हरियाणा के गुरुग्राम के सोहना क्षेत्र में भोंडसी पुलिस ने बहलपा गांव में दलितों के घर में घुस कर मारपीट करने के आरोप में 8 नामजद आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल कर ली है। पुलिस ने आरोपियों से डंडे आदि भी बरामद कर लिए हैं। इनको गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने कोर्ट में पेश कर दिया है। बता दें कि दबंगों ने फैसले का दवाब बनाने के लिए दलित के घर में घुसकर मारपीट की वारदात को अंजाम दिया था। रविवार को भोंडसी थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले बहलपा गांव में दबंगों ने एक दलित के घर में घुसकर मारपीट की थी। तथा डंडों आदि से महिलाओं को भी नहीं बख्शा था। घटना में 2 महिलाओं सहित पांच लोग घायल हो गए थे। उक्त घटना दबंगों पर राजीनामा का दवाब बनाने के कारण हुई थी। दलितों ने राजीनामा करने से इनकार कर दिया था। घटना की शिकायत मिलने पर पुलिस ने आपराधिक मामला दर्ज कर लिया था। वहीं सोमवार को पुलिस ने घटना में शामिल 8 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। जिंसके डंडे भी बरामद किए हैं। उक्त आरोपियों की पहचान देवराज उर्फ देवेंद्र, सतीश, सचिन, कंवर सिंह, सागर, भूपसिंह, मनोज, योगेंद्र के रूप में हुई है। पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार करके अदालत में पेश कर दिया है। वहीं थाना प्रभारी राजेन्द्र पाठक ने बताया कि मामले में 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जिनको अदालत में पेश कर दिया गया है। हरियाणा के गुरुग्राम के सोहना क्षेत्र में भोंडसी पुलिस ने बहलपा गांव में दलितों के घर में घुस कर मारपीट करने के आरोप में 8 नामजद आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल कर ली है। पुलिस ने आरोपियों से डंडे आदि भी बरामद कर लिए हैं। इनको गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने कोर्ट में पेश कर दिया है। बता दें कि दबंगों ने फैसले का दवाब बनाने के लिए दलित के घर में घुसकर मारपीट की वारदात को अंजाम दिया था। रविवार को भोंडसी थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले बहलपा गांव में दबंगों ने एक दलित के घर में घुसकर मारपीट की थी। तथा डंडों आदि से महिलाओं को भी नहीं बख्शा था। घटना में 2 महिलाओं सहित पांच लोग घायल हो गए थे। उक्त घटना दबंगों पर राजीनामा का दवाब बनाने के कारण हुई थी। दलितों ने राजीनामा करने से इनकार कर दिया था। घटना की शिकायत मिलने पर पुलिस ने आपराधिक मामला दर्ज कर लिया था। वहीं सोमवार को पुलिस ने घटना में शामिल 8 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। जिंसके डंडे भी बरामद किए हैं। उक्त आरोपियों की पहचान देवराज उर्फ देवेंद्र, सतीश, सचिन, कंवर सिंह, सागर, भूपसिंह, मनोज, योगेंद्र के रूप में हुई है। पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार करके अदालत में पेश कर दिया है। वहीं थाना प्रभारी राजेन्द्र पाठक ने बताया कि मामले में 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जिनको अदालत में पेश कर दिया गया है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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रानियां में स्कूल बस पर फायरिंग:ड्राइवर-छात्र समेत 4 घायल; आरोपी ने पुलिस गाड़ी को भी मारी टक्कर, दो गिरफ्तार हरियाणा के सिरसा में गुरुवार (21 नवंबर) सुबह बाप बेटा ने स्कूल वैन पर फायरिंग कर दी। इसमें वैन ड्राइवर, छात्र और 2 लोग घायल हुए हैं। घायल 2 लोग लिफ्ट लेकर वैन में बैठे थे। घायलों को सिरसा ट्रॉमा सेंटर में भर्ती करवाया गया। इस घटना को अंजाम देकर आरोपी भागने की फिराक में थे, लेकिन पुलिस ने नाकाबंदी करके उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। इस दौरान उन्होंने अपनी गाड़ी से पुलिस की एक गाड़ी को भी टक्कर मारी। जबरदस्ती बैन रोककर चलाई गोली
जानकारी के अनुसार गुरुवार सुबह करीब साढ़े 9 बजे संत नगर के एक निजी स्कूल की वैन नगराना गांव से 8-10 छात्रों को लेकर स्कूल आ रही थी। इस दौरान गांव के कुछ लोगों ने योजनाबद्ध तरीके से स्कूल बैन के आगे ट्रैक्टर खड़ा करके जबरदस्ती रुकवा लिया। इसके बाद वैन ड्राइवर को जबरदस्ती नीचे उतर कर गोली चला दी। जिसका कारण पुरानी रंजिश बताया जाता है। पुलिस ने नाकेबंदी कर पकड़ा
सूचना के बाद पुलिस ने इलाका में नाकाबंदी करके दो लोगों को सिरसा रोड़ पर दबोच लिया। आरोपी घटना को अंजाम देकर गाड़ी से भागने की फिराक में थे। नाकाबंदी के दौरान आरोपियों ने पुलिस की गाड़ी को टक्कर मार दी।ग़नीमत रही कि इस घटना में जान माल का नुकसान नहीं हुआ। हरियाणा में फायरिंग से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें…. बरवाला में होटल पर फायरिंग:सीसीटीवी में कैद; बाल-बाल बचा युवक हिसारके बरवाला में 2 बाइक सवारों ने होटल पर गोली चलाई। इसमें एक युवक बाल-बाल बच गया। घटना का सीसीटीवी फुटेज सामने आया है। आरोपियों ने होटल मालिक को कॉल कर एक घंटे में जान से मारने की धमकी दी थी। पूरी खबर पढ़ें…
किरण चौधरी की एंट्री से BJP में बगावती सुर:3 बार के सांसद बोले- अगला चुनाव नहीं लड़ूंगा; किरण-श्रुति की वजह छोड़ी थी कांग्रेस
किरण चौधरी की एंट्री से BJP में बगावती सुर:3 बार के सांसद बोले- अगला चुनाव नहीं लड़ूंगा; किरण-श्रुति की वजह छोड़ी थी कांग्रेस हरियाणा में BJP के भिवानी-महेंद्रगढ़ से लगातार तीसरी बार सांसद बने चौधरी धर्मवीर सिंह ने सबको चौंका दिया है। उन्होंने कहा- 2024 में यह मेरा आखिरी चुनाव था। इसके बाद मैं कोई इलेक्शन नहीं लड़ूंगा। चौधरी धर्मवीर की नाराजगी को किरण चौधरी से जोड़कर देखा जा रहा है। धर्मवीर को पूर्व सीएम बंसीलाल की बहू किरण चौधरी का कट्टर विरोधी माना जाता है। किरण की बेटी श्रुति चौधरी को भिवानी-महेंद्रगढ़ से टिकट मिलने की वजह से उन्होंने कांग्रेस छोड़ी थी। अब किरण और श्रुति भाजपा में आ चुकी हैं। उनकी इस भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट पर लोकसभा टिकट की भी दावेदारी हो चुकी है। इतना ही नहीं चौधरी धर्मवीर सिंह ने राव इंद्रजीत को राज्य मंत्री बनाए जाने पर भी सवाल खड़े किए। धर्मवीर ने कहा- हमारे इलाके (अहीरवाल) के लोगों में थोड़ी नाराजगी है। राव इंद्रजीत सिंह को राज्यमंत्री बनाया गया है। जबकि लोगों को उम्मीद थी कि इस बार उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया जाएगा। मंत्रीपद की दौड़ में थे, गैर जाट पॉलिटिक्स की वजह से रह गए
दरअसल, चौधरी धर्मवीर ने परिवारिक सदस्य के चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा- ये उनकी मर्जी है कि वो चुनाव लड़े या ना लड़े। धर्मवीर सिंह ने हरियाणा विधानसभा चुनाव को लेकर कहा कि प्रदेश में लगातार तीसरी बार बीजेपी की सरकार बनने जा रही है। धर्मवीर को भी इस बार केंद्र में मंत्रीपद की दौड़ में माना जा रहा था। हालांकि हरियाणा में भाजपा की गैर जाट पॉलिटिक्स की वजह से वह पिछड़ गए और पंजाबी चेहरे खट्टर, गुर्जर समुदाय से कृष्णपाल गुर्जर और अहीर समाज से राव इंद्रजीत को मंत्री बना दिया गया। धर्मबीर जाट कम्युनिटी से हैं। लगातार तीसरी बार सांसद बने धर्मबीर
बता दें कि चौधरी धर्मबीर सिंह भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट से लगातार तीसरी बार सांसद चुने गए हैं। दशकों तक कांग्रेस की राजनीति करने वाले धर्मबीर 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले राव इंद्रजीत सिंह की तरह कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे। राव इंद्रजीत सिंह की पैरवी पर ही तीनों बार पार्टी हाईकमान ने धर्मबीर सिंह को टिकट दी। दो बार 2014 और 2019 में तो धर्मबीर सिंह असानी से जीत गए, लेकिन इस बार कांग्रेस की तरफ से राव दान सिंह को कैंडिडेट बनाए जाने से धर्मबीर सिंह कांटे के मुकाबले में फंस गए थे। चौधरी धर्मबीर सिंह की जीत सुनिश्चित करने के लिए राव इंद्रजीत सिंह को ही मैदान में उतरना पड़ा था। राव इंद्रजीत सिंह ने प्रचार के दौरान चौधरी धर्मबीर को अपना साथी बताते हुए अहीरवाल में उन्हें जिताने की अपील की थी। राव इंद्रजीत सिंह की अपील का काफी हद तक महेंद्रगढ़ इलाके में असर भी दिखाई दिया, जिसकी वजह से आखिरी वक्त में पासा पलट गया और चौधरी धर्मबीर सिंह लोकसभा का चुनाव जीत गए। धर्मबीर के लिए अड़े रहे राव इंद्रजीत सिंह
बता दें कि चौधरी धर्मबीर सिंह इस बार लोकसभा चुनाव लड़ने के मूड में नहीं थे। भिवानी-महेंद्रगढ़ सीट पर बीजेपी की टिकट के लिए कई हैवीवेट नेताओं ने पुरजोर कोशिश भी की। लेकिन राव इंद्रजीत सिंह ने चौधरी धर्मबीर सिंह के नाम की सिफारिश की और उनकी बदौलत पार्टी ने चौधरी धर्मबीर सिंह को टिकट दी। चौधरी धर्मबीर सिंह हरियाणा की राजनीति में भी काफी एक्टिव रहे। बंसीलाल की तीन 3 पीढ़ियों को हराया चुनाव
अपने राजनीतिक जीवन के दौरान, वह पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी बंसीलाल परिवार की 3 पीढ़ियों को हराने के लिए प्रसिद्ध हैं। उन्होंने 1987 में लोकदल के उम्मीदवार के रूप में तोशाम विधानसभा सीट से खुद बंसीलाल को हराकर चौंका दिया था। उन्होंने 2000 में तोशाम से बंसीलाल के बेटे सुरेंद्र को हराया और बाद में बंसीलाल की पोती (सुरेंद्र की बेटी) श्रुति चौधरी को 2014 और 2019 में भाजपा के सदस्य के रूप में भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीट पर हराया।
करनाल में मोदी आर्मी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने छोड़ी पार्टी:नगर पालिका चेयरमैन का चुनाव लड़ चुके जुनेजा, भाजपा में प्रचार-प्रसार कार्यकारिणी के थे सदस्य
करनाल में मोदी आर्मी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने छोड़ी पार्टी:नगर पालिका चेयरमैन का चुनाव लड़ चुके जुनेजा, भाजपा में प्रचार-प्रसार कार्यकारिणी के थे सदस्य हरियाणा के करनाल में दल बदलने का क्रम थमने का नाम नहीं ले रहा है। घरौंडा में भाजपा के वरिष्ठ नेता विनोद जुनेजा ने भाजपा को अलविदा कह दिया है। जुनेजा वर्ष 2022 में नगरपालिका का इलेक्शन लड़ चुके है और चौथे स्थान पर रहे थे। उनके पास भारतीय मोदी आर्मी में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का भी पद है और प्रधानमंत्री जन कल्याणकारी योजना प्रचार-प्रसार के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य भी है। जुनेजा, भाजपा में हुई अनदेखी से खफा हैं। जुनेजा की मानें तो बीजेपी सरकार के होते हुए भी उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। यहां तक कि किसी को भी आगे बढ़ने नहीं दिया गया। उन्होंने बताया कि 1989 से वह भाजपा से जुड़े हुए है और कर्मठ कार्यकर्ताओं में शामिल रहे। नगरपालिका चेयरमैन का चुनाव था और उसके लिए मैने और मेरे समाज ने टिकट मांगी, लेकिन उसने बीजेपी ने मुझे टिकट नहीं दिया। जिसके चलते मुझे पार्टी के खिलाफ जाकर आजाद चुनाव लड़ा और चौथे स्थान पर रहा। टिकट नहीं मिला, इसका दर्द मुझे ही नहीं बल्कि मेरे समाज को भी है। यह आज से नहीं बल्कि दो साल से है। उन्होंने अपना इस्तीफा भेज दिया है। पंजाबी समाज से आते है जुनेजा आपको बता दें कि विनोद जुनेजा पंजाबी समाज से आते है। ऐसा नहीं है कि भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने जुनेजा को मनाने का प्रयास नहीं किया, लेकिन जुनेजा ने पार्टी छोड़ने का फैसला ले लिया है। वे 20 सितंबर को कांग्रेस में शामिल हो रहे हैं। पंजाबी समाज या फिर एससी/ओबीसी के वोटरों में जुनेजा की अच्छी पकड़ है। इनके बड़े भाई सुदर्शन जुनेजा भी बीजेपी में घरौंडा मंडल के अध्यक्ष रह चुके हैं। ऐसे में जुनेजा के बीजेपी छोड़ने से भाजपा को बड़ा झटका लग सकता है और कांग्रेस को फायदा मिल सकता है। ऐसे में कितना असर भाजपा पर पड़ता है उसका परिणाम 8 अक्टूबर को इलेक्शन रिजल्ट बताएंगे, लेकिन इतना जरूर है कि वरिष्ठ नेता का बीजेपी छोड़ना, भाजपा के किसी बड़े झटके से कम नहीं है।