लुधियाना डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन के कोच पर खिलाड़ी के साथ जातिवाचक शब्द बोलकर उसे ग्राउंड से बाहर निकालने के मामले में थाना सलेम टाबरी में पर्चा दर्ज किया है। जिसमें शिकायतकर्ता सोहन बगन ने बताया कि वह अंकुर कक्कड़ पुत्र हरि किशन वासी बीआरएस नगर के पास साल 2022 से क्रिकेट खेलता आ रहा है। वह अक्सर ही उसे गलियां देता रहता था। इसके साथ ही मैच में उसके साथ भेदभाव भी करता था। कोच के व्यवहार से परेशान होकर एक दिन उसने जब पलटकर जबाव दिया तो कोच अंकुर कक्कड़ ने उसे नीची जात को लेकर अपशब्द बोले और उसका अपमान करते हुए ग्राउंड से बाहर निकाल दिया। इसके बाद पुलिस ने उक्त मामले की गहराई से जांच की गई और जांच करने के बाद थाना सलेम टाबरी की पुलिस ने 0 नंबर एफआईआर दर्ज करके आगे की कार्रवाई करने के लिए थाना सिटी कुराली जिला मोहाली में भेज दी गई है। लुधियाना डिस्ट्रिक्ट क्रिकेट एसोसिएशन के कोच पर खिलाड़ी के साथ जातिवाचक शब्द बोलकर उसे ग्राउंड से बाहर निकालने के मामले में थाना सलेम टाबरी में पर्चा दर्ज किया है। जिसमें शिकायतकर्ता सोहन बगन ने बताया कि वह अंकुर कक्कड़ पुत्र हरि किशन वासी बीआरएस नगर के पास साल 2022 से क्रिकेट खेलता आ रहा है। वह अक्सर ही उसे गलियां देता रहता था। इसके साथ ही मैच में उसके साथ भेदभाव भी करता था। कोच के व्यवहार से परेशान होकर एक दिन उसने जब पलटकर जबाव दिया तो कोच अंकुर कक्कड़ ने उसे नीची जात को लेकर अपशब्द बोले और उसका अपमान करते हुए ग्राउंड से बाहर निकाल दिया। इसके बाद पुलिस ने उक्त मामले की गहराई से जांच की गई और जांच करने के बाद थाना सलेम टाबरी की पुलिस ने 0 नंबर एफआईआर दर्ज करके आगे की कार्रवाई करने के लिए थाना सिटी कुराली जिला मोहाली में भेज दी गई है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब में 20 महीनों तक सिर्फ कागजों पर रहा विभाग:मंत्री धालीवाल के पास न कार्यालय, न कर्मचारी, न सचिव; विपक्ष बोला- रिमोट से चल रही सरकार पंजाब सरकार की ओर से कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल को 20 महीने के लिए वह विभाग सौंप दिया गया, जो असल में था ही नहीं। न तो उन्हें विभाग मिला और न ही विभाग को कमरा मिला। इस विभाग में न तो कोई नौकर है और न ही कोई सचिव। न ही इस विभाग में कभी कोई मीटिंग हुई है। खुद मंत्री भी इसकी तलाश में रहे। लेकिन जैसे ही यह मामला सरकारी उच्च अधिकारियों के संज्ञान में आया तो सरकार ने इसके लिए नोटिफिकेशन जारी कर दिया। पंजाब सरकार ने इसके लिए बाकायदा सरकारी गजट नोटिफिकेशन जारी किया। जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, प्रशासनिक सुधार विभाग अब अस्तित्व में नहीं है, जिसके बाद पंजाब के राज्यपाल ने मुख्यमंत्री की सलाह पर 7 फरवरी 2025 से यह बदलाव प्रभावी कर दिया है। 2023 में दी गई थी विभाग की जिम्मेदारी मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल अजनाला से विधायक हैं। उनके पास पहले कृषि एवं किसान कल्याण विभाग था। जिसे सरकार ने वापस ले लिया था। इसके बाद 1 जून 2023 को उनके विभागों में बदलाव किए गए। इसके साथ ही एनआरआई और प्रशासनिक सुधार विभाग भी उन्हें सौंप दिया गया। पता चला है कि कुलदीप सिंह धालीवाल 20 महीने से विभाग की तलाश कर रहे थे। न तो उन्हें विभाग मिला और न ही विभाग के पास कोई कमरा था। इस गायब विभाग में न तो कोई सेवादार है और न ही कोई सचिव। न ही इस विभाग में कभी कोई मीटिंग हुई है। CM के संज्ञान में लाने के बाद की गई कार्रवाई मामला सामने आने के बाद पंजाब सरकार ने अपनी गलती सुधार ली। इसके बाद उनसे वह विभाग वापस ले लिया गया। जो असल में था ही नहीं। अब उनके पास सिर्फ एनआरआई विभाग रहेगा। हैरानी की बात यह है कि यह विभाग सिर्फ सरकारी रिकॉर्ड में ही चल रहा था। मामला सामने आते ही इसे तुरंत सीएम भगवंत मान के संज्ञान में लाया गया। साथ ही 23 सितंबर 2024 को जारी नोटिफिकेशन में संशोधन किया गया। वरिष्ठ मंत्रियों में शामिल कुलदीप सिंह धालीवाल पंजाब कैबिनेट में वरिष्ठ मंत्री हैं। साथ ही उनका राजनीतिक रसूख भी है। 2022 में जब राज्य में आम आदमी पार्टी की 92 विधायकों की मजबूत सरकार बनी तो कुलदीप सिंह धालीवाल को कृषि मंत्री बनाया गया। विपक्ष ने कसा तंज, रिमोट से चल रही है सरकार इस मामले में पंजाब कांग्रेस पार्टी के प्रमुख अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग ने तंज कसा है। उन्होंने सिर्फ एक लाइन में लिखा है कि “बदलाव क्या है”। उन्होंने ये शब्द अंग्रेजी में लिखे हैं। वहीं शिरोमणि अकाली दल की नेता और बठिंडा की सांसद हरसिमरत कौर ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट करते हुए लिखा- स्टाइल। मंत्रियों को विभाग आवंटित करना जो अस्तित्व में ही नहीं हैं और जिन्हें खुद नहीं पता कि उनके पास कौन से विभाग हैं। यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि मंत्रियों की शासन में कोई भूमिका नहीं है क्योंकि सरकार दिल्ली से रिमोट कंट्रोल से चल रही है।

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