हरियाणा के सोनीपत में एक युवक की पीट पीट कर हत्या कर दी गई। युवक के पिता की 10 साल पहले मौत हो गई थी, इसके बाद वह गांव के ही परिवार के पास रह रहा था। शराब के ठेके पर सेल्समेन को खाना देने के बाद घर लौट रहा था तो 10-11 युवकों ने उसे गली में घेर कर तेजधार हथियारों व लाठी डंडो से उसे बुरी तरह पीटा। उसे गंभीर हालत में पीजीआई खानपुर से रोहतक ले जाया गया, जहां डॉक्टर उसकी जान नहीं बचा सके। पुलिस ने गोहाना सदर थाना में केस दर्ज कर लिया है। रभड़ा गांव की रहने वाली शांति ने पुलिस को बताया कि वह दो बेटों व एक बेटी की मां है। उसके गांव का नसीब (26) करीब 10-12 साल से उसके परिवार के साथ रह रहा था। नसीब के पिता सुरेश की करीब 10 वर्ष पहले मौत हो गई थी। वह खेती बाड़ी का काम करता था। उसने बताया कि 24 अक्टूबर की दोपहर को नसीब शराब ठेका पर सेल्समैन की खाना देने के बाद वापस घर आ रहा था। उस समय वह अपने मकान के सामने सड़क पर खड़ी थी। महिला ने किया छुड़वाने का प्रयास महिला शांति ने बताया कि उसके देखते ही देखते बिजेंद्र के मकान के सामने खड़े सन्नी उर्फ माया, हितेश उर्फ नान्हा, कृष्ण उर्फ केके, साहिल उर्फ बाज निवासी रभड़ा और बिल्लू वाल्मिकी का बेटा निवासी माहरा व अन्य 5-7 युवकों ने मिलकर नसीब को रोक लिया। इसके बाद लाठी-डंडों व लोहे के सरिया से उस पर हमला कर दिया। वह उसे बचाने के लिए दौड़ी और उसने बीच बचाव करने की कोशिश की, परन्तु हमलावरों ने उसकी नहीं मानी और सभी ने नसीब को बुरी तरह से चोटें मारी। मरा समझ कर भागे, नहीं बची जान नसीब लहूलुहान होकर जमीन पर गिर पड़ा। वह बेहोश हो गया था। हमलावर उसे मरा हुआ समझकर अपने अपने हथियारों सहित अपने वाहनों में सवार होकर वहां से फरार हो गए। उसने राह चलते वाहन को रुकवाकर नसीब को इलाज के लिए मेडिकल कालेज खानपुर कला पहुंचाया। वहां पर नसीब कि तबीयत ज्यादा खराब होने पर डॉक्टर ने उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया। इस बीच उसके गांव के लेाग भी मेडिकल पहुंच गए। सभी नसीब को इलाज के लिए रोहतक ले गए, जहां उसे मृत घोषित कर दिया। कुछ दिन पहले हुई थी कहासुनी महिला ने बताया कि कुछ दिन पहले हितेश उर्फ नान्हा के साथ नसीब की कहासुनी हुई थी। आपस मे बैठकर मनमुटाव दूर हो गया था। परन्तु नान्हा अपने मन मे रंजिश रखे हुए था। इसी रंजिश के कारण नान्हा ने अपने साथियों के साथ मिलकर नसीब को चोटे मारकर उसकी निर्ममता से हत्या कर दी। पुलिस ने दर्ज किया केस गोहाना सदर थाना के इंस्पेक्टर महीपाल के अनुसार BPS खानपुर कलां से एक रूक्का प्राप्त हुआ कि नसीब झगड़े में हुई चोटों के कारण दाखिल है। डॉक्टर ने उसके शरीर पर 7 चोटें होने की पुष्टि की। फिर रोहतक के निजी अस्पताल से सूचना मिली कि नसीब की मौत हो चुकी है। पुलिस ने महिला शांति देवी के बयान पर धारा 191(2),190,115(2),126(2)103 BNS के तहत केस दर्ज कर लिया है। पुलिस मामले में छानबीन कर रही है। जल्दी ही आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा। हरियाणा के सोनीपत में एक युवक की पीट पीट कर हत्या कर दी गई। युवक के पिता की 10 साल पहले मौत हो गई थी, इसके बाद वह गांव के ही परिवार के पास रह रहा था। शराब के ठेके पर सेल्समेन को खाना देने के बाद घर लौट रहा था तो 10-11 युवकों ने उसे गली में घेर कर तेजधार हथियारों व लाठी डंडो से उसे बुरी तरह पीटा। उसे गंभीर हालत में पीजीआई खानपुर से रोहतक ले जाया गया, जहां डॉक्टर उसकी जान नहीं बचा सके। पुलिस ने गोहाना सदर थाना में केस दर्ज कर लिया है। रभड़ा गांव की रहने वाली शांति ने पुलिस को बताया कि वह दो बेटों व एक बेटी की मां है। उसके गांव का नसीब (26) करीब 10-12 साल से उसके परिवार के साथ रह रहा था। नसीब के पिता सुरेश की करीब 10 वर्ष पहले मौत हो गई थी। वह खेती बाड़ी का काम करता था। उसने बताया कि 24 अक्टूबर की दोपहर को नसीब शराब ठेका पर सेल्समैन की खाना देने के बाद वापस घर आ रहा था। उस समय वह अपने मकान के सामने सड़क पर खड़ी थी। महिला ने किया छुड़वाने का प्रयास महिला शांति ने बताया कि उसके देखते ही देखते बिजेंद्र के मकान के सामने खड़े सन्नी उर्फ माया, हितेश उर्फ नान्हा, कृष्ण उर्फ केके, साहिल उर्फ बाज निवासी रभड़ा और बिल्लू वाल्मिकी का बेटा निवासी माहरा व अन्य 5-7 युवकों ने मिलकर नसीब को रोक लिया। इसके बाद लाठी-डंडों व लोहे के सरिया से उस पर हमला कर दिया। वह उसे बचाने के लिए दौड़ी और उसने बीच बचाव करने की कोशिश की, परन्तु हमलावरों ने उसकी नहीं मानी और सभी ने नसीब को बुरी तरह से चोटें मारी। मरा समझ कर भागे, नहीं बची जान नसीब लहूलुहान होकर जमीन पर गिर पड़ा। वह बेहोश हो गया था। हमलावर उसे मरा हुआ समझकर अपने अपने हथियारों सहित अपने वाहनों में सवार होकर वहां से फरार हो गए। उसने राह चलते वाहन को रुकवाकर नसीब को इलाज के लिए मेडिकल कालेज खानपुर कला पहुंचाया। वहां पर नसीब कि तबीयत ज्यादा खराब होने पर डॉक्टर ने उसे हायर सेंटर रेफर कर दिया। इस बीच उसके गांव के लेाग भी मेडिकल पहुंच गए। सभी नसीब को इलाज के लिए रोहतक ले गए, जहां उसे मृत घोषित कर दिया। कुछ दिन पहले हुई थी कहासुनी महिला ने बताया कि कुछ दिन पहले हितेश उर्फ नान्हा के साथ नसीब की कहासुनी हुई थी। आपस मे बैठकर मनमुटाव दूर हो गया था। परन्तु नान्हा अपने मन मे रंजिश रखे हुए था। इसी रंजिश के कारण नान्हा ने अपने साथियों के साथ मिलकर नसीब को चोटे मारकर उसकी निर्ममता से हत्या कर दी। पुलिस ने दर्ज किया केस गोहाना सदर थाना के इंस्पेक्टर महीपाल के अनुसार BPS खानपुर कलां से एक रूक्का प्राप्त हुआ कि नसीब झगड़े में हुई चोटों के कारण दाखिल है। डॉक्टर ने उसके शरीर पर 7 चोटें होने की पुष्टि की। फिर रोहतक के निजी अस्पताल से सूचना मिली कि नसीब की मौत हो चुकी है। पुलिस ने महिला शांति देवी के बयान पर धारा 191(2),190,115(2),126(2)103 BNS के तहत केस दर्ज कर लिया है। पुलिस मामले में छानबीन कर रही है। जल्दी ही आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा। हरियाणा | 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शराब तस्करी का मास्टरमाइंड डॉक्टर रेवाड़ी से गिरफ्तार:राजस्थान से बिहार करने जा रहा था सप्लाई, ढाई लाख रुपए की शराब बरामद हरियाणा के रेवाड़ी जिले के रास्ते राजस्थान से बिहार शराब तस्करी कर ले जाने के मामले में पुलिस ने मंगलवार को मुख्य आरोपी गिरफ्तार कर लिया है। धारूहेड़ा थाना पुलिस द्वारा पकड़े गए आरोपी की पहचान जिला झज्जर में बहादुरगढ़ के न्यू बसंत विहार निवासी विरेन्द्र उर्फ विक्की उर्फ डॉक्टर के रूप में हुई है। इस केस में 2 आरोपी मौके से ही पकड़े गए थे। पुलिस प्रवक्ता ने बताया-8 जून की रात सूचना मिली थी कि दो व्यक्ति i-20 गाड़ी में राजस्थान की तरफ से शराब भरकर धारुहेड़ा होते हुए शराब बेचने के लिए बिहार जाएंगे। सूचना के बाद पुलिस टीम ने आबकारी विभाग के अधिकारी को मौके पर बुलाकर दिल्ली-जयपुर हाईवे पर साहबी पुल के पास नाकाबंदी कर उक्त आई-20 कार को रोक लिया था। गाड़ी चेक की तो मिली शराब गाड़ी की चालक सीट पर बैठे व्यक्ति ने अपना नाम संदीप निवासी रणजीत कॉलोनी बहादुरगढ और उसके साथ वाली सीट पर बैठे व्यक्ति ने अपना नाम मोहित निवासी गली न. 7 लाइनपार विकास नगर कॉलोनी बहादुरगढ बताया था। पुलिस ने गाड़ी को चेक किया तो गाड़ी की डिग्गी से 1968 पाऊच अंग्रेजी शराब मार्का रॉयल क्लासिक व्हिस्की बरामद हुई थी। बरामद की शराब की कीमत मार्केट में ढाई लाख रुपए मिली। इसके बाद पुलिस ने मौके से पकड़े गए दोनों आरोपियों के अलावा शराब तस्करी से जुड़े अन्य लोगों के खिलाफ धारूहेड़ा थाना में आबकारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था। दोनों आरोपी संदीप व मोहित से पूछताछ करने के बाद इस केस के मुख्य आरोपी का पता चला। इसके बाद से ही पुलिस उसके पीछे लगी हुई थी। बेचने लेकर जा रहे थे बिहार आरोपियों ने पूछताछ में बताया था कि पकड़ी गई शराब का मालिक जिला झज्जर के बहादुरगढ़ के न्यू बसंत विहार निवासी विरेन्द्र उर्फ विक्की उर्फ डाक्टर है तथा उसके कहने पर ही वो शराब को बेचने के लिए बिहार लेकर जा रहे थे। इस मामले में पुलिस ने अब मुख्य आरोपी विरेन्द्र उर्फ विक्की उर्फ डॉक्टर को भी गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने आरोपी को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है।
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हरियाणा कांग्रेस में संगठन पर घमासान:10 साल में 2 अध्यक्षों के इस्तीफे, तीसरे ने प्रभारी को जिम्मेदार ठहराया; सहप्रभारी बोले- जल्द सूची आएगी
हरियाणा कांग्रेस में संगठन पर घमासान:10 साल में 2 अध्यक्षों के इस्तीफे, तीसरे ने प्रभारी को जिम्मेदार ठहराया; सहप्रभारी बोले- जल्द सूची आएगी हरियाणा में संगठन को लेकर कांग्रेस के भीतर ही घमासान मचने लगा है। कांग्रेस के सीनियर विधायक अशोक अरोड़ा ने पार्टी को चेताया कि लंबे समय तक संगठन न होना कांग्रेस के लिए खतरनाक है। लोकसभा और विधानसभा चुनाव में भी इसका नुकसान हुआ। प्रदेश में कांग्रेस का संगठन 10 साल से नहीं बना है। इस दौरान 2 अध्यक्ष इस्तीफा दे चुके। वहीं मौजूदा अध्यक्ष को पौने 3 साल हो चुके हैं। हालांकि, विधानसभा चुनाव में हार के बाद उनसे पूछा गया तो उन्होंने हाईकमान के नियुक्त प्रभारी दीपक बाबरिया पर ही ठीकरा फोड़ दिया। वहीं कांग्रेस के सहप्रभारी जितेंद्र बघेल का कहना है कि संगठन जल्दी ही बनेगा। इसके लिए पार्टी की तरफ से जल्द ही सूची जारी कर दी जाएगी। सबसे पहले जिला प्रभारियों की सूची जारी होगी। सभी नेताओं से रायशुमारी कर ही सूची को जारी किया जाएगा। 3 अध्यक्षों के कार्यकाल में कांग्रेस संगठन न बनने की कहानी… तंवर की हुड्डा से खींचतान रही, इस्तीफा दिया
अशोक तंवर फरवरी 2014 में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बने थे। तब वे सिरसा से सांसद भी थे। तंवर के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा से खींचतान रही। जिससे वह संगठन नहीं बना सके। 2016 में दिल्ली में एक रैली में हुड्डा समर्थकों की तंवर से झड़प हो गई। 2019 में टिकट वितरण में नहीं चली तो तंवर ने कांग्रेस छोड़ दी। सैलजा ने भी सोनिया गांधी को इस्तीफा सौंपा
2019 में तंवर के इस्तीफे के बाद कुमारी सैलजा को कांग्रेस का अध्यक्ष बना दिया गया। सैलजा ने अध्यक्ष बनने के बाद कई मीटिेंग बुलाईं लेकिन उसमें न तो भूपेंद्र हुड्डा आए और न ही कोई विधायक आता था। 2019 में कांग्रेस के चुने 31 विधायकों में से 25 हुड्डा के करीबी थे। यहां हालात देख साल 2022 के अप्रैल महीने में ही सैलजा ने सोनिया गांधी को इस्तीफा सौंप दिया। उदयभान ने प्रभारी पर ठीकरा फोड़ दिया
27 अप्रैल 2022 को उदयभान नए प्रधान बने। उसके बाद पौने 3 साल बीत गए लेकिन कांग्रेस का संगठन नहीं बनाया गया। इस बारे में कुछ दिन पहले उदयभान ने कहा कि हमने कई बार पार्टी पदाधिकारियों की सूची पार्टी प्रभारी दीपक बाबरिया को सौंपी। मगर, वह उन्हें हाईकमान को भेजने के बजाय दबाकर बैठे रहे। उदयभान ने कहा कि 7 अगस्त 2023 को बाबरिया ने राहुल गांधी के सामने 10 सितंबर 2023 तक संगठन बनाने का दावा किया था लेकिन वे ऐसा नहीं कर सके। प्रधान पद न मिलने पर कुलदीप बिश्नोई कांग्रेस छोड़ गए
कुमारी सैलजा के इस्तीफे के बाद पूर्व CM भजनलाल के विधायक बेटे कुलदीप बिश्नोई ने अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी पेश कर दी। वह दावा कर रहे थे कि अध्यक्ष बनकर जल्द संगठन खड़ा कर देंगे। हालांकि भूपेंद्र हुड्डा ने दलित चेहरा उदयभान को अध्यक्ष बनवा दिया। इससे नाराज कुलदीप ने राहुल गांधी से मिलने का टाइम मांगा लेकिन उन्हें मुलाकात का समय नहीं मिला। तब कुलदीप ने कांग्रेस के राज्यसभा उम्मीदवार अजय माकन को वोट नहीं दिया। जिस वजह से कांग्रेस ने उन्हें सभी पदों से हटा दिया। कुलदीप ने 3 अगस्त 2022 को कांग्रेस छोड़ दी और भाजपा में शामिल हो गए। संगठन को लेकर अब तक किस कांग्रेस नेता ने क्या कहा… थानेसर से MLA अशोक अरोड़ा ने कहा- किसी भी पार्टी की ताकत उसका संगठन होता है। पार्टी का संगठन लंबे समय से न होना, यह कांग्रेस के लिए बहुत खतरनाक है। लोकसभा और विधानसभा चुनाव में संगठन होता तो इससे भी बेहतर रिजल्ट आ सकते थे। पार्टी हाईकमान भी कह रहा है कि संगठन बनाएं। संगठन बनेगा, तभी पार्टी आगे बढ़ेगी। सिरसा सांसद कुमारी सैलजा ने कहा– सैलजा ने कहा कि संगठन से कार्यकर्ताओं की पहचान होती है। कांग्रेस का राज्य स्तर से लेकर ब्लॉक स्तर तक संगठन नहीं था। संगठन से पार्टी का काम होता है। पूर्व विधायक शमशेर गोगी ने कहा– विधानसभा चुनाव में हार में संगठन न होना एक बड़ा कारण है। हमारा और हमारी पार्टी का भी दुर्भाग्य है कि पिछले 15 साल से हमारा संगठन ही नहीं है। अब संगठन बनाना है और बनना चाहिए।