हमीरपुर उप मंडल बड़सर के भोटा में स्थित राधास्वामी सत्संग ब्यास चैरिटेबल अस्पताल को बंद करने के निर्णय के विरोध में स्थानीय लोगों ने वीरवार को एक फिर सलोनी में जोरदार धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल हुए और सरकार के खिलाफ अपनी नाराजगी की। बड़सर के विधायक इंद्रदत्त लखनपाल ने धरने पहुंचकर लोगों का समर्थन किया और कहा कि वह इस लड़ाई में पूरी तरह से जनता के साथ हैं। धरने में जनता को संबोधित करते हुए विधायक इंद्रदत्त लखनपाल ने कहा कि यह अस्पताल गरीबों के लिए जीवन रेखा है। इसे बंद करना अन्याय है और मैं इसे किसी भी कीमत पर बंद नहीं होने दूंगा। यदि सरकार ने दो दिन के भीतर इस अस्पताल को बंद करने के निर्णय को वापस नहीं लिया, तो आम जनता के साथ भूख हड़ताल शुरू करूंगा। उन्होंने कहा कि हमीरपुर के मुख्यमंत्री ने अपने जिले की जनता की परेशानियों की अनदेखी कर दी है। सरकारी अस्पतालों की स्थिति सुधारने के बजाय सरकार उन संस्थानों को बंद करने की कोशिश कर रही है, जो सस्ते और गुणवत्तापूर्ण इलाज उपलब्ध करा रहे हैं। यह फैसला जनता के स्वास्थ्य अधिकारों का उल्लंघन है। प्रदर्शन में बड़सर के उपप्रधान राकेश, कड़साई पंचायत के पूर्व प्रधान रवींद्र कुमार, वर्तमान प्रधान राम रत्न, कुल्हेड़ा के उपप्रधान इंद्रजीत, देवराज, रणवीर, अजय, त्रिशला देवी, महिला मंडल कुल्हेड़ा, कमलदेव, अमर सिंह, और बलवंत राय उपस्थित रहे। हमीरपुर उप मंडल बड़सर के भोटा में स्थित राधास्वामी सत्संग ब्यास चैरिटेबल अस्पताल को बंद करने के निर्णय के विरोध में स्थानीय लोगों ने वीरवार को एक फिर सलोनी में जोरदार धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में सैकड़ों की संख्या में लोग शामिल हुए और सरकार के खिलाफ अपनी नाराजगी की। बड़सर के विधायक इंद्रदत्त लखनपाल ने धरने पहुंचकर लोगों का समर्थन किया और कहा कि वह इस लड़ाई में पूरी तरह से जनता के साथ हैं। धरने में जनता को संबोधित करते हुए विधायक इंद्रदत्त लखनपाल ने कहा कि यह अस्पताल गरीबों के लिए जीवन रेखा है। इसे बंद करना अन्याय है और मैं इसे किसी भी कीमत पर बंद नहीं होने दूंगा। यदि सरकार ने दो दिन के भीतर इस अस्पताल को बंद करने के निर्णय को वापस नहीं लिया, तो आम जनता के साथ भूख हड़ताल शुरू करूंगा। उन्होंने कहा कि हमीरपुर के मुख्यमंत्री ने अपने जिले की जनता की परेशानियों की अनदेखी कर दी है। सरकारी अस्पतालों की स्थिति सुधारने के बजाय सरकार उन संस्थानों को बंद करने की कोशिश कर रही है, जो सस्ते और गुणवत्तापूर्ण इलाज उपलब्ध करा रहे हैं। यह फैसला जनता के स्वास्थ्य अधिकारों का उल्लंघन है। प्रदर्शन में बड़सर के उपप्रधान राकेश, कड़साई पंचायत के पूर्व प्रधान रवींद्र कुमार, वर्तमान प्रधान राम रत्न, कुल्हेड़ा के उपप्रधान इंद्रजीत, देवराज, रणवीर, अजय, त्रिशला देवी, महिला मंडल कुल्हेड़ा, कमलदेव, अमर सिंह, और बलवंत राय उपस्थित रहे। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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सोलन में अवैध अतिक्रमण पर चला बुलडोजर:प्रशासन ने कई बार दी थी चेतावनी, मुआवजा लेने के बाद भी NHAI के जमीन पर किए कब्जा हिमाचल के सोलन में एनएच-5 पर बढ़ती अतिक्रमण की समस्या पर अंकुश लगाने के लिए एनएचएआई (National Highways Authority of India) की टीम ने आज रबोन के समीप बड़ी कार्रवाई अमल में लाई, इस दौरान उन्होंने हाईवे किनारे बने भवनों की नाप-नपाई की ओर जो भवन अवैध रूप से बनाए गए है, उन्हें तुरंत प्रभाव से तोड़ने के निर्देश भी दिए और जिन लोगों ने आदेश की अनुपालन नहीं की उन भवनों पर NHAI ने पीला पंजा चला दिया। पहले भी प्रशासन ने हटाया था अतिक्रमण
बता दें कि फोरलेन निर्माण के बाद कुछ लोगों ने एक बार फिर से NHAI की जमीन पर अतिक्रमण कर लिया था और कुछ महीने पहले भी उन्हें तुरंत प्रभाव से अतिक्रमण को हटाने के आदेश दिए गए थे। कई जगह लोगों ने मुआवजा लेने के बाद बची जमीन पर निर्माण कर दिया था। कुछ सप्ताह पहले भी जिला प्रशासन ने इस जगह से अतिक्रमण हटाया था मगर फिर भी कुछ गिने-चुने लोग अभी भी नहीं मान रहे और मुआवजा लेने के बावजूद भी NHAI की जमीन पर अवैध भवनों का निर्माण कर रहे हैं। NHAI पुलिस बल व प्रशासन की टीम मौके पर रही मौजूद
कुछ समय पहले ही NHAI की टीम ने शिमला से लेकर सोलन तक कई बार अवैध रूप से बनाई गई रेहड़ी फड़ी व अवैध रूप से भवनों को हटाने के निर्देश दिए थे। लेकिन फिर भी कुछ गिने चुने लोग मुआवजा लेने के बावजूद भी सरकारी भूमि पर ही कब्जा कर रहे हैं जिनके खिलाफ गुरुवार को करवाई की गई है। वहीं जितने भी भवन NHAI की जमीन पर बने हुए थे उन्हें भी तोड़ दिया गया। इस दौरान जिला प्रशासन पुलिस, NHAI की पूरी टीम मौके पर मौजूद रही।
हिमाचल कांग्रेस संगठन से निकाले जाएंगे निष्क्रिय पदाधिकारी:प्रतिभा बोली- तेरा-मेरा आधार से पदाधिकारियों का चयन नहीं, 2022 में बनाई जंबो कार्यकारिणी
हिमाचल कांग्रेस संगठन से निकाले जाएंगे निष्क्रिय पदाधिकारी:प्रतिभा बोली- तेरा-मेरा आधार से पदाधिकारियों का चयन नहीं, 2022 में बनाई जंबो कार्यकारिणी हिमाचल प्रदेश कांग्रेस संगठन में जल्द मेजर सर्जरी होगी। प्रदेश कांग्रेस कमेटी (PCC) ने इसकी तैयारी कर दी है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने निष्क्रिय पदाधिकारियों को बाहर करने की पार्टी हाईकमान से मंजूरी मांगी है। अब कांग्रेस हाईकमान की हरी झंडी का इंतजार है। PCC ने निष्क्रिय पदाधिकारियों की लिस्ट तैयार कर हाईकमान को सौंप दी है। इसकी पुष्टि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने की। आलाकमान की मंजूरी मिलते ही निष्क्रिय पदाधिकारी पदमुक्त किए जाएंगे। काम करने वाले सक्रिय वर्करों को पार्टी में विभिन्न पदों की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। साल 2022 में विधानसभा चुनाव से पहले 26 अप्रैल 2022 को कांग्रेस ने ‘वीरभद्र कार्ड’ खेला। तब कांग्रेस ने कुलदीप राठौर की जगह स्व. वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह को कांग्रेस अध्यक्ष बनाया गया। प्रतिभा सिंह के साथ वीरभद्र सिंह के 4 करीबियों राजेंद्र राणा, पवन काजल, हर्ष महाजन और विनय कुमार को वर्किंग प्रेसिडेंट बनाया। लेकिन चार में तीन करीबी एक-एक करके कांग्रेस का साथ छोड़कर चले गए। अब विनय कुमार को छोड़कर तीनों पूर्व वर्किंग प्रेसिडेंट भारतीय जनता पार्टी का दामन थाम चुके हैं। प्रतिभा की तैनाती के बाद बना दी थी जंबो कार्यकारिणी प्रतिभा सिंह की ताजपोशी के दौरान कांग्रेस हाईकमान ने 44 पदाधिकारी PCC में शामिल किए। इसके एक महीने के भीतर यानी 25 मई 2022 को कांग्रेस हाईकमान ने हिमाचल कांग्रेस में गुटबाजी खत्म करने के लिए 64 नए पदाधिकारियों को संगठन में तैनाती दी। इनमें 3 वरिष्ठ उपाध्यक्ष, 6 उपाध्यक्ष, 13 महासचिव, 41 सचिव, 2 वरिष्ठ प्रवक्ता और 1 प्रवक्ता की नियुक्ति करके जंबो कार्यकारिणी बनाई गई। कार्यकारिणी सदस्य को मिलाकर PCC में 250 से ज्यादा नेता हो गए। मगर ज्यादातर नेता विधानसभा और लोकसभा चुनाव में निष्क्रिय नजर आए। इसे देखते हुए PCC ने संगठन की मजबूती के लिए सक्रिय नेताओं को पार्टी में शामिल करने का निर्णय लिया है। इसके लिए हाईकमान की मंजूरी जरूरी है। हैरानी इस बात की है कि उत्तर प्रदेश जैसी बड़े राज्य में कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी में 41 पदाधिकारी है और हिमाचल में 250 से ज्यादा हो गए है। हाईकमान से चर्चा कर चुकी प्रतिभा सिंह प्रतिभा सिंह संगठन में फेरबदल को लेकर बीते दिनों दिल्ली में कांग्रेस हाईकमान से मुलाकात कर चुकी है। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश कांग्रेस में गुटबाजी खत्म करने के लिए सीएम सुक्खू गुट और होलीलॉज खेमे के बराबर बराबर पदाधिकारियों को शामिल करने पर सहमति बनाने का प्रयास किया जा रहा है। होलीलॉज खेमे के 2 वर्किंग प्रेसिडेंट की भी हो सकती है ताजपोशी पार्टी के सूत्रों का कहना है कि होलीलॉज खेमे के दो नेताओं कांग्रेस वर्किंग प्रेसिडेंट बना सकती है, क्योंकि लोकसभा चुनाव से पहले CM सुक्खू के करीबी संजय अवस्थी और चंद्रशेखर को 27 मार्च 2024 को ही वर्किंग प्रेसिडेंट बनाया जा चुका है। लिहाजा दो और वर्किंग प्रेसिडेंट बनाए जाने की भी चर्चा है। युवा कांग्रेस नेताओं को मिलेगी पार्टी में जगह PCC में युवा कांग्रेस के सक्रिय नेताओं को जगह दी जाएगी। हिमाचल में युवा कांग्रेस के संगठनात्मक चुनाव चले हुए है। नवंबर के पहले सप्ताह में युवा कांग्रेस की नई कार्यकारिणी का गठन हो जाएगा। लिहाजा युवा कांग्रेस के पुराने पदाधिकारी PCC में शामिल किए जाएंगे प्रतिभा ने लोस चुनाव में हार के बाद दे दिए थे संकेत प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह ने लोकसभा चुनाव में सत्तारूढ़ कांग्रेस की 4-0 से करारी हार के बाद ही संगठन में फेरबदल के संकेत दे दिए थे। हालांकि विधानसभा की 9 सीटों पर कांग्रेस उप चुनाव में जीत गई थी। इसके बाद PCC ने निष्क्रिय नेताओं की लिस्ट तैयार की। बीते दिनों उन्होंने निष्क्रिय पदाधिकारियों की लिस्ट तैयार कर कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला, महासचिव केसी वेणुगोपाल और राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को सौंप दी है।
हिमाचल में भाजपा ने किया कुनबे का विस्तार:संगठनात्मक मंडलों की संख्या 74 से बढ़ाकर 171 की, सक्रिय कार्यकताओं को मिलेगी नई जिम्मेदारी
हिमाचल में भाजपा ने किया कुनबे का विस्तार:संगठनात्मक मंडलों की संख्या 74 से बढ़ाकर 171 की, सक्रिय कार्यकताओं को मिलेगी नई जिम्मेदारी हिमाचल में भाजपा ने अपने कुनबे को बढ़ाने का फैसला किया है। केंद्रीय नेतृत्व से मंजूरी मिलने के बाद प्रदेश भाजपा नेतृत्व ने संगठनात्मक ढांचे में बड़ा बदलाव किया है। पार्टी ने संगठनात्मक मंडलों की संख्या 74 से बढ़ाकर 171 कर दी है। पूरे प्रदेश में भाजपा के संगठनात्मक चुनाव चल रहे हैं। हिमाचल प्रदेश में भाजपा के संगठनात्मक चुनाव चल रहे हैं। भाजपा में बूथ स्तर पर त्रिदेव और पन्ना प्रमुख का चुनाव किया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश में संगठनात्मक चुनाव कराने की जिम्मेदारी कांगड़ा लोकसभा क्षेत्र से सांसद डॉ. राजीव भारद्वाज को दी गई है। भारतीय जनता पार्टी ने परिसीमन समिति का गठन किया था। इसकी अध्यक्षता प्रदेश महासचिव त्रिलोक कपूर कर रहे हैं। परिसीमन समिति ने भाजपा के संगठनात्मक ढांचे में बड़े बदलाव की सिफारिश की थी जिसे केंद्रीय नेतृत्व ने मंजूरी दे दी है। BJP में होंगे 171 मंडल अध्यक्ष
जिसके बाद हिमाचल भाजपा अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने रविवार को इसकी घोषणा की है। बिंदल ने कहा कि अब प्रदेश में मंडलों की संख्या 74 से बढ़ाकर 171 कर दी गई है। यानी अब भारतीय जनता पार्टी में 171 मंडल अध्यक्ष होंगे। इससे मंडल अध्यक्षों को अपने-अपने मंडलों में अधिक समय बिताने का मौका मिलेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में इसका अधिक लाभ होगा। जहां मंडल की सीमा दूर-दूर तक फैली हुई थी और मंडल अध्यक्ष इतने बड़े क्षेत्र को संभालने में सक्षम नहीं थे। कांगड़ा चम्बा संसदीय क्षेत्र में 49 मंडल
हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में भारतीय जनता पार्टी के छह मंडल थे। अब इनकी संख्या 16 हो गई है। भाजपा के संगठनात्मक जिले नूरपुर में मंडलों की संख्या चार से बढ़कर 12 हो गई है। संगठनात्मक जिले देहरा में मंडलों की संख्या तीन से बढ़कर छह हो गई है। संगठनात्मक जिले पालमपुर में मंडलों की संख्या चार से बढ़कर 10 हो गई है। जिला कांगड़ा में मंडलों की संख्या पहले चार थी, अब यह संख्या नौ हो गई है। मण्डी संसदीय क्षेत्र में होंगे 46 संगठनात्मक जिले
हिमाचल प्रदेश के दूरदराज जिले लाहौल स्पीति में मंडलों की संख्या में कोई बदलाव नहीं किया गया है। यहां पहले की तरह तीन मंडल होंगे। लेकिन जिला किन्नौर में भी तीन मंडलों की जगह पांच मंडल बनाए गए हैं। जिला कुल्लू में मंडलों की संख्या चार से बढ़ाकर 12 कर दी गई है। संगठनात्मक जिले सुंदरनगर में अब पांच की जगह 13 मंडल होंगे। जिला मंडी में भी मंडलों की संख्या पांच से बढ़ाकर 13 कर दी गई है। इसके अलावा शिमला का रामपुर और चंबा का भरमौर पांगी विधानसभा क्षेत्र भी इसी संसदीय क्षेत्र में आता है, इसलिए इसकी संख्या बढ़ सकती है। हमीरपुर संसदीय क्षेत्र में होंगे 28 मंडल
जिला हमीरपुर में अब पांच के बजाय 10 डिवीजन होंगे। जिला ऊना में भी पांच की बजाय 10 मंडल बनाए गए हैं। बिलासपुर में 8 संभाग होंगे। हालाँकि, मंडी का धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र भी हमीरपुर के अंतर्गत आता है, इसलिए इस संसदीय क्षेत्र में मंडलों की संख्या में कुछ वृद्धि हो सकती है। शिमला संसदीय क्षेत्र में 42 मंडल
जिला सोलन में मंडलों की संख्या बढ़ाकर 13 कर दी गई है। पहले यह संख्या पांच थी, जबकि अगर जिला सिरमौर की बात करें तो यहां मंडलों की संख्या अब पांच से बढ़कर 12 हो गई है। भाजपा के संगठनात्मक जिले महासू में मंडलों की संख्या पांच से बढ़ाकर 13 कर दी गई है। शिमला में पहले तीन मंडल थे और यहां मंडलों की संख्या बढ़कर छह हो गई है। इस तरह भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश में अपने मंडलों की संख्या 74 से बढ़ाकर 171 कर दी है।