सोलन में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश नालागढ़ की अदालत ने गैर इरादतन हत्या के दोषी को दस साल की कैद व एक लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना अदा न करने की सूरत में उसे दो माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। उप जिला न्यायवादी देवेंद्र सिंह चंदेल ने बताया कि वर्ष 2016 में 13 सितंबर को बद्दी पुलिस थाने में सूचना मिली थी कि बद्दी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मारपीट में घायल युवक पहुंचा है। इस सूचना पर पुलिस ने चिकित्सालय पहुंच कर मामले की जानकारी एकत्रित की। पुलिस को प्रकाश कुमार ने लिखित जानकारी दी कि 12 सितंबर की रात को बिहार के गोपालगंज के शुक्ल जादूपुर निवासी मुरेश साहनी ने इसके दोस्त बृजेश कुमार के साथ अपनी किशनपुरा स्थित कबाड़ की दुकान में लोहे की रॉड से पीट कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। उसे उपचार के लिए सीएचसी बद्दी से चंडीगढ़ पीजीआई के लिए रेफर कर दिया गया। जहां उसकी मौत हो गई। नालागढ़ स्थित जिला एवं सत्र न्यायाधीश अभय मंडयाल की अदालत ने इस मामले में दोनों पक्षों की लंबी सुनवाई के बाद मुरेश साहनी को गैर इरादतन हत्या का दोषी पाते हुए उसे दस साल के कठोर कारावास की सजा और एक लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाया। सोलन में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश नालागढ़ की अदालत ने गैर इरादतन हत्या के दोषी को दस साल की कैद व एक लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना अदा न करने की सूरत में उसे दो माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। उप जिला न्यायवादी देवेंद्र सिंह चंदेल ने बताया कि वर्ष 2016 में 13 सितंबर को बद्दी पुलिस थाने में सूचना मिली थी कि बद्दी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मारपीट में घायल युवक पहुंचा है। इस सूचना पर पुलिस ने चिकित्सालय पहुंच कर मामले की जानकारी एकत्रित की। पुलिस को प्रकाश कुमार ने लिखित जानकारी दी कि 12 सितंबर की रात को बिहार के गोपालगंज के शुक्ल जादूपुर निवासी मुरेश साहनी ने इसके दोस्त बृजेश कुमार के साथ अपनी किशनपुरा स्थित कबाड़ की दुकान में लोहे की रॉड से पीट कर गंभीर रूप से घायल कर दिया। उसे उपचार के लिए सीएचसी बद्दी से चंडीगढ़ पीजीआई के लिए रेफर कर दिया गया। जहां उसकी मौत हो गई। नालागढ़ स्थित जिला एवं सत्र न्यायाधीश अभय मंडयाल की अदालत ने इस मामले में दोनों पक्षों की लंबी सुनवाई के बाद मुरेश साहनी को गैर इरादतन हत्या का दोषी पाते हुए उसे दस साल के कठोर कारावास की सजा और एक लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाया। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
हिमाचल में कांग्रेस के निष्कासित विधायकों की पेंशन पर संकट:मानसून सत्र में संशोधन विधेयक लाने की तैयारी; 2 पहली बार MLA बने थे
हिमाचल में कांग्रेस के निष्कासित विधायकों की पेंशन पर संकट:मानसून सत्र में संशोधन विधेयक लाने की तैयारी; 2 पहली बार MLA बने थे हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वाले कांग्रेस के 6 पूर्व विधायकों की पेंशन पर संकट मंडरा गया है। राज्य सरकार मंगलवार से शुरू हो रहे मानसून सत्र में हिमाचल विधानसभा सदस्य, पूर्व MLA पेंशन संशोधन विधेयक लाने जा रही है। इसमें 14वीं विधानसभा के लिए दिसंबर 2022 में चुन कर आए 6 विधायकों के एक साल के कार्यकाल को अवैध घोषित करने की तैयारी है। इससे पूर्व विधायकों की इस टर्म की पेंशन खत्म हो जाएगी। सूत्र बताते हैं कि इस बारे में कल हुई कैबिनेट मीटिंग में भी चर्चा हुई है। अब विधानसभा में संशोधन विधेयक लाकर सरकार इस दिशा में आगे बढ़ रही है। ऐसा हुआ तो गगरेट के पूर्व विधायक चैतन्य शर्मा और कुटलैहड़ के पूर्व MLA देवेंद्र कुमार भुट्टो को सबसे बड़ा झटका होगा, क्योंकि दोनों पहली बार चुन कर विधानसभा पहुंचे थे। इससे दोनों की पूरे जीवन भर के लिए 90 हजार रुपए से ज्यादा की पेंशन लग गई थी। वहीं धर्मशाला से विधायक सुधीर शर्मा, सुजानपुर से पूर्व विधायक राजेंद्र राणा, लाहौल स्पीति से पूर्व विधायक रवि ठाकुर और बड़सर से इंद्र दत्त लखनपाल की इस टर्म की पेंशन रुक जाएगी। सुधीर शर्मा को उनके 4 टर्म, लखनपाल को 3 टर्म और राजेंद्र राणा को 2 टर्म की पेंशन मिलती रहेगी। संशोधन विधेयक पास कराने में नहीं होगी कठिनाई विधानसभा में विधेयक पारित होने पर इन विधायकों का 14वीं विधानसभा का कार्यकाल अवैध घोषित हो जाएगा। कांग्रेस इसे आसानी से पास भी करवा देगी, क्योंकि 68 विधायकों वाली हिमाचल विधानसभा में कांग्रेस के पास 40 विधायक है। इससे संशोधन बिल पास कराने में दिक्कत नहीं होगी। पार्टी व्हिप के उलंघन पर किया था निष्कासित बता दें कि प्रदेश में इसी साल 27 फरवरी को राज्यसभा चुनाव हुआ। उसमें कांग्रेस के 6 विधायकों ने क्रॉस वोट किया। पार्टी ने 2 बार पार्टी व्हिप का उलंघन किया। इसके बाद स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने इन्हें निष्कासित किया। अब इनकी सीटों पर दोबारा विधानसभा चुनाव हो गए है। 6 में 4 पूर्व विधायक बीजेपी के टिकट पर चुनाव हार गए। धर्मशाला से सुधीर शर्मा और बड़सर से इंद्र दत्त लखनपाल बीजेपी टिकट पर दोबारा चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं।
हिमाचल में बारिश-बर्फबारी के बाद शीत लहर:8 जिलों में येल्लो, 7 में ऑरेंज अलर्ट; आगामी 5 दिन मौसम साफ रहने के आसार
हिमाचल में बारिश-बर्फबारी के बाद शीत लहर:8 जिलों में येल्लो, 7 में ऑरेंज अलर्ट; आगामी 5 दिन मौसम साफ रहने के आसार हिमाचल प्रदेश में तीन दिनों तक लगातार बारिश बर्फबारी हुई है। दिसंबर माह में अच्छी बारिश बर्फबारी से पर्यटकों, किसानों और बागवानों के चेहरों पर रौनक है। वहीं अब प्रदेश के कई जिलों में शीत लहर चलेगी। मौसम विज्ञान केंद्र का पूर्वानुमान है कि आज से करीब 5 दिन तक मौसम साफ रहेगा। IMD के अनुसार प्रदेश में 29 दिसंबर से 1, 2 और 3 जनवरी को राज्य के ऊंचाई वाले क्षेत्रों हल्की बारिश बर्फबारी की संभावना है। लेकिन आगामी एक सप्ताह तक प्रदेश में अधिकतम स्थानों पर मौसम साफ बना रह सकता है। IMD ने जारी किया शीत लहर का अलर्ट मौसम विभाग ने आज से प्रदेश में तीन दिनों के लिए शीत लहर का अलर्ट जारी किया है। IMD ने प्रदेश के 8 जिलों में आज येल्लो अलर्ट और आगामी दो दिनों तक प्रदेश के 7 जिलों में शीत लहर का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया। इसमें शिमला, कुल्लू, मंडी, चंबा ,कांगड़ा ,ऊना, हमीरपुर और बिलासपुर शामिल है। इस दौरान इन जिलों में भारी शीर लहर देखने को मिलेगी और मैदानी क्षेत्रों में फोग रहने की भी संभावना है। तापमान में कोई विशेष बदलाव की संभावना नहीं IMD का पूर्वानुमान है कि आगामी दिनों में तापमान में कोई बड़े बदलाव की संभावना नहीं है। मौसम विभाग के अनुसार आगामी तीन से चार दिनों तक न्यूनतम तापमान में 3 से 4 डिग्री सेल्सियस गिरावट आ सकती है। वहीं अधिकतम तापमानों में दिन के समय हल्का उछाल देखने को मिल सकता है। प्रदेश में कितनी हुई बर्फबारी प्रदेश में बीते दो दिनों हुई बर्फबारी में सांगला (जिला किन्नौर) 38.5, कोकसर (जिला लाहौल और स्पीति) 36.0, गोंदला (जिला लाहौल और स्पीति) 32.5, कल्पा (जिला किन्नौर) 23.0, नारकंडा औस (जिला शिमला) 22.0, पूह (जिला किन्नौर) 21.0, केलोंग (जिला) लाहौल और स्पीति) 21.0, कुकुमशेरी एडब्ल्यूएस (जिला लाहौल और स्पीति) 20.1, मूरंग (जिला किन्नौर) 18.0, खदराला (जिला शिमला) 16.0 सैंटीमीटर तक दर्ज की गई है।
हिमाचल भवन कुर्क करने के मामले में हाईकोर्ट सख्त:दोषी अधिकारियों का पता नहीं लगा पाई सरकार; जांच को लेकर मांगा समय, 3 को सुनवाई
हिमाचल भवन कुर्क करने के मामले में हाईकोर्ट सख्त:दोषी अधिकारियों का पता नहीं लगा पाई सरकार; जांच को लेकर मांगा समय, 3 को सुनवाई दिल्ली स्थित हिमाचल भवन को कुर्क करने के मामले में बुधवार को हाईकोर्ट ने सुनवाई हुई। इसमें सरकार ने कोर्ट में एप्लिकेशन दी। सरकार ने उन अधिकारियों का पता लगाने के लिए जांच को अतिरिक्त समय मांगा, जिनकी वजह से हाईकोर्ट के आदेशों के बाद भी सेली कंपनी को 64 करोड़ रुपए की अपफ्रंट मनी जमा नहीं कराई गई। यह केस न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की अदालत में लगा। अब यह मामला तीन जनवरी को सुना जाएगा। बता दें कि हाईकोर्ट ने अपने आदेशों की अनुपालना सुनिश्चित करने के लिए हिमाचल भवन दिल्ली को कुर्क करने के आदेश जारी किए थे। एकल बैंच के आदेशों पर डबल बैंच ने रोक लगा दी थी। इसके बाद सरकार ने करीब 97 करोड़ रुपए की राशि कोर्ट में जमा करवा दी है। मगर कोर्ट के आदेशानुसार सरकार दोषी अधिकारियों का अब तक पता नहीं लगा पाई है। ऊर्जा सचिव को दिए थे जांच के आदेश दरअसल, कोर्ट ने हिमाचल भवन कुर्क करने के साथ-साथ ऊर्जा सचिव को इस बात की तथ्यात्मक जांच करने के आदेश दिए थे कि किस अधिकारी की चूक के कारण 64 करोड़ रुपए 7 फीसदी ब्याज सहित कोर्ट में जमा नहीं की गई। कोर्ट ने कहा था कि दोषियों का पता लगाना इसलिए जरूरी है क्योंकि ब्याज को दोषी अधिकारी, अधिकारियों/कर्मचारियों से व्यक्तिगत रूप से वसूलने का आदेश दिया जाएगा। कोर्ट ने 15 दिन के भीतर जांच के दिए थे आदेश कोर्ट ने 18 नवंबर को जारी आदेशों में 15 दिन के भीतर जांच पूरी करने और जांच रिपोर्ट अगली तारीख को कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करने के आदेश दिए थे।