भास्कर न्यूज | जालंधर शिक्षा मंत्रालय की ओर से गणतंत्र दिवस 2025 पर करवाए जा रहे विभिन्न प्रोग्रामों के तहत स्कूलों में नेशनल स्कूल बैंड कंपीटिशन करवाने की घोषणा की है। कंपीटिशन में देशभर के स्कूल हिस्सा ले सकते हैं। इस बैंड कंपीटिशन के जरिए स्टूडेंट्स में एकता, गर्व की भावना का विकास करना किया जाएगा। राज्य विद्या खोज एंव सिखलाई परिषद की ओर से राज्य के समूह स्कूलों को इसमें हिस्सा लेने के लिए दिशा निदेश जारी किए गए है। स्कूलों को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि राष्ट्रीय स्तर के कंपीटिशन की मदद से बच्चों में देशभक्ति की भावना का विकास हो इसके लिए प्रतियोगिता करवाई जाएगी। इस कंपीटिशन में हिस्सा लेने का पहला स्तर अपने राज्य के स्कूलों में ही आयोजित किया जाएगा। इसके बाद जिला स्तर पर इसके लिए बैंड कंपीटिशन करवाया जाएगा। लड़के और लड़कियां दोनों ही हिस्सा ले सकते हैं। इनका अलग-अलग बैंड और मिक्स बैंड भी भेजा जा सकता है। इसमें सभी राज्यों केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा संचालित, सीबीएसई, आईसीएसई, केवीएस, एनवीएस और सैनिक स्कूलों के विद्यार्थी हिस्सा ले सकते हैं। वहीं यदि जिला स्तर पर प्रतियोगी कम होते है तो आस-पास के दो-3 जिलों को मिलाकर जोन में मुकाबले करवाए जाएंगे। इसके बाद जिला स्तर पर विजेता रहने वाली टीम राज्य स्तर के स्कूल बैंड मुकाबले में हिस्सा लेगी। राज्य स्तरीय पर विजेता रहने वाली टीमें उत्तर प्रदेश में होने वाले राष्ट्रीय उत्तरी जोन स्तर के मुकाबलों में हिस्सा लेगी। इसके लिए चार कैटेगरी में मुकाबला करवाया जाएगा। इसमें ब्रास बैंड लड़के, ब्रास बैंड लड़कियां, पाइप बैंड लड़के और पाइप बैंड लड़कियां कैटेगरी में हिस्सा लिया जाएगा । वहीं हर स्कूल से केवल एक बैंड समूह भाग ले सकता है। राज्य/केंद्र शासित प्रदेश को राज्य स्तरीय बैंड प्रतियोगिता आयोजित करनी होगी। यदि राज्य/केंद्र शासित प्रदेश ने राज्य स्तरीय बैंड प्रतियोगिता आयोजित नहीं की है, फिर बैंड से वह राज्य या केंद्र शासित प्रदेश क्षेत्रीय स्तर के बैंड में भाग लेने के लिए पात्र नहीं होगा राज्य स्तरीय बैंड प्रतियोगिता में चार विजेता बैंड (प्रत्येक श्रेणी से 1) जोनल स्तर की बैंड प्रतियोगिता में भाग लेंगे। प्रत्येक बैंड में ड्रम मेजर सहित 25-33 प्रतिभागी होने चाहिए। वहीं बैंड के साथ अधिकतम 2 एस्कॉर्ट्स ( बैंड मास्टर/ट्रेनर) शामिल हो सकते हैं। बैंड को देशभक्ति या क्लासिकल धुन बजानी होगी। कार्यक्रम में पेशेवर समूह / कलाकार को किसी भी बैंड में भाग लेने/ साथ जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। राष्ट्रीय गान की धुन नहीं बजाई जा सकेगी। विजेताओं और उपविजेताओं को नकद पुरस्कार और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा। परफार्मेंस के लिए केवल 9 मिनट का समय दिया जाएगा। बैंड को 100 में से नंबर दिए जाएंगे। इनमें ड्रेसेज एंड इक्यूपमेंट, स्टैंडर्ड ऑफ प्लेइंग आदि को ध्यान में रखा जाएगा। वहीं इसके लिए रजिस्ट्रेशन की आखिरी तारीख 15 सितंबर रखी गई है। भास्कर न्यूज | जालंधर शिक्षा मंत्रालय की ओर से गणतंत्र दिवस 2025 पर करवाए जा रहे विभिन्न प्रोग्रामों के तहत स्कूलों में नेशनल स्कूल बैंड कंपीटिशन करवाने की घोषणा की है। कंपीटिशन में देशभर के स्कूल हिस्सा ले सकते हैं। इस बैंड कंपीटिशन के जरिए स्टूडेंट्स में एकता, गर्व की भावना का विकास करना किया जाएगा। राज्य विद्या खोज एंव सिखलाई परिषद की ओर से राज्य के समूह स्कूलों को इसमें हिस्सा लेने के लिए दिशा निदेश जारी किए गए है। स्कूलों को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि राष्ट्रीय स्तर के कंपीटिशन की मदद से बच्चों में देशभक्ति की भावना का विकास हो इसके लिए प्रतियोगिता करवाई जाएगी। इस कंपीटिशन में हिस्सा लेने का पहला स्तर अपने राज्य के स्कूलों में ही आयोजित किया जाएगा। इसके बाद जिला स्तर पर इसके लिए बैंड कंपीटिशन करवाया जाएगा। लड़के और लड़कियां दोनों ही हिस्सा ले सकते हैं। इनका अलग-अलग बैंड और मिक्स बैंड भी भेजा जा सकता है। इसमें सभी राज्यों केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा संचालित, सीबीएसई, आईसीएसई, केवीएस, एनवीएस और सैनिक स्कूलों के विद्यार्थी हिस्सा ले सकते हैं। वहीं यदि जिला स्तर पर प्रतियोगी कम होते है तो आस-पास के दो-3 जिलों को मिलाकर जोन में मुकाबले करवाए जाएंगे। इसके बाद जिला स्तर पर विजेता रहने वाली टीम राज्य स्तर के स्कूल बैंड मुकाबले में हिस्सा लेगी। राज्य स्तरीय पर विजेता रहने वाली टीमें उत्तर प्रदेश में होने वाले राष्ट्रीय उत्तरी जोन स्तर के मुकाबलों में हिस्सा लेगी। इसके लिए चार कैटेगरी में मुकाबला करवाया जाएगा। इसमें ब्रास बैंड लड़के, ब्रास बैंड लड़कियां, पाइप बैंड लड़के और पाइप बैंड लड़कियां कैटेगरी में हिस्सा लिया जाएगा । वहीं हर स्कूल से केवल एक बैंड समूह भाग ले सकता है। राज्य/केंद्र शासित प्रदेश को राज्य स्तरीय बैंड प्रतियोगिता आयोजित करनी होगी। यदि राज्य/केंद्र शासित प्रदेश ने राज्य स्तरीय बैंड प्रतियोगिता आयोजित नहीं की है, फिर बैंड से वह राज्य या केंद्र शासित प्रदेश क्षेत्रीय स्तर के बैंड में भाग लेने के लिए पात्र नहीं होगा राज्य स्तरीय बैंड प्रतियोगिता में चार विजेता बैंड (प्रत्येक श्रेणी से 1) जोनल स्तर की बैंड प्रतियोगिता में भाग लेंगे। प्रत्येक बैंड में ड्रम मेजर सहित 25-33 प्रतिभागी होने चाहिए। वहीं बैंड के साथ अधिकतम 2 एस्कॉर्ट्स ( बैंड मास्टर/ट्रेनर) शामिल हो सकते हैं। बैंड को देशभक्ति या क्लासिकल धुन बजानी होगी। कार्यक्रम में पेशेवर समूह / कलाकार को किसी भी बैंड में भाग लेने/ साथ जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। राष्ट्रीय गान की धुन नहीं बजाई जा सकेगी। विजेताओं और उपविजेताओं को नकद पुरस्कार और प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा। परफार्मेंस के लिए केवल 9 मिनट का समय दिया जाएगा। बैंड को 100 में से नंबर दिए जाएंगे। इनमें ड्रेसेज एंड इक्यूपमेंट, स्टैंडर्ड ऑफ प्लेइंग आदि को ध्यान में रखा जाएगा। वहीं इसके लिए रजिस्ट्रेशन की आखिरी तारीख 15 सितंबर रखी गई है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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भारत सरकार ने 2019 में आतंकी गतिविधियां चलाने के आरोप में गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम यानी UAPA के तहत पन्नू के संगठन SFJ पर बैन लगाया। गृह मंत्रालय ने अपनी अधिसूचना में कहा था कि सिखों के लिए रेफरेंडम की आड़ में SFJ पंजाब में अलगाववाद और उग्रवादी विचारधारा का समर्थन कर रहा है। पन्नू पर साल 2020 में अलगाववाद को बढ़ावा देने और पंजाबी सिख युवाओं को हथियार उठाने के लिए प्रोत्साहित करने का आरोप लगा। इसके बाद केंद्र सरकार ने 1 जुलाई 2020 को पन्नू को UAPA के तहत आतंकी घोषित किया। 2020 में सरकार ने SFJ से जुड़े 40 से ज्यादा वेब पेज और यूट्यूब चैनलों को बैन किया। पन्नू पर करीब 15 से अधिक केस, सोशल मीडिया पर करता है भड़काऊ बयानबाजी
SFJ और पन्नू के खिलाफ भारत में 15 से अधिक मामले दर्ज हैं। इनमें पंजाब में देशद्रोह के 3 मामले भी शामिल हैं। पंजाब पुलिस द्वारा तैयार किए गए डोजियर में SFJ द्वारा कई वर्षों से सोशल मीडिया पर विभिन्न अलगाववादी पोस्टों के बारे में जानकारी दी गई थी। इनमें वह आतंकियों का समर्थन करता था। पन्नू सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव है। वह पंजाबी भाषा में ऑडियो और वीडियो संदेश जारी करता है। इसमें वह पंजाबी युवाओं को भारत के खिलाफ भड़काता है। यही नहीं, पैसे का लालच देकर वह पंजाब-हरियाणा में सरकारी इमारतों में खालिस्तानी झंडा भी लगवा चुका है। इसके अलावा G20 मीटिंग के दौरान वह दिल्ली में मेट्रो स्टेशन पर लिखे खालिस्तानी नारे भी पन्नू के कहने पर ही लिखे गए थे। पन्नू सोशल मीडिया के जरिए ही युवाओं को अपने झांसे में लेता है और फिर उन्हें भारत के ही खिलाफ भड़का देता है। आतंकी पन्नू से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… आतंकी पन्नू बोला- भारत से जान का खतरा:अमेरिका में मेरी हत्या की कोशिश हुई सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू ने भारत से जान का खतरा बताया है। कनाडाई न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में उसने कहा कि अमेरिका में भारत सरकार के इशारे पर उसकी हत्या की कोशिश की गई। पंजाबियों के लिए अलग देश मांगने पर हरदीप सिंह निज्जर की हत्या कर दी गई, इसके बावजूद वह खालिस्तान के लिए रेफरेंडम बंद नहीं करेगा। (पूरी खबर पढ़ें)
पंजाब का 31 साल पुराना फर्जी एनकाउंटर मामला:CBI कोर्ट आज सुनाएगी पूर्व DIG और DSP को सजा, कल ठहराए गए दोषी
पंजाब का 31 साल पुराना फर्जी एनकाउंटर मामला:CBI कोर्ट आज सुनाएगी पूर्व DIG और DSP को सजा, कल ठहराए गए दोषी तरनतारन से जुड़े 31 साल पुराने फर्जी एनकाउंटर मामले में मोहाली की सीबीआई स्पेशल कोर्ट आज सजा सुनाएगी। इससे पहले गुरुवार को इस मामले में पूर्व डीआईजी दिलबाग सिंह और रिटायर्ड डीएसपी गुरबचन सिंह को दोषी करार दिया गया था। इस बीच, मामले में शिकायतकर्ता की मौत हो गई है। घर से उठाकर ले गए, फिर किया एनकाउंटर मृतक के परिवार ने इस मामले में न्याय के लिए लंबी लड़ाई लड़ी है। तरनतारन के जंडाला रोड निवासी गुलशन कुमार फल विक्रेता थे। यह मामला गुलशन कुमार के पिता चमन लाल की शिकायत पर 1996 में दर्ज किया गया था। उन्होंने शिकायत में कहा था कि 22 जून 1993 को डीएसपी दिलबाग सिंह (जो डीआईजी के पद से सेवानिवृत्त हुए) के नेतृत्व में तरनतारन पुलिस की एक टीम उनके बेटे को जबरन उठा ले गई। वे उनके दो बेटों परवीन कुमार और बॉबी कुमार को भी अपने साथ ले गए। लेकिन कुछ दिनों बाद सभी को छोड़ दिया गया। हालांकि गुलशन को रिहा नहीं किया गया। एक महीने बाद 22 जुलाई 1993 को फर्जी एनकाउंटर में उनकी हत्या कर दी गई। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें बताए बिना उनके बेटे के शव का अंतिम संस्कार कर दिया। मामले में 32 लोगों की गवाही हुई सीबीआई की जांच रिपोर्ट यह बात साफ हो चुकी है कि गुरबचन सिंह, जो उस समय सब-इंस्पेक्टर थे और वह तरनतारन (शहर) पुलिस स्टेशन में एसएचओ के रूप में तैनात थे। उन्होंने गुलशन कुमार को अवैध हिरासत में रखा था। इस मामले में सुनवाई के दौरान अर्जुन सिंह, दविंदर सिंह और बलबीर सिंह की मृत्यु हो गई है। इसके अलावा इस मामले में 32 गवाहों का हवाला दिया गया था। लेकिन मामले में 15 लोगों की गवाही हुई। मामले के शिकायतकर्ता चमन लाल की भी मौत हो गई है।