हरियाणा कांग्रेस की पहली लिस्ट आज आने के आसार हैं। इसकी पुष्टि प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया कर चुके हैं। केंद्रीय चुनाव समिति की मीटिंग में अब तक 66 नामों पर सहमति बन चुकी है। अब जिन 24 सीटों पर पेंच फंसा हुआ है, उन पर चर्चा के लिए कांग्रेस ने एक कमेटी बनाई है। इसमें दीपक बाबरिया, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मधुसूदन मिस्त्री और अजय माकन को रखा गया है। यह कमेटी पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा, सांसद कुमारी शैलजा और सांसद रणदीप सुरजेवाला से वन-टू-वन बात करेगी। इसके बाद इन 24 टिकटों पर फैसला होगा।वहीं, रेसलर विनेश फोगाट के चुनाव लड़ने को लेकर भी स्थिति क्लियर होगी। कांग्रेस से विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया के चुनाव लड़ने की चर्चा है। इसलिए सैलजा-सुरजेवाला पर नहीं हो पाया फैसला मीटिंग में जिन 2 सीटों पर आज फैसला नहीं हो पाया, वे रणदीप सुरजेवाला और कुमारी शैलजा की हैं। मीटिंग में इन दोनों सीटों के प्रस्ताव रखे गए, चर्चा भी हुई। सुरजेवाला का कैथल सीट से नाम चर्चा में है। वहीं, सैलजा ने अभी किसी सीट पर दावेदारी नहीं जताई है। हालांकि, चुनाव लड़ने की सूरत में वह अंबाला की मुलाना और सिरसा की कालांवाली रिजर्व सीट से उम्मीदवार हो सकती हैं। अभी तक के मंथन में पार्टी ने तय किया है कि पार्टी के सभी 28 विधायकों को फिर से चुनाव मैदान में उतारा जाए। इसके अलावा लिस्ट में 7 नए चेहरों को भी शामिल किया गया है। इनमें पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उदयभान का भी नाम शामिल है। इनकी टिकट तय मानी जा रही टिकटों को लेकर अभी तक हुए मंथन में भूपेंद्र सिंह हुड्डा, डॉ. रघुवीर सिंह कादियान या उनके परिवार से सदस्य, जगबीर मलिक या उनके परिवार से सदस्य, भारत भूषण बत्रा, गीता भुक्कल, आफताब अहमद, मोहम्मद इलियास, मामन खान, शैली चौधरी, मेवा सिंह, बीएल सैनी, शमशेर सिंह गोगी, अमित सिहाग, शीश पाल, राजेंद्र, कुलदीप वत्स, चिरंजीव राव, बलबीर सिंह, इंदुराज नरवाल, नीरज शर्मा, जयवीर वाल्मीकि, सुभाष गांगोली, सुरेंद्र पंवार या उनके परिवार से सदस्य, प्रदीप चौधरी, रेणु बाला, शकुंतला खटक को भी टिकट दी जा सकती है। जिन अन्य को उम्मीदवार बताया जा सकता है, उनमें उदयभान, अशोक अरोड़ा, कुलदीप शर्मा, रामकरण काला, धर्मपाल गोंदर, चंद्रप्रकाश, करण सिंह दलाल या उनके परिवार के सदस्य, शारदा राठौर, भीमसेन मेहता शामिल हैं। दो विधायकों की टिकटों पर फंस चुका पेंच पार्टी सूत्रों के मुताबिक महेंद्रगढ़ से विधायक राव दान सिंह और समालखा से विधायक धर्म सिंह छौक्कर के टिकट पर पेंच फंसा हुआ है। बाबरिया दोनों को टिकट देने के पक्ष में नहीं है, जबकि हुड्डा दोनों की पैरवी कर रहे हैं। चर्चा यह भी है कि राव दान सिंह ने बेटे अक्षत राव का नाम टिकट के लिए सामने रखा है, लेकिन फीडबैक के बाद प्रभारी उनके पक्ष में भी नहीं हैं। वहीं सोनीपत से विधायक सुरेंद्र पंवार को भी टिकट मिल सकती है। अभी वह ED के केस में जेल में बंद हैं। पंवार न लड़े तो फिर उनके बेटे या बहू भी उम्मीदवार हो सकती हैं।वहीं दादरी से निर्दलीय विधायक सोमवीर सांगवान कांग्रेस से टिकट चाहते हैं। उन्हें उम्मीद है कि कांग्रेस उन्हें टिकट देगी। उन्होंने कहा कि अगर नहीं देगी तो वे चुनाव तो लड़ेंगे। हरियाणा कांग्रेस की पहली लिस्ट आज आने के आसार हैं। इसकी पुष्टि प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया कर चुके हैं। केंद्रीय चुनाव समिति की मीटिंग में अब तक 66 नामों पर सहमति बन चुकी है। अब जिन 24 सीटों पर पेंच फंसा हुआ है, उन पर चर्चा के लिए कांग्रेस ने एक कमेटी बनाई है। इसमें दीपक बाबरिया, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मधुसूदन मिस्त्री और अजय माकन को रखा गया है। यह कमेटी पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा, सांसद कुमारी शैलजा और सांसद रणदीप सुरजेवाला से वन-टू-वन बात करेगी। इसके बाद इन 24 टिकटों पर फैसला होगा।वहीं, रेसलर विनेश फोगाट के चुनाव लड़ने को लेकर भी स्थिति क्लियर होगी। कांग्रेस से विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया के चुनाव लड़ने की चर्चा है। इसलिए सैलजा-सुरजेवाला पर नहीं हो पाया फैसला मीटिंग में जिन 2 सीटों पर आज फैसला नहीं हो पाया, वे रणदीप सुरजेवाला और कुमारी शैलजा की हैं। मीटिंग में इन दोनों सीटों के प्रस्ताव रखे गए, चर्चा भी हुई। सुरजेवाला का कैथल सीट से नाम चर्चा में है। वहीं, सैलजा ने अभी किसी सीट पर दावेदारी नहीं जताई है। हालांकि, चुनाव लड़ने की सूरत में वह अंबाला की मुलाना और सिरसा की कालांवाली रिजर्व सीट से उम्मीदवार हो सकती हैं। अभी तक के मंथन में पार्टी ने तय किया है कि पार्टी के सभी 28 विधायकों को फिर से चुनाव मैदान में उतारा जाए। इसके अलावा लिस्ट में 7 नए चेहरों को भी शामिल किया गया है। इनमें पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उदयभान का भी नाम शामिल है। इनकी टिकट तय मानी जा रही टिकटों को लेकर अभी तक हुए मंथन में भूपेंद्र सिंह हुड्डा, डॉ. रघुवीर सिंह कादियान या उनके परिवार से सदस्य, जगबीर मलिक या उनके परिवार से सदस्य, भारत भूषण बत्रा, गीता भुक्कल, आफताब अहमद, मोहम्मद इलियास, मामन खान, शैली चौधरी, मेवा सिंह, बीएल सैनी, शमशेर सिंह गोगी, अमित सिहाग, शीश पाल, राजेंद्र, कुलदीप वत्स, चिरंजीव राव, बलबीर सिंह, इंदुराज नरवाल, नीरज शर्मा, जयवीर वाल्मीकि, सुभाष गांगोली, सुरेंद्र पंवार या उनके परिवार से सदस्य, प्रदीप चौधरी, रेणु बाला, शकुंतला खटक को भी टिकट दी जा सकती है। जिन अन्य को उम्मीदवार बताया जा सकता है, उनमें उदयभान, अशोक अरोड़ा, कुलदीप शर्मा, रामकरण काला, धर्मपाल गोंदर, चंद्रप्रकाश, करण सिंह दलाल या उनके परिवार के सदस्य, शारदा राठौर, भीमसेन मेहता शामिल हैं। दो विधायकों की टिकटों पर फंस चुका पेंच पार्टी सूत्रों के मुताबिक महेंद्रगढ़ से विधायक राव दान सिंह और समालखा से विधायक धर्म सिंह छौक्कर के टिकट पर पेंच फंसा हुआ है। बाबरिया दोनों को टिकट देने के पक्ष में नहीं है, जबकि हुड्डा दोनों की पैरवी कर रहे हैं। चर्चा यह भी है कि राव दान सिंह ने बेटे अक्षत राव का नाम टिकट के लिए सामने रखा है, लेकिन फीडबैक के बाद प्रभारी उनके पक्ष में भी नहीं हैं। वहीं सोनीपत से विधायक सुरेंद्र पंवार को भी टिकट मिल सकती है। अभी वह ED के केस में जेल में बंद हैं। पंवार न लड़े तो फिर उनके बेटे या बहू भी उम्मीदवार हो सकती हैं।वहीं दादरी से निर्दलीय विधायक सोमवीर सांगवान कांग्रेस से टिकट चाहते हैं। उन्हें उम्मीद है कि कांग्रेस उन्हें टिकट देगी। उन्होंने कहा कि अगर नहीं देगी तो वे चुनाव तो लड़ेंगे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में अब तिरपाल हाउस व्यापारी को मिली धमकी:वॉट्सऐप कॉल कर 2 करोड़ फिरौती मांगी; 3 दिन में तीसरी वारदात, पुलिस ने सुरक्षा बढ़ाई
हरियाणा में अब तिरपाल हाउस व्यापारी को मिली धमकी:वॉट्सऐप कॉल कर 2 करोड़ फिरौती मांगी; 3 दिन में तीसरी वारदात, पुलिस ने सुरक्षा बढ़ाई हरियाणा के हिसार में बदमाशों का खौफ बढ़ता ही जा रहा है। यहां के आम लोगों और व्यापारियों को लगातार एक्सटॉर्सन कॉल्स आ रहे हैं, जिनमें उन्हें मारने की धमकी तक दी जा रही है। बीते 3 दिनों में 3 व्यापारियों को धमकियां मिल चुकी हैं। हैरानी की बात यह है कि 72 घंटे बीतने के बाद भी पुलिस अभी तक बदमाशों का कुछ पता नहीं लगा पाई है। इसी बीच हिसार ऑटो मार्केट के व्यापारी गोयल तिरपाल हाउस के मालिक मनीष गोयल उर्फ मोनी को बुधवार रात फिरौती के लिए कॉल आई है। उनसे बदमाशों ने 2 करोड़ रुपए की मांग की है। धमकी देने वाले ने अपना नाम काला खैरमपुरिया बताया। व्यापारी को वॉट्सऐप कॉल के जरिये यह धमकी मिली। इसी दौरान हरियाणा सरकार ने हिसार के SP मोहित हांडा का ट्रांसफर कर दिया है। हिसार में SP का कार्यभार अब IAS दीपक सहारण संभालेंगे। वह इससे पहले करनाल में SP थे। व्यापारियों की सुरक्षा बढ़ाई
फिरौती मांगने की घटनाओं की शुरुआत हिसार की ऑटो मार्केट में महिंद्रा शोरूम संचालक इनेलो नेता राम भगत गुप्ता से 5 करोड़ रुपए की फिरौती मांगने से हुई। उनके शोरूम पर सरेआम गोलियां चलाकर बदमाश फरार हो गए। इसके बाद भीम ऑटोमोबाइल संचालक से 2 करोड़ की रंगदारी मांगी गई। जिले की पुलिस इन फिरौती मांगने वालों को तो नहीं पकड़ पाई है, लेकिन जिन लोगों को धमकी मिल रही है उन्हें पुलिस सुरक्षा दी जा रही है। अब तक हिसार में सीधे तौर पर 3 व्यापारियों को पुलिस सुरक्षा दी गई है। वहीं, कुछ व्यापारी ऐसे हैं, जिन्हें धमकियां तो मिली हैं, लेकिन वे सामने नहीं आना चाहते। इसलिए उन्होंने व्यापार मंडल के प्रधान को बताकर अपने लिए पुलिस सुरक्षा का इंतजाम कर लिया है। साथ ही पुलिस ने व्यापार मंडल के प्रधान बजरंग दास गर्ग की सुरक्षा भी बढ़ा दी है। राम भगत गुप्ता और बेटे ने शोरूम आना छोड़ा
वहीं, शोरूम पर गोलियां चलने की घटना के बाद इनेलो नेता राम भगत गुप्ता और उसके बेटे संजय गुप्ता ने अपने महिंद्रा शोरूम पर आना बंद कर दिया है। बताया जा रहा है कि दोनों घर में ही रहते हैं। उनके परिवार के सदस्य भी बाहर नहीं निकलते। पुलिस ने उनके शोरूम पर सुरक्षा के लिए 4 कमांडो तैनात किए हैं। इसके अलावा एक पुलिस PCR वैन तैनात की गई है जो ऑटो मार्केट में लगातार गश्त कर रही है। ऑटो मार्केट के व्यापारियों में इतना खौफ है कि वह अनजान नंबरों के फोन तक नहीं उठा रहे। भीम ऑटोमोबाइल संचालक को रात 9 बजे आई कॉल
उधर, भीम ऑटोमोबाइल संचालक किट्टू बंसल को सोमवार रात वॉट्सऐप कॉल कर 2 करोड़ रुपए की रंगदारी मांगी गई है। उन्होंने बताया है कि उनके पास जो कॉल आया, उसमें कॉलर का नाम महाकाल था। उसने पैसे मांगने के साथ जान से मारने की धमकी दी। व्यापार मंडल प्रधान गर्ग ने कहा- शुक्रवार को बंद करेंगे मार्केट
वहीं, इस मामले में हरियाणा व्यापार मंडल के प्रधान बजरंग दास गर्ग न्यू ऑटो मार्केट में प्रेसवार्ता की। गर्ग ने कहा कि हरियाणा सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हो रही है। प्रदेश में गुंडों ने आतंक मचाया हुआ है। पहले नेता की हत्या हो जाती है और अब एक के बाद एक लूट, फिरौती की घटनाएं हो रही हैं। इनका फौरन समाधान होना चाहिए। बजरंग गर्ग ने कहा कि हरियाणा में ऐसे ही अपराध बढ़ता रहा तो प्रदेश का व्यापारी और उद्योगपति पलायन कर जाएगा। पहले भी भय के कारण काफी व्यापारी हरियाणा से पलायन कर चुके हैं। सरकार को व्यापारियों और आम जनता की सुरक्षा के लिए विशेष अभियान चलाना चाहिए और अपराधियों का पक्का इलाज करना चाहिए। मंडल प्रधान ने 28 जून को ऑटो मार्केट, फेस-1, 2 व 3 को पूर्ण रूप से बंद रखने की घोषणा की है।
बरवाला नप चेयरमैन बैटरीवाला ने छोड़ी BJP:पार्टी प्रदेशाध्यक्ष बड़ौली और सैनी को भेजा रिजाइन, रणबीर गंगवा को टिकट देने से नाराजगी
बरवाला नप चेयरमैन बैटरीवाला ने छोड़ी BJP:पार्टी प्रदेशाध्यक्ष बड़ौली और सैनी को भेजा रिजाइन, रणबीर गंगवा को टिकट देने से नाराजगी हरियाणा में हिसार जिले की बरवाला नगर पालिका के चेयरमैन रमेश बैटरीवाला ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने अपना रिजाइन हरियाणा BJP अध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली को भेज दिया। इसमें बैटरीवाला ने लिखा है कि वह पार्टी की ओर से सौंपे गए सभी दायित्व और पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं। भाजपा ने इस बार बरवाला सीट से रणबीर गंगवा को कैंडिडेट बनाया है। रणबीर गंगवा अभी तक नलवा से चुनाव लड़ते रहे हैं लेकिन पार्टी ने इस बार उन्हें बरवाला से टिकट दिया है। गंगवा को बाहरी प्रत्याशी बताते हुए बरवाला के लोकल भाजपाई उनका विरोध कर रहे हैं। रमेश बैटरीवाला ने भी गंगवा की उम्मीदवारी से नाराज होकर पार्टी छोड़ी है। ऐसे में बरवाला में रणबीर गंगवा की मुश्किलें बढ़ती दिखाई दे रही हैं। रमेश बैटरीवाला ने पार्टी से अपने इस्तीफे की कॉपी कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और हरियाणा भाजपा के संगठन मंत्री को भी भेजी है। बरवाला नगर पालिका चेयरमैन रमेश बैटरीवाला की ओर से दिया गया इस्तीफा बरवाला शहर में रमेश बैटरीवाला भाजपा का मजबूत चेहरा माने जाते थे। उनका शहर में अच्छा होल्ड है और इसी वजह से वह बरवाला नगर पालिका के चेयरमैन भी बने थे। पंजाबी समुदाय से आने वाले बैटरीवाला की ओर से चुनाव के बीचोंबीच पार्टी छोड़ देने से भाजपा बैकफुट पर आ गई है। रणबीर गंगवा हिसार जिले की नलवा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ते रहे हैं। 2014 और 2019 में वह भाजपा के टिकट पर नलवा से ही विधायक चुने गए थे। इस बार कुलदीप बिश्नोई के करीबी रणधीर पनिहार को एडजस्ट करने के लिए भाजपा नेतृत्व ने रणबीर गंगवा की सीट बदल दी। पार्टी सूत्रों के अनुसार, आरएसएस के सर्वे में नलवा में गंगवा की रिपोर्ट ठीक नहीं आना भी उनकी सीट बदलने की एक वजह रही। 40 पदाधिकारी अगस्त में ही लिख चुके पार्टी को लेटर बरवाला के भाजपाई इस सीट से किसी बाहरी नेता को टिकट देने का विरोध अगस्त से ही कर रहे हैं। बरवाला BJP के 40 वर्करों और पदाधिकारियों ने बाकायदा हरियाणा BJP के अध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली को लैटर लिखकर आग्रह किया था कि यहां से किसी ऐसे शख्स को टिकट दिया जाए जो स्थानीय हो और यहां के मुद्दों की समझ रखता हो। हालांकि पार्टी नेतृत्व ने इसके बावजूद रणबीर गंगवा को बरवाला से टिकट दे दिया। अब आलम ये है कि बरवाला के लोकल BJP नेता खुलकर गंगवा के साथ नहीं चल रहे। बरवाला के पूर्व विधायक वेद नारंग, कैप्टन भूपेंद्र समेत कई पदाधिकारी उनकी कैंपेन से दूरी बनाए हुए हैं। बरवाला के BJP वर्करों का तर्क है कि यहां कांग्रेस ने भी प्रजापति समाज का कैंडिडेट उतारकर मुकाबला कांटे का बना दिया है। भाजपा के जिला पार्षद दर्शन गिरी उतर चुके निर्दलीय भाजपा पर बरवाला में प्रजापति समाज की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए पार्टी के जिला पार्षद महंत दर्शन गिरी पहले ही निर्दलीय मैदान में कूद चुके हैं। रणबीर गंगवा का टिकट अनाउंस होते ही दर्शन गिरी ने पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था। यही नहीं, महंत दर्शन गिरी प्रजापति समाज की उपेक्षा करने और जान से मारने की धमकी देने का आरोप भी गंगवा पर लगा चुके हैं। इसके लेकर उन्होंने बाकायदा पुलिस थाने में शिकायत दे रखी है। किसान संगठनों ने 17 सितंबर को बुलाई मीटिंग
इसके अलावा किसान संगठन भी बरवाला में रणबीर गंगवा के विरोध का ऐलान कर चुके हैं। उन्होंने इसके लिए 17 सितंबर को एक मीटिंग बुलाई है। दरअसल बरवाला एरिया किसान आंदोलन का गढ़ रहा है। यहां के बाडोपट्टी टोल प्लाजा पर पूरे आंदोलन के दौरान धरना चला। लोकसभा चुनाव में किसानों ने हिसार सीट से BJP उम्मीदवार रणजीत चौटाला का इस इलाके में जमकर विरोध किया था। लोकसभा चुनाव में रणबीर गंगवा के पुराने हलके नलवा में भी भाजपा का विरोध हुआ था। तब उनकी गाड़ी के शीशे भी टूट गए थे। उस घटना में कई किसानों पर केस भी दर्ज हुआ।
महासभा में विवाद से चर्चा में बिश्नोई समाज:महिला हिरण के बच्चे को दूध पिलाती है, शादी में फेरे नहीं, पेड़ बचाने को सिर कटाए
महासभा में विवाद से चर्चा में बिश्नोई समाज:महिला हिरण के बच्चे को दूध पिलाती है, शादी में फेरे नहीं, पेड़ बचाने को सिर कटाए बिश्नोई समाज इन दिनों सुर्खियों में बना हुआ है। इसका बड़ा कारण है पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई और बिश्नोई महासभा के प्रधान देवेंद्र के बीच चल रही तनातनी। हाल ही में दोनों ने संगठन में रहते हुए एक-दूसरे को अपने-अपने पदों से हटा दिया था। वहीं, बुधवार को बिश्नोई समाज ने बैठक कर 5 फैसले लिए हैं। इनमें सबसे बड़ा फैसला महासभा का संरक्षक पद खत्म करना था। इसके साथ ही फैसला लिया गया कि कुलदीप बिश्नोई से ‘बिश्नोई रत्न’ भी वापस लिया जाएगा। संगठन में चल रहे विवाद के कारण भले ही इस वक्त बिश्नोई समाज सुर्खियों में आ गया हो, लेकिन आपको बता दें कि प्रकृति से प्रेम करने वाला यह समाज वन्य जीवों के लिए त्याग करने के लिए समाज में एक मिसाल माना जाता है। बिश्नोई महिला हिरण के बच्चे को अपना दूध पिलाती है। पेड़ बचाने के लिए वह सिर तक कटा देते हैं। उनके यहां शादी में दूल्हा-दुल्हन फेरे नहीं लेते। महासभा में चल रहे विवाद के बीच बिश्नोई समाज की पूरी कहानी पढ़ें… सबसे पहले ये तस्वीर देखें… हिरण के बच्चे को अपना दूध पिला रही ये महिला बिश्नोई समाज की है। ये तस्वीर ही उस दस्तूर की बानगी है, जिसमें बिश्नोई समाज का जानवरों के प्रति अटूट प्रेम दिखता है। बिश्नोई… यह बीस और नौ शब्द से बना है. जिसका मतलब होता है 29 नियमों का पालन करने वाला एक पंथ। इसमें से एक है जानवरों पर दया करना। जहां-जहां बिश्नोई बसाहट है, वहां हिरण, मोर और काले तीतर के झुंड मिलेंगे। इनकी रक्षा के लिए यह पंथ अपनी जान तक दे देता है और इन्हें बचाने के लिए किसी की जान ले भी सकता है। बिश्नोई समाज को प्रह्लादपंथी कहा जाता है। ये भक्त प्रह्लाद को मानते हैं। इसलिए, होलिका दहन के दिन शोक मनाते हैं। उस दिन इनके घर में खिचड़ी बनती है। इसी तरह इस समाज में पेड़-पौधे को काटना मना है। इसलिए, मरने के बाद इन्हें जलाया नहीं जाता, बल्कि मिट्टी में दफना दिया जाता है। हर घर के आगे खेजड़ी का पेड़ होना भी जरूरी है। बिश्नोई समाज ने हिसार में 40 हजार करोड़ की टाउनशिप का प्लान शिफ्ट कराया हरियाणा के हिसार में गांव बड़ोपल से कुछ दूरी पर संकरी सड़क के दोनों ओर दूर तक जंगल है। आसपास कंटीली झाड़ियां और कुछ कोस पर कीकर और खेजड़ी के पेड़ हैं। यहां ब्लैक बक सेंचुरी है। इस सेंचुरी में केंद्र सरकार का 40,000 करोड़ रुपए का टाउनशिप का एक प्लान बिश्नोई समाज के लोगों ने लंबी लड़ाई लड़कर शिफ्ट करवाया है। इस जंगल में हिरण, सांप, नील गाय समेत अनेक जीव और खेजड़ी के पेड़ हैं। इस बारे में कुलदीप बिश्नोई कहते हैं, ‘गुरु जम्भेश्वर ने हमें 29 नियमों का मंत्र दिया था। उन्हीं को मानते हुए आज भी हम वन्यजीव और वन बचाने के लिए वचनबद्ध हैं। इसके लिए युवाओं की प्रबंधन कमेटियां बनाई गई हैं। बिश्नोइयों के इलाके में कोई शिकारी या लकड़ी तस्कर आने की हिम्मत नहीं करते।’ बिश्नोई समाज के जीव प्रेमी अनिल खिच्चड़ मंगाली बताते हैं, ‘यह हमारे लिए ये सब सामाजिक नहीं धार्मिक काम हैं। हिरण के लिए हम ज्यादा संवेदनशील है। इसकी वजह यह है कि यह सबसे ज्यादा निरीह और कमजोर है। इस वजह से इसके इंसान भी दुश्मन हैं और दूसरे जानवर भी। अबोहर और राजस्थान में बिश्नोई समाज के घरों में आमतौर पर हिरण आ जाते हैं। हिरण के छोटे बच्चे को महिलाएं अपना दूध पिलाकर बड़ा करती हैं।’ बिश्नोइयों को प्रह्लाद पंथी क्यों कहते हैं? कहा जाता है कि भक्त प्रह्लाद को भगवान विष्णु ने वचन दिया था कि वो कलयुग में उन जीवों का उद्धार करने के लिए आएंगे जो सतयुग में रह गए हैं। बिश्नोई समाज गुरु जम्भेश्वर को भी विष्णु का अवतार मानता है। ज्यादातर बिश्नोई जाट समाज से इस पंथ में आए हैं। इस समाज को मानने वाले राजस्थान, हरियाणा, मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में रहते हैं। हिसार शहर से 40 किलोमीटर दूर आदमपुर का गांव सदलपुर बिश्नोई बहुल समाज का गांव है। यहां बिश्नोई मंदिर है। इसमें गुरु जम्भेश्वर के सिवाय कोई और मूर्ति नहीं है। गुरु जम्भेश्वर की मूर्ति के सामने कुछ भी नहीं रखा जाता। हिंदू मंदिरों से तुलना करें तो यहां सब कुछ बेहद सादा है। गुरु जम्भेश्वर वचन का पाठ हो होता है। हवन के बाद आरती होती है। यहां हवन में गाय के गोबर के उपलों को जलाकर उस पर सूखे नारियल की गिरियां, शुद्ध घी, सौंफ, तिल और हवन सामग्री डाली जाती है। आरती की थाली गुरु जम्भेश्वर की मूर्ति की ओर नहीं रखी जाती। जो व्यक्ति आरती कर रहा है उसकी पीठ मूर्ति की ओर रहती है। इसकी वजह भगत राम बताते हैं, ‘गुरु जम्भेश्वर का कहना था कि मैं जोत में हूं, जिसका मुंह चारों ओर है। इसलिए, आरती उनकी मूर्ति को न दिखाकर चारों ओर दिखाई जाती है।’ गुरु जम्भेश्वर के भक्त घर या मंदिर में सुबह और शाम सिर्फ हवन करते हैं। गुरु जम्भेश्वर का कहना है कि कोई मूर्ति पूजा नहीं करनी है। घर में सुबह-शाम हवन करना है। बिश्नोई समाज में बच्चे का जन्म और शादी के रीति-रिवाज भी अलग होते हैं। बच्चा पैदा होने के बाद 29 दिन बच्चे और उसकी मां को अलग रखा जाता है। 30वें दिन हवन होता है और पाल-पानी रखा जाता है। गुरु जम्भेश्वर के 120 शब्दवाणी से इसे मंत्रित किया जाता है। इस पाल को बच्चे को पिलाया जाता है, जिसे पीने से वह बिश्नोई हो जाता है। उसके बाद वह घर के अंदर आकर बाकी परिवार के साथ सामान्य जीवन जीता है। दरअसल, पाल एक मंत्र फूंका हुआ पानी होता है जिसे यह लोग गंगाजल की तरह पवित्र मानते हैं। बिश्नोई समाज में शादी के रीति-रिवाज भी अलग हैं। इनके यहां फेरे नहीं होते हैं। बल्कि, दूल्हा और दुल्हन को दो अलग-अलग पीढ़े पर बैठा देते हैं। उनके सामने गुरु जम्भेश्वर की शब्दवाणी पढ़ी जाती है। पाल की कसम खिलाई जाती है। बस शादी हो गई। बिश्नोई समाज पुनर्जन्म में यकीन नहीं रखता है। उसका मानना है कि कर्म के हिसाब से जो है इसी जन्म में है। इनकी पूजा इबादत जो है, वह पर्यावरण से ही जुड़ी है। इसलिए, यह मरने के बाद शव को जलाते नहीं हैं, बल्कि उसे दफनाते हैं। बीते साल जोधपुर के गांव में शैतान सिंह ने एक शिकारी के चंगुल से एक हिरण को बचाने के लिए अपनी जान दे दी। इन लोगों के लिए जीव जंतु इतने अहम हैं कि मरने के बाद यह लोग इंसानों की ही तरह से पशु पक्षियों का दाह संस्कार करते हैं। बिश्नोई समाज के लोग होली भी नहीं मनाते हैं। वह होली के त्योहार को काला दिन मानते हैं, क्योंकि इस दिन होलिका भक्त प्रह्लाद को दहन करने के लिए अपनी गोद में लेकर बैठी थी। बिश्नोई समाज के लोग इस दिन सूतक रखते हैं। ये लोग इस दिन एक-दूसरे के घर जाते हैं। अफसोस करते हैं। गुरु जम्भेश्वर और भक्त प्रह्लाद की बातें करते हैं। शाम को जल्दी खाना खाकर सो जाते हैं। इस दिन वह बहुत ही सादा खाना खिचड़ा खाते हैं। कोई किसी से हंसी-मजाक नहीं करता है। इस दिन किसी के बच्चा हो जाए तो खुशी नहीं मनाई जाती है। सारे शुभ काम टाल दिए जाते हैं। होली के अगले दिन जब देखा जाता है कि भक्त प्रह्लाद जले नहीं हैं, भगवान विष्णु ने उन्हें बचा लिया है, तब खुशी मनाते हैं। खेजड़ी के पेड़ बचाने के लिए 363 बिश्नोइयों ने अपने सिर कटवाए
खेजड़ी इनका धार्मिक पेड़ है। हर बिश्नोई के घर के बाहर यह पेड़ आपको मिलेगा। इसके पीछे एक कहानी है। आज से लगभग 300 साल पहले की बात है। राजा अभय सिंह ने अपने महल के दरवाजे बनवाने के लिए हरे पेड़ों की लकड़ी कटवाने का आदेश दिया। उन्हें पता लगा कि बिश्नोई बहुल इलाके में सबसे ज्यादा पेड़ मिलेंगे। जब उनकी सेना वहां पेड़ काटने के लिए गई तब वहां बिश्नोई समाज की महिला ‘माता अमृता देवी’ ने इसका विरोध किया। जब उनकी बात नहीं सुनी गई तो उन्होंने अपना शीश कटा दिया। शीश कटवाने से पहले माता अमृता देवी ने उनसे कहा, ‘सिर सांटे रूख रहे, तो भी सस्तो जाणिये।’ कहने का मतलब है- अगर सिर कटवा देने से एक पेड़ भी बच जाता है तो यह मेरे लिए सस्ता सौदा है। इसके बाद से खेजड़ी के पेड़ की पूजा शुरू हो गई। उस वक्त 363 बिश्नोइयों ने भी अपना सिर कटवा दिया था। **************** ये खबर भी पढ़ें… अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा में बवाल:बैठक में लिए 5 फैसले; संरक्षक पद खत्म, कुलदीप से बिश्नोई रत्न वापस लिया जाए अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के प्रधान देवेंद्र बूड़िया और पूर्व सीएम भजनलाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई के बीच चल रहे विवाद में अब नया मोड आ गया है। बिश्नोई समाज के धार्मिक स्थल मुकाम धाम पर बुधवार को बैठक हुई। (पूरी खबर पढ़ें)