सौरभ भारद्वाज पर मानहानि का मुकदमा चलाने वाली अर्जी खारिज, राउज एवेन्यू कोर्ट ने BJP नेता की मांग ठुकराई

सौरभ भारद्वाज पर मानहानि का मुकदमा चलाने वाली अर्जी खारिज, राउज एवेन्यू कोर्ट ने BJP नेता की मांग ठुकराई

<p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi News:</strong> दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने बीजेपी नेता सुरज भान चौहान की ओर से दायर उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने AAP नेता और पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज के खिलाफ मानहानि का मामला चलाने की मांग की थी. कोर्ट ने याचिका को समय-सीमा से परे बताते हुए खारिज कर दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>याचिका में देरी अनुचित- राउज एवेन्यू कोर्ट</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>स्पेशल सीबीआई जज विशाल गोगने ने निचली अदालत के 19 फरवरी के आदेश को बरकरार रखते हुए कहा, ”इस मामले में शिकायत दर्ज करने की वैध समय सीमा 16 मार्च 2024 को समाप्त हो चुकी थी. कोर्ट ने बीजेपी नेता चौहान के आचरण को मनमाना और अवसरवादी करार दिया और कहा कि उन्होंने 2018 के कथित बयान को लेकर दिसंबर 2024 में शिकायत दायर की, जो कि 2025 में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनावों से ठीक पहले का समय था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या था पूरा मामला ?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बीजेपी नेता सुरज भान चौहान ने आरोप लगाया था कि सितंबर 2018 में सौरभ भारद्वाज ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान झूठा दावा किया था कि चौहान के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. इस दावे को मानहानिकारक बताते हुए चौहान ने अदालत में शिकायत दर्ज कराई थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>BJP नेता ने पहले साकेत कोर्ट में दायर की थी याचिका</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बीजेपी नेता चौहान ने पहले अपनी शिकायत साकेत कोर्ट में दायर की थी, लेकिन सितंबर 2020 में सुनवाई के बाद उन्होंने इसे वापस ले लिया और नवंबर 2022 में इसे राउज एवेन्यू कोर्ट में दोबारा दायर किया. हालांकि, अदालत ने पाया कि उन्होंने इस प्रक्रिया में अत्यधिक देरी की और उनकी याचिका वैध समय-सीमा से बाहर हो गई.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि मजिस्ट्रेट अदालत ने पहले ही अधिकतम सीमा तक उदार दृष्टिकोण अपनाते हुए 7 जनवरी 2020 से 1 जुलाई 2022 तक की अवधि को हटा दिया था. लेकिन 16 मार्च 2024 की समय-सीमा समाप्त होने के बावजूद चौहान ने अपनी शिकायत 270 दिन की देरी के बाद दर्ज की.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>याचिकाकर्ता को खुद अपने दावे पर भरोसा नहीं- कोर्ट</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>राउज एवेन्यू कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि जब खुद पुनरीक्षणकर्ता (चौहान) अपने ही कानूनी उपचार को लेकर गंभीर नहीं है, तो अदालत के लिए उदार दृष्टिकोण अपनाना और कानून में निर्धारित सीमा को दरकिनार करना अनुचित होगा. अंततः अदालत ने इस मामले में किसी भी प्रकार की त्रुटि या गैरकानूनी निर्णय न पाते हुए चौहान की पुनरीक्षण याचिका को खारिज कर दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मजिस्ट्रेट कोर्ट ने पहले ही खारिज की थी याचिका</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इससे पहले 19 फरवरी को मजिस्ट्रेट अदालत ने चौहान की याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि कथित मानहानि का मामला सितंबर 2018 का है और शिकायत दर्ज कराने की अधिकतम सीमा तीन साल थी. अदालत ने यह भी कहा कि चौहान द्वारा देरी को सही ठहराने के लिए दिए गए किसी भी आधार को स्वीकार नहीं किया जा सकता. अब इस फैसले के बाद बीजेपी नेता सुरज भान चौहान के पास कानूनी विकल्प सीमित हो गए हैं.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi News:</strong> दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने बीजेपी नेता सुरज भान चौहान की ओर से दायर उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने AAP नेता और पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज के खिलाफ मानहानि का मामला चलाने की मांग की थी. कोर्ट ने याचिका को समय-सीमा से परे बताते हुए खारिज कर दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>याचिका में देरी अनुचित- राउज एवेन्यू कोर्ट</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>स्पेशल सीबीआई जज विशाल गोगने ने निचली अदालत के 19 फरवरी के आदेश को बरकरार रखते हुए कहा, ”इस मामले में शिकायत दर्ज करने की वैध समय सीमा 16 मार्च 2024 को समाप्त हो चुकी थी. कोर्ट ने बीजेपी नेता चौहान के आचरण को मनमाना और अवसरवादी करार दिया और कहा कि उन्होंने 2018 के कथित बयान को लेकर दिसंबर 2024 में शिकायत दायर की, जो कि 2025 में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनावों से ठीक पहले का समय था.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>क्या था पूरा मामला ?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बीजेपी नेता सुरज भान चौहान ने आरोप लगाया था कि सितंबर 2018 में सौरभ भारद्वाज ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान झूठा दावा किया था कि चौहान के खिलाफ FIR दर्ज की गई है. इस दावे को मानहानिकारक बताते हुए चौहान ने अदालत में शिकायत दर्ज कराई थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>BJP नेता ने पहले साकेत कोर्ट में दायर की थी याचिका</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>बीजेपी नेता चौहान ने पहले अपनी शिकायत साकेत कोर्ट में दायर की थी, लेकिन सितंबर 2020 में सुनवाई के बाद उन्होंने इसे वापस ले लिया और नवंबर 2022 में इसे राउज एवेन्यू कोर्ट में दोबारा दायर किया. हालांकि, अदालत ने पाया कि उन्होंने इस प्रक्रिया में अत्यधिक देरी की और उनकी याचिका वैध समय-सीमा से बाहर हो गई.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि मजिस्ट्रेट अदालत ने पहले ही अधिकतम सीमा तक उदार दृष्टिकोण अपनाते हुए 7 जनवरी 2020 से 1 जुलाई 2022 तक की अवधि को हटा दिया था. लेकिन 16 मार्च 2024 की समय-सीमा समाप्त होने के बावजूद चौहान ने अपनी शिकायत 270 दिन की देरी के बाद दर्ज की.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>याचिकाकर्ता को खुद अपने दावे पर भरोसा नहीं- कोर्ट</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>राउज एवेन्यू कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि जब खुद पुनरीक्षणकर्ता (चौहान) अपने ही कानूनी उपचार को लेकर गंभीर नहीं है, तो अदालत के लिए उदार दृष्टिकोण अपनाना और कानून में निर्धारित सीमा को दरकिनार करना अनुचित होगा. अंततः अदालत ने इस मामले में किसी भी प्रकार की त्रुटि या गैरकानूनी निर्णय न पाते हुए चौहान की पुनरीक्षण याचिका को खारिज कर दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>मजिस्ट्रेट कोर्ट ने पहले ही खारिज की थी याचिका</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इससे पहले 19 फरवरी को मजिस्ट्रेट अदालत ने चौहान की याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि कथित मानहानि का मामला सितंबर 2018 का है और शिकायत दर्ज कराने की अधिकतम सीमा तीन साल थी. अदालत ने यह भी कहा कि चौहान द्वारा देरी को सही ठहराने के लिए दिए गए किसी भी आधार को स्वीकार नहीं किया जा सकता. अब इस फैसले के बाद बीजेपी नेता सुरज भान चौहान के पास कानूनी विकल्प सीमित हो गए हैं.</p>  दिल्ली NCR राधे मां की बहू मेघा सिंह को जानते हैं? फिटनेस और अध्यात्म दोनों में सक्रिय