हरियाणा का गैंगस्टर पपला गुर्जर, जिसे उम्रकैद हुई:गुरू की हत्या से शुरू हुई कहानी; डेढ़ साल में 4 मर्डर, पुलिस सिक्योरिटी में भी कत्ल

हरियाणा का गैंगस्टर पपला गुर्जर, जिसे उम्रकैद हुई:गुरू की हत्या से शुरू हुई कहानी; डेढ़ साल में 4 मर्डर, पुलिस सिक्योरिटी में भी कत्ल

हरियाणा और राजस्थान के नामी गैंगस्टर विक्रम उर्फ पपला गुर्जर को नारनौल के एडिशनल सेशन जज (ASJ) डीएन भारद्वाज की कोर्ट ने श्रीराम मर्डर केस में उम्रकैद की सजा सुनाई है। पपला को पहले भी कई केस में कोर्ट से सजा हो चुकी है और कई मामले अभी भी कोर्ट में विचाराधीन हैं। जिस श्रीराम नाम के बुजुर्ग की हत्या के मामले में उसे सजा हुई, उसकी कहानी खौफनाक है। गैंगस्टर पपला ने श्रीराम को पुलिस सुरक्षा के बीच गोलियों ने भून दिया था। पपला ने डेढ़ साल के भीतर श्रीराम के अलावा उसकी बेटी बिमला, बेटे महेश और भांजे संदीप उर्फ फौजी का मर्डर कर दिया। पपला गुर्जर के खौफ की कहानी उसके गुरु शक्ति पहलवान के कत्ल से शुरू हुई। 10 साल पहले तक महेंद्रगढ़ जिले के खैरोली गांव में रहने वाले विक्रम उर्फ पपला की पहचान सिर्फ एक पहलवान के रूप में थी। 4 फरवरी 2014 को उसके गुरु शक्ति पहलवान उर्फ दूधिया की खैरोली गांव में ही हत्या हो गई। हत्या का आरोप कुख्यात बदमाश सुरेंद्र उर्फ चीकू पर लगा। पपला को पता चला कि उसके गांव खैरोली में ही रहने वाले संदीप उर्फ फौजी ने शक्ति पहलवान की मुखबिरी की है। पुलिस ने शक्ति गुर्जर की हत्या में सुरेंद्र उर्फ चीकू के साथ संदीप को भी साजिश का हिस्सेदार मानते हुए गिरफ्तार कर लिया। 2014 में पहला मर्डर किया
गुरु की हत्या से शुरू हुई अदावत में पपला गुर्जर के सिर पर ऐसा खून सवार हुआ कि उसने एक महीने बाद मार्च 2014 में संदीप की मां बिमला पर घर में घुसकर हमला कर दिया। उसने बिमला के दोनों हाथ-पैर तोड़ डाले। उस समय घर में बिमला को अस्पताल पहुंचाने वाला कोई नहीं था। महेंद्रगढ़ के ही बिहारीपुर गांव में रहने वाला बिमला का भाई महेश और पिता श्रीराम उसे लेने खैरोली गांव पहुंचे। श्रीराम अपनी बेटी बिमला को एंबुलेंस में लेकर नारनौल के लिए चल पड़े। महेश बाइक पर रवाना हुआ। पपला गुर्जर ने अपने साथियों के साथ मिलकर महेश को रास्ते में गुलावला गांव के पास रोक लिया और लाठी-डंडों से बुरी तरह पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया। 2015 में 3 और हत्याएं
इसके बाद शक्ति पहलवान की हत्या के मामले में गिरफ्तार संदीप को जमानत मिल गई। जनवरी 2015 में संदीप पेशी पर नारनौल कोर्ट में पहुंचा। वहां कोर्ट से निकलते ही पपला गुर्जर ने अपने गैंग के साथ मिलकर संदीप की हत्या कर दी। इस हत्या के बाद नारनौल सिटी थाने में पपला और उसके साथियों पर मर्डर का दूसरा केस दर्ज हो गया। संदीप मर्डर केस में उसके नाना श्रीराम मुख्य गवाह बने। पुलिस पहले से दर्ज मर्डर के 2 मामलों में पपला को तलाश ही रही थी कि उसने 21 अगस्त 2015 को संदीप की मां बिमला को घर में घुसकर 23 गोलियां मारीं। एक के बाद एक लगातार हो रही हत्याओं के बाद महेंद्रगढ़ पुलिस ने संदीप के नाना श्रीराम को पुलिस सिक्योरिटी मुहैया करवा दी। इसके बावजूद 16 नवंबर 2015 को पपला गुर्जर ने अपने गैंग के साथ मिलकर बिहारीपुर गांव में धावा बोला और श्रीराम को घर में घुसकर गोली मार दी। इस वारदात के समय श्रीराम के घर में हथियारों से लैस 2 पुलिसवाले मौजूद थे, लेकिन वह कुछ नहीं कर पाए। पुलिस सुरक्षा में होने के बावजूद श्रीराम की हत्या हो जाने से पुलिस महकमे की चारों तरफ किरकिरी होने लगी। 2021 में राजस्थान पुलिस ने महाराष्ट्र से पकड़ा
पुलिस पर दबाव बढ़ा तो महेंद्रगढ़ CIA की टीम ने 12 फरवरी 2016 को पपला गुर्जर को अरेस्ट कर लिया। लगभग डेढ़ साल बाद 5 सितंबर 2017 को पपला गुर्जर के साथी महेन्द्रगढ़ कोर्ट में फायरिंग कर उसे पुलिस सुरक्षा से छुड़ाकर फरार हो गए। इसके बाद पपला साल 2020 में उस वक्त सुर्खियों में आया, जब उसे राजस्थान की बहरोड़ पुलिस ने पकड़ लिया। उसी रात उसकी गैंग के 20 से ज्यादा बदमाशों ने बहरोड़ थाना में AK-47 से हमला बोलते हुए पपला को पुलिस कस्टडी से ही छुड़ा लिया। उसके बाद पपला इधर-उधर भागता रहा। आखिर में 28 जनवरी 2021 को राजस्थान पुलिस ने पपला गुर्जर को महाराष्ट्र से दबोच लिया। इसके बाद से ही पहले वह राजस्थान और हरियाणा की जेल में बंद हैं। श्रीराम मर्डर केस में उसे सोमवार को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। हरियाणा और राजस्थान के नामी गैंगस्टर विक्रम उर्फ पपला गुर्जर को नारनौल के एडिशनल सेशन जज (ASJ) डीएन भारद्वाज की कोर्ट ने श्रीराम मर्डर केस में उम्रकैद की सजा सुनाई है। पपला को पहले भी कई केस में कोर्ट से सजा हो चुकी है और कई मामले अभी भी कोर्ट में विचाराधीन हैं। जिस श्रीराम नाम के बुजुर्ग की हत्या के मामले में उसे सजा हुई, उसकी कहानी खौफनाक है। गैंगस्टर पपला ने श्रीराम को पुलिस सुरक्षा के बीच गोलियों ने भून दिया था। पपला ने डेढ़ साल के भीतर श्रीराम के अलावा उसकी बेटी बिमला, बेटे महेश और भांजे संदीप उर्फ फौजी का मर्डर कर दिया। पपला गुर्जर के खौफ की कहानी उसके गुरु शक्ति पहलवान के कत्ल से शुरू हुई। 10 साल पहले तक महेंद्रगढ़ जिले के खैरोली गांव में रहने वाले विक्रम उर्फ पपला की पहचान सिर्फ एक पहलवान के रूप में थी। 4 फरवरी 2014 को उसके गुरु शक्ति पहलवान उर्फ दूधिया की खैरोली गांव में ही हत्या हो गई। हत्या का आरोप कुख्यात बदमाश सुरेंद्र उर्फ चीकू पर लगा। पपला को पता चला कि उसके गांव खैरोली में ही रहने वाले संदीप उर्फ फौजी ने शक्ति पहलवान की मुखबिरी की है। पुलिस ने शक्ति गुर्जर की हत्या में सुरेंद्र उर्फ चीकू के साथ संदीप को भी साजिश का हिस्सेदार मानते हुए गिरफ्तार कर लिया। 2014 में पहला मर्डर किया
गुरु की हत्या से शुरू हुई अदावत में पपला गुर्जर के सिर पर ऐसा खून सवार हुआ कि उसने एक महीने बाद मार्च 2014 में संदीप की मां बिमला पर घर में घुसकर हमला कर दिया। उसने बिमला के दोनों हाथ-पैर तोड़ डाले। उस समय घर में बिमला को अस्पताल पहुंचाने वाला कोई नहीं था। महेंद्रगढ़ के ही बिहारीपुर गांव में रहने वाला बिमला का भाई महेश और पिता श्रीराम उसे लेने खैरोली गांव पहुंचे। श्रीराम अपनी बेटी बिमला को एंबुलेंस में लेकर नारनौल के लिए चल पड़े। महेश बाइक पर रवाना हुआ। पपला गुर्जर ने अपने साथियों के साथ मिलकर महेश को रास्ते में गुलावला गांव के पास रोक लिया और लाठी-डंडों से बुरी तरह पीट-पीटकर मौत के घाट उतार दिया। 2015 में 3 और हत्याएं
इसके बाद शक्ति पहलवान की हत्या के मामले में गिरफ्तार संदीप को जमानत मिल गई। जनवरी 2015 में संदीप पेशी पर नारनौल कोर्ट में पहुंचा। वहां कोर्ट से निकलते ही पपला गुर्जर ने अपने गैंग के साथ मिलकर संदीप की हत्या कर दी। इस हत्या के बाद नारनौल सिटी थाने में पपला और उसके साथियों पर मर्डर का दूसरा केस दर्ज हो गया। संदीप मर्डर केस में उसके नाना श्रीराम मुख्य गवाह बने। पुलिस पहले से दर्ज मर्डर के 2 मामलों में पपला को तलाश ही रही थी कि उसने 21 अगस्त 2015 को संदीप की मां बिमला को घर में घुसकर 23 गोलियां मारीं। एक के बाद एक लगातार हो रही हत्याओं के बाद महेंद्रगढ़ पुलिस ने संदीप के नाना श्रीराम को पुलिस सिक्योरिटी मुहैया करवा दी। इसके बावजूद 16 नवंबर 2015 को पपला गुर्जर ने अपने गैंग के साथ मिलकर बिहारीपुर गांव में धावा बोला और श्रीराम को घर में घुसकर गोली मार दी। इस वारदात के समय श्रीराम के घर में हथियारों से लैस 2 पुलिसवाले मौजूद थे, लेकिन वह कुछ नहीं कर पाए। पुलिस सुरक्षा में होने के बावजूद श्रीराम की हत्या हो जाने से पुलिस महकमे की चारों तरफ किरकिरी होने लगी। 2021 में राजस्थान पुलिस ने महाराष्ट्र से पकड़ा
पुलिस पर दबाव बढ़ा तो महेंद्रगढ़ CIA की टीम ने 12 फरवरी 2016 को पपला गुर्जर को अरेस्ट कर लिया। लगभग डेढ़ साल बाद 5 सितंबर 2017 को पपला गुर्जर के साथी महेन्द्रगढ़ कोर्ट में फायरिंग कर उसे पुलिस सुरक्षा से छुड़ाकर फरार हो गए। इसके बाद पपला साल 2020 में उस वक्त सुर्खियों में आया, जब उसे राजस्थान की बहरोड़ पुलिस ने पकड़ लिया। उसी रात उसकी गैंग के 20 से ज्यादा बदमाशों ने बहरोड़ थाना में AK-47 से हमला बोलते हुए पपला को पुलिस कस्टडी से ही छुड़ा लिया। उसके बाद पपला इधर-उधर भागता रहा। आखिर में 28 जनवरी 2021 को राजस्थान पुलिस ने पपला गुर्जर को महाराष्ट्र से दबोच लिया। इसके बाद से ही पहले वह राजस्थान और हरियाणा की जेल में बंद हैं। श्रीराम मर्डर केस में उसे सोमवार को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है।   हरियाणा | दैनिक भास्कर