स्नेचिंग के मामले में एडिशनल सेशन कोर्ट के जज शिव मोहन गर्ग की तरफ से आरोपी कुलविंदर सिंह उर्फ किंदा को पांच साल के कारावास की सजा सुनाई है। मामला साल 2016 में थाना साहनेवाल में दर्ज किया गया था। जिसमें शिकायतकर्ता सर्वोत्तम सिंह ने कहा कि वह थाने के सामने ही होटल चलाता है। घटना वाले दिन वो रामगढ़ एक रैली के सम्बन्ध में गया था। तभी सनराइज पैलेस के बाहर खड़े होकर उसने अपने पर्स में से पैसे निकाल अपने भाई को देने लगा तो दो लड़के मोटरसाइकिल पर आए। जो उससे पर्स छीन कर भाग गए। उस समय पर्स में 17 हज़ार रुपये और पैन कार्ड था। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच के दौरान दो लड़कों सोबित कुमार और कुलविंदर सिंह किन्दा को गिरफ्तार कर उनसे 17 हज़ार रिकवर किए। फिर अदालत में चालान पेश करने पर सोबित को अक्टूबर 2017 मे पांच साल की सजा हुई, जबकि किन्दा कोर्ट से गैर हाजिर होने पर भगोड़ा करार कर दिया गया। बाद में पुलिस ने उसे पकड़ दोबारा से चालान पेश किया। फिर उसे सजा सुनाई गई। स्नेचिंग के मामले में एडिशनल सेशन कोर्ट के जज शिव मोहन गर्ग की तरफ से आरोपी कुलविंदर सिंह उर्फ किंदा को पांच साल के कारावास की सजा सुनाई है। मामला साल 2016 में थाना साहनेवाल में दर्ज किया गया था। जिसमें शिकायतकर्ता सर्वोत्तम सिंह ने कहा कि वह थाने के सामने ही होटल चलाता है। घटना वाले दिन वो रामगढ़ एक रैली के सम्बन्ध में गया था। तभी सनराइज पैलेस के बाहर खड़े होकर उसने अपने पर्स में से पैसे निकाल अपने भाई को देने लगा तो दो लड़के मोटरसाइकिल पर आए। जो उससे पर्स छीन कर भाग गए। उस समय पर्स में 17 हज़ार रुपये और पैन कार्ड था। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच के दौरान दो लड़कों सोबित कुमार और कुलविंदर सिंह किन्दा को गिरफ्तार कर उनसे 17 हज़ार रिकवर किए। फिर अदालत में चालान पेश करने पर सोबित को अक्टूबर 2017 मे पांच साल की सजा हुई, जबकि किन्दा कोर्ट से गैर हाजिर होने पर भगोड़ा करार कर दिया गया। बाद में पुलिस ने उसे पकड़ दोबारा से चालान पेश किया। फिर उसे सजा सुनाई गई। पंजाब | दैनिक भास्कर
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केंद्र सरकार का पंजाब काे झटका:कर्ज सीमा में 16477 करोड़ की कटौती , बिजली सब्सिडी बनी रुकावट केंद्र सरकार का पंजाब को झटका दिया है। केंद्र ने पंजाब की चालू वित्तीय वर्ष की कर्ज सीमा में कटौती की है। यह कटौती 16,477 करोड़ रुपए की गई है। वित्त मंत्रालय ने इस संबंध में भारतीय रिजर्व बैंक के जनरल मैनेजर को पत्र लिखा है। पहले नौ महीनों के लिए 21,905 करोड़ रुपए की कर्ज सीमा को मंजूरी दी गई थी। बिजली सब्सिडी को न चुकाना इसकी मुख्य वजह बताई गई है। इस हिसाब से कटौती की गई केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने पंजाब के लिए वर्ष 2025-26 के लिए समूची कर्ज सीमा का खाका तैयार किया है। इसके अनुसार, इस चालू वर्ष में राज्य 51,176.40 करोड़ रुपए का कर्ज उठा सकता है। इस हिसाब से नौ महीनों के लिए कर्ज सीमा 38,362 करोड़ रुपए निर्धारित की गई है, लेकिन मंजूरी केवल 21,905 करोड़ रुपए की दी गई है। इससे स्पष्ट है कि नौ महीनों के लिए 16,477 करोड़ रुपए की कटौती की गई है। 49,900 करोड़ कर्ज लेने की बात केंद्रीय वित्त मंत्रालय द्वारा कर्ज सीमा में की गई कटौती के कई कारण बताए गए हैं, जिनमें से एक कारण 31 मार्च 2024 तक बिजली सब्सिडी का न चुकाना है। हालांकि, पंजाब के बजट के अनुसार चालू वित्तीय वर्ष में 49,900 करोड़ रुपए का कर्ज लेने की बात कही गई थी। पंजाब पर 31 मार्च 2026 तक कुल कर्ज 4.17 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान है। पिछले तीन वर्षों में मौजूदा सरकार ने 1.32 लाख करोड़ रुएए का कर्ज उठाया है, जबकि विरासत में मिला कर्ज पहले से ही एक समस्या बना हुआ है। राज्य सरकार ने मौजूदा वित्तीय वर्ष के दौरान ₹1.11 लाख करोड़ का राजस्व लक्ष्य रखा है, जबकि खर्च ₹1.36 लाख करोड़ है।

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