सोनीपत जिले के गोहाना में खाद-बीज की दुकान चलाने वाले एक व्यक्ति ने बैंक मैनेजर की प्रताड़ना और साजिश के चलते सल्फास की गोलियां खाकर आत्महत्या कर ली। मृतक ने सुसाइड नोट में बैंक मैनेजर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। गोहाना के उत्तम नगर वार्ड नंबर 20 में रहने वाले गौरव ने पुलिस को दी शिकायत में बताया है कि उसके पिता ओम सिंह (50 वर्ष) पिछले 15 साल से जींद रोड स्थित अनाज मंडी के सामने खाद-बीज की दुकान चला रहे थे। वे मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे और 20 साल पहले गोहाना में आकर बस गए थे। ओम सिंह ने खाद-बीज का कारोबार बढ़ाने के लिए 2016 में केनरा बैंक, गोहाना शाखा से 16 लाख रुपए का लोन लिया था। सिविल स्कोर अच्छा होने के कारण उनकी लोन लिमिट 24 लाख रुपये हो गई थी। उन्होंने अपने मकान के कागजात गारंटी के तौर पर बैंक में गिरवी रखे थे और समय पर बैंक की किश्तें भी चुका रहे थे। उन्होंने बताया कि उन्होंने करीब 9 लाख रुपए का कर्ज चुका दिया है। लेकिन कुछ समय पहले ओम सिंह को लकवा मार गया, जिसके कारण वह दुकान पर नहीं जा पा रहे थे। उन्होंने अपनी दुकान चलाने के लिए एक कर्मचारी रखा था। इसी बीच बैंक मैनेजर बिजेंद्र ने उनकी दुकान बंद बताकर उनके गिरवी रखे मकान को नीलाम करवा दिया। साजिश के तहत मकान आधी कीमत पर बेचा ओम सिंह के बेटे गौरव और परिवार का आरोप है कि बैंक मैनेजर बिजेंद्र ने पानीपत के पुनीत जैन के साथ मिलीभगत करके 50 लाख रुपए मूल्य का मकान मात्र 27 लाख रुपए में नीलाम करवा दिया।
ओम सिंह ने इस अन्याय के खिलाफ गोहाना सिटी थाना और केनरा बैंक की पानीपत ब्रांच में भी शिकायत दी थी। उन्होंने फरवरी में बैंक को 5 लाख रुपए जमा करने का आश्वासन भी दिया था, लेकिन बैंक मैनेजर ने उनकी कोई बात नहीं सुनी और मकान बेच दिया। 15 दिन पहले बैंक मैनेजर से भी मिले थे 15 दिन पहले ओम सिंह व भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष सत्यवान नरवाल मिले थे और उनके साथ अपनी पत्नी और बेटी को लेकर गोहाना केनरा बैंक ब्रांच पहुंचे थे। लेकिन बैंक मैनेजर ने उनसे मिलने से इनकार कर दिया और कोई जवाब नहीं दिया। सुसाइड नोट में बैंक मैनेजर पर लगाए गंभीर आरोप आत्महत्या करने से पहले ओम सिंह ने एक सुसाइड नोट भी लिखा, जिसमें उन्होंने कहा ” मैं ओमवीर सिंह पुत्र रणधीर, मेरी मौत का जिम्मेदार बिजेंद्र बैंक मैनेजर केनरा बैंक गोहाना है। इसने कुछ लोगों के साथ षड्यंत्र करके मेरा मकान लूट लिया है और मेरे साढ़े तीन लाख रुपए राजा पुत्र भलेराम पर भी उधार हैं, उसे ले लेना।” पुलिस ने भी समय पर नहीं की कार्रवाई आरोप है कि पुलिस सिटी थाना गोहाना में भी 15 दिन पहले शिकायत दी गई थी। लेकिन पुलिस ने बैंक मैनेजर के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं की। जिसके चलते उनके पति ओम सिंह ने बैंक मैनेजर द्वारा की गई धोखाधड़ी और षड्यंत्र के चलते सुसाइड कर लिया है। ओम सिंह के एक लड़के की शादी हो रखी है। उनकी बेटी अविवाहित है। ओम सिंह के दुकान के कारोबार से ही घर चल रहा था। आरोप लगाया गया है कि बैंक मैनेजर ने गलत तरीके से उनके मकान की नीलामी करवाई है। जिसके चलते ओम सिंह ने यह कदम उठाया और बैंक लोन चुकाने में देरी होने के चलते मकान को नीलाम करवा दिया और ओम सिंह के सुसाइड के बाद रोजी-रोटी भी खतरे में पड़ गई है। पत्नी बेबी ने लगाया आरोप
ओम सिंह की पत्नी बेबी ने आरोप लगाते हुए कहा कि बैंक मैनेजर ने पूरे परिवार को परेशान किए हुआ था। उन्होंने कहा कि करीबन 8 लाख रु का लोन भर चुके हैं। लगातार किस्त भरने के बावजूद भी उनके मकान को नीलामी करने की पहले भी धमकी दी गई थी। महिला ने बताया कि उनका 85 गज का मकान है और एक करीबन 50 लाख के आसपास उसकी कीमत है। उन्होंने आरोप लगाया है कि पहले उनके मकान की नीलामी कर दी और बाद में बैंक मैनेजर सेटलमेंट करने की बात कर रहा था। 10 तारीख को कोर्ट की तारीख भी थी। वही बैंक मैनेजर पर आरोप लगाया है और कहा है कि उन्होंने ही सारा षड्यंत्र रचा है और उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है। भारतीय किसान यूनियन नेता बोले किसान नेता सत्यवान नरवाल का भी कहना है कि बैंक के मैनेजर की मंशा खराब हो गई और नजर उनके मकान पर थी। वहीं पुलिस पर भी गंभीर आरोप लगाए गए हैं कि 15 दिन पहले बैंक मैनेजर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने को लेकर सिटी थाना में शिकायत दी गई थी। लेकिन पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। सत्यवान ने कहा है कि ओम सिंह को जब लगा कि पुलिस की तरफ से भी कार्रवाई नहीं हुई है और कहीं से कोई मदद व न्याय नहीं मिलने से सुसाइड कर लिया। वही किसान नेता सत्यवान नरवाल ने मांग की है कि बैंक मैनेजर और इससे जुड़े हुए अन्य सभी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। वहीं उन्होंने यह भी कहा है कि अगर समय रहते हुए न्याय नहीं मिला तो भारतीय किसान यूनियन अपने स्तर पर आंदोलन करेगी और यूनियन पीछे नहीं हटेगी। पुलिस ने शुरू की जांच पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए खानपुर मेडिकल भेज दिया है। शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज करने की बात कही है। पुलिस ने कहा कि वे पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करेंगे और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। अब सवाल यह उठता है कि क्या बैंक मैनेजर पर कोई सख्त कार्रवाई होगी या मामला ठंडे बस्ते में चला जाएगा। परिवार और किसान संगठन इस मामले में बैंक मैनेजर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। सोनीपत जिले के गोहाना में खाद-बीज की दुकान चलाने वाले एक व्यक्ति ने बैंक मैनेजर की प्रताड़ना और साजिश के चलते सल्फास की गोलियां खाकर आत्महत्या कर ली। मृतक ने सुसाइड नोट में बैंक मैनेजर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। गोहाना के उत्तम नगर वार्ड नंबर 20 में रहने वाले गौरव ने पुलिस को दी शिकायत में बताया है कि उसके पिता ओम सिंह (50 वर्ष) पिछले 15 साल से जींद रोड स्थित अनाज मंडी के सामने खाद-बीज की दुकान चला रहे थे। वे मूल रूप से उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे और 20 साल पहले गोहाना में आकर बस गए थे। ओम सिंह ने खाद-बीज का कारोबार बढ़ाने के लिए 2016 में केनरा बैंक, गोहाना शाखा से 16 लाख रुपए का लोन लिया था। सिविल स्कोर अच्छा होने के कारण उनकी लोन लिमिट 24 लाख रुपये हो गई थी। उन्होंने अपने मकान के कागजात गारंटी के तौर पर बैंक में गिरवी रखे थे और समय पर बैंक की किश्तें भी चुका रहे थे। उन्होंने बताया कि उन्होंने करीब 9 लाख रुपए का कर्ज चुका दिया है। लेकिन कुछ समय पहले ओम सिंह को लकवा मार गया, जिसके कारण वह दुकान पर नहीं जा पा रहे थे। उन्होंने अपनी दुकान चलाने के लिए एक कर्मचारी रखा था। इसी बीच बैंक मैनेजर बिजेंद्र ने उनकी दुकान बंद बताकर उनके गिरवी रखे मकान को नीलाम करवा दिया। साजिश के तहत मकान आधी कीमत पर बेचा ओम सिंह के बेटे गौरव और परिवार का आरोप है कि बैंक मैनेजर बिजेंद्र ने पानीपत के पुनीत जैन के साथ मिलीभगत करके 50 लाख रुपए मूल्य का मकान मात्र 27 लाख रुपए में नीलाम करवा दिया।
ओम सिंह ने इस अन्याय के खिलाफ गोहाना सिटी थाना और केनरा बैंक की पानीपत ब्रांच में भी शिकायत दी थी। उन्होंने फरवरी में बैंक को 5 लाख रुपए जमा करने का आश्वासन भी दिया था, लेकिन बैंक मैनेजर ने उनकी कोई बात नहीं सुनी और मकान बेच दिया। 15 दिन पहले बैंक मैनेजर से भी मिले थे 15 दिन पहले ओम सिंह व भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष सत्यवान नरवाल मिले थे और उनके साथ अपनी पत्नी और बेटी को लेकर गोहाना केनरा बैंक ब्रांच पहुंचे थे। लेकिन बैंक मैनेजर ने उनसे मिलने से इनकार कर दिया और कोई जवाब नहीं दिया। सुसाइड नोट में बैंक मैनेजर पर लगाए गंभीर आरोप आत्महत्या करने से पहले ओम सिंह ने एक सुसाइड नोट भी लिखा, जिसमें उन्होंने कहा ” मैं ओमवीर सिंह पुत्र रणधीर, मेरी मौत का जिम्मेदार बिजेंद्र बैंक मैनेजर केनरा बैंक गोहाना है। इसने कुछ लोगों के साथ षड्यंत्र करके मेरा मकान लूट लिया है और मेरे साढ़े तीन लाख रुपए राजा पुत्र भलेराम पर भी उधार हैं, उसे ले लेना।” पुलिस ने भी समय पर नहीं की कार्रवाई आरोप है कि पुलिस सिटी थाना गोहाना में भी 15 दिन पहले शिकायत दी गई थी। लेकिन पुलिस ने बैंक मैनेजर के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं की। जिसके चलते उनके पति ओम सिंह ने बैंक मैनेजर द्वारा की गई धोखाधड़ी और षड्यंत्र के चलते सुसाइड कर लिया है। ओम सिंह के एक लड़के की शादी हो रखी है। उनकी बेटी अविवाहित है। ओम सिंह के दुकान के कारोबार से ही घर चल रहा था। आरोप लगाया गया है कि बैंक मैनेजर ने गलत तरीके से उनके मकान की नीलामी करवाई है। जिसके चलते ओम सिंह ने यह कदम उठाया और बैंक लोन चुकाने में देरी होने के चलते मकान को नीलाम करवा दिया और ओम सिंह के सुसाइड के बाद रोजी-रोटी भी खतरे में पड़ गई है। पत्नी बेबी ने लगाया आरोप
ओम सिंह की पत्नी बेबी ने आरोप लगाते हुए कहा कि बैंक मैनेजर ने पूरे परिवार को परेशान किए हुआ था। उन्होंने कहा कि करीबन 8 लाख रु का लोन भर चुके हैं। लगातार किस्त भरने के बावजूद भी उनके मकान को नीलामी करने की पहले भी धमकी दी गई थी। महिला ने बताया कि उनका 85 गज का मकान है और एक करीबन 50 लाख के आसपास उसकी कीमत है। उन्होंने आरोप लगाया है कि पहले उनके मकान की नीलामी कर दी और बाद में बैंक मैनेजर सेटलमेंट करने की बात कर रहा था। 10 तारीख को कोर्ट की तारीख भी थी। वही बैंक मैनेजर पर आरोप लगाया है और कहा है कि उन्होंने ही सारा षड्यंत्र रचा है और उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है। भारतीय किसान यूनियन नेता बोले किसान नेता सत्यवान नरवाल का भी कहना है कि बैंक के मैनेजर की मंशा खराब हो गई और नजर उनके मकान पर थी। वहीं पुलिस पर भी गंभीर आरोप लगाए गए हैं कि 15 दिन पहले बैंक मैनेजर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने को लेकर सिटी थाना में शिकायत दी गई थी। लेकिन पुलिस ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया। सत्यवान ने कहा है कि ओम सिंह को जब लगा कि पुलिस की तरफ से भी कार्रवाई नहीं हुई है और कहीं से कोई मदद व न्याय नहीं मिलने से सुसाइड कर लिया। वही किसान नेता सत्यवान नरवाल ने मांग की है कि बैंक मैनेजर और इससे जुड़े हुए अन्य सभी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। वहीं उन्होंने यह भी कहा है कि अगर समय रहते हुए न्याय नहीं मिला तो भारतीय किसान यूनियन अपने स्तर पर आंदोलन करेगी और यूनियन पीछे नहीं हटेगी। पुलिस ने शुरू की जांच पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए खानपुर मेडिकल भेज दिया है। शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज करने की बात कही है। पुलिस ने कहा कि वे पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करेंगे और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। अब सवाल यह उठता है कि क्या बैंक मैनेजर पर कोई सख्त कार्रवाई होगी या मामला ठंडे बस्ते में चला जाएगा। परिवार और किसान संगठन इस मामले में बैंक मैनेजर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
