स्कूल में छुट्‌टी हो जाएगी, इसलिए छात्र को मार डाला:हाथरस में 8वीं के छात्र का कबूलनामा, 2 और बच्चों को मारने की कोशिश की थी

स्कूल में छुट्‌टी हो जाएगी, इसलिए छात्र को मार डाला:हाथरस में 8वीं के छात्र का कबूलनामा, 2 और बच्चों को मारने की कोशिश की थी

हाथरस के डीएल पब्लिक स्कूल में कक्षा 2 में पढ़ने वाले कृतार्थ को उसके सीनियर छात्र ने अंगोछे से गला घोंटकर मारा था। पुलिस के मुताबिक, आरोपी छात्र का स्कूल में मन नहीं लग रहा था। वह छुट्टी चाहता था। इसलिए उसने ही कृतार्थ की हत्या कर दी। उसने दो और बच्चों को भी मारने का प्रयास किया था, लेकिन सफल नहीं हुआ। कृतार्थ की हत्या के 4 दिन पहले हॉस्टल की सीढ़ियों पर लगे CCTV भी तोड़ दिए थे। आरोपी छात्र मथुरा का रहने वाला है। उसके पिता मथुरा में दुकानों पर केक आदि की सप्लाई करते हैं। उसके दो भाई भी इसी स्कूल में पढ़ते हैं। पुलिस ने गुपचुप तरीके से उसे 16 दिसंबर को हिरासत में लेने के बाद बाल सुधार गृह भेज दिया। इधर, कृतार्थ के परिजनों ने पुलिस की कहानी को झूठा करार दिया। उनका कहना है कि स्कूल मैनेजर दिनेश बघेल इस मामले में पूरी तरह से दोषी था। उसकी गाड़ी में बच्चे की डेडबॉडी मिली थी। पहले पढ़िए आरोपी छात्र का कबूलनामा…
आरोपी छात्र ने पुलिस को बताया- मैंने 2024 में कक्षा 8 में प्रवेश लिया था। मैं और मेरे दो भाई भी इसी स्कूल के आवासीय हॉस्टल में रहकर पढ़ते थे। मेरा यहां एक भी दिन मन नहीं लग रहा था, मैं चाहता था कि कैसे भी मैं यहां से अपने घर चला जाऊं। मैंने मोबाइल पर देखा था कि अगर किसी स्कूल में बच्चे की मौत हो जाती है, तो स्कूल कई दिनों के लिए बंद हो जाता है। बस मेरे दिमाग में भी यही प्लान आने लगे। मैंने सोचा कि अगर किसी छोटी क्लास के बच्चे का गला दबा दूंगा तो किसी को पता भी नहीं चलेगा और वह शोर भी नहीं मचा सकेगा। मैंने यह बात हॉस्टल में रहने वाले राजस्थान के बच्चों को भी बताई थी। लेकिन उन्होंने मजाक में ले लिया था। लेकिन मैं मौके की फिराक में लग गया। लाल रंग के अंगोछे से गला घोटा
छात्र ने बताया- 22 सितंबर को सभी बच्चे हॉल में सो रहे थे। मेरा छोटा भाई और कृतार्थ फर्श पर गद्दा लगाकर सोए हुए थे। मैं भी उसी हॉल में था। जब देखा कि सभी सो गए हैं, तो मैं अपने बिस्तर से उठा और कृतार्थ के पास जाकर लेट गया। कृतार्थ कुछ देर के लिए तड़पा…फिर शांत हो गया
मेरे पास लाल रंग का अंगोछा था। मैने धीरे-धीरे से अंगोछा कृतार्थ के गले में कस दिया। बाद में पूरी ताकत लगाकर खींच दिया। कृतार्थ कुछ देर के लिए तड़पा और फिर शांत हो गया। इसी दौरान मैंने देखा कि एक बच्चा पेशाब करने के लिए उठा तो, मैं खामोश होकर कृतार्थ के पास लेट गया। जब बच्चा अपने बिस्तर पर जाकर लेट गया, तो मैं भी कृतार्थ के पास से उठा और वापस अपने बिस्तर पर चला गया। 4 दिन पहले तोड़ दिए थे CCTV
आरोपी ने पुलिस पूछताछ में बताया, वारदात से 4 दिन पहले मैंने अपने कमरे की दीवार की सीढ़ियों पर लगे CCTV कैमरे के तार तोड़ दिए थे। ऐसा करते हुए मुझे एक लड़के ने देख लिया था। मैंने उसे ये कहकर डरा दिया था कि अगर तूने किसी से कहा तो तुझे मैं मार दूंगा। डर की वजह से उसने ये बात किसी को नहीं बताई। पहले दो और छात्रों को मारने का किया प्रयास
कृतार्थ की हत्या से करीब तीन महीने पहले आरोपी किशोर ने दो छात्रों को मारने का प्रयास किया था। पुलिस ने चार्जशीट में ये दावा किया है। आरोपी के मुताबिक, जब मैंने एक छात्र का गला दबाया तो वो उठकर बैठ गया। मैं तुरंत कमरे से बाहर निकल गया और इस बारे में किसी को पता नहीं चला। इस तरह ये मामला दब गया। स्कूल के पीछे फेंका अंगोछा
आरोपी छात्र ने कबूला है कि जिस अंगोछे से कृतार्थ का गला घोंटा था, उसे मेंहदी के पेड़ों की तरफ फेंक दिया। कुछ घंटों बाद मैं वो अंगोछा वहां से हाथ में लपेट कर उठा लाया और कमरे में रख दिया। इसके बाद मैंने वो अंगोछा फिर से स्कूल के पीछे की तरफ फेंक दिया। 16 दिसंबर, 2024 को पुलिस ने आरोपी छात्र की निशानदेही पर इस अंगोछे की बरामदगी भी दिखाई है। अब जानिए पूरा मामला… हाथरस में चंदपा के चुरसेन निवासी 11 साल का कृतार्थ सहपऊ क्षेत्र के रसगवां गांव के डीएल पब्लिक आवासीय स्कूल में कक्षा 2 में पढ़ता था। वह स्कूल के ही हॉस्टल में रहता था। पिता श्रीकृष्ण सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। 22 सितंबर की रात स्कूल के हॉस्टल में कृतार्थ की हत्या कर दी गई। अगले दिन उसके परिवार के लोगों को स्कूल के प्रबंधक दिनेश बघेल ने सूचना दी कि कृतार्थ की तबीयत खराब है। जब परिजन हॉस्टल पहुंचे तो वहां कृतार्थ नहीं मिला। परिजनों ने फोन पर प्रबंधक दिनेश बघेल से कृतार्थ के बारे में पूछा तो उन्होंने गुमराह किया। वह कहते रहे कि कृतार्थ को इलाज के लिए ले जाया गया है। कुछ देर बाद पुलिस की मदद से इन लोगों ने सादाबाद के पास दिनेश बघेल को उसकी गाड़ी समेत पकड़ लिया। गाड़ी में कृतार्थ की डेडबॉडी थी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में गला दबाने की पुष्टि
शव को पुलिस ने वहीं से पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। इसके बाद कृतार्थ के परिजनों ने थाने में हंगामा किया। गाड़ी में भी तोड़फोड़ की। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि कृतार्थ का गला दबाकर हत्या की गई थी। उसके गले पर चोट के निशान थे। कृतार्थ के पिता श्रीकृष्ण ने दिनेश बघेल सहित 5 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। तंत्र-मंत्र के चक्कर में हत्या की बात सामने आई थी
पुलिस ने मामले में स्कूल प्रबंधक समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया। जिसमें सादाबाद निवासी प्रधानाचार्य रामप्रकाश सोलंकी, गांव रसगवां निवासी स्कूल प्रबंधक दिनेश बघेल, उसके पिता जशोधन सिंह उर्फ भगत जी, जिला मथुरा थाना बल्देव के गांव बढ़ा लहरोली घाट निवासी स्कूल टीचर लक्ष्मण सिंह और हाथरस के गांव बंका निवासी वीरपाल सिंह उर्फ वीरू शामिल हैं। उस वक्त पुलिस ने कहा कि स्कूल प्रबंधक दिनेश बघेल के पिता जशोधन उर्फ भगत तंत्र-मंत्र करते थे। तंत्र-मंत्र और बलि देने के चक्कर में उन्होंने छात्र कृतार्थ की हत्या कर दी। जशोधन और दिनेश को विश्वास था कि तंत्र-मंत्र और बलि देने से स्कूल और काम-धंधा में तरक्की होगी। अब पुलिस ने स्कूल प्रबंधक को सबूत मिटाने का आरोपी माना
पुलिस ने स्कूल के प्रबंधक, उसके पिता समेत पांचों आरापियों को हत्या का दोषी नहीं माना है। पुलिस ने पांच दिन पहले कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में आरोपियों को क्लीन चिट दी है। पुलिस ने पांचों आरोपियों को सिर्फ सबूत मिटाने और अपराध की सूचना नहीं देने का दोषी माना है। पांचों आरोपियों को मंगलवार को जमानत मिल गई। अभी इनकी जेल से रिहाई नहीं हुई है, क्योंकि स्कूल प्रबंधक पर बिना अनुमति के आवासीय विद्यालय संचालित करने का भी आरोप है। बीएसए ने इसमें मुकदमा दर्ज कराया था। तो स्कूल मैनेजर की गाड़ी में कृतार्थ की लाश कैसे मिली? आरोपी छात्र ने पुलिस को बताया, 23 सितंबर की सुबह करीब 5 बजे रोजाना की तरह प्रिंसिपल लक्ष्मण सिंह बच्चों को जगाने आए। कृतार्थ नहीं जगा था। हमारे इसी हॉस्टल वाले कमरे में उस रात को राम प्रकाश सोलंकी मास्टर भी लेटे थे। प्रिंसिपल लक्ष्मण सिंह व सोलंकी सर ने कृतार्थ को देखा, लेकिन वह नहीं बोला, तब प्रिंसिपल सर ने एमडी (प्रबंधक) सर को फोन किया। वह आए और लक्ष्मण सर, एमडी सर कृतार्थ को ले गए। इसलिए पुलिस को प्रबंधक की गाड़ी में कृतार्थ की लाश मिली। आरोपी छात्र के पिता बोले- मेरा बेटा हत्या क्यों करेगा?
पुलिस ने जिस छात्र को आरोपी बनाया है, वह मथुरा का रहने वाला है। घटना से तीन माह पहले ही उसने स्कूल में कक्षा 8 में दाखिला लिया था। जांच में यह बात सामने आई कि आरोपी छात्र अक्सर कहता था कि यदि स्कूल में किसी की मौत हो जाए तो उसे छुट्टी मिलेगी या नहीं। इसी चक्कर में उसने छात्र कृतार्थ की हत्या कर दी। आरोपी छात्र के पिता का कहना है कि उसके बेटे को पुलिस 16 दिसंबर को घर से उठा ले गई। फिर उसे बाल सुधार गृह भेज दिया गया। बेटे को पुलिस ने गलत फंसा दिया है। बेटा आखिर हत्या क्यों करेगा, वह भी केवल छुट्टियों के लिए। पुलिस ने पूरा दोष बेटे पर मढ़ दिया है। उसकी आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं है। वह दुकानों पर केक, पेटीज की सप्लाई करता है। परिजन बोले- पुलिस की कहानी झूठी
कृतार्थ के ताऊ घनश्याम का कहना है कि पुलिस ने झूठी कहानी रच दी है। प्रबंधक दिनेश बघेल इस मामले में पूरी तरह से दोषी है। उसकी गाड़ी में बच्चे की डेड बॉडी मिली थी। फिर भी पुलिस ने उसे हत्या के आरोप से मुक्त कर दिया। वह इस मामले में हाईकोर्ट जाएंगे। प्रबंधक दिनेश बघेल की पत्नी पुष्पा का कहना है कि उन्हें न्यायपालिका पर भरोसा है। उनके पति, ससुर और अन्य अध्यापकों ने हत्या नहीं की थी। इसलिए इन्हें जमानत मिली है। अभियुक्त पूरी तरह से निर्दोष…
इस मामले में बचाव पक्ष की अधिवक्ता पार्थ गौतम ने बताया- अभियुक्तगण पूरी तरह से निर्दोष हैं। पुलिस ने जो आरोप पत्र दाखिल किया है। उसको हाईाकोर्ट में चुनौती याचिका दायर की जाएगी। अभी हम इन आरोपों से भी संतुष्ट नहीं हैं। पुलिस द्वारा उपरोक्त मामले में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की जानी थी। कृतार्थ हत्याकांड में कब-क्या हुआ…. 23 सितंबर – कृतार्थ की हत्या में प्रबंधक दिनेश बघेल व 4-5 अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ दर्ज हुआ था मुकदमा। 24 सितंबर- पोस्टमॉर्टम में कृतार्थ की गला दबाकर हत्या की हुई थी पुष्टि। 26 सितंबर – हत्या में आरोपी में दिनेश बघेल, उसके पिता जसोदन उर्फ भगत जी, राम प्रकाश सोलंकी, लक्ष्मण सिंह , वीरपाल को गिरफ्तार किया गया। 16 दिसंबर- इस मामले में बाल अपचारी को आरोपी बनाते हुए पुलिस ने गिरफ्तार किया। 23 दिसंबर – सहपऊ पुलिस ने कृतार्थ की हत्या में न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया। इस आरोप पत्र में स्कूल के कक्षा 8 के 13 वर्षीय छात्र को घटना का मुख्य आरोपी बनाया और कारागार में निरुद्ध पांचों आरोपियों पर साक्ष्य विलोपन का आरोप लगाया। अन्य धाराओं हटा दिया। 23 दिसंबर – न्यायालय ने आरोप पत्र का संज्ञान लिया। 24 दिसंबर – कृतार्थ हत्याकांड में गिरफ्तार पांचों आरोपियों को जमानत दी गई। —————————————– इसी से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें… हाथरस में बच्चे की बलि या पीट-पीटकर मार दिया:पिता बोले- मर्डर हुआ, बच्चों ने बताया- टीचर डंडे से मारते, गला दबाते हैं ‘दिनेश सर बच्चों को बहुत मारते हैं। दिनेश सर का भांजा भी हमारे हॉस्टल में ही रहता था। उसने तो एक बार रस्सी से मेरा गला दबाया था। मेरा दोस्त कृतार्थ शरारती था, इसलिए दिनेश सर और यशोधन सर उसे बहुत पीटते थे।’ ये बात कह रहे संजय (बदला हुआ नाम) की उम्र सिर्फ 10 साल है। वो हाथरस के रसगवां गांव में उसी डीएल पब्लिक स्कूल में पढ़ता है, जहां 23 सितंबर को कृतार्थ नाम के बच्चे की मौत हो गई। संजय स्कूल के हॉस्टल में कृतार्थ के साथ ही रहता था। कृतार्थ की मौत से दो दिन पहले घर चला गया था। पूरी खबर पढ़ें हाथरस हत्याकांड, तांत्रिक स्कूल मैनेजर समेत 5 को क्लीन चिट:पुलिस ने कहा- 8वीं के छात्र ने कत्ल किया; स्कूल में छुट्टी कराना चाहता था हाथरस के कृतार्थ हत्याकांड में नया मोड़ आ गया है। पुलिस ने चार्जशीट में डीएल पब्लिक स्कूल के प्रबंधक और उनके पिता समेत 5 आरोपियों को क्लीन चिट दे दी। उन्हें सिर्फ सबूत मिटाने और अपराध की सूचना न देने का दोषी माना है। जबकि स्कूल के ही कक्षा 8 के एक छात्र को हत्या का आरोपी बनाया गया। पढ़ें पूरी खबर… हाथरस के डीएल पब्लिक स्कूल में कक्षा 2 में पढ़ने वाले कृतार्थ को उसके सीनियर छात्र ने अंगोछे से गला घोंटकर मारा था। पुलिस के मुताबिक, आरोपी छात्र का स्कूल में मन नहीं लग रहा था। वह छुट्टी चाहता था। इसलिए उसने ही कृतार्थ की हत्या कर दी। उसने दो और बच्चों को भी मारने का प्रयास किया था, लेकिन सफल नहीं हुआ। कृतार्थ की हत्या के 4 दिन पहले हॉस्टल की सीढ़ियों पर लगे CCTV भी तोड़ दिए थे। आरोपी छात्र मथुरा का रहने वाला है। उसके पिता मथुरा में दुकानों पर केक आदि की सप्लाई करते हैं। उसके दो भाई भी इसी स्कूल में पढ़ते हैं। पुलिस ने गुपचुप तरीके से उसे 16 दिसंबर को हिरासत में लेने के बाद बाल सुधार गृह भेज दिया। इधर, कृतार्थ के परिजनों ने पुलिस की कहानी को झूठा करार दिया। उनका कहना है कि स्कूल मैनेजर दिनेश बघेल इस मामले में पूरी तरह से दोषी था। उसकी गाड़ी में बच्चे की डेडबॉडी मिली थी। पहले पढ़िए आरोपी छात्र का कबूलनामा…
आरोपी छात्र ने पुलिस को बताया- मैंने 2024 में कक्षा 8 में प्रवेश लिया था। मैं और मेरे दो भाई भी इसी स्कूल के आवासीय हॉस्टल में रहकर पढ़ते थे। मेरा यहां एक भी दिन मन नहीं लग रहा था, मैं चाहता था कि कैसे भी मैं यहां से अपने घर चला जाऊं। मैंने मोबाइल पर देखा था कि अगर किसी स्कूल में बच्चे की मौत हो जाती है, तो स्कूल कई दिनों के लिए बंद हो जाता है। बस मेरे दिमाग में भी यही प्लान आने लगे। मैंने सोचा कि अगर किसी छोटी क्लास के बच्चे का गला दबा दूंगा तो किसी को पता भी नहीं चलेगा और वह शोर भी नहीं मचा सकेगा। मैंने यह बात हॉस्टल में रहने वाले राजस्थान के बच्चों को भी बताई थी। लेकिन उन्होंने मजाक में ले लिया था। लेकिन मैं मौके की फिराक में लग गया। लाल रंग के अंगोछे से गला घोटा
छात्र ने बताया- 22 सितंबर को सभी बच्चे हॉल में सो रहे थे। मेरा छोटा भाई और कृतार्थ फर्श पर गद्दा लगाकर सोए हुए थे। मैं भी उसी हॉल में था। जब देखा कि सभी सो गए हैं, तो मैं अपने बिस्तर से उठा और कृतार्थ के पास जाकर लेट गया। कृतार्थ कुछ देर के लिए तड़पा…फिर शांत हो गया
मेरे पास लाल रंग का अंगोछा था। मैने धीरे-धीरे से अंगोछा कृतार्थ के गले में कस दिया। बाद में पूरी ताकत लगाकर खींच दिया। कृतार्थ कुछ देर के लिए तड़पा और फिर शांत हो गया। इसी दौरान मैंने देखा कि एक बच्चा पेशाब करने के लिए उठा तो, मैं खामोश होकर कृतार्थ के पास लेट गया। जब बच्चा अपने बिस्तर पर जाकर लेट गया, तो मैं भी कृतार्थ के पास से उठा और वापस अपने बिस्तर पर चला गया। 4 दिन पहले तोड़ दिए थे CCTV
आरोपी ने पुलिस पूछताछ में बताया, वारदात से 4 दिन पहले मैंने अपने कमरे की दीवार की सीढ़ियों पर लगे CCTV कैमरे के तार तोड़ दिए थे। ऐसा करते हुए मुझे एक लड़के ने देख लिया था। मैंने उसे ये कहकर डरा दिया था कि अगर तूने किसी से कहा तो तुझे मैं मार दूंगा। डर की वजह से उसने ये बात किसी को नहीं बताई। पहले दो और छात्रों को मारने का किया प्रयास
कृतार्थ की हत्या से करीब तीन महीने पहले आरोपी किशोर ने दो छात्रों को मारने का प्रयास किया था। पुलिस ने चार्जशीट में ये दावा किया है। आरोपी के मुताबिक, जब मैंने एक छात्र का गला दबाया तो वो उठकर बैठ गया। मैं तुरंत कमरे से बाहर निकल गया और इस बारे में किसी को पता नहीं चला। इस तरह ये मामला दब गया। स्कूल के पीछे फेंका अंगोछा
आरोपी छात्र ने कबूला है कि जिस अंगोछे से कृतार्थ का गला घोंटा था, उसे मेंहदी के पेड़ों की तरफ फेंक दिया। कुछ घंटों बाद मैं वो अंगोछा वहां से हाथ में लपेट कर उठा लाया और कमरे में रख दिया। इसके बाद मैंने वो अंगोछा फिर से स्कूल के पीछे की तरफ फेंक दिया। 16 दिसंबर, 2024 को पुलिस ने आरोपी छात्र की निशानदेही पर इस अंगोछे की बरामदगी भी दिखाई है। अब जानिए पूरा मामला… हाथरस में चंदपा के चुरसेन निवासी 11 साल का कृतार्थ सहपऊ क्षेत्र के रसगवां गांव के डीएल पब्लिक आवासीय स्कूल में कक्षा 2 में पढ़ता था। वह स्कूल के ही हॉस्टल में रहता था। पिता श्रीकृष्ण सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। 22 सितंबर की रात स्कूल के हॉस्टल में कृतार्थ की हत्या कर दी गई। अगले दिन उसके परिवार के लोगों को स्कूल के प्रबंधक दिनेश बघेल ने सूचना दी कि कृतार्थ की तबीयत खराब है। जब परिजन हॉस्टल पहुंचे तो वहां कृतार्थ नहीं मिला। परिजनों ने फोन पर प्रबंधक दिनेश बघेल से कृतार्थ के बारे में पूछा तो उन्होंने गुमराह किया। वह कहते रहे कि कृतार्थ को इलाज के लिए ले जाया गया है। कुछ देर बाद पुलिस की मदद से इन लोगों ने सादाबाद के पास दिनेश बघेल को उसकी गाड़ी समेत पकड़ लिया। गाड़ी में कृतार्थ की डेडबॉडी थी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में गला दबाने की पुष्टि
शव को पुलिस ने वहीं से पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। इसके बाद कृतार्थ के परिजनों ने थाने में हंगामा किया। गाड़ी में भी तोड़फोड़ की। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि कृतार्थ का गला दबाकर हत्या की गई थी। उसके गले पर चोट के निशान थे। कृतार्थ के पिता श्रीकृष्ण ने दिनेश बघेल सहित 5 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। तंत्र-मंत्र के चक्कर में हत्या की बात सामने आई थी
पुलिस ने मामले में स्कूल प्रबंधक समेत पांच लोगों को गिरफ्तार किया। जिसमें सादाबाद निवासी प्रधानाचार्य रामप्रकाश सोलंकी, गांव रसगवां निवासी स्कूल प्रबंधक दिनेश बघेल, उसके पिता जशोधन सिंह उर्फ भगत जी, जिला मथुरा थाना बल्देव के गांव बढ़ा लहरोली घाट निवासी स्कूल टीचर लक्ष्मण सिंह और हाथरस के गांव बंका निवासी वीरपाल सिंह उर्फ वीरू शामिल हैं। उस वक्त पुलिस ने कहा कि स्कूल प्रबंधक दिनेश बघेल के पिता जशोधन उर्फ भगत तंत्र-मंत्र करते थे। तंत्र-मंत्र और बलि देने के चक्कर में उन्होंने छात्र कृतार्थ की हत्या कर दी। जशोधन और दिनेश को विश्वास था कि तंत्र-मंत्र और बलि देने से स्कूल और काम-धंधा में तरक्की होगी। अब पुलिस ने स्कूल प्रबंधक को सबूत मिटाने का आरोपी माना
पुलिस ने स्कूल के प्रबंधक, उसके पिता समेत पांचों आरापियों को हत्या का दोषी नहीं माना है। पुलिस ने पांच दिन पहले कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में आरोपियों को क्लीन चिट दी है। पुलिस ने पांचों आरोपियों को सिर्फ सबूत मिटाने और अपराध की सूचना नहीं देने का दोषी माना है। पांचों आरोपियों को मंगलवार को जमानत मिल गई। अभी इनकी जेल से रिहाई नहीं हुई है, क्योंकि स्कूल प्रबंधक पर बिना अनुमति के आवासीय विद्यालय संचालित करने का भी आरोप है। बीएसए ने इसमें मुकदमा दर्ज कराया था। तो स्कूल मैनेजर की गाड़ी में कृतार्थ की लाश कैसे मिली? आरोपी छात्र ने पुलिस को बताया, 23 सितंबर की सुबह करीब 5 बजे रोजाना की तरह प्रिंसिपल लक्ष्मण सिंह बच्चों को जगाने आए। कृतार्थ नहीं जगा था। हमारे इसी हॉस्टल वाले कमरे में उस रात को राम प्रकाश सोलंकी मास्टर भी लेटे थे। प्रिंसिपल लक्ष्मण सिंह व सोलंकी सर ने कृतार्थ को देखा, लेकिन वह नहीं बोला, तब प्रिंसिपल सर ने एमडी (प्रबंधक) सर को फोन किया। वह आए और लक्ष्मण सर, एमडी सर कृतार्थ को ले गए। इसलिए पुलिस को प्रबंधक की गाड़ी में कृतार्थ की लाश मिली। आरोपी छात्र के पिता बोले- मेरा बेटा हत्या क्यों करेगा?
पुलिस ने जिस छात्र को आरोपी बनाया है, वह मथुरा का रहने वाला है। घटना से तीन माह पहले ही उसने स्कूल में कक्षा 8 में दाखिला लिया था। जांच में यह बात सामने आई कि आरोपी छात्र अक्सर कहता था कि यदि स्कूल में किसी की मौत हो जाए तो उसे छुट्टी मिलेगी या नहीं। इसी चक्कर में उसने छात्र कृतार्थ की हत्या कर दी। आरोपी छात्र के पिता का कहना है कि उसके बेटे को पुलिस 16 दिसंबर को घर से उठा ले गई। फिर उसे बाल सुधार गृह भेज दिया गया। बेटे को पुलिस ने गलत फंसा दिया है। बेटा आखिर हत्या क्यों करेगा, वह भी केवल छुट्टियों के लिए। पुलिस ने पूरा दोष बेटे पर मढ़ दिया है। उसकी आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं है। वह दुकानों पर केक, पेटीज की सप्लाई करता है। परिजन बोले- पुलिस की कहानी झूठी
कृतार्थ के ताऊ घनश्याम का कहना है कि पुलिस ने झूठी कहानी रच दी है। प्रबंधक दिनेश बघेल इस मामले में पूरी तरह से दोषी है। उसकी गाड़ी में बच्चे की डेड बॉडी मिली थी। फिर भी पुलिस ने उसे हत्या के आरोप से मुक्त कर दिया। वह इस मामले में हाईकोर्ट जाएंगे। प्रबंधक दिनेश बघेल की पत्नी पुष्पा का कहना है कि उन्हें न्यायपालिका पर भरोसा है। उनके पति, ससुर और अन्य अध्यापकों ने हत्या नहीं की थी। इसलिए इन्हें जमानत मिली है। अभियुक्त पूरी तरह से निर्दोष…
इस मामले में बचाव पक्ष की अधिवक्ता पार्थ गौतम ने बताया- अभियुक्तगण पूरी तरह से निर्दोष हैं। पुलिस ने जो आरोप पत्र दाखिल किया है। उसको हाईाकोर्ट में चुनौती याचिका दायर की जाएगी। अभी हम इन आरोपों से भी संतुष्ट नहीं हैं। पुलिस द्वारा उपरोक्त मामले में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की जानी थी। कृतार्थ हत्याकांड में कब-क्या हुआ…. 23 सितंबर – कृतार्थ की हत्या में प्रबंधक दिनेश बघेल व 4-5 अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ दर्ज हुआ था मुकदमा। 24 सितंबर- पोस्टमॉर्टम में कृतार्थ की गला दबाकर हत्या की हुई थी पुष्टि। 26 सितंबर – हत्या में आरोपी में दिनेश बघेल, उसके पिता जसोदन उर्फ भगत जी, राम प्रकाश सोलंकी, लक्ष्मण सिंह , वीरपाल को गिरफ्तार किया गया। 16 दिसंबर- इस मामले में बाल अपचारी को आरोपी बनाते हुए पुलिस ने गिरफ्तार किया। 23 दिसंबर – सहपऊ पुलिस ने कृतार्थ की हत्या में न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया। इस आरोप पत्र में स्कूल के कक्षा 8 के 13 वर्षीय छात्र को घटना का मुख्य आरोपी बनाया और कारागार में निरुद्ध पांचों आरोपियों पर साक्ष्य विलोपन का आरोप लगाया। अन्य धाराओं हटा दिया। 23 दिसंबर – न्यायालय ने आरोप पत्र का संज्ञान लिया। 24 दिसंबर – कृतार्थ हत्याकांड में गिरफ्तार पांचों आरोपियों को जमानत दी गई। —————————————– इसी से जुड़ी यह खबर भी पढ़ें… हाथरस में बच्चे की बलि या पीट-पीटकर मार दिया:पिता बोले- मर्डर हुआ, बच्चों ने बताया- टीचर डंडे से मारते, गला दबाते हैं ‘दिनेश सर बच्चों को बहुत मारते हैं। दिनेश सर का भांजा भी हमारे हॉस्टल में ही रहता था। उसने तो एक बार रस्सी से मेरा गला दबाया था। मेरा दोस्त कृतार्थ शरारती था, इसलिए दिनेश सर और यशोधन सर उसे बहुत पीटते थे।’ ये बात कह रहे संजय (बदला हुआ नाम) की उम्र सिर्फ 10 साल है। वो हाथरस के रसगवां गांव में उसी डीएल पब्लिक स्कूल में पढ़ता है, जहां 23 सितंबर को कृतार्थ नाम के बच्चे की मौत हो गई। संजय स्कूल के हॉस्टल में कृतार्थ के साथ ही रहता था। कृतार्थ की मौत से दो दिन पहले घर चला गया था। पूरी खबर पढ़ें हाथरस हत्याकांड, तांत्रिक स्कूल मैनेजर समेत 5 को क्लीन चिट:पुलिस ने कहा- 8वीं के छात्र ने कत्ल किया; स्कूल में छुट्टी कराना चाहता था हाथरस के कृतार्थ हत्याकांड में नया मोड़ आ गया है। पुलिस ने चार्जशीट में डीएल पब्लिक स्कूल के प्रबंधक और उनके पिता समेत 5 आरोपियों को क्लीन चिट दे दी। उन्हें सिर्फ सबूत मिटाने और अपराध की सूचना न देने का दोषी माना है। जबकि स्कूल के ही कक्षा 8 के एक छात्र को हत्या का आरोपी बनाया गया। पढ़ें पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर