हरियाणा में बजट सत्र के आखिरी दिन शुक्रवार को राज्य गीत ‘जय जय जय हरियाणा’ सर्वसम्मति से पास हो गया। विधानसभा में खड़े होकर सभी विधायकों ने राज्य गीत सुना। हरियाणा राज्य गीत कमेटी के अध्यक्ष लक्ष्मण यादव ने कहा- ‘गीत से कुछ अनावश्यक शब्द हटाए गए। गीत के भाव और भाषा को लेकर भी सुझाव दिए गए। इसमें पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा ने भी अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने सुंदर गोरी महिलाओं के शब्द पर कहा था कि काली कहां जाएंगी? जिसके बाद इसमें सुंदर स्याणी नारी को शामिल किया गया।’ शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने सदन में सुझाव दिया कि भविष्य में सदन में राष्ट्रगान के साथ ही राज्य गीत का भी स्मरण किया जाए। बता दें कि 4 मार्च को दैनिक भास्कर ने राज्य गीत की लॉन्चिंग को लेकर खुलासा कर दिया था, जिसके 24 दिन बाद विधानसभा में इसे लॉन्च कर दिया गया है। पानीपत के बालकिशन ने लिखा राज्य गीत
इस गीत को पानीपत के डॉ. बालकिशन शर्मा ने लिखा है। डॉ. श्याम शर्मा गायक, पारस चोपड़ा कम्पोजर और रोहतक की मालविका पंडित ने डायरेक्ट किया है। खास बात यह है कि गीत के लिए प्रदेश सरकार से किसी भी कलाकार ने कोई फीस नहीं ली। राज्य गीत को चयन कमेटी ने 12 बैठकों के बाद फाइनल किया है। 15 सितंबर 2023 को तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर हरियाणा राज्य गीत चयन के लिए प्रस्ताव लेकर आए थे। 19 दिसंबर 2023 को सदन में राज्य गीत के प्रारूप पर विस्तृत चर्चा हुई और इसके चयन को लेकर 5 विधायकों की समिति का गठन किया गया था। कमेटी के 5 सदस्यों ने गीत किया फाइनल
राज्य गीत फाइनल करने के लिए हरियाणा विधानसभा की तरफ से कमेटी बनाई गई थी। जिसमें रेवाड़ी से भाजपा विधायक लक्ष्मण सिंह यादव को अध्यक्ष बनाया गया। इनके अलावा, झज्जर से कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल, हांसी से भाजपा विधायक विनोद भयाना, फतेहाबाद से कांग्रेस विधायक बलवान सिंह दौलतपुरिया और रानियां से इनेलो विधायक आदित्य देवीलाल को सदस्य के रूप में शामिल किया गया। कमेटी के पास 204 गीत पहुंचे थे। इनमें से कमेटी ने 3 गीत सिलेक्ट किए। आखिरी मंथन के बाद ‘जय जय जय हरियाणा’ गीत को फाइनल किया गया। गीत में हरियाणा के रहन-सहन और भाईचारे काे बताया
3 मिनट के गीत में हरियाणा को वेदों की पावन धरती के रूप में प्रस्तुत किया गया है। कुरुक्षेत्र में श्रीकृष्ण ने गीता का ज्ञान दिया और महाभारत का इतिहास रचा गया। भौगोलिक दृष्टि से हरियाणा की विशेषता बताते हुए गीत में शिवालिक पर्वत श्रृंखला, अरावली पर्वत और यमुना नदी का जिक्र किया गया है। साथ ही प्राचीन सरस्वती नदी के महत्व को भी दर्शाया गया है। हरियाणवी जीवनशैली की सादगी को दूध-दही के खानपान के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है। गीत में राज्य की सामाजिक-सांस्कृतिक एकता को बताया गया है। यहां होली, दिवाली, ईद और गुरुपर्व जैसे सभी धर्मों के त्योहार मिलजुल कर मनाए जाते हैं। राज्य की प्रगति को शिक्षा और व्यापार के विकास से जोड़ा गया है। सांग और रागनी जैसी लोक कलाओं का भी उल्लेख है। हरियाणा के राष्ट्रीय योगदान को भी गीत में महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। राज्य के किसानों द्वारा सोने जैसी फसलें उगाने, खिलाड़ियों द्वारा देश के लिए मेडल जीतने और सैनिकों द्वारा सीमाओं की रक्षा करने का गौरवपूर्ण जिक्र किया गया है। गीत के समापन में बताया गया है कि कैसे छोटा होने के बावजूद हरियाणा देश की विशेष शान है, जहां ‘अतिथि देवो भव’ की परंपरा आज भी है। 3 कलाकारों ने जताई थी आपत्ति
सोनीपत की गीतू परी व फतेहाबाद के कृष्ण कुमार सहित 3 लोगों ने राज्य गीत पर आपत्ति दर्ज करवाई थी। उनका कहना था कि उनका लिखा हुआ गीत कॉपी हुआ है। फतेहाबाद के कृष्ण कुमार ने दावा किया था कि राज्य गीत उन्होंने लिखा है, लेकिन क्रेडिट किसी और को दिया जा रहा है। इसकी शिकायत उन्होंने सीएम को पत्र लिखकर भी की थी। हरियाणा में बजट सत्र के आखिरी दिन शुक्रवार को राज्य गीत ‘जय जय जय हरियाणा’ सर्वसम्मति से पास हो गया। विधानसभा में खड़े होकर सभी विधायकों ने राज्य गीत सुना। हरियाणा राज्य गीत कमेटी के अध्यक्ष लक्ष्मण यादव ने कहा- ‘गीत से कुछ अनावश्यक शब्द हटाए गए। गीत के भाव और भाषा को लेकर भी सुझाव दिए गए। इसमें पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा ने भी अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने सुंदर गोरी महिलाओं के शब्द पर कहा था कि काली कहां जाएंगी? जिसके बाद इसमें सुंदर स्याणी नारी को शामिल किया गया।’ शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा ने सदन में सुझाव दिया कि भविष्य में सदन में राष्ट्रगान के साथ ही राज्य गीत का भी स्मरण किया जाए। बता दें कि 4 मार्च को दैनिक भास्कर ने राज्य गीत की लॉन्चिंग को लेकर खुलासा कर दिया था, जिसके 24 दिन बाद विधानसभा में इसे लॉन्च कर दिया गया है। पानीपत के बालकिशन ने लिखा राज्य गीत
इस गीत को पानीपत के डॉ. बालकिशन शर्मा ने लिखा है। डॉ. श्याम शर्मा गायक, पारस चोपड़ा कम्पोजर और रोहतक की मालविका पंडित ने डायरेक्ट किया है। खास बात यह है कि गीत के लिए प्रदेश सरकार से किसी भी कलाकार ने कोई फीस नहीं ली। राज्य गीत को चयन कमेटी ने 12 बैठकों के बाद फाइनल किया है। 15 सितंबर 2023 को तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर हरियाणा राज्य गीत चयन के लिए प्रस्ताव लेकर आए थे। 19 दिसंबर 2023 को सदन में राज्य गीत के प्रारूप पर विस्तृत चर्चा हुई और इसके चयन को लेकर 5 विधायकों की समिति का गठन किया गया था। कमेटी के 5 सदस्यों ने गीत किया फाइनल
राज्य गीत फाइनल करने के लिए हरियाणा विधानसभा की तरफ से कमेटी बनाई गई थी। जिसमें रेवाड़ी से भाजपा विधायक लक्ष्मण सिंह यादव को अध्यक्ष बनाया गया। इनके अलावा, झज्जर से कांग्रेस विधायक गीता भुक्कल, हांसी से भाजपा विधायक विनोद भयाना, फतेहाबाद से कांग्रेस विधायक बलवान सिंह दौलतपुरिया और रानियां से इनेलो विधायक आदित्य देवीलाल को सदस्य के रूप में शामिल किया गया। कमेटी के पास 204 गीत पहुंचे थे। इनमें से कमेटी ने 3 गीत सिलेक्ट किए। आखिरी मंथन के बाद ‘जय जय जय हरियाणा’ गीत को फाइनल किया गया। गीत में हरियाणा के रहन-सहन और भाईचारे काे बताया
3 मिनट के गीत में हरियाणा को वेदों की पावन धरती के रूप में प्रस्तुत किया गया है। कुरुक्षेत्र में श्रीकृष्ण ने गीता का ज्ञान दिया और महाभारत का इतिहास रचा गया। भौगोलिक दृष्टि से हरियाणा की विशेषता बताते हुए गीत में शिवालिक पर्वत श्रृंखला, अरावली पर्वत और यमुना नदी का जिक्र किया गया है। साथ ही प्राचीन सरस्वती नदी के महत्व को भी दर्शाया गया है। हरियाणवी जीवनशैली की सादगी को दूध-दही के खानपान के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है। गीत में राज्य की सामाजिक-सांस्कृतिक एकता को बताया गया है। यहां होली, दिवाली, ईद और गुरुपर्व जैसे सभी धर्मों के त्योहार मिलजुल कर मनाए जाते हैं। राज्य की प्रगति को शिक्षा और व्यापार के विकास से जोड़ा गया है। सांग और रागनी जैसी लोक कलाओं का भी उल्लेख है। हरियाणा के राष्ट्रीय योगदान को भी गीत में महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है। राज्य के किसानों द्वारा सोने जैसी फसलें उगाने, खिलाड़ियों द्वारा देश के लिए मेडल जीतने और सैनिकों द्वारा सीमाओं की रक्षा करने का गौरवपूर्ण जिक्र किया गया है। गीत के समापन में बताया गया है कि कैसे छोटा होने के बावजूद हरियाणा देश की विशेष शान है, जहां ‘अतिथि देवो भव’ की परंपरा आज भी है। 3 कलाकारों ने जताई थी आपत्ति
सोनीपत की गीतू परी व फतेहाबाद के कृष्ण कुमार सहित 3 लोगों ने राज्य गीत पर आपत्ति दर्ज करवाई थी। उनका कहना था कि उनका लिखा हुआ गीत कॉपी हुआ है। फतेहाबाद के कृष्ण कुमार ने दावा किया था कि राज्य गीत उन्होंने लिखा है, लेकिन क्रेडिट किसी और को दिया जा रहा है। इसकी शिकायत उन्होंने सीएम को पत्र लिखकर भी की थी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
