हरियाणा कांग्रेस कोर्ट जाने के लिए सबूत जुटा रही:चुनाव हारे 53 नेता दिल्ली तलब, 8 सदस्यीय कमेटी पूछेगी 4 सवाल

हरियाणा कांग्रेस कोर्ट जाने के लिए सबूत जुटा रही:चुनाव हारे 53 नेता दिल्ली तलब, 8 सदस्यीय कमेटी पूछेगी 4 सवाल

हरियाणा में कांग्रेस हार के मंथन के साथ-साथ हार के सबूत भी तलाश रही है। इसके लिए आज (9 नवंबर) को दिल्ली में कांग्रेस की हार के कारण जानने के लिए बनाई गई 8 मेंबरी कमेटी की मीटिंग होगी। बैठक की अध्यक्षता कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष उदयभान और हरियाणा कांग्रेस सह प्रभारी जितेंद्र बघेल करेंगे। कांग्रेस का मानना है कि भाजपा हेराफेरी, धन-बल के इस्तेमाल और सरकारी तंत्र की मदद के कारण चुनाव जीती है। पार्टी ने नतीजे सामने आने के बाद चुनाव आयोग से भी गुहार लगाई थी मगर आयोग ने उलटा कांग्रेस को ही आइना दिखा दिया, जिससे खफा होकर कांग्रेस कोर्ट जाने की भी तैयारी कर रही है। इसी केस को दायर करने के लिए वह सबूत एकत्रित कर रही है। कांग्रेस ने इस मीटिंग में विधानसभा चुनाव में हारे हुए सभी 53 नेताओं को दोपहर 12 बजे बुलाया है। इन नेताओं के पास मैसेज पहुंच गए हैं। कांग्रेस ने हार के बाद पहले फैक्ट एंड फाइंडिंग कमेटी बनाई थी, जिसकी रिपोर्ट हाईकमान के पास पेंडिंग है। इसके बाद हाल ही में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने सहप्रभारी से मुलाकात के बाद 8 मेंबर कमेटी बनाई। घोड़ेला बोले- मेरे पास लंबी लिस्ट, खुलासे करूंगा
वहीं मीटिंग में जाने को लेकर पूछे गए सवाल में नलवा से कांग्रेस प्रत्याशी रहे अनिल मान ने कहा कि वह दिल्ली में बैठक में नहीं जाएंगे। उनको कोई निजी काम है हालांकि मीटिंग के लिए उनके पास मैसेज व कॉल आई थी। वहीं बरवाला से प्रत्याशी रहे पूर्व विधायक रामनिवास घोड़ेला ने बताया कि मीटिंग में वह जा रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि मेरे पास एक लंबी सूची है। मीटिंग में अगर पूछा जाएगा तो मैं इन नामों का खुलासा भी करूंगा जिनके कारण हम हारे। घोड़ेला ने बताया कि सांसद के चुनाव में 53 हजार वोट सांसद को मिलते हैं मगर 3 महीने बाद चुनाव में मुझे 40 हजार वोट मिलते हैं। ऐसे में सवाल तो उठते हैं। मीटिंग में कमेटी के 8 मेंबर के अलावा प्रदेशाध्यक्ष भी रहेंगे… राठौर बोले- भाजपा की कैबिनेट ही चुनाव हार गई
कांग्रेस नेता वीरेंद्र राठौर ने भाजपा के पक्ष में आए चुनावी नतीजों को लेकर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा कैबिनेट ने अच्छा काम किया होता तो अनिल विज को छोड़कर सभी कैबिनेट मंत्री क्यों चुनाव हारते? अगर विधायकों ने काम अच्छा काम किया होता तो 11 उम्मीदवारों की जमानत जब्त न होती। भाजपा 89 सीटों पर चुनाव लड़ी और 89 में से 10 कैबिनेट मंत्री चुनाव हारे और 11 लोगों की जमानत जब्त हो गई। फिर बचीं 69 सीटें। ऐसे में सवाल यह खड़ा होता है कि ऐसी कौन सी आंधी भाजपा की चल रही थी कि 69 में से 48 सीटें भाजपा जीत गई? आज भी लोग इस नतीजे को स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं। फैक्ट एंड फाइंडिंग कमेटी सौंप चुकी हाईकमान को रिपोर्ट बता दें कि राहुल गांधी की समीक्षा बैठक के बाद कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के पूर्व CM भूपेश बघेल और राजस्थान के कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी की दो सदस्यीय फैक्ट एंड फाइंडिंग कमेटी बनाई थी। दोनों नेताओं ने खुद बैठकर जूम मीटिंग के जरिए एक-एक नेता से वन टू वन बात की। प्रदेश के 90 में से चुनाव हारे 53 नेताओं से उनकी बातचीत हुई। कमेटी ने चुनाव हारे उम्मीदवारों से 4 तरह के सवाल पूछे। जिसके बाद कमेटी ने इसकी लिखित रिपोर्ट तैयार की है। जिसमें EVM से ज्यादा चुनाव के बीच तालमेल की कमी और गुटबाजी की वजह सामने आई है। हालांकि कमेटी हाईकमान को अपनी रिपोर्ट सौंप चुकी है। हरियाणा में कांग्रेस हार के मंथन के साथ-साथ हार के सबूत भी तलाश रही है। इसके लिए आज (9 नवंबर) को दिल्ली में कांग्रेस की हार के कारण जानने के लिए बनाई गई 8 मेंबरी कमेटी की मीटिंग होगी। बैठक की अध्यक्षता कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष उदयभान और हरियाणा कांग्रेस सह प्रभारी जितेंद्र बघेल करेंगे। कांग्रेस का मानना है कि भाजपा हेराफेरी, धन-बल के इस्तेमाल और सरकारी तंत्र की मदद के कारण चुनाव जीती है। पार्टी ने नतीजे सामने आने के बाद चुनाव आयोग से भी गुहार लगाई थी मगर आयोग ने उलटा कांग्रेस को ही आइना दिखा दिया, जिससे खफा होकर कांग्रेस कोर्ट जाने की भी तैयारी कर रही है। इसी केस को दायर करने के लिए वह सबूत एकत्रित कर रही है। कांग्रेस ने इस मीटिंग में विधानसभा चुनाव में हारे हुए सभी 53 नेताओं को दोपहर 12 बजे बुलाया है। इन नेताओं के पास मैसेज पहुंच गए हैं। कांग्रेस ने हार के बाद पहले फैक्ट एंड फाइंडिंग कमेटी बनाई थी, जिसकी रिपोर्ट हाईकमान के पास पेंडिंग है। इसके बाद हाल ही में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष ने सहप्रभारी से मुलाकात के बाद 8 मेंबर कमेटी बनाई। घोड़ेला बोले- मेरे पास लंबी लिस्ट, खुलासे करूंगा
वहीं मीटिंग में जाने को लेकर पूछे गए सवाल में नलवा से कांग्रेस प्रत्याशी रहे अनिल मान ने कहा कि वह दिल्ली में बैठक में नहीं जाएंगे। उनको कोई निजी काम है हालांकि मीटिंग के लिए उनके पास मैसेज व कॉल आई थी। वहीं बरवाला से प्रत्याशी रहे पूर्व विधायक रामनिवास घोड़ेला ने बताया कि मीटिंग में वह जा रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि मेरे पास एक लंबी सूची है। मीटिंग में अगर पूछा जाएगा तो मैं इन नामों का खुलासा भी करूंगा जिनके कारण हम हारे। घोड़ेला ने बताया कि सांसद के चुनाव में 53 हजार वोट सांसद को मिलते हैं मगर 3 महीने बाद चुनाव में मुझे 40 हजार वोट मिलते हैं। ऐसे में सवाल तो उठते हैं। मीटिंग में कमेटी के 8 मेंबर के अलावा प्रदेशाध्यक्ष भी रहेंगे… राठौर बोले- भाजपा की कैबिनेट ही चुनाव हार गई
कांग्रेस नेता वीरेंद्र राठौर ने भाजपा के पक्ष में आए चुनावी नतीजों को लेकर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा कैबिनेट ने अच्छा काम किया होता तो अनिल विज को छोड़कर सभी कैबिनेट मंत्री क्यों चुनाव हारते? अगर विधायकों ने काम अच्छा काम किया होता तो 11 उम्मीदवारों की जमानत जब्त न होती। भाजपा 89 सीटों पर चुनाव लड़ी और 89 में से 10 कैबिनेट मंत्री चुनाव हारे और 11 लोगों की जमानत जब्त हो गई। फिर बचीं 69 सीटें। ऐसे में सवाल यह खड़ा होता है कि ऐसी कौन सी आंधी भाजपा की चल रही थी कि 69 में से 48 सीटें भाजपा जीत गई? आज भी लोग इस नतीजे को स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं। फैक्ट एंड फाइंडिंग कमेटी सौंप चुकी हाईकमान को रिपोर्ट बता दें कि राहुल गांधी की समीक्षा बैठक के बाद कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के पूर्व CM भूपेश बघेल और राजस्थान के कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी की दो सदस्यीय फैक्ट एंड फाइंडिंग कमेटी बनाई थी। दोनों नेताओं ने खुद बैठकर जूम मीटिंग के जरिए एक-एक नेता से वन टू वन बात की। प्रदेश के 90 में से चुनाव हारे 53 नेताओं से उनकी बातचीत हुई। कमेटी ने चुनाव हारे उम्मीदवारों से 4 तरह के सवाल पूछे। जिसके बाद कमेटी ने इसकी लिखित रिपोर्ट तैयार की है। जिसमें EVM से ज्यादा चुनाव के बीच तालमेल की कमी और गुटबाजी की वजह सामने आई है। हालांकि कमेटी हाईकमान को अपनी रिपोर्ट सौंप चुकी है।   हरियाणा | दैनिक भास्कर