हरियाणा के सोनीपत में भाजपा द्वारा दो महीने पहले कांग्रेस से आए मेयर निखिल मदान को टिकट देने पर भाजपा में बगावत के सुर उठने लगे हैं। भाजपा जिला उपाध्यक्ष संजीव वलेचा ने अपनी पत्नी नगर निगम पार्षद और भाजपा महिला प्रदेश सचिव इंदू वलेचा, मंडल अध्यक्ष मुकेश बतरा और भाजपा पूर्वांचल प्रकोष्ठ प्रदेश सह-संयोजक संजय ठेकेदार सहित दर्जनभर नेताओं-पदाधिकारियों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। वे पूर्व मंत्री कविता जैन व राजीव जैन की टिकट कटने से नाराज हैं। इस बीच राजीव जैन ने भी गुरुवार सुबह अपने कार्यालय में समर्थकों की बैठक बुला ली है। नाराज भाजपाई यहां प्रदर्शन करेंगे। बता दें कि राजीव जैन पहले ही टिकट पक्की मान कर चुनाव की तैयारियों में जुटे थे। अब निखिल मदान को टिकट देने से उनको धक्का लगा है। राजीव जैन भी थे टिकट की दौड़ में सोनीपत से दो बार BJP की विधायक व मंत्री रही कविता जैन को भाजपा ने इस बार टिकट नहीं दी है। 2009 व 2014 में कविता जैन चुनाव जीती थी। हालांकि वो इससे पहले राजनीति में नहीं थी। उनके पति राजीव जैन के रसूख से ही उनको टिकट व जीत हासिल हुई थी। 2019 के चुनाव में वो हार गई थी। असल में लोग उनसे नाराज थे। इसी को देखते हुए इस बार उनके पति राजीव जैन भी टिकट की दौड़ में थे। वे लगातार लोगों के बीच थे। सीएम सैनी की अध्यक्षता में हुई भाजपा की आशीर्वाद रैली में भी उन्होंने भीड़ जुटा कर ताकत दिखाई थी, लेकिन अब टिकट हाथ से निकल गई। इसके साथ ही उनके समर्थकों में उबाल आ गया है। भाजपा द्वारा निखिल मदान को टिकट देने की घोषणा के कुछ देर बाद ही समर्थक वीडियो मैसेज डाल कर पार्टी छोड़ने का ऐलान करने लगे। राजीव जैन के दफ्तर में इकट्ठा होंगे वर्कर इस बीच रात को राजीव जैन व कविता जैन की ओर से सुबह अपने समर्थकों को कार्यालय में बुलाया गया है। रात को मैसेज किया गया कि ‘आप सभी सम्मानित कार्यकर्ताओं को सूचित किया जाता है, कल सुबह पुरखास रोड पर राजीव- कविता जैन के ऑफिस में 9:00 बजे सभी कार्यकर्ता एकत्र हों। सोनीपत विधानसभा में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। आप सभी ज्यादा से ज्यादा संख्या में वहां पहुंचे’। हरियाणा के सोनीपत में भाजपा द्वारा दो महीने पहले कांग्रेस से आए मेयर निखिल मदान को टिकट देने पर भाजपा में बगावत के सुर उठने लगे हैं। भाजपा जिला उपाध्यक्ष संजीव वलेचा ने अपनी पत्नी नगर निगम पार्षद और भाजपा महिला प्रदेश सचिव इंदू वलेचा, मंडल अध्यक्ष मुकेश बतरा और भाजपा पूर्वांचल प्रकोष्ठ प्रदेश सह-संयोजक संजय ठेकेदार सहित दर्जनभर नेताओं-पदाधिकारियों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। वे पूर्व मंत्री कविता जैन व राजीव जैन की टिकट कटने से नाराज हैं। इस बीच राजीव जैन ने भी गुरुवार सुबह अपने कार्यालय में समर्थकों की बैठक बुला ली है। नाराज भाजपाई यहां प्रदर्शन करेंगे। बता दें कि राजीव जैन पहले ही टिकट पक्की मान कर चुनाव की तैयारियों में जुटे थे। अब निखिल मदान को टिकट देने से उनको धक्का लगा है। राजीव जैन भी थे टिकट की दौड़ में सोनीपत से दो बार BJP की विधायक व मंत्री रही कविता जैन को भाजपा ने इस बार टिकट नहीं दी है। 2009 व 2014 में कविता जैन चुनाव जीती थी। हालांकि वो इससे पहले राजनीति में नहीं थी। उनके पति राजीव जैन के रसूख से ही उनको टिकट व जीत हासिल हुई थी। 2019 के चुनाव में वो हार गई थी। असल में लोग उनसे नाराज थे। इसी को देखते हुए इस बार उनके पति राजीव जैन भी टिकट की दौड़ में थे। वे लगातार लोगों के बीच थे। सीएम सैनी की अध्यक्षता में हुई भाजपा की आशीर्वाद रैली में भी उन्होंने भीड़ जुटा कर ताकत दिखाई थी, लेकिन अब टिकट हाथ से निकल गई। इसके साथ ही उनके समर्थकों में उबाल आ गया है। भाजपा द्वारा निखिल मदान को टिकट देने की घोषणा के कुछ देर बाद ही समर्थक वीडियो मैसेज डाल कर पार्टी छोड़ने का ऐलान करने लगे। राजीव जैन के दफ्तर में इकट्ठा होंगे वर्कर इस बीच रात को राजीव जैन व कविता जैन की ओर से सुबह अपने समर्थकों को कार्यालय में बुलाया गया है। रात को मैसेज किया गया कि ‘आप सभी सम्मानित कार्यकर्ताओं को सूचित किया जाता है, कल सुबह पुरखास रोड पर राजीव- कविता जैन के ऑफिस में 9:00 बजे सभी कार्यकर्ता एकत्र हों। सोनीपत विधानसभा में विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। आप सभी ज्यादा से ज्यादा संख्या में वहां पहुंचे’। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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फ़रीदाबाद NHM कर्मचारियों हड़ताल जारी:आदेशों की जलाई प्रतियां, मांग पूरी नहीं होने पर सरकार के विरुद्ध वोट की ली शपथ
फ़रीदाबाद NHM कर्मचारियों हड़ताल जारी:आदेशों की जलाई प्रतियां, मांग पूरी नहीं होने पर सरकार के विरुद्ध वोट की ली शपथ हरियाणा के फरीदाबाद जिले में नेशनल हेल्थ मिशन के कर्मचारियों की हड़ताल आज छठे दिन भी जारी रही। जहां एक तरफ सरकार से कर्मचारियों को कोई आश्वासन नहीं मिल रहा। वहीं कर्मचारी भी दृढ़ता के साथ एकजुट होकर हड़ताल जारी रखे हुए हैं। इन कर्मचारियों की मुख्य मांग उन्हें नियमित करने की है। इसके अलावा वह कोई समझौता नहीं करना चाहते। जिसके चलते आज उन्होंने 2017 सर्विस रूल के आदेशों की प्रतियों को जलाया वहीं उन्होंने सामूहिक रूप से शपथ भी ली। सरकार के विरूद्ध वोट डालने की ली शपथ हड़ताल पर बैठे एनएचएम कर्मचारियों ने कहा यदि सरकार ने उन्हें नियमित नहीं किया तो आने वाले विधानसभा चुनाव में अपने परिवार और रिश्तेदारों समेत 10 लाख का वोट बैंक रखने वाले 18000 कर्मचारी सरकार के विरुद्ध वोट करेंगे। वहीं उन्होंने अपनी शपथ में यह भी कहा कि यदि सरकार उन्हें नियमित करने की मांग मान लेती है तो वह सरकार को तीसरी बार वापस लाने के लिए जी जान से मेहनत करेंगे। सभी NHM पिछले 3 साल से अपनी मांगों को लेकर के सीएमओ दफ्तर के चक्कर काट रहे हैं। लेकिन उनकी तरफ से कोई संतुष्टि वाला जवाब नहीं मिला। जब तक सरकार हमारी मांगों को लिखित में पूरा करने की बात नही कहती तब तक हड़ताल खत्म नहीं होगा। क्योंकि पिछले 3 साल से NHM कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा था।
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नई मोदी सरकार में हरियाणा से 2 मंत्री संभव:राव ने दिल्ली में डेरा डाला, गुर्जर की होगी छुट्टी; खट्टर BJP राष्ट्रीय अध्यक्ष की दौड़ में केंद्र में PM नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली NDA सरकार का 9 जून को संभावित शपथग्रहण है। इसमें हरियाणा से 2 कैबिनेट मंत्री बनाए जा सकते हैं। जिनमें राव इंद्रजीत सिंह को दोबारा मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। इसके लिए राव इंद्रजीत दिल्ली में डेरा डाल चुके हैं। हालांकि फरीदाबाद से जीते कृष्णपाल गुर्जर के दोबारा मंत्री बनने के चांस कम नजर आ रहे हैं। कृष्णपाल गुर्जर की जगह भिवानी-महेंद्रगढ़ से जाट चेहरे चौधरी धर्मबीर या कुरूक्षेत्र से जीतने वाले नवीन जिंदल को जगह मिल सकती है। वहीं हरियाणा के पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष की दौड़ में हैं। भाजपा उन्हें जेपी नड्डा की जगह ये जिम्मेदारी सौंप सकती है। हालांकि उनको राष्ट्रीय महामंत्री बनाए जाने की चर्चा भी तेज है। चूंकि हरियाणा में 4 महीने बाद विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में यहां से चुने गए सांसदों को भाजपा में बड़ी जिम्मेदारियां मिलनी तय मानी जा रही हैं। खट्टर मोदी के पुराने साथी, संगठन का अनुभव
मनोहर लाल खट्टर करनाल से सांसद चुने गए हैं। भाजपा ने अचानक उन्हें हरियाणा CM की कुर्सी से हटा लोकसभा टिकट दी थी। जिसमें उन्होंने चुनाव जीतकर अपनी काबिलियत साबित की। खट्टर पीएम नरेंद्र मोदी की गुडबुक में हैं। वे मोदी के पुराने साथी रह चुके हैं। खुद मोदी ने चुनाव से पहले गुरुग्राम में कहा था कि जब वे हरियाणा में थे तो खट्टर के साथ बाइक पर रोहतक से गुरुग्राम आते थे। इसके अलावा खट्टर को संगठन का भी बड़ा अनुभव है। वह 2014 में ही विधायक का चुनाव लड़े। इससे पहले करीब 3 दशक से ज्यादा वक्त तक उन्होंने संगठन का काम किया। इस वजह से उनको अध्यक्ष बनाने की चर्चा है। चुनाव में जीत के बाद वे दिल्ली जाकर जेपी नड्डा और अमित शाह से भी मिल चुके हैं। उनको सरकार में लेने की भी पैरवी हो रही है। इसके लिए उनके साढ़े 9 साल हरियाणा में सरकार चलाने के अनुभव का हवाला दिया जा रहा है। अहीरवाल में 14 विधानसभा सीटों पर राव का दबदबा
राव इंद्रजीत सिंह की मंत्रिमंडल में दावेदारी इसलिए मजबूत हैं, क्योंकि वे अहीरवाल बेल्ट के बड़े नेता हैं। दक्षिणी हरियाणा की 14 विधानसभा सीटों पर राव इंद्रजीत सिंह का खुद का प्रभाव रहा है। पिछले तीन लोकसभा चुनाव में दक्षिणी हरियाणा में बीजेपी को अच्छी बढ़त मिली हैं। इस बार भी राज बब्बर जैसे दिग्गज कांग्रेस नेता को राव ने हरा दिया। वे छठी बार सांसद बने। ऐसे में राव को बाहर कर भाजपा दक्षिणी हरियाणा की नाराजगी मोल नहीं लेना चाहती। सियासी समीकरण देख लग सकता है धर्मबीर का नंबर
गुर्जर को मंत्रीपद न देने के बाद भी हरियाणा को भाजपा नेतृत्व नजरअंदाज नहीं कर सकता। विधानसभा चुनाव के समीकरण को देखते हुए भाजपा भिवानी-महेंद्रगढ़ से लगातार तीसरी बार जीतने वाले चौधरी धर्मबीर को मंत्री बना सकती है। धर्मबीर बड़े जाट चेहरे हैं। अभी राज्य में BJP की सरकार में बड़े लेवल पर जाटों का प्रतिनिधित्व कम है। वहीं लोकसभा चुनाव में भाजपा के 5 सीटें हारने में जाटों की नाराजगी बड़ी वजह बनी। भाजपा इससे उसे साध सकती है। बहुमत न मिलने से कटेगा गुर्जर का पत्ता
फरीदाबाद से लगातार तीसरी बार जीते कृष्णपाल गुर्जर मोदी सरकार के दोनों टर्म में मंत्री रहे। मगर, इस बार उनके मंत्रिमंडल में शामिल होने के चांस कम है। कृष्णपाल गुर्जर ने भले ही 1 लाख, 72 हजार 914 के अच्छे मार्जिन से जीत दर्ज कर ली, लेकिन BJP के पूर्ण बहुमत में नहीं आने की वजह से इस बार गठबंधन सहयोगियों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जाना है। यही वजह है कि कृष्णपाल गुर्जर को तीसरी बार मंत्री पद देने के लिए शीर्ष नेतृत्व ने भी अभी तक कोई विचार नहीं किया है।
हरियाणा में 2014 की रेगुलराइजेशन पॉलिसी लागू:रेगुलर कर्मचारियों को राहत; 13 जून से होंगे प्रमोट, फर्स्ट एसीपी स्केल का भी होगा लाभ
हरियाणा में 2014 की रेगुलराइजेशन पॉलिसी लागू:रेगुलर कर्मचारियों को राहत; 13 जून से होंगे प्रमोट, फर्स्ट एसीपी स्केल का भी होगा लाभ हरियाणा सीएम नायब सैनी ने कर्मचारियों को बड़ी राहत दी है। सरकार की 2014 की रेगुलराइजेशन पॉलिसी के तहत रेगुलर हुए कर्मचारी 13 जून 2024 से प्रथम एसीपी स्केल के लाभ के लिए पात्र होंगे। बस कर्मचारी को पात्रता की शर्तों को पूरा करना जरूरी होगा। हालांकि कर्मचारियों को प्रमोशन या एसीपी के लाभ सर्वोच्च न्यायालय (SC) में लंबित एसएलपी के अंतिम परिणाम पर भी निर्भर करेंगे। इसके अलावा, 13 जून से पहले पात्रता की तिथि से पदोन्नति या प्रथम एसीपी स्केल के लाभ के संबंध में निर्णय बाद में लिया जाएगा। इसलिए सरकार ने लिया फैसला हरियाणा मुख्य सचिव कार्यालय (CSO) द्वारा जारी एक पत्र में कहा गया है कि सर्वोच्च न्यायालय के 6 मार्च, 2024 के अंतरिम आदेश में जारी निर्देशों के बाद विभिन्न विभागों, बोर्डों और निगमों से काफी मामले आ रहे हैं, जिनमें स्पष्टीकरण मांगा जा रहा है कि 2014 की रेगुलराइजेशन पॉलिसी के तहत नियमित हुए कर्मचारियों को पदोन्नति या प्रथम एसीपी स्केल के लाभ के लिए दावे स्वीकार किए जाएं या नहीं। 20 साल सर्विस वाले कर्मचारी पक्के होंगे हरियाणा में 20 साल बाद कच्चे कर्मचारी नियमित होंगे। सरकार ने बताया है कि दो सप्ताह के भीतर ही ऐसे कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र जारी कर दिए जाएंगे। यह जानकारी प्रदेश सरकार ने अस्थायी कर्मचारियों की ओर से दायर अवमानना याचिका के जवाब में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में यह जानकारी दी है।मुख्य सचिव कार्यालय की ओर से इसको लेकर एक प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा गया था, जिस पर वित्त विभाग ने अपनी मुहर लगा दी है।