हरियाणा कांग्रेस के कैंडिडेट सुरेंद्र पंवार बरी:हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी अवैध बताई, 25 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग केस में ED ने अरेस्ट किया था

हरियाणा कांग्रेस के कैंडिडेट सुरेंद्र पंवार बरी:हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी अवैध बताई, 25 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग केस में ED ने अरेस्ट किया था

हरियाणा के सोनीपत से कांग्रेस कैंडिडेट सुरेंद्र पंवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने बरी कर दिया है। 25 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग केस में इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) की गिरफ्तारी को हाईकोर्ट ने अवैध करार दिया है। सुरेंद्र पंवार के वकील मुकेश पन्नालाल ने हाईकोर्ट में अपील की थी कि जब पंवार का नाम किसी FIR में नहीं है तो इनको अवैध तरीके से गिरफ्तार क्यों किया गया। दस्तावेजों को आधार मानते हुए अब हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है। वकील मुकेश ने कहा कि वह अभी रिटर्न कॉपी लेने के लिए भागदौड़ में लगे हुए हैं। सुरेंद्र पंवार खनन व्यापारी हैं। ईडी ने उनको 20 जुलाई काे गुरुग्राम में पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। इसके बाद से वे अंबाला जेल में थे। सुरेंद्र पंवार 2019 में कांग्रेस की टिकट पर सोनीपत से विधायक बने थे। अब कांग्रेस ने उनको दोबारा से टिकट दी है। अब उनके बरी होने के बाद माना जा रहा है कि सोनीपत सीट पर कांग्रेस व भाजपा में चुनावी मुकाबला बेहद रोचक हो जाएगा। अभी तक उनकी पुत्रवधू समीक्षा पंवार ही उनके चुनाव प्रचार की कमान संभाले हुए थी। भाजपा ने सोनीपत में कांग्रेस के बागी नगर निगम के मेयर निखिल मदान को टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा है। हालांकि भाजपा प्रत्याशी यहां अभी गुटबाजी का सामना कर रहे हैं। वहीं सुरेंद्र पंवार के जेल में होने की वजह से उनका चुनाव प्रचार भी यहां प्रभावित हो रहा था। उनकी गैर मौजूदगी में उनकी पुत्रवधु समीक्षा पंवार ही मैदान में डटी हुई थी। सोनीपत के सांसद सतपाल ब्रह्मचारी भी कांग्रेस प्रत्याशी के चुनाव प्रचार में पहुंचे हुए थे। लेकिन इन सबके बावजूद सुरेंद्र पंवार की कमी यहां खल रही थी। राजनीति से जुड़े लोग बताते हैं कि सुरेंद्र पंवार के जेल से बाहर आने के बाद अब सोनीपत सीट पर चुनावी मुकाबला बड़ा ही रोचक हो जाएगा। यहां विधानसभा चुनाव में सीधा मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच है। निखिल मदान ने जीत के लिए पूरी ताकत झोंकी हुई है। हालांकि पूर्व मंत्री कविता जैन व राजीव जैन भाजपा प्रत्याशी के चुनाव प्रचार से दूर हैं। जनवरी में हुई थी ED की रेड
इसी वर्ष चार जनवरी को सोनीपत के कांग्रेस के तत्कालीन विधायक सुरेंद्र पंवार के सेक्टर-15 स्थित आवास व अन्य स्थानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने छापा मारा था। ईडी वर्ष 2013 में हुए अवैध खनन मामले में जांच कर रही थी। विधायक के साथ ही उनके साझेदारों यमुनानगर के पूर्व विधायक दिलबाग सिंह व करनाल में भी छापे मारे गए थे। ईडी की टीम ने अवैध खनन से संबंधित दस्तावेजों की जांच की और कुछ को अपने कब्जे में लिया था। विधायक सुरेंद्र पंवार पर 25 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग ट्रायल का मामला चल रहा है। पंवार के खिलाफ आठ मामले दर्ज हैं। एक मामला ईडी की टीम ने जनवरी में दर्ज किया था। इसके बाद पूर्व विधायक दिलबाग सिंह व उनके सहयोगी को गिरफ्तार कर लिया गया था, जिन्हें बाद में जमानत मिल गई थी। हरियाणा के सोनीपत से कांग्रेस कैंडिडेट सुरेंद्र पंवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने बरी कर दिया है। 25 करोड़ के मनी लॉन्ड्रिंग केस में इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) की गिरफ्तारी को हाईकोर्ट ने अवैध करार दिया है। सुरेंद्र पंवार के वकील मुकेश पन्नालाल ने हाईकोर्ट में अपील की थी कि जब पंवार का नाम किसी FIR में नहीं है तो इनको अवैध तरीके से गिरफ्तार क्यों किया गया। दस्तावेजों को आधार मानते हुए अब हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है। वकील मुकेश ने कहा कि वह अभी रिटर्न कॉपी लेने के लिए भागदौड़ में लगे हुए हैं। सुरेंद्र पंवार खनन व्यापारी हैं। ईडी ने उनको 20 जुलाई काे गुरुग्राम में पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था। इसके बाद से वे अंबाला जेल में थे। सुरेंद्र पंवार 2019 में कांग्रेस की टिकट पर सोनीपत से विधायक बने थे। अब कांग्रेस ने उनको दोबारा से टिकट दी है। अब उनके बरी होने के बाद माना जा रहा है कि सोनीपत सीट पर कांग्रेस व भाजपा में चुनावी मुकाबला बेहद रोचक हो जाएगा। अभी तक उनकी पुत्रवधू समीक्षा पंवार ही उनके चुनाव प्रचार की कमान संभाले हुए थी। भाजपा ने सोनीपत में कांग्रेस के बागी नगर निगम के मेयर निखिल मदान को टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा है। हालांकि भाजपा प्रत्याशी यहां अभी गुटबाजी का सामना कर रहे हैं। वहीं सुरेंद्र पंवार के जेल में होने की वजह से उनका चुनाव प्रचार भी यहां प्रभावित हो रहा था। उनकी गैर मौजूदगी में उनकी पुत्रवधु समीक्षा पंवार ही मैदान में डटी हुई थी। सोनीपत के सांसद सतपाल ब्रह्मचारी भी कांग्रेस प्रत्याशी के चुनाव प्रचार में पहुंचे हुए थे। लेकिन इन सबके बावजूद सुरेंद्र पंवार की कमी यहां खल रही थी। राजनीति से जुड़े लोग बताते हैं कि सुरेंद्र पंवार के जेल से बाहर आने के बाद अब सोनीपत सीट पर चुनावी मुकाबला बड़ा ही रोचक हो जाएगा। यहां विधानसभा चुनाव में सीधा मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच है। निखिल मदान ने जीत के लिए पूरी ताकत झोंकी हुई है। हालांकि पूर्व मंत्री कविता जैन व राजीव जैन भाजपा प्रत्याशी के चुनाव प्रचार से दूर हैं। जनवरी में हुई थी ED की रेड
इसी वर्ष चार जनवरी को सोनीपत के कांग्रेस के तत्कालीन विधायक सुरेंद्र पंवार के सेक्टर-15 स्थित आवास व अन्य स्थानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने छापा मारा था। ईडी वर्ष 2013 में हुए अवैध खनन मामले में जांच कर रही थी। विधायक के साथ ही उनके साझेदारों यमुनानगर के पूर्व विधायक दिलबाग सिंह व करनाल में भी छापे मारे गए थे। ईडी की टीम ने अवैध खनन से संबंधित दस्तावेजों की जांच की और कुछ को अपने कब्जे में लिया था। विधायक सुरेंद्र पंवार पर 25 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग ट्रायल का मामला चल रहा है। पंवार के खिलाफ आठ मामले दर्ज हैं। एक मामला ईडी की टीम ने जनवरी में दर्ज किया था। इसके बाद पूर्व विधायक दिलबाग सिंह व उनके सहयोगी को गिरफ्तार कर लिया गया था, जिन्हें बाद में जमानत मिल गई थी।   हरियाणा | दैनिक भास्कर