कपूरथला | स्प्रिंगडेल्स पब्लिक स्कूल कपूरथला की प्रबंधक समिति के अध्यक्ष एडवोकेट रजत नंदा ने स्कूल के विद्यार्थियों को यातायात के नए नियमों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कम उम्र के विद्यार्थी के पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस न होने की स्थिति में जुर्माने तथा सजा के बारे में विस्तार से बताया। पुलिस 25000 रुपये का जुर्माना लगाएगी तथा वाहन जिसके नाम पर पंजीकृत है, उसे 3 साल तक की सजा हो सकती है। प्रिंसिपल दीपाली नंदा ने विद्यार्थियों से साइकिल का उपयोग करने का आग्रह किया, क्योंकि साइकिल का उपयोग करने के कई लाभ हैं। यह घोषणा की गई कि अगले सप्ताह से स्कूल किसी भी कम उम्र के विद्यार्थी को ऐसे वाहन पर आने की अनुमति नहीं देगा, जिसके लिए वैध ड्राइविंग लाइसेंस उपलब्ध नहीं है। उन्होंने अभिभावकों से आग्रह किया कि वे कम उम्र के विद्यार्थियों को वाहन चलाने की अनुमति न दें, क्योंकि इससे विद्यार्थियों तथा आम जनता की जान को खतरा हो सकता है। इस अवसर पर अध्यक्ष एडवोकेट रजत नंदा, प्रिंसिपल दीपाली नंदा के अलावा संकाय सदस्य सरबजीत कौर, अर्चना, शुभम, सैजी सूद, डिंपल, अमनदीप कौर, पूजा सहगल, करणप्रीत कौर, किरण, रोली शुक्ला, सिमरन, मेघा, रजनी चोपड़ा, ईशा वर्मा, पिंकी सभरवाल उपस्थित थे। कपूरथला | स्प्रिंगडेल्स पब्लिक स्कूल कपूरथला की प्रबंधक समिति के अध्यक्ष एडवोकेट रजत नंदा ने स्कूल के विद्यार्थियों को यातायात के नए नियमों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कम उम्र के विद्यार्थी के पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस न होने की स्थिति में जुर्माने तथा सजा के बारे में विस्तार से बताया। पुलिस 25000 रुपये का जुर्माना लगाएगी तथा वाहन जिसके नाम पर पंजीकृत है, उसे 3 साल तक की सजा हो सकती है। प्रिंसिपल दीपाली नंदा ने विद्यार्थियों से साइकिल का उपयोग करने का आग्रह किया, क्योंकि साइकिल का उपयोग करने के कई लाभ हैं। यह घोषणा की गई कि अगले सप्ताह से स्कूल किसी भी कम उम्र के विद्यार्थी को ऐसे वाहन पर आने की अनुमति नहीं देगा, जिसके लिए वैध ड्राइविंग लाइसेंस उपलब्ध नहीं है। उन्होंने अभिभावकों से आग्रह किया कि वे कम उम्र के विद्यार्थियों को वाहन चलाने की अनुमति न दें, क्योंकि इससे विद्यार्थियों तथा आम जनता की जान को खतरा हो सकता है। इस अवसर पर अध्यक्ष एडवोकेट रजत नंदा, प्रिंसिपल दीपाली नंदा के अलावा संकाय सदस्य सरबजीत कौर, अर्चना, शुभम, सैजी सूद, डिंपल, अमनदीप कौर, पूजा सहगल, करणप्रीत कौर, किरण, रोली शुक्ला, सिमरन, मेघा, रजनी चोपड़ा, ईशा वर्मा, पिंकी सभरवाल उपस्थित थे। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
अकाल तख्त साहिब पर 5 जत्थेदारों की बैठक:बागी शिअद गुट की माफी पर होगा विचार, अध्यक्ष सुखबीर की बढ़ सकती हैं मुश्किलें
अकाल तख्त साहिब पर 5 जत्थेदारों की बैठक:बागी शिअद गुट की माफी पर होगा विचार, अध्यक्ष सुखबीर की बढ़ सकती हैं मुश्किलें शिरोमणि अकाली दल (SAD) के अध्यक्ष सुखबीर बादल की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। SAD बागी गुट की तरफ से श्री अकाल तख्त साहिब पर 1 जुलाई को दिए गए माफीनामे पर जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह की तरफ से सभी तख्तों के जत्थेदारों की सोमवार को बैठक बुला ली है। इस बैठक में सभी जत्थेदार मिल कर SAD बागी गुट की तरफ से दिए गए माफीनामे पर विचार करेंगे। अकाली दल के लिए भविष्य के लिए ये बैठक अहम होने जा रही है। हाशिए पर खड़े अकाली दल को लेकर सिर्फ बागी गुट ही नहीं, विरोधी पार्टियां भी चिंतित हैं। वहीं, बागी गुट खुल कर झूंदा कमेटी की सिफारिशों को लागू करने की मांग कर रहा है। इसके अलावा अकाली दल के अध्यक्ष पद से सुखबीर बादल को हटाने की मांग भी प्रबल होती जा रही है। हालांकि इस पर अभी तक अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर बादल की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन उनकी तरफ से पदाधिकारियों की बैठकों को बुला कर अपना शक्ति प्रदर्शन जाहिर कर दिया गया है। माफीनामे के शब्द बढ़ा सकते हैं सुखबीर बादल की दिक्कतें श्री अकाल तख्त साहिब पर बागी गुट की तरफ से दिए गए माफी नामे में लिखी गई बातें अकाली दल सुखबीर बादल की मुश्किलों को बढ़ा सकते हैं। इस माफी नामे में बागी गुट ने साफ तौर पर सुखबीर बादल का साथ देने के लिए माफियां मांगी हैं, लेकिन इसके साथ ही बादल परिवार पर वे आरोप लगाए हैं, जिन्हें लेकर सिख समुदाय में लंबे समय से गुस्सा चला आ रहा है। जानें क्या लिखा है माफीनामे में बागी गुट के अकाल तख्त को सौंपे माफीनामे में कबूली 4 गलतियां… 1. वापस ली गई थी डेरा सच्चा सौदा के खिलाफ शिकायत 2007 में सलाबतपुरा में सच्चा सौदा डेरा के प्रमुख गुरुमीत राम रहीम ने दसवें गुरू श्री गुरू गोबिंद सिंह जी की परंपरा का अनुकरण करते हुए उन्हीं कपड़ों को पहनकर अमृत छकाने का स्वांग रचाया था। उस वक्त इसके खिलाफ पुलिस केस भी दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में SAD सरकार ने सजा देने की जगह इस मामले को ही वापस ले लिया। 2. डेरा मुखी को सुखबीर बादल ने दिलवाई थी माफी श्री अकाल तख्त साहिब ने कार्रवाई करते हुए डेरा मुखी को सिख पंथ से निष्कासित कर दिया था। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए डेरा मुखी को माफी दिलवा दी थी। इसके बाद शिरोमणि अकाली दल और शिरोमणि कमेटी के नेतृत्व को सिख पंथ के गुस्से और नाराजगी को ध्यान में रखते हुए इस फैसले से पीछे हटना पड़ा। 3. बेअदबी की घटनाओं की सही जांच नहीं हुई 1 जून 2015 को कुछ तत्वों ने बुर्ज जवाहर सिंह वाला (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बीड़ चुराई। फिर 12 अक्टूबर 2015 को बरगाड़ी (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 110 अंग चुरा लिए व बाहर फेंक दिए। इससे सिख पंथ में भारी आक्रोश फैल गया। शिरोमणि अकाली दल सरकार और तत्कालीन गृह मंत्री सुखबीर सिंह बादल ने इस मामले की समय रहते जांच नहीं की। दोषियों को सजा दिलाने में सफल नहीं हुए। इससे पंजाब में हालात बिगड़ गए और कोटकपूरा और बहबल कलां में दुखद घटनाएं हुईं। 4. झूठे केसों में मारे गए सिखों को नहीं दे पाए इंसाफ SAD सरकार ने सुमेध सैनी को पंजाब का DGP नियुक्त किया गया। राज्य में फर्जी पुलिस मुठभेड़ों को अंजाम देकर सिख युवाओं की हत्या करने के लिए उन्हें जाना जाता था। पुलिसकर्मी इजहार आलम, जिन्होंने आलम सेना का गठन किया, उनकी पत्नी को टिकट दिया और उन्हें मुख्य संसदीय सचिव बनाया। बताना चाहते हैं कि 2012 में बनी SAD सरकार और पिछली अकाली सरकारों ने भी राज्य में झूठे पुलिस मुठभेड़ों की निष्पक्ष जांच करने और पीड़ितों को राहत देने के लिए एक आयोग बनाकर लोगों से किए वादे विफल रहे। चंदूमाजरा की अध्यक्षता में चल रहा विरोधी गुट सुखबीर बादल के खिलाफ अकाली दल के बागी गुट की अगुआई प्रेम सिंह चंदूमाजरा कर रहे हैं। उनके साथ सिकंदर मलूका, सुरजीत रखड़ा, बीबी जागीर कौर, प्रेम सिंह चंदूमाजरा, किरणजोत कौर, मनजीत सिंह, सुरिंदर भुल्लेवाल, गुरप्रताप वडाला, चरणजीत बराड़, हरिंदर पाल टोहरा और गगनजीत बरनाला भी हैं। अकाली दल में फूट की वजह, 2 बार लगातार सरकार, फिर 2 बार हार अकाली दल में फूट की वजह सत्ता से बाहर होना है। 2008 तक अकाली दल प्रकाश सिंह बादल के हाथों में था, जबकि 2012 के चुनाव भी प्रकाश सिंह बादल की अगुआई में हुए। 2002 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने 62 सीटों के साथ सरकार बनाई थी, जबकि अकाली दल ने 34 सीटें हासिल की। 2007 में अकाली दल फिर सत्ता में आई और 67 पर जीत हासिल की। इस दौरान कांग्रेस 44 सीटों पर सिमट गई। 2012 के चुनावों में पहली बार अकाली दल ने खुद को रिपीट किया। प्रकाश सिंह बादल दूसरी बार मुख्यमंत्री बने और अकाली दल ने 68 और कांग्रेस ने 44 सीटें हासिल की। इसके बाद 2017 में अकाली दल को सुखबीर बादल ने अपने हाथों में लिया। उन्होंने चुनाव की अगुआई की। मगर अकाली दल 18 सीटों पर सिमट गया और कांग्रेस ने 77 सीटें जीतकर सरकार बना ली। इस चुनाव में अकाली दल तीसरे नंबर पर रहा क्योंकि 20 सीटें आम आदमी पार्टी जीत गई। 2022 में अकाली दल की स्थिति और दयनीय हो गई। आप 92, कांग्रेस 18 और अकाली दल मात्र 3 सीटों पर सिमट गई। लोकसभा में लगातार 2 बार 4 सीट जीती, अब एक सीट आई 2004 लोकसभा चुनाव में पंजाब में कांग्रेस ने 8, बीजेपी एक और शिरोमणि अकाली दल ने एक 4 सीट जीती थीं। जबकि साल 2014 में कांग्रेस 3, भाजपा 2, शिरोमणि अकाली दल 4, AAP 4 सीटों पर विजेता बनी थी। इसी तरह साल 2019 के चुनाव में कांग्रेस ने 8, शिरोमणि अकाली दल 2, भाजपा 2 और AAP को एक सीट मिली। इसी तरह साल 2024 के चुनाव में कांग्रेस 7, आप 3, शिरोमणि अकाली दल एक, दो आजाद उम्मीदवार जीते। झूंदा कमेटी की रिपोर्ट लागू करने की मांग हो रही ये गुट लगातार झूंदा कमेटी, जिसे 2022 में भी लागू करने की मांग उठी थी, पर विचार करने का दबाव बना रहे हैं। हालांकि इसमें पार्टी प्रधान बदलने का प्रस्ताव नहीं है, लेकिन ये लिखा गया है कि पार्टी अध्यक्ष 10 साल के बाद रिपीट नहीं होगा। झूंदा रिपोर्ट पर जब अमल नहीं हुआ तो इसे सार्वजनिक नहीं किया गया था। झूंदा ने सार्वजनिक तौर पर बयान जारी किया था कि 117 विधानसभा हलकों में से 100 में जाकर उन्होंने इस रिपोर्ट को तैयार किया है। इस रिपोर्ट में कुछ जानकारियां 2022 में सांझी की थी। तब अकाली नेताओं ने कहा था कि झूंदा रिपोर्ट में 42 सुझाव दिए गए हैं। पार्टी प्रधान को बदले जाने का रिपोर्ट में कहीं जिक्र नहीं है। लेकिन, भविष्य में पार्टी प्रधान के चुने जाने की तय सीमा जरूर तय की गई है। ये भी बात उठाई गई कि अकाली दल अपने मूल सिद्धांतों से भटका है और राज्य सत्ता में रहने के मकसद से कई कमियां आई हैं। 3 दशक से बादल परिवार का कब्जा शिरोमणि अकाली दल पर पिछले 3 दशक से बादल परिवार का कब्जा है। 1995 में सरदार प्रकाश सिंह बादल अकाली दल के प्रमुख बने थे। इस पद पर वे 2008 तक बने रहे। 2008 के बाद शिअद की कमान उनके बेटे सुखबीर सिंह बादल के हाथ में आ गई। किसी जमाने में पंजाब ही नहीं भारतीय राजनीति में अकाली दल की तूती बोलती थी, लेकिन धीरे-धीरे इसका प्रभुत्व समाप्त होता चला गया। आलम ये है कि अब इसके पास लोकसभा की केवल एक सीट है। विधानसभा में भी इसका प्रभाव लगातार खत्म हो रहा है।
साधकों ने सूर्य नमस्कार, वृक्ष आसन, ताड़ आसन का किया अभ्यास
साधकों ने सूर्य नमस्कार, वृक्ष आसन, ताड़ आसन का किया अभ्यास भास्कर न्यूज | जालंधर कंपनी बाग में भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों की ओर से विश्व योग दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। जिसमें पूर्व मंत्री मनोरंजन कालिया व अन्य गणमान्य लोग उपस्थित हुए। उन्होंने कहा कि आज कल समाज में हर इंसान किसी न किसी बीमारी से पीड़ित है। और समाज में ऐसी भयंकर बीमारियां आ चुकी हैं जिनके नाम हमारे पूर्वजों ने कभी सुने भी नहीं थे। उन्होंने समाज को सन्देश दिया कि अगर आप सुबह के चंद मिनट योगासन को देते हो तो यह क्रिया हमारे जीवन में अमृत तुल्य सिद्ध होगी। इस दौरान कंपनी बाग में साधकों ने सूर्य नमस्कार, वृक्ष आसन, ताड़ आसन इत्यादि का अभ्यास किया। सभी को मंत्रों सहित अभ्यास करवाया गया।
चंडीगढ़ में लोग बारिश के लिए तरसे:आज के लिए येलो अलर्ट जारी, 2 दिन बाद गर्मी से मिलेगी मामूली राहत
चंडीगढ़ में लोग बारिश के लिए तरसे:आज के लिए येलो अलर्ट जारी, 2 दिन बाद गर्मी से मिलेगी मामूली राहत चंडीगढ़ में मानसून के महीनों में भी बारिश नहीं हो रही है। पिछले कई दिनों से बादल छाए हुए हैं। लेकिन बारिश नहीं हो रही है। गर्मी और उमस के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मौसम विभाग के अनुसार आज बारिश हो सकती है। आज बारिश के लिए येलो अलर्ट जारी किया गया है। आज सुबह से ही शहर में हल्के बादल छाए हुए हैं। मौसम विभाग के अनुसार अगले दो-तीन दिनों तक बादल इसी तरह छाए रहेंगे और बीच-बीच में हल्की बारिश की भी संभावना रहेगी। सामान्य से अधिक तापमान मौसम विभाग ने पिछले दिन अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया था। जो सामान्य से 1.2 डिग्री सेल्सियस अधिक है। वहीं, न्यूनतम तापमान भी 29 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वह भी सामान्य से 2.1 डिग्री सेल्सियस अधिक है। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार आज भी तापमान में कोई बदलाव देखने को नहीं मिलेगा। लेकिन 27 जुलाई को तापमान में मामूली गिरावट आएगी और अधिकतम तापमान 33 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाएगा। बारिश भी इस बार सामान्य से 48.5% कम हुई है। मौसम विभाग ने 1 जून से अब तक 185.3 मिमी बारिश दर्ज की है। प्रशासन ने H1N1 के लिए जारी की एडवाइजरी चंडीगढ़ प्रशासन ने H1N1 बीमारी के लिए एडवाइजरी जारी की है। एडवाइजरी के अनुसार, अगर लोगों को बुखार के साथ खांसी, गले में खराश, नाक बहना, सांस लेने में दिक्कत जैसे लक्षण हों तो उन्हें तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। इसके अलावा बदन दर्द, सिर दर्द, डायरिया, उल्टी, बलगम में खून आना, थकान भी H1N1 के लक्षण हो सकते हैं। प्रशासन के अनुसार, जिन लोगों को डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, सांस लेने में दिक्कत या दिल की कोई बीमारी है या 65 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्ग और 5 साल से कम उम्र के बच्चे, साथ ही गर्भवती महिलाओं को इन लोगों का खास ख्याल रखना चाहिए। क्योंकि ऐसे लोगों में यह बीमारी तेजी से फैलती है।