हरियाणा के सोनीपत में शुक्रवार को एक बार फिर से एक फैक्ट्री में भीषण आग लगी है। फैक्ट्री थिनर की है और थिनर के ड्रमों में लगातार ब्लास्ट हो रहे हैं। फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियां मौके पर पहुंची है। पुलिस वहां लगी भीड़ को दूर हटाने में लगी है। इससे पहले सोनीपत के राई में रबड़ फैक्टरी में आग लगने से 40 कर्मी झुलस गए थे, जिनमें से 2 की मौत हो गई थी। सात की हालत अभी भी गंभीर है। कुंडली की बर्तन फैक्ट्री में भी गुरुवार को भीषण आग लगी थी। जानकारी के अनुसार सोनीपत में हीटवेव के चलते फैक्ट्रियों में आग की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। शुक्रवार को खरखौदा क्षेत्र में गांव फिरोजपुर बागर के पास मौजूद थिनर फैक्ट्री में भयानक आग लग गई। आग लगने से पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया। फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू पाने के लिए मौके पर आधा दर्जन गाड़ियों को भेजा है। फैक्ट्री में केमिकल से भरे थिनर के ड्रमों में जबरदस्त ब्लास्ट भी हुआ है। इससे आग लगातार फैलती जा रही है। पुलिस मौके पर इकट्ठा हुई भीड़ को दूर करने का प्रयास कर रही है। फिलहाल आग लगने के कारणों का खुलासा नहीं हुआ है। हरियाणा के सोनीपत में शुक्रवार को एक बार फिर से एक फैक्ट्री में भीषण आग लगी है। फैक्ट्री थिनर की है और थिनर के ड्रमों में लगातार ब्लास्ट हो रहे हैं। फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियां मौके पर पहुंची है। पुलिस वहां लगी भीड़ को दूर हटाने में लगी है। इससे पहले सोनीपत के राई में रबड़ फैक्टरी में आग लगने से 40 कर्मी झुलस गए थे, जिनमें से 2 की मौत हो गई थी। सात की हालत अभी भी गंभीर है। कुंडली की बर्तन फैक्ट्री में भी गुरुवार को भीषण आग लगी थी। जानकारी के अनुसार सोनीपत में हीटवेव के चलते फैक्ट्रियों में आग की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं। शुक्रवार को खरखौदा क्षेत्र में गांव फिरोजपुर बागर के पास मौजूद थिनर फैक्ट्री में भयानक आग लग गई। आग लगने से पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया। फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू पाने के लिए मौके पर आधा दर्जन गाड़ियों को भेजा है। फैक्ट्री में केमिकल से भरे थिनर के ड्रमों में जबरदस्त ब्लास्ट भी हुआ है। इससे आग लगातार फैलती जा रही है। पुलिस मौके पर इकट्ठा हुई भीड़ को दूर करने का प्रयास कर रही है। फिलहाल आग लगने के कारणों का खुलासा नहीं हुआ है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हार के बाद अब मान रहे है कांग्रेस नेता भीतरघात:गोगी के बाद तरलोचन सिंह का भी झलका टिकट कटने दर्द, ओवर कॉन्फिडेंस ले डूबा कांग्रेस को हरियाणा में अनापेक्षित विधानसभा चुनाव के नतीजे कांग्रेस नेताओं के गले से नहीं उतर रहे है। कांग्रेस ने सरकार बनाने का बड़ा दावा किया था और उधर बीजेपी ने भी सरकार सत्ता में वापसी की ताल ठोक दी थी। कांग्रेस ही हवा थी और सर्वे भी कांग्रेस के पक्ष में ही थे, लेकिन चुनावी रिजल्ट ने कांग्रेस ही नहीं, पूरे हरियाणा के होश उड़ा दिए। कांग्रेस नेता भी अब भीतरघात की बात को मान रहे है। असंध में कांग्रेस के पूर्व विधायक शमशेर गोगी भीतरघात को स्वीकार कर चुके है, वही करनाल में कांग्रेस नेता एवं उपचुनाव लड़ने वाले तिरलोचन सिंह ने भी जिला करनाल की पांचों विधानसभा सीटे हारने पर हैरानी जताई है। कांग्रेस नेता तिरलोचन सिंह का कहना है कि असंध, घरौंडा और इंद्री विधानसभा पर कांग्रेस जीत मानकर चल रही थी, हमें करनाल सीट के फंसे होने का डर था, लेकिन करनाल में कांग्रेस इतनी पिछड़ जाएगी, इसकी कभी उम्मीद नहीं थी। ऐसे में हमें भी यह महसूस होता है कि आखिर हमसे क्या कमी रह गई थी। मैंने सीएम के सामने उपचुनाव लड़ा और जनता ने मुझे 54 हजार वोट दिया। अब 56 हजार वोट ही मिली, जबकि हमारे साथ जेपी गुप्ता, बलविंदर कालडा, राकेश नागपाल और पार्षद भी थे। इतने लोग साथ होने के बाद भी हम सिर्फ 2 हजार वोट ही बढ़ा पाए। पांचों सीटों पर कांग्रेस बुरी तरह से हारी, इस पर मंथन होना चाहिए कि आखिर हम कहां पर पिछड़ गए है। भाजपा अपने एजेंडे में रही कामयाब हरियाणा में कांग्रेस सरकार न बना पाने के सवाल पर तिरलोचन सिंह ने कहा कि बीजेपी कहीं न कहीं अपने एजेंडे में कामयाब रही है। बीजेपी ने जाट-नॉन जाट का एजेंडा चलाया। आरएसएस कई महीनों से एक्टिव थी। अलग-अलग बिरादरियों को समझाने का प्रयास किया कि हमारे हित में क्या है और क्या नहीं है। हमें लगता है कि कांग्रेस के बड़े नेता आरएसएस के अगले कदम से वाकिफ नहीं थे। ओवर कॉन्फिडेंस से हुआ नुकसान तिरलोचन सिंह ने एक इंटरव्यू के दौरान माना कि कांग्रेस ओवर कॉंफिडेंट थी। जिसके चलते बड़े नेताओं ने कार्यकर्ताओं से दूरी बनानी शुरू कर दी। ऐसा ही करनाल में हुआ। हमें लग रहा था कि कांग्रेस यहां भी जीत रही है, इसलिए बड़े नेताओं को बुलाने की जरूरत नहीं पड़ी और कार्यकर्ताओं को नजर अंदाज किया गया।हार का दंश कार्यकर्ता को झेलना पड़ता है-करनाल में स्टार प्रचारक ने बुलाए जाने के सवाल पर तिरलोचन ने कहा कि सुमिता सिंह को लग रहा था मैं यहां से जीत रही हूं और किसी स्टार प्रचारक को बुलाने की जरूरत नहीं है। स्टार प्रचारक प्रत्याशी की तरफ से बुलाया जाता है। कांग्रेस की हार का खामियाजा नेता को नहीं बल्कि कार्यकर्ता को सहना पड़ता है। सीएम का चेहरा तो घोषित ही नहीं था सीएम का चेहरा हुड्डा की अपेक्षा कोई ओर होता तो परिणाम कुछ ओर होता, इस सवाल पर तिरलोचन ने कहा कि हाईकमान की तरफ से सीएम का चेहरा तो कोई घोषित ही नहीं किया गया था। शीर्ष नेतृत्व ने तय कर दिया था कि सरकार बनने के बाद ही देखा जाएगा कि सीएम का चेहरा कौन होगा। लोग सोच रहे थे कि भूपेंद्र हुड्डा के शासनकाल में अच्छे काम हुए और वे ही चीफ मिनिस्टर बनेंगे। लोगों की डिमांड भी थी। हो सकता है कि कुछ लोगों को यह बात अच्छी न लगी हो। अगर हमारे बड़े नेता बिना किसी भेदभाव लोगों के बीच में आते तो आज यह स्थिति नहीं होती। मैंने टिकट नहीं मांगी फिर भी दी तरलोचन सिंह ने कहा कि कही न कही टिकटों का बंटवारा ठीक नहीं हुआ है। मैंने 2019 में टिकट नहीं मांगी थी, फिर भी मुझे दी। उपचुनाव में मैंने टिकट नहीं मांगी, फिर भी मुझे दी गई। 2024 में मेरे में ऐसी कौन सी गलती हुई, मेरी टिकट काट दी और सुमिता सिंह ने सिर्फ मेरे से 2 हजार वोट ही ज्यादा ली।

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