हरियाणा कांग्रेस संगठन पर पार्टी नेतृत्व लगातार मंथन कर रहा है। इसको लेकर प्रदेश के नेताओं से भी फीडबैक ले रहा है। इसी कड़ी में फिर से हरियाणा कांग्रेस प्रभारी बीके हरिप्रसाद दो दिन के चंडीगढ़ प्रवास पर पहुंच गए हैं। विधानसभा के बजट सत्र के दौरान भी प्रभारी यहां दो दिन रहकर जा चुके हैं। तब उनकी पार्टी के बड़े चेहरों और विधायकों से मुलाकात हुई थी। अब वे लोकसभा और विधानसभा चुनाव में हार का मुंह देख चुके उम्मीदवारों के साथ चर्चा कर फीडबैक लेंगे। हरियाणा कांग्रेस पिछले 11 सालों से बिना संगठन के ही चल रही है। संगठन के नाम पर सिर्फ अध्यक्ष ही केंद्रीय नेतृत्व ने बनाया है। इसके अलावा चार कार्यकारी अध्यक्ष भी पार्टी की ओर से बनाए गए हैं। पूर्व सीएम हुड्डा भी चंडीगढ़ में रहेंगे कांग्रेस प्रभारी का चंडीगढ़ दौरा 25 मार्च वानी मंगलवार से आरंभ होगा और वे वहां बुधवार तक रहेंगे। पांच दिन के अवकाश के बाद विधानसभा का बजट सत्र दोबारा फिर 26 मार्च से आरंभ हो रहा है। इस दिन पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा समेत सभी कांग्रेस विधायक चंडीगढ़ में ही रहेंगे। संभावना है कि पहले दिन यानी मंगलवार को पार्टी उम्मीदवारों के साथ चर्चा करने के बाद अगले दिन बुधवार को बीके हरिप्रसाद विधायकों से मुलाकात करेंगे। दो महीने में संगठन तैयार करने के निर्देश बीके हरिप्रसाद पहले फेज में कांग्रेस विधायकों से मिल चुके हैं. लेकिन तब कुछ विधायक अलग मुलाकात करने से रह गए थे, जिन्हें इस बार अपनी बात रखने का मौका दिया जाएगा। 11 साल से कांग्रेस का संगठन नहीं बन पाया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने नये प्रभारी बीके हरिप्रसाद को स्पष्ट निर्देश दिए हुए हैं कि उन्हें हर हाल में अगले दो माह के भीतर राज्य का संगठन तैयार करना है। कांग्रेस ने अभी तक विपक्ष का नेता भी तय नहीं किया है. लेकिन हाईकमान के साथ पार्टी प्रभारी के एजेंडे में कांग्रेस का संगठन तैयार करना है। हरिप्रसाद के लिए गुटबाजी रोकना बड़ी चुनौती बीके हरिप्रसाद के सामने सबसे बड़ी चुनौती गुटबाजी को थामने की है। हरियाणा में गुटबाजी के कारण कांग्रेस अच्छे माहौल के बावजूद विधानसभा चुनाव हार गई थी। विवेक बंसल से लेकर दीपक बाबरिया को हरियाणा में काम करने का लंबा समय मिला। वह कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई में ही फंसे रहे।विवेक बंसल की अध्यक्षता में कांग्रेस लगातार 2 चुनाव हारी। पहला उपचुनाव ऐलनाबाद में कांग्रेस उम्मीदवार पवन बैनीवाल की जमानत जब्त हो गई। इसके बाद नवंबर 2022 में आदमपुर उपचुनाव में भी कांग्रेस की हार हुई। इसी तरह दीपक बाबरिया हरियाणा में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को जितवा नहीं पाए थे। उदयभान को हटाने पर 5 नेता प्रधान पद की दौड़ में उदयभान को हटाने के बाद कांग्रेस की ओर से पैनल में राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला, लोकसभा सांसद वरूण चौधरी मुलाना, पूर्व विधायक राव दान सिंह, विधायक गीता भुक्कल और विधायक अशोक अरोड़ा के नाम शामिल किए गए हैं। हालांकि इन नेताओं में से कुछ नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में भी हैं। हालांकि अभी यह क्लियर नहीं है कि कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष और प्रदेशाध्यक्ष के नामों का ऐलान एक साथ करेगी या अलग-अलग करेगी। हरियाणा कांग्रेस संगठन पर पार्टी नेतृत्व लगातार मंथन कर रहा है। इसको लेकर प्रदेश के नेताओं से भी फीडबैक ले रहा है। इसी कड़ी में फिर से हरियाणा कांग्रेस प्रभारी बीके हरिप्रसाद दो दिन के चंडीगढ़ प्रवास पर पहुंच गए हैं। विधानसभा के बजट सत्र के दौरान भी प्रभारी यहां दो दिन रहकर जा चुके हैं। तब उनकी पार्टी के बड़े चेहरों और विधायकों से मुलाकात हुई थी। अब वे लोकसभा और विधानसभा चुनाव में हार का मुंह देख चुके उम्मीदवारों के साथ चर्चा कर फीडबैक लेंगे। हरियाणा कांग्रेस पिछले 11 सालों से बिना संगठन के ही चल रही है। संगठन के नाम पर सिर्फ अध्यक्ष ही केंद्रीय नेतृत्व ने बनाया है। इसके अलावा चार कार्यकारी अध्यक्ष भी पार्टी की ओर से बनाए गए हैं। पूर्व सीएम हुड्डा भी चंडीगढ़ में रहेंगे कांग्रेस प्रभारी का चंडीगढ़ दौरा 25 मार्च वानी मंगलवार से आरंभ होगा और वे वहां बुधवार तक रहेंगे। पांच दिन के अवकाश के बाद विधानसभा का बजट सत्र दोबारा फिर 26 मार्च से आरंभ हो रहा है। इस दिन पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा समेत सभी कांग्रेस विधायक चंडीगढ़ में ही रहेंगे। संभावना है कि पहले दिन यानी मंगलवार को पार्टी उम्मीदवारों के साथ चर्चा करने के बाद अगले दिन बुधवार को बीके हरिप्रसाद विधायकों से मुलाकात करेंगे। दो महीने में संगठन तैयार करने के निर्देश बीके हरिप्रसाद पहले फेज में कांग्रेस विधायकों से मिल चुके हैं. लेकिन तब कुछ विधायक अलग मुलाकात करने से रह गए थे, जिन्हें इस बार अपनी बात रखने का मौका दिया जाएगा। 11 साल से कांग्रेस का संगठन नहीं बन पाया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने नये प्रभारी बीके हरिप्रसाद को स्पष्ट निर्देश दिए हुए हैं कि उन्हें हर हाल में अगले दो माह के भीतर राज्य का संगठन तैयार करना है। कांग्रेस ने अभी तक विपक्ष का नेता भी तय नहीं किया है. लेकिन हाईकमान के साथ पार्टी प्रभारी के एजेंडे में कांग्रेस का संगठन तैयार करना है। हरिप्रसाद के लिए गुटबाजी रोकना बड़ी चुनौती बीके हरिप्रसाद के सामने सबसे बड़ी चुनौती गुटबाजी को थामने की है। हरियाणा में गुटबाजी के कारण कांग्रेस अच्छे माहौल के बावजूद विधानसभा चुनाव हार गई थी। विवेक बंसल से लेकर दीपक बाबरिया को हरियाणा में काम करने का लंबा समय मिला। वह कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई में ही फंसे रहे।विवेक बंसल की अध्यक्षता में कांग्रेस लगातार 2 चुनाव हारी। पहला उपचुनाव ऐलनाबाद में कांग्रेस उम्मीदवार पवन बैनीवाल की जमानत जब्त हो गई। इसके बाद नवंबर 2022 में आदमपुर उपचुनाव में भी कांग्रेस की हार हुई। इसी तरह दीपक बाबरिया हरियाणा में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को जितवा नहीं पाए थे। उदयभान को हटाने पर 5 नेता प्रधान पद की दौड़ में उदयभान को हटाने के बाद कांग्रेस की ओर से पैनल में राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला, लोकसभा सांसद वरूण चौधरी मुलाना, पूर्व विधायक राव दान सिंह, विधायक गीता भुक्कल और विधायक अशोक अरोड़ा के नाम शामिल किए गए हैं। हालांकि इन नेताओं में से कुछ नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में भी हैं। हालांकि अभी यह क्लियर नहीं है कि कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष और प्रदेशाध्यक्ष के नामों का ऐलान एक साथ करेगी या अलग-अलग करेगी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
