गोरखपुर के आलीशान अपार्टमेंट जेमिनी पैराडाइज के जिन फ्लैटों में जालसाज रहते थे, उसका दरवाजा अक्सर बंद रहता था। सुबह-शाम स्विगी व जोमैटो से खाना मंगाया जाता था। जब खाना आता, तभी दरवाजा खुलता था। फ्लैटों में जरूरत की सभी सुविधाएं मौजूद थी, ताकि जालसाजों को कहीं बाहर न निकलना पड़े। मऊ क्राइम ब्रांच के साथ मिलकर जब गुलरिहा पुलिस ने छापा मारा तो एक कमरे में 5 से 6 युवक मिले। चेक किया गया तो उनके पास लगभग 100 मोबाइल फोन मिले। 10 लैपटाप और लगभग 150 सिमकार्ड । पकड़े गए जालसाजों में से अधिकतर बिहार व छत्तीसगढ़ के थे। 4 पिपराइच क्षेत्र के युवक भी शामिल थे। सरगना ने आजमगढ़ में लिया प्रशिक्षण
आँनलाइन गेमिंग एप के जरिए जालसाजी करने वाले गिरोह का सरगना अरविंद मूल रूप से छत्तीसगढ़ के भिलाई का रहने वाला है। उसने आजमगढ़ में एक साल तक ट्रेनिंग ली थी। उसके बाद गोरखपुर आ गया। यहां अपनी आईडी पर धंधा करने लगा। दलाल की मदद से किराए पर लिया था फ्लैट
अरविंद यादव ने सबसे पहले दलाल के माध्यम से एक फ्लैट खरीदा। उसी में पत्नी व बच्चों के साथ रहने लगा। इसके बाद तीन और फ्लैट दलाज के माध्यम से ही किराए पर लिए। इसके बाद उसने भर्ती की। नेटवर्क के जरिए उसने बिहार व छत्तीसगढ़ से लड़कों को बुलाया और यहां रखकर आनॅलाइन गेमिंग प्लेटफार्म पर सट्टा लगवाने लगा। युवाओं को 18 से 22 हजार रुपए हर महीने देता था। पहले जानिए क्या था मामला
वित्त मंत्रालय के अधीन काम करने वाली फाइनेंसियल इंटेलीजेंस यूनिट ने मऊ पुलिस को एक संदिग्ध खाते के बारे में बताया था। मऊ पुलिस ने खाताधारक से बात की तो उसने बताया कि वह खाता 17 हजार रुपये में बेच चुका है। उसी ने अरविंद का नाम बताया। पिपराइच में मामा का घर, वहां से भी आए 4 लड़के
अरविंद ने जब ट्रेनिंग खत्म की तो गोरखपुर के पिपराइच आ गया। यहीं उसके मामा रहते हैं। जिन लड़कों के जरिए वह काम करते थे, उनमें से 4 पिपराइच के ही थे। नए लड़कों को ही नौकरी पर रखने को प्राथमिकता दी गई। जिससे उन्हें अलग से तकनीकी ज्ञान न देना पड़े। इनके हैं फ्लैट
रविवार को छापा मारने के बाद मऊ टीम सभी 29 को अपने साथ लेकर गई है। वहां पूछताछ हो रही है। इधर गुलरिहा पुलिस भी अपने स्तर से जांच में जुटी है। इस बात की जांच की गई कि फ्लैट किसके नाम से है। अरविंद ने लगभग 8 महीने पहले एक दलाल के माध्यम से इस अपार्टमेंट में 222 नंबर का फ्लैट लिया था। यह फ्लैट अमित सरावगी के नाम पर है। इसमें अरिवंद परिवार के साथ रहने लगा। कुछ समय बाद उसने उसी दलाज के माध्यम से अशोक झुनझुनवाला का फ्लैट नंबर 1205, अनूप सिंह के फ्लैट नंबर 1004 व मनोज शर्मा के फ्लैट नंबर 118 को किराए पर लिया। दलाल से भी होगी पूछताछ
मकान दिलाने वाले दलाल से भी गुलरिहा पुलिस द्वारा पूछताछ की जाएगी। अरविंद किसके माध्यम से उसके संपर्क में आया, इस बात का पता लगाया जाएगा। किराए पर देते समय रेंट एग्रीमेंट हुआ या नहीं, इस बात की भी पड़ताल की जाएगी। फ्लैट में इंटरनेट स्पीड अच्छी पाने के लिए दो-दो कंपनियों के वाई-फाई लगाए गए हैं। आसपास के लोगों को यह भी नहीं पता होता था कि एक फ्लैट में कितने लोग रह रहे हैं। एक युवक 4 मोबाइल करता था इस्तेमाल
मौके पर पहुंची पुलिस ने जैसे ही दरवाजा खोला, अंदर अफरा-तफरी मच गई। एक कमरे में लगभग आधा दर्जन लोग थे। क्राइम ब्रांच की टीम व गुलरिहा पुलिस ने उन्हें चेक करना शुरू किया तो एक-एक युवक के पास से 4-4 मोबाइल बरामद हुआ। सभी मोबाइलों की भी जांच होगी। ऐसे होती थी जालसाजी
ये युवक प्रतिबंधित गेमिंग की फ्रेंचाइज लेकर सट्टेबाजी करते थे। इंस्टाग्राम, फेसबुक व सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्मों पर प्रमोशन एप के जरिए क्रिकेट एवं विभिन्न खेलों सहित अन्य प्रतियोगिताओं में सट्टा लगवाते थे। इसमें विंजो, वन विन, महादेव व टाइगर जैसे एप का इस्तेमाल किया जाता था। जब लोग किसी गेम पर सट़टा लगाते तो उनके साथ जालसाजी कर दी जाती थी और रुपये किसी खाते में भेज दिया जाता था। जानिए क्या कहती है पुलिस
एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने बताया कि रविवार को ही मऊ की टीम सभी आरोपितों को अपने साथ लेकर गई है। गुलरिहा पुलिस विभिन्न पहलुओं पर अपने स्तर पर जांच कर रही है। जालसाजों को जिसके जरिए मकान दिया गया है, उनसे भी बात की जाएगी। गोरखपुर के आलीशान अपार्टमेंट जेमिनी पैराडाइज के जिन फ्लैटों में जालसाज रहते थे, उसका दरवाजा अक्सर बंद रहता था। सुबह-शाम स्विगी व जोमैटो से खाना मंगाया जाता था। जब खाना आता, तभी दरवाजा खुलता था। फ्लैटों में जरूरत की सभी सुविधाएं मौजूद थी, ताकि जालसाजों को कहीं बाहर न निकलना पड़े। मऊ क्राइम ब्रांच के साथ मिलकर जब गुलरिहा पुलिस ने छापा मारा तो एक कमरे में 5 से 6 युवक मिले। चेक किया गया तो उनके पास लगभग 100 मोबाइल फोन मिले। 10 लैपटाप और लगभग 150 सिमकार्ड । पकड़े गए जालसाजों में से अधिकतर बिहार व छत्तीसगढ़ के थे। 4 पिपराइच क्षेत्र के युवक भी शामिल थे। सरगना ने आजमगढ़ में लिया प्रशिक्षण
आँनलाइन गेमिंग एप के जरिए जालसाजी करने वाले गिरोह का सरगना अरविंद मूल रूप से छत्तीसगढ़ के भिलाई का रहने वाला है। उसने आजमगढ़ में एक साल तक ट्रेनिंग ली थी। उसके बाद गोरखपुर आ गया। यहां अपनी आईडी पर धंधा करने लगा। दलाल की मदद से किराए पर लिया था फ्लैट
अरविंद यादव ने सबसे पहले दलाल के माध्यम से एक फ्लैट खरीदा। उसी में पत्नी व बच्चों के साथ रहने लगा। इसके बाद तीन और फ्लैट दलाज के माध्यम से ही किराए पर लिए। इसके बाद उसने भर्ती की। नेटवर्क के जरिए उसने बिहार व छत्तीसगढ़ से लड़कों को बुलाया और यहां रखकर आनॅलाइन गेमिंग प्लेटफार्म पर सट्टा लगवाने लगा। युवाओं को 18 से 22 हजार रुपए हर महीने देता था। पहले जानिए क्या था मामला
वित्त मंत्रालय के अधीन काम करने वाली फाइनेंसियल इंटेलीजेंस यूनिट ने मऊ पुलिस को एक संदिग्ध खाते के बारे में बताया था। मऊ पुलिस ने खाताधारक से बात की तो उसने बताया कि वह खाता 17 हजार रुपये में बेच चुका है। उसी ने अरविंद का नाम बताया। पिपराइच में मामा का घर, वहां से भी आए 4 लड़के
अरविंद ने जब ट्रेनिंग खत्म की तो गोरखपुर के पिपराइच आ गया। यहीं उसके मामा रहते हैं। जिन लड़कों के जरिए वह काम करते थे, उनमें से 4 पिपराइच के ही थे। नए लड़कों को ही नौकरी पर रखने को प्राथमिकता दी गई। जिससे उन्हें अलग से तकनीकी ज्ञान न देना पड़े। इनके हैं फ्लैट
रविवार को छापा मारने के बाद मऊ टीम सभी 29 को अपने साथ लेकर गई है। वहां पूछताछ हो रही है। इधर गुलरिहा पुलिस भी अपने स्तर से जांच में जुटी है। इस बात की जांच की गई कि फ्लैट किसके नाम से है। अरविंद ने लगभग 8 महीने पहले एक दलाल के माध्यम से इस अपार्टमेंट में 222 नंबर का फ्लैट लिया था। यह फ्लैट अमित सरावगी के नाम पर है। इसमें अरिवंद परिवार के साथ रहने लगा। कुछ समय बाद उसने उसी दलाज के माध्यम से अशोक झुनझुनवाला का फ्लैट नंबर 1205, अनूप सिंह के फ्लैट नंबर 1004 व मनोज शर्मा के फ्लैट नंबर 118 को किराए पर लिया। दलाल से भी होगी पूछताछ
मकान दिलाने वाले दलाल से भी गुलरिहा पुलिस द्वारा पूछताछ की जाएगी। अरविंद किसके माध्यम से उसके संपर्क में आया, इस बात का पता लगाया जाएगा। किराए पर देते समय रेंट एग्रीमेंट हुआ या नहीं, इस बात की भी पड़ताल की जाएगी। फ्लैट में इंटरनेट स्पीड अच्छी पाने के लिए दो-दो कंपनियों के वाई-फाई लगाए गए हैं। आसपास के लोगों को यह भी नहीं पता होता था कि एक फ्लैट में कितने लोग रह रहे हैं। एक युवक 4 मोबाइल करता था इस्तेमाल
मौके पर पहुंची पुलिस ने जैसे ही दरवाजा खोला, अंदर अफरा-तफरी मच गई। एक कमरे में लगभग आधा दर्जन लोग थे। क्राइम ब्रांच की टीम व गुलरिहा पुलिस ने उन्हें चेक करना शुरू किया तो एक-एक युवक के पास से 4-4 मोबाइल बरामद हुआ। सभी मोबाइलों की भी जांच होगी। ऐसे होती थी जालसाजी
ये युवक प्रतिबंधित गेमिंग की फ्रेंचाइज लेकर सट्टेबाजी करते थे। इंस्टाग्राम, फेसबुक व सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्मों पर प्रमोशन एप के जरिए क्रिकेट एवं विभिन्न खेलों सहित अन्य प्रतियोगिताओं में सट्टा लगवाते थे। इसमें विंजो, वन विन, महादेव व टाइगर जैसे एप का इस्तेमाल किया जाता था। जब लोग किसी गेम पर सट़टा लगाते तो उनके साथ जालसाजी कर दी जाती थी और रुपये किसी खाते में भेज दिया जाता था। जानिए क्या कहती है पुलिस
एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने बताया कि रविवार को ही मऊ की टीम सभी आरोपितों को अपने साथ लेकर गई है। गुलरिहा पुलिस विभिन्न पहलुओं पर अपने स्तर पर जांच कर रही है। जालसाजों को जिसके जरिए मकान दिया गया है, उनसे भी बात की जाएगी। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर