हरियाणा में हिसार जिले की बरवाला विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशी राम निवास घोड़ेला को विरोध का सामना करना पड़ा। घोड़ेला गांव जुगलान में सभा को संबोधित करने गए थे। जैसे ही घोड़ेला बोलने लगे एक व्यक्ति उनके पास जा पहुंचा और कहा, ‘पिछली बार तुझे वोट दिए, तू हमारे कारण जीता, मगर जीतने के बाद तूने नौकरी के लिए पर्ची पर साइन नहीं किए’। इसके बाद कार्यक्रम में गरमा गर्मी हो गई। घोड़ेला के साथ आए उनके समर्थक नारेबाजी करने लगे। कुछ देर तक हंगामा चलता रहा, इसके बाद जब माहौल शांत हुआ तो घोड़ेला अपनी बात कहकर गांव से निकल गए। गांव जुगलान में विरोध करने वाले व्यक्ति का नाम राजकुमार जागलान है। राजकुमार जागलान का कहना है कि पिछली बार (2009 में) जब रामनिवास घोड़ेला ने चुनाव लड़ा तो उन्होंने बड़े-बड़े वादे किए थे। पूरे गांव ने एक तरफा वोट दिए थे लेकिन जीतने के बाद विधायक ने गांव की तरफ देखा भी नहीं। साथ ही राजकुमार ने आरोप लगाते हुए कहा कि घोड़ेला ने सिर्फ अपने 5-6 समर्थकों का काम किया, बाकि किसी का कोई काम नहीं करवाया। बरवाला का बड़ा गांव हैं जुगलान
जुगलाना बरवाला के बड़े गांवों में से एक है यहां करीब 4300 वोट हैं। ग्रामीणों ने बताया कि पूरा गांव घोड़ेला के विरोध में खड़ा है। 2009 में जीतकर जब वह विधायक बने थे तो उन्होंने जीतने के बाद गांव के किसी भी व्यक्ति का कोई काम नहीं करवाया। यही कारण है कि जैसे ही वो अब गांव में पहुंचे तो ग्रामीणों ने हंगामा कर दिया। घोड़ेला का साथ नहीं दे रहे कांग्रेसी
इस सीट से कांग्रेस की टिकट के कई दावेदार थे। यही कारण है कि कांग्रेस के कई स्थानीय नेता भी घोड़ेला का साथ नहीं दे रहे हैं। कांग्रेस नेता राजेंद्र सूरा, कृष्ण सातरोड़ और भूपेंद्र गंगवा कांग्रेस प्रत्याशी से दूरी बनाए हुए हैं। ऐसे में घोड़ेला के लिए चुनाव में आगे और मुश्किलें बढ़ सकती हैं। राम निवास घोड़ेला पर दर्ज हुआ था केस
2009 से 2014 के बीच तत्कालीन कांग्रेस सरकार में मुख्य संसदीय सचिव रहे विनोद भ्याना, रामकिशन फौजी, विधायक जरनैल सिंह, स्वास्थ्य मंत्री राव नरेंद्र सिंह, विधायक नरेश सेलवाल ने सीएलयू करवाने के लिए, वक्फ बोर्ड की जमीन रिलीज करवाने के लिए और विधायक रामनिवास घोड़ेला ने सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत ईंट भट्टों पर बच्चों को पढ़ाने का काम एनजीओ को दिलवाने के लिए घूस की मांग की थी। इस मामले के बारे में एक स्टिंग आपरेशन किया गया था। उस स्टिंग ऑपरेशन के आधार पर इनेलो ने 2014 में इन सबके खिलाफ भ्रष्ट आचरण की शिकायत लोकायुक्त से की थी। तत्कालीन लोकायुक्त ने 16 दिसंबर, 2015 को उपरोक्त सभी को भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत एसआईटी गठित करके जांच के आदेश दिए थे। उन्होंने कहा कि 27 जुलाई, 2015 को तत्कालीन एडीजीपी एवं एसआईटी के इंचार्ज वी कामराजा ने इन सबको भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत दोषी माना और इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की सिफारिश की थी। जिसके आधार पर इन सबके खिलाफ मुकदमे स्टेट विजिलेंस ब्यूरो द्वारा दर्ज किए गए थे। विनोद भ्याना का पीए जेल में भी रहा और उसके खिलाफ हिसार में मुकदमा चल रहा है। हरियाणा में हिसार जिले की बरवाला विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशी राम निवास घोड़ेला को विरोध का सामना करना पड़ा। घोड़ेला गांव जुगलान में सभा को संबोधित करने गए थे। जैसे ही घोड़ेला बोलने लगे एक व्यक्ति उनके पास जा पहुंचा और कहा, ‘पिछली बार तुझे वोट दिए, तू हमारे कारण जीता, मगर जीतने के बाद तूने नौकरी के लिए पर्ची पर साइन नहीं किए’। इसके बाद कार्यक्रम में गरमा गर्मी हो गई। घोड़ेला के साथ आए उनके समर्थक नारेबाजी करने लगे। कुछ देर तक हंगामा चलता रहा, इसके बाद जब माहौल शांत हुआ तो घोड़ेला अपनी बात कहकर गांव से निकल गए। गांव जुगलान में विरोध करने वाले व्यक्ति का नाम राजकुमार जागलान है। राजकुमार जागलान का कहना है कि पिछली बार (2009 में) जब रामनिवास घोड़ेला ने चुनाव लड़ा तो उन्होंने बड़े-बड़े वादे किए थे। पूरे गांव ने एक तरफा वोट दिए थे लेकिन जीतने के बाद विधायक ने गांव की तरफ देखा भी नहीं। साथ ही राजकुमार ने आरोप लगाते हुए कहा कि घोड़ेला ने सिर्फ अपने 5-6 समर्थकों का काम किया, बाकि किसी का कोई काम नहीं करवाया। बरवाला का बड़ा गांव हैं जुगलान
जुगलाना बरवाला के बड़े गांवों में से एक है यहां करीब 4300 वोट हैं। ग्रामीणों ने बताया कि पूरा गांव घोड़ेला के विरोध में खड़ा है। 2009 में जीतकर जब वह विधायक बने थे तो उन्होंने जीतने के बाद गांव के किसी भी व्यक्ति का कोई काम नहीं करवाया। यही कारण है कि जैसे ही वो अब गांव में पहुंचे तो ग्रामीणों ने हंगामा कर दिया। घोड़ेला का साथ नहीं दे रहे कांग्रेसी
इस सीट से कांग्रेस की टिकट के कई दावेदार थे। यही कारण है कि कांग्रेस के कई स्थानीय नेता भी घोड़ेला का साथ नहीं दे रहे हैं। कांग्रेस नेता राजेंद्र सूरा, कृष्ण सातरोड़ और भूपेंद्र गंगवा कांग्रेस प्रत्याशी से दूरी बनाए हुए हैं। ऐसे में घोड़ेला के लिए चुनाव में आगे और मुश्किलें बढ़ सकती हैं। राम निवास घोड़ेला पर दर्ज हुआ था केस
2009 से 2014 के बीच तत्कालीन कांग्रेस सरकार में मुख्य संसदीय सचिव रहे विनोद भ्याना, रामकिशन फौजी, विधायक जरनैल सिंह, स्वास्थ्य मंत्री राव नरेंद्र सिंह, विधायक नरेश सेलवाल ने सीएलयू करवाने के लिए, वक्फ बोर्ड की जमीन रिलीज करवाने के लिए और विधायक रामनिवास घोड़ेला ने सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत ईंट भट्टों पर बच्चों को पढ़ाने का काम एनजीओ को दिलवाने के लिए घूस की मांग की थी। इस मामले के बारे में एक स्टिंग आपरेशन किया गया था। उस स्टिंग ऑपरेशन के आधार पर इनेलो ने 2014 में इन सबके खिलाफ भ्रष्ट आचरण की शिकायत लोकायुक्त से की थी। तत्कालीन लोकायुक्त ने 16 दिसंबर, 2015 को उपरोक्त सभी को भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत एसआईटी गठित करके जांच के आदेश दिए थे। उन्होंने कहा कि 27 जुलाई, 2015 को तत्कालीन एडीजीपी एवं एसआईटी के इंचार्ज वी कामराजा ने इन सबको भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत दोषी माना और इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने की सिफारिश की थी। जिसके आधार पर इन सबके खिलाफ मुकदमे स्टेट विजिलेंस ब्यूरो द्वारा दर्ज किए गए थे। विनोद भ्याना का पीए जेल में भी रहा और उसके खिलाफ हिसार में मुकदमा चल रहा है। हरियाणा | दैनिक भास्कर