर को कैंसिल कर दिया है। प्रशासन जल्द ही इन दुकानों पर बुलडोजर चलाएगा और दुकानें तोड़कर यहां पार्किंग की सुविधा उपलब्ध कराएगा। क्या है मामला
सुभाष चौक पर व्यवसायिक प्रतिष्ठानों की संख्या काफी अधिक है, लेकिन पार्किंग की सुविधा न होने के कारण यहां हमेशा जाम की स्थिति रहती है। पहले यहां पार्किंग और ग्रीन बेल्ट की जगह पर कुछ दुकानें बना दी गई थीं। अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 17 दुकानों को हटाने के लिए हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी। कई सालों तक चले इस मामले में हाईकोर्ट ने दुकानें तोड़ने के आदेश दिए थे। लेकिन कुछ दुकानदारों ने सुप्रीम कोर्ट से स्टे ले लिया था। सुप्रीम कोर्ट का फैसला सुप्रीम कोर्ट ने सभी तथ्यों और दलीलों को ध्यान में रखते हुए स्टे ऑर्डर को निरस्त कर दिया है। अब नगर निगम प्रशासन को संवैधानिक तरीके से इन दुकानों को हटाना होगा। प्रशासन जल्द ही दुकानदारों को नोटिस जारी करेगा और तय तिथि पर दुकानें तोड़ी जाएंगी। सुभाष चौक पर स्थित 17 दुकानों के गिरने का खतरा मंडरा रहा है। इस घटना से 17 दुकानदारों की रोजी-रोटी संकट आ गया है। स्थानीय विधायक और मेयर के प्रयासों के बावजूद, अभी तक कोई स्थायी समाधान नहीं निकल पाया है। इस मामले में प्रशासन का बुलडोजर कभी भी चल सकता है। लोगों ने किया फैसले का स्वागत सुभाष चौक पर रहने वाले लोगों और आसपास के व्यापारियों ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत किया है। उनका कहना है कि इससे यहां जाम की समस्या से निजात मिलेगी और लोगों को पार्किंग की सुविधा उपलब्ध होगी। प्रशासन की कार्रवाई
प्रशासन ने भी इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि वे जल्द से जल्द इस प्रक्रिया को पूरा करेंगे। प्रभावित दुकानदारों को पहले ही ईएसआई डिस्पेंसरी के सामने दुकानें देने का प्रस्ताव दिया जा चुका है, जिसे कुछ दुकानदारों ने स्वीकार भी किया था। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से सुभाष चौक पर रहने वाले लोगों और व्यापारियों को बड़ी राहत मिली है। अब उम्मीद है कि जल्द ही यहां पार्किंग की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी और जाम की समस्या से निजात मिलेगी। कस्टोडियन की जमीन पर बैठे हैं दुकानदार सुभाष चौक पर 17 दुकानदार कस्टोडियन की जमीन पर करीबन 40 साल बैठे हैं। सोनीपत नगर पालिका के अंतर्गत पहले दुकानदारों से किराया लिया जाता था। लेकिन
पिछले करीबन 15 से 20 साल किराया लेना बंद हो गया है। कस्टोडियन की ऐसी जमीन होती है। जिसका कोई वारिस नहीं है या जिसका खुद को वारिस साबित नहीं किया जा सकता। यह जमीन सरकार के नियंत्रण में होती है। तत्कालीन मेयर ने डेढ़ साल पहले दिया था आश्वासन सितंबर 2023 में प्रशासन की कार्रवाई के आदेश आए थे तो इस दौरान दुकानदारों ने कोर्ट से स्टे ले लिया था। उसके बाद तत्कालीन मेयर निखिल मदान ने दुकानदारों की दुकान न टूटने का आश्वासन दिया था। लेकिन एक बार फिर मुद्दा गरमा गया है और दुकानदारों में हड़कंप मच गई है। प्रशासन ने उस दौरान दुकानदारों को ईएसआई डिस्पेंसरी के नजदीक दुकान अलॉट करने के लिए भी कहा था, लेकिन दुकानदारों ने मना कर दिया था। हरियाणा | दैनिक भास्कर