अमेरिका के कोलोराडो में आयोजित अंडर-19 विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप में हरियाणा स्थित एकेडमी के खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया है। इस प्रतियोगिता में भारतीय खिलाड़ियों ने 2 गोल्ड, 5 सिल्वर और 3 ब्रोंज मेडल जीते। प्रतियोगिता के बाद जब खिलाड़ी देश लौटे तो उनका स्वागत किया गया। इस मौके पर दैनिक भास्कर ने स्वर्ण पदक जीतने वाली दोनों खिलाड़ियों वंशिका गोस्वामी और पार्थवी ग्रेवाल से बात की। उनका कहना है कि उनका लक्ष्य अब ओलिंपिक में मेडल जीतना है। इसके लिए वे कड़ा अभ्यास भी कर रही हैं। वंशिका बताती हैं कि उन्होंने पिता का सुझाव मानकर पढ़ाई के साथ खेल को चुना था। वहीं, पार्थवी का कहना है कि उन्हें दौड़ना पसंद नहीं था, इसलिए उन्होंने बॉक्सिंग चुनी। आज वह वर्ल्ड चैंपियन बनी हैं। दोनों चैंपियन फिलहाल रोहतक स्थित भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) में अभ्यास कर रही हैं। दोनों चैंपियनों से बातचीत के मुख्य अंश… हिमाचल की रहने वाली बॉक्सर वंशिका गोस्वामी प्रश्न : कितने समय से ट्रेनिंग ले रही हैं?
वंशिका गोस्वामी : यहां पर बॉक्सिंग करते हुए मुझे 6 महीने हुए हैं। बहुत अच्छी प्रैक्टिस होती है यहां। इस वजह से मेरा गोल्ड मेडल आया है। प्रश्न : वर्ल्ड चैंपियनशिप में क्या सीखने को मिला?
वंशिका गोस्वामी : बहुत अच्छा अनुभव था। जितने भी वहां खिलाड़ी आए थे, वे अपने देश के चैंपियन थे। उनके साथ हमारी बाउट हुई और हमने इंटरनेशनल प्रदर्शन किया और देश का नाम रोशन किया। प्रश्न : कितने समय पहले खेलना शुरू किया था?
वंशिका गोस्वामी : मुझे करीब डेढ़ साल हुआ है बॉक्सिंग करते हुए। प्रश्न : बॉक्सिंग ही क्यों चुना?
वंशिका गोस्वामी : मेरे पापा ने मुझे सुझाव दिया था कि पढ़ाई के साथ-साथ कुछ गेम खेलो। मैंने बॉक्सिंग को चुना। प्रश्न : डेढ़ साल के दौरान कैसा अनुभव रहा और क्या उपलब्धि रही?
वंशिका गोस्वामी : मेरा वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल मेरी सबसे बड़ी उपलब्धि है। प्रश्न : 2028 ओलिंपिक के लिए क्या तैयारी करेंगी और कितना समय अभ्यास करती हैं?
वंशिका गोस्वामी : हम यहां पर 2 घंटे सुबह और 2 घंटे शाम को प्रैक्टिस करते हैं। कभी-कभी दोपहर को भी हमें प्रैक्टिस के लिए बुलाते हैं। यहां की हेड कोच अमनप्रीत कौर बहुत अच्छा सिखाती हैं। आगे भी हम अच्छी प्रैक्टिस करेंगे, जिससे कि ओलिंपिक में गोल्ड मेडल आए। प्रश्न : दूसरी खिलाड़ियों को क्या संदेश देना चाहेंगी?
वंशिका गोस्वामी : यही बोलना चाहती हूं कि खेलिए, आगे बढ़िए और देश का नाम रोशन करिए। राजस्थान की रहने वाली बॉक्सर पार्थवी ग्रेवाल प्रश्न : चैंपियनशिप का कैसा अनुभव रहा?
पार्थवी ग्रेवाल : अंडर-19 वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता है। बहुत ज्यादा अच्छा अनुभव था। बहुत सारी यूरोपियन कंट्री के चैंपियन आए थे। उनके साथ खेलकर बहुत अच्छा लगा। एक नया अनुभव मिला और नई जगह जाने का मौका मिला। प्रश्न : आगे का क्या लक्ष्य है?
पार्थवी ग्रेवाल : आगे का लक्ष्य 2026 में होने वाले कॉमनवेल्थ गेम और एशियन गेम के लिए तैयारी करना है। वहां भारत का नाम रोशन करना चाहूंगी। साथ ही ओलिंपिक में भी भारत को मेडल दिलाना चाहूंगी। प्रश्न : कितने समय से बॉक्सिंग की प्रैक्टिस कर रही हैं?
पार्थवी ग्रेवाल : बॉक्सिंग की प्रैक्टिस करते हुए 5 साल हो गए हैं। SAI में 2 साल हो गए अभ्यास करते हुए। प्रश्न : आपने बॉक्सिंग ही क्यों चुना?
पार्थवी ग्रेवाल : पहले कई खेल बदले हैं। जैसे स्वीमिंग हो चुका, बास्केटबॉल हो चुका, एथेलटिक्स हो चुका है। मेरे पिता भी अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी रह चुके हैं और उन्होंने कई मेडल जीत रखे हैं। वह चाहते थे कि मैं एथलेटिक्स करूं, लेकिन मेरी भागने में कोई रुचि नहीं थी। मुझे बॉक्सिंग बहुत अच्छी लगती थी, तो बॉक्सिंग चुनी। प्रश्न : प्रैक्टिस को कितना समय देते हैं?
पार्थवी ग्रेवाल : हमारा काम प्रैक्टिस करना है। हमारे कोच प्रैक्टिस करवाते हैं। 2 घंटे सुबह और 2 घंटे शाम को हम प्रैक्टिस करते हैं। प्रश्न : दूसरी खिलाड़ियों को क्या संदेश देंगी?
पार्थवी ग्रेवाल : मैं सभी खिलाड़ियों से यही कहना चाहूंगी कि ग्रो करें और सब आगे बढ़ें। आपको कोई नहीं रोक सकता। अमेरिका के कोलोराडो में आयोजित अंडर-19 विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप में हरियाणा स्थित एकेडमी के खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया है। इस प्रतियोगिता में भारतीय खिलाड़ियों ने 2 गोल्ड, 5 सिल्वर और 3 ब्रोंज मेडल जीते। प्रतियोगिता के बाद जब खिलाड़ी देश लौटे तो उनका स्वागत किया गया। इस मौके पर दैनिक भास्कर ने स्वर्ण पदक जीतने वाली दोनों खिलाड़ियों वंशिका गोस्वामी और पार्थवी ग्रेवाल से बात की। उनका कहना है कि उनका लक्ष्य अब ओलिंपिक में मेडल जीतना है। इसके लिए वे कड़ा अभ्यास भी कर रही हैं। वंशिका बताती हैं कि उन्होंने पिता का सुझाव मानकर पढ़ाई के साथ खेल को चुना था। वहीं, पार्थवी का कहना है कि उन्हें दौड़ना पसंद नहीं था, इसलिए उन्होंने बॉक्सिंग चुनी। आज वह वर्ल्ड चैंपियन बनी हैं। दोनों चैंपियन फिलहाल रोहतक स्थित भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) में अभ्यास कर रही हैं। दोनों चैंपियनों से बातचीत के मुख्य अंश… हिमाचल की रहने वाली बॉक्सर वंशिका गोस्वामी प्रश्न : कितने समय से ट्रेनिंग ले रही हैं?
वंशिका गोस्वामी : यहां पर बॉक्सिंग करते हुए मुझे 6 महीने हुए हैं। बहुत अच्छी प्रैक्टिस होती है यहां। इस वजह से मेरा गोल्ड मेडल आया है। प्रश्न : वर्ल्ड चैंपियनशिप में क्या सीखने को मिला?
वंशिका गोस्वामी : बहुत अच्छा अनुभव था। जितने भी वहां खिलाड़ी आए थे, वे अपने देश के चैंपियन थे। उनके साथ हमारी बाउट हुई और हमने इंटरनेशनल प्रदर्शन किया और देश का नाम रोशन किया। प्रश्न : कितने समय पहले खेलना शुरू किया था?
वंशिका गोस्वामी : मुझे करीब डेढ़ साल हुआ है बॉक्सिंग करते हुए। प्रश्न : बॉक्सिंग ही क्यों चुना?
वंशिका गोस्वामी : मेरे पापा ने मुझे सुझाव दिया था कि पढ़ाई के साथ-साथ कुछ गेम खेलो। मैंने बॉक्सिंग को चुना। प्रश्न : डेढ़ साल के दौरान कैसा अनुभव रहा और क्या उपलब्धि रही?
वंशिका गोस्वामी : मेरा वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल मेरी सबसे बड़ी उपलब्धि है। प्रश्न : 2028 ओलिंपिक के लिए क्या तैयारी करेंगी और कितना समय अभ्यास करती हैं?
वंशिका गोस्वामी : हम यहां पर 2 घंटे सुबह और 2 घंटे शाम को प्रैक्टिस करते हैं। कभी-कभी दोपहर को भी हमें प्रैक्टिस के लिए बुलाते हैं। यहां की हेड कोच अमनप्रीत कौर बहुत अच्छा सिखाती हैं। आगे भी हम अच्छी प्रैक्टिस करेंगे, जिससे कि ओलिंपिक में गोल्ड मेडल आए। प्रश्न : दूसरी खिलाड़ियों को क्या संदेश देना चाहेंगी?
वंशिका गोस्वामी : यही बोलना चाहती हूं कि खेलिए, आगे बढ़िए और देश का नाम रोशन करिए। राजस्थान की रहने वाली बॉक्सर पार्थवी ग्रेवाल प्रश्न : चैंपियनशिप का कैसा अनुभव रहा?
पार्थवी ग्रेवाल : अंडर-19 वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता है। बहुत ज्यादा अच्छा अनुभव था। बहुत सारी यूरोपियन कंट्री के चैंपियन आए थे। उनके साथ खेलकर बहुत अच्छा लगा। एक नया अनुभव मिला और नई जगह जाने का मौका मिला। प्रश्न : आगे का क्या लक्ष्य है?
पार्थवी ग्रेवाल : आगे का लक्ष्य 2026 में होने वाले कॉमनवेल्थ गेम और एशियन गेम के लिए तैयारी करना है। वहां भारत का नाम रोशन करना चाहूंगी। साथ ही ओलिंपिक में भी भारत को मेडल दिलाना चाहूंगी। प्रश्न : कितने समय से बॉक्सिंग की प्रैक्टिस कर रही हैं?
पार्थवी ग्रेवाल : बॉक्सिंग की प्रैक्टिस करते हुए 5 साल हो गए हैं। SAI में 2 साल हो गए अभ्यास करते हुए। प्रश्न : आपने बॉक्सिंग ही क्यों चुना?
पार्थवी ग्रेवाल : पहले कई खेल बदले हैं। जैसे स्वीमिंग हो चुका, बास्केटबॉल हो चुका, एथेलटिक्स हो चुका है। मेरे पिता भी अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी रह चुके हैं और उन्होंने कई मेडल जीत रखे हैं। वह चाहते थे कि मैं एथलेटिक्स करूं, लेकिन मेरी भागने में कोई रुचि नहीं थी। मुझे बॉक्सिंग बहुत अच्छी लगती थी, तो बॉक्सिंग चुनी। प्रश्न : प्रैक्टिस को कितना समय देते हैं?
पार्थवी ग्रेवाल : हमारा काम प्रैक्टिस करना है। हमारे कोच प्रैक्टिस करवाते हैं। 2 घंटे सुबह और 2 घंटे शाम को हम प्रैक्टिस करते हैं। प्रश्न : दूसरी खिलाड़ियों को क्या संदेश देंगी?
पार्थवी ग्रेवाल : मैं सभी खिलाड़ियों से यही कहना चाहूंगी कि ग्रो करें और सब आगे बढ़ें। आपको कोई नहीं रोक सकता। हिमाचल | दैनिक भास्कर