हरियाणा के सोनीपत के खरखौदा में एक महिला को गोली मार दी गई। महिला को गंभीर हालत में सोनीपत के निजी अस्पताल में दाखिल कराया गया है। मामला आपसी मनमुटाव का हैॅ और इसमें पुलिस ने थाना खरखौदा में महिला के बेटे की शिकायत पर केस दर्ज कर लिया है। पुलिस छानबीन कर रही है। जानकारी के अनुसार खरखौदा की छोटू राम कॉलोनी, वार्ड नंबर 4 में रहने वाले धीरज ने पुलिस को बताया कि उसके पिता कर मौत वर्ष 2020 मे हो गई थी। वे तीन भाई हैं। वह भाइयों में सबसे छोटा है। उनका राजेश उर्फ पोपा निवासी रोहतक रोड खरखौदा के साथ कई महीने से मनमुटाव चल रहा है। उसने बताया कि 1 अगस्त की शाम को करीब 7 बजे उसकी मां बेबी उर्फ इन्दुबाला गली नंबर-5 मे पीर बाबा की दरगाह पर प्रसाद चढ़ाने गई थी। पेट में लगी गोली उसने बताया कि जब उसकी मां प्रसाद चढ़ा कर वापस गली में आई तो वहां पर राजेश उर्फ पोपा ने अपने हाथ मे ली हुई पिस्तौल से उसकी मां को जान से मारने की नीयत से गोली चला दी। गोली उसकी मां के पेट में लगी। उसके भाई विक्की ने मां को उठाया। इसी बीच राजेश उर्फ पोपा गोली चलाने के बाद मौके से भाग गया। घायल मां को खरखौदा के सरकारी अस्पताल में ले जाया गया। वहां से डॉक्टर ने पीजीआई रोहतक रेफर कर दिया। निजी अस्पताल में चल रहा इलाज थाना खरखौदा के ASI संजय कुमार ने बताया कि उनको पुलिस कंट्रोल रूम से सूचना मिली थी कि रणधीर अस्पताल वाली गली खरखौदा मे गोली चली है। वह मौके पर पहुंचा तो यहां बेबी उर्फ इन्दुबाला को गोली लगी है। परिजन उसे सरकारी अस्पताल खरखौदा लेकर गऐ हैं। वह अस्पताल पहुंचा तो डॉक्टर ने महिला को गोली लगने की पुष्टि की। साथ ही बताया कि महिला को पीजीआई रोहतक रेफर किया गया है। राजेश उर्फ पोपा पर केस दर्ज पुलिस ने बेटे से संपर्क किया तो पता चला कि महिला का सोनीपत के निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। पुलिस ने धीरज की शिकायत पर राजेश उर्फ पोपा के खिलाफ धारा 109(1) BNS व 25-54-59 आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया है। मौके पर फोरेंसिक टीम ने जांच की। अभी आरोपी फरार बताया जा रहा है। हरियाणा के सोनीपत के खरखौदा में एक महिला को गोली मार दी गई। महिला को गंभीर हालत में सोनीपत के निजी अस्पताल में दाखिल कराया गया है। मामला आपसी मनमुटाव का हैॅ और इसमें पुलिस ने थाना खरखौदा में महिला के बेटे की शिकायत पर केस दर्ज कर लिया है। पुलिस छानबीन कर रही है। जानकारी के अनुसार खरखौदा की छोटू राम कॉलोनी, वार्ड नंबर 4 में रहने वाले धीरज ने पुलिस को बताया कि उसके पिता कर मौत वर्ष 2020 मे हो गई थी। वे तीन भाई हैं। वह भाइयों में सबसे छोटा है। उनका राजेश उर्फ पोपा निवासी रोहतक रोड खरखौदा के साथ कई महीने से मनमुटाव चल रहा है। उसने बताया कि 1 अगस्त की शाम को करीब 7 बजे उसकी मां बेबी उर्फ इन्दुबाला गली नंबर-5 मे पीर बाबा की दरगाह पर प्रसाद चढ़ाने गई थी। पेट में लगी गोली उसने बताया कि जब उसकी मां प्रसाद चढ़ा कर वापस गली में आई तो वहां पर राजेश उर्फ पोपा ने अपने हाथ मे ली हुई पिस्तौल से उसकी मां को जान से मारने की नीयत से गोली चला दी। गोली उसकी मां के पेट में लगी। उसके भाई विक्की ने मां को उठाया। इसी बीच राजेश उर्फ पोपा गोली चलाने के बाद मौके से भाग गया। घायल मां को खरखौदा के सरकारी अस्पताल में ले जाया गया। वहां से डॉक्टर ने पीजीआई रोहतक रेफर कर दिया। निजी अस्पताल में चल रहा इलाज थाना खरखौदा के ASI संजय कुमार ने बताया कि उनको पुलिस कंट्रोल रूम से सूचना मिली थी कि रणधीर अस्पताल वाली गली खरखौदा मे गोली चली है। वह मौके पर पहुंचा तो यहां बेबी उर्फ इन्दुबाला को गोली लगी है। परिजन उसे सरकारी अस्पताल खरखौदा लेकर गऐ हैं। वह अस्पताल पहुंचा तो डॉक्टर ने महिला को गोली लगने की पुष्टि की। साथ ही बताया कि महिला को पीजीआई रोहतक रेफर किया गया है। राजेश उर्फ पोपा पर केस दर्ज पुलिस ने बेटे से संपर्क किया तो पता चला कि महिला का सोनीपत के निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। पुलिस ने धीरज की शिकायत पर राजेश उर्फ पोपा के खिलाफ धारा 109(1) BNS व 25-54-59 आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया है। मौके पर फोरेंसिक टीम ने जांच की। अभी आरोपी फरार बताया जा रहा है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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मनु भाकर पेरिस ओलिंपिक की डबल मेडलिस्ट हैं। ऐसा करने वाली वह पहली भारतीय महिला शूटर हैं। झज्जर की रहने वाली मनु के पिता रामकिशन उसे बॉक्सर बनाना चाहते थे। मनु ने बॉक्सिंग में नेशनल मेडल भी जीते, लेकिन आंख पर पंच लगने से बॉक्सिंग छोड़ दी। मनु ने फिर मार्शल आर्ट्स, आर्चरी, टेनिस, स्केटिंग में हाथ आजमा मेडल भी जीते। मगर, अंत में वह शूटिंग करने लगी और इसी को करियर बना लिया। हालांकि 2021 के टोक्यो ओलिंपिक के बाद एक वक्त ऐसा आया, जब मनु शूटिंग भी छोड़ने वाली थी। यहां वह पिस्टल खराब होने से क्वालिफाई राउंड से बाहर हो गईं। वह इतनी उदास हुईं कि मां को पिस्टल तक छिपानी पड़ी। हालांकि उसने फिर शूटिंग शुरू की और नेशनल चैंपियनशिप में वर्ल्ड नंबर वन शूटर हीना सिद्धू को हरा दिया। जिसके बाद वह ओलिंपिक तक पहुंचीं। स्वीटी बूरा: कोच ने कहा- कबड्डी नहीं तुम बॉक्सिंग करो
हिसार की स्वीटी बूरा गांव में कबड्डी खेलती थीं। पिता उसे ट्रायल के लिए स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAI) ले गए। कोच ने उसकी फिजिक देखी और बॉक्सिंग करने को कहा। कोच से बॉक्सिंग नियम और डिफेंड की टेक्नीक सीख स्वीटी ने उन लड़कियों को हरा दिया, जो 2 साल से ट्रेनिंग कर रहीं थी। फिर स्वीटी ने वहां बॉक्सिंग की ट्रेनिंग ली। 2023 में उन्होंने चीन की बॉक्सर को हरा दिया और वर्ल्ड चैंपियन बन गई। ऐसा करने वाली वह 7वीं बॉक्सर थीं। उन्होंने रोहतक के रहने वाले इंडियन कबड्डी टीम के कैप्टन रहे दीपक निवास हुड्डा से शादी की है। संजय कालीरावण: हॉकी खरीदने के पैसे नहीं थे
हिसार के संजय कालीरावण पेरिस ओलिंपिक में ब्रॉन्ज मेडलिस्ट टीम में थे। संजय ने 7 साल की उम्र में हॉकी थामी। संजय के पिता नेकीराम खेतीबाड़ी कर परिवार का पालन पोषण करते हैं। इस वजह से आर्थिक तंगी इतनी थी कि वे हॉकी नहीं खरीद सके थे। एक माह तक अपने सीनियर्स की हॉकी लेकर उन्होंने प्रैक्टिस की। इसके बाद कोच राजेंद्र सिहाग ने हॉकी दिलाई। वह इंडिया की स्कूल हॉकी टीम के कैप्टन रह चुके हैं। इसके अलावा जूनियर, सब-जूनियर चंडीगढ़ टीम की कप्तानी की है। उन्होंने नेशनल से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 30 से अधिक मेडल हासिल किए हैं। अमन सहरावत: जिस पहलवान से प्रेरणा ली, उसी को हराया
झज्जर के अमन 11 साल के थे, जब उनकी मां का निधन हुआ। बेटा डिप्रेशन में न जाए, इसलिए पिता ने कुश्ती में डाल दिया। 6 महीने बाद पिता का भी निधन हो गया। अमन के पिता का सपना था कि घर में कोई न कोई पहलवानी करे और भारत के लिए मेडल जीते। अमन ने कहा था पिता का सपना जरूर पूरा करूंगा। अमन टोक्यो ओलिंपिक के सिल्वर मेडलिस्ट रवि दहिया को अपनी इंस्पिरेशन मानते हैं। दहिया को ही हराकर अमन ने ओलिंपिक के लिए क्वालिफाई भी किया। अमन ने अपने कमरे में गोल्ड मेडल की फोटो टांग लिखा था-‘आसान होता तो हर कोई कर लेता।’ पेरिस ओलिंपिक में उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल जीता। नीतू घनघस: विजेंदर को देख बॉक्सिंग शुरू की, पिता ने बिना वेतन की छुट्टी ली
भिवानी की नीतू घनघस को बॉक्सिंग का शौक 2008 में शुरू हुआ, जब बीजिंग ओलिंपिक में बॉक्सर विजेंदर ने ब्रॉन्ज मेडल जीता। हालांकि बेटी को बॉक्सिंग में डालना सरकारी कर्मचारी पिता जयभगवान के लिए आसान नहीं था। वह हरियाणा विधानसभा से 4 साल तक बिना वेतन के छुट्टी पर रहे। फिर नीतू को रोजाना 20 किमी गांव से भिवानी बॉक्सिंग क्लब लेकर जाते थे। नीतू तब सुर्खियों में आई, जब वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप के पहले ही राउंड में उसका मुकाबला रोमानिया की स्टेलुटा से हुआ। स्टेलुटा ने महान बॉक्सर एमसी मैरी कॉम को हराया था। नीतू ने उसे हरा दिया। नीतू का लक्ष्य 2028 ओलिंपिक में देश के लिए मेडल जीतना है। नवदीप: एक यूट्यूब वीडियो में नीरज चोपड़ा को देख प्रेरणा ली
2024 के पेरालिंपिक के जेवलिन थ्रो इवेंट के गोल्ड मेडलिस्ट नवदीप की कहानी भी संघर्ष भरी रही। पानीपत में जन्मे नवदीप की 2 साल की उम्र में माता-पिता को पता चला कि उनकी हाइट नहीं बढ़ेगी। नवदीप पहलवानी करते थे लेकिन पीठ पर चोट लगी और इसे छोड़ना पड़ा। फिर एक दिन यूट्यूब पर ‘पानीपत के लड़के ने कमाल कर दिया, वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़ दिया’ लिखा वीडियो देखा। उसमें ओलिंपिक में गोल्ड जीत चुके नीरज चोपड़ा का वीडियो था। जिसमें उन्होंने 2016 में जूनियर लेवल पर रिकॉर्ड बनाया था। यहीं से नवदीप ने भी जेवलिन थ्रो की ठान ली। जिसके बाद पैरा एशियाई खेलों, टोक्यो पैरालिंपिक और विश्व चैँपियनशिप से होते हुए वे गोल्ड मेडल तक पहुंचे।