हरियाणा की बादशाहपुर सबसे बड़ी विधानसभा बनी है। इस विधानसभा का 2008 में गठन किया गया था, इसके बावजूद इस चुनाव में वोटरों की संख्या 5.21 लाख पहुंच गई है। जबकि 3 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां मतदाताओं की संख्या 3-3 लाख से ऊपर है। वहीं गुरुग्राम विधानसभा सीट सूबे की एक मात्र ऐसी सीट हैं, जहां वोटरों की संख्या 4 लाख है। भारतीय चुनाव आयोग (ECI) के जारी आंकड़ों के अनुसार हरियाणा विधानसभा चुनाव में 2.76 लाख मतदाता भी बढ़ गए हैं। वहीं इसी साल जनवरी 2024 की योग्यता तिथि के आधार 22 जनवरी 2024 को प्रकाशित आंकड़ों अनुसार हरियाणा में कुल 1 करोड़ 98 लाख 34 हजार 602 मतदाता थे, उस हिसाब से करीब 8 महीने में हरियाणा में करीब 6.29 लाख मतदाता बढ़ गए हैं। यहां पढ़िए बादशाहपुर सीट का इतिहास हरियाणा की सबसे बड़ी विधानसभा बनी बादशाहपुर सीट का इतिहास ज्यादा पुराना नहीं है। इस सीट को 2008 में बनाया गया था। जिस पर पहली बार 2009 में विधानसभा चुनाव हुए थे। उस चुनाव में कांग्रेस के राव धर्मपाल चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। हालांकि 5 साल बाद 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार राव नरबीर सिंह ने जीत दर्ज की थी। सबसे हैरानी वाली बात 2019 के चुनाव में देखने को मिली। इस चुनाव में सिटिंग MLA राव नरबीर का बीजेपी ने टिकट काट दिया, यहां से निर्दलीय प्रत्याशी राकेश दौलताबाद ने 10 हजार से अधिक वोटों से जीत दर्ज की। यहां पढ़े दूसरी विधानसभाओं की स्थिति बादशाहपुर विधानसभा के बाद हरियाणा की आर्थिक राजनीति कहे जाने वाले गुरुग्राम विधानसभा दूसरी सबसे बड़ी असेंबली है। यहां पर 4 लाख 43 हजार 593 मतदाता इस बार वोट करेंगे। वहीं फरीदाबाद की तिगाओं में 3 लाख 74 हजार 745 मतदाता, बड़कल में 3 लाख 32 हज़ार 243, जबकि फरीदाबाद NIT में 3 लाख 21 हजार 461 मतदाता हैं। महेंद्रगढ़ जिले के नारनौल विधानसभा सीट में प्रदेश में सबसे कम अर्थात 1 लाख 58 हजार 673 वोटर हैं, जो प्रदेश के सबसे बड़े बादशाहपुर विधानसभा हलके के एक तिहाई से भी कम बनते हैं। वहीं जिलों की बात करें तो प्रदेश के 22 जिलों में सबसे अधिक मतदाता फरीदाबाद जिले में 17 लाख 96 हज़ार 440, जबकि सबसे कम चरखी दादरी जिले में 4 लाख 14 हजार 174 हैं। 2 सितंबर को जारी हुआ लेटेस्ट आंकड़ा पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि उन्हें RTI के जरिए यह जानकारी मिली थी, कि भारतीय चुनाव आयोग के वर्ष 2009 में जारी निर्देशानुसार सभी राज्यों के मुख्य चुनाव अधिकारी प्रशासनिक कारणों की वजह से उम्मीदवारों द्वारा नामांकन दाखिल तिथि की लास्ट डेट से 10 पहले तक ही नए मतदाताओं को अपने को रजिस्टर करने का अवसर मिलता है। इस प्रकार हरियाणा में मतदाताओं का कुल आंकड़ा वास्तव में 2 सितंबर 2024 तक का है, हालांकि उसे 12 सितंबर तक अर्थात उम्मीदवारों द्वारा नामांकन करने की अंतिम दिन तक दिखाया गया है। हरियाणा की बादशाहपुर सबसे बड़ी विधानसभा बनी है। इस विधानसभा का 2008 में गठन किया गया था, इसके बावजूद इस चुनाव में वोटरों की संख्या 5.21 लाख पहुंच गई है। जबकि 3 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां मतदाताओं की संख्या 3-3 लाख से ऊपर है। वहीं गुरुग्राम विधानसभा सीट सूबे की एक मात्र ऐसी सीट हैं, जहां वोटरों की संख्या 4 लाख है। भारतीय चुनाव आयोग (ECI) के जारी आंकड़ों के अनुसार हरियाणा विधानसभा चुनाव में 2.76 लाख मतदाता भी बढ़ गए हैं। वहीं इसी साल जनवरी 2024 की योग्यता तिथि के आधार 22 जनवरी 2024 को प्रकाशित आंकड़ों अनुसार हरियाणा में कुल 1 करोड़ 98 लाख 34 हजार 602 मतदाता थे, उस हिसाब से करीब 8 महीने में हरियाणा में करीब 6.29 लाख मतदाता बढ़ गए हैं। यहां पढ़िए बादशाहपुर सीट का इतिहास हरियाणा की सबसे बड़ी विधानसभा बनी बादशाहपुर सीट का इतिहास ज्यादा पुराना नहीं है। इस सीट को 2008 में बनाया गया था। जिस पर पहली बार 2009 में विधानसभा चुनाव हुए थे। उस चुनाव में कांग्रेस के राव धर्मपाल चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। हालांकि 5 साल बाद 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार राव नरबीर सिंह ने जीत दर्ज की थी। सबसे हैरानी वाली बात 2019 के चुनाव में देखने को मिली। इस चुनाव में सिटिंग MLA राव नरबीर का बीजेपी ने टिकट काट दिया, यहां से निर्दलीय प्रत्याशी राकेश दौलताबाद ने 10 हजार से अधिक वोटों से जीत दर्ज की। यहां पढ़े दूसरी विधानसभाओं की स्थिति बादशाहपुर विधानसभा के बाद हरियाणा की आर्थिक राजनीति कहे जाने वाले गुरुग्राम विधानसभा दूसरी सबसे बड़ी असेंबली है। यहां पर 4 लाख 43 हजार 593 मतदाता इस बार वोट करेंगे। वहीं फरीदाबाद की तिगाओं में 3 लाख 74 हजार 745 मतदाता, बड़कल में 3 लाख 32 हज़ार 243, जबकि फरीदाबाद NIT में 3 लाख 21 हजार 461 मतदाता हैं। महेंद्रगढ़ जिले के नारनौल विधानसभा सीट में प्रदेश में सबसे कम अर्थात 1 लाख 58 हजार 673 वोटर हैं, जो प्रदेश के सबसे बड़े बादशाहपुर विधानसभा हलके के एक तिहाई से भी कम बनते हैं। वहीं जिलों की बात करें तो प्रदेश के 22 जिलों में सबसे अधिक मतदाता फरीदाबाद जिले में 17 लाख 96 हज़ार 440, जबकि सबसे कम चरखी दादरी जिले में 4 लाख 14 हजार 174 हैं। 2 सितंबर को जारी हुआ लेटेस्ट आंकड़ा पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के एडवोकेट हेमंत कुमार ने बताया कि उन्हें RTI के जरिए यह जानकारी मिली थी, कि भारतीय चुनाव आयोग के वर्ष 2009 में जारी निर्देशानुसार सभी राज्यों के मुख्य चुनाव अधिकारी प्रशासनिक कारणों की वजह से उम्मीदवारों द्वारा नामांकन दाखिल तिथि की लास्ट डेट से 10 पहले तक ही नए मतदाताओं को अपने को रजिस्टर करने का अवसर मिलता है। इस प्रकार हरियाणा में मतदाताओं का कुल आंकड़ा वास्तव में 2 सितंबर 2024 तक का है, हालांकि उसे 12 सितंबर तक अर्थात उम्मीदवारों द्वारा नामांकन करने की अंतिम दिन तक दिखाया गया है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में IG की शिकायत पर DGP अलर्ट:एक से ज्यादा मकान कब्जाने वाले IPS की डिटेल मांगी; सैलरी से पैनल रेंट काटने को कहा
हरियाणा में IG की शिकायत पर DGP अलर्ट:एक से ज्यादा मकान कब्जाने वाले IPS की डिटेल मांगी; सैलरी से पैनल रेंट काटने को कहा हरियाणा में IG वाई पूरन कुमार की शिकायत पर पुलिस महानिदेशक (DGP) ऑफिस अलर्ट हो गया है। डीजीपी शत्रुजीत कपूर के निर्देश पर हरियाणा की सभी पुलिस यूनिट्स के मुखियाओं को निर्देश भेजा गया है। कहा गया है कि अपने जिले या यूनिट से जो गजटेड ऑफिसर दूसरे जिलों की यूनिट में ट्रांसफर हो गए हैं, लेकिन अभी भी सरकारी आवास खाली नहीं किए हैं, उनकी लिस्ट भेजी जाए। साथ ही यह भी हिदायत दी गई है कि उन ऑफिसर्स को तुरंत मकान खाली करने का नोटिस दिया जाए। इसके साथ ही उनसे पैनल रेंट उनकी सैलरी से काटा जाए। इसके बाद इसकी डिटेल्ड जानकारी डीजीपी ऑफिस भेजी जाए। पंचकूला में अभी फ्लैट 2C, 4C, फरीदाबाद में हाउस नंबर 5, पंचकूला के हाउस नंबर 7 सेक्टर 2, भोंडसी कॉम्पलेक्स के हाउस नंबर 1 में आईपीएस अधिकारियों ने कब्जा जमाया हुआ है। 9 IPS ने कब्जा रखे हैं एक से अधिक मकान हाल ही में आईजी वाई पूरन कुमार ने वन ऑफिसर वन हाउस पॉलिसी का जिक्र कर उन IPS अफसरों की शिकायत कर रखी है, जिनके पास एक से ज्यादा सरकारी आवास हैं। कुछ तो फील्ड में तैनात हैं और कुछ गलत जानकारी दे रहे हैं। इनमें 9 आईपीएस अफसरों के नाम हैं, जिन्होंने एक से अधिक सरकारी आवास कब्जा कर रखे हैं। इनमें एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर ममता सिंह के साथ सीनियर आईपीएस सौरभ सिंह, राकेश आर्या, सतीश बालन, हिमांशू गर्ग, राज कुमार, एके मित्तल के साथ दो और नाम शामिल हैं। CM तक पहुंच चुका मामला हरियाणा के आईजी स्तर के अधिकारी वाई पूरन कुमार ने पुलिस विभाग में नियमों के खिलाफ एक से अधिक आवास लेने के मामले में अब मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को भी 7 दिन पहले शिकायत की थी। आईपीएस अधिकारी ने शिकायत में बाकायदा आईपीएस अधिकारियों के नाम का जिक्र किया था और सबूत होने का भी दावा किया था। इससे पहले IG ने इस मामले की शिकायत DGP शत्रुजीत कपूर और गृह विभाग के सचिव टीवीएसएन प्रसाद को भी कर चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने के चलते अब उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम शिकायत भेजी थी। HC तक पहुंच चुका मामला पुलिस डिपार्टमेंट के वन ऑफिसर वन रेजिडेंट पॉलिसी का मामला पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट तक पहुंच चुका है। हाईकोर्ट में बताया गया है कि गृहमंत्री के आदेश के अनुसार यदि कोई आईजी अपनी रेंज में तैनात होता है तो उसे मुख्यालय में सरकारी मकान की अलॉटमेंट नहीं की जा सकती है, लेकिन 2 पुलिस अधिकारी ऐसे हैं जो मुख्यालय में सरकारी मकान अलॉट करवा रहे हैं। हाईकोर्ट इस मामले में याचिका पर सुनवाई करते हुए हरियाणा सरकार से पूछ चुका है कि आखिर क्यों याची को सरकारी आवास अलॉट नहीं किया जा रहा है। आईजी आईपीएस वाई पूरन कुमार का कहना है कि आशा है कि डीजीपी हरियाणा उनके कार्यालय द्वारा आवंटित पंचकूला फ्लैटों और घरों के लिए पैनल रेंट का नोटिस जारी करके उदाहरण पेश करेंगे।
हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र जल्द:सरकार ने राज्यपाल को लिखा पत्र, नवंबर के दूसरे सप्ताह में सत्र संभव, नेता प्रतिपक्ष चुनना बाकि
हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र जल्द:सरकार ने राज्यपाल को लिखा पत्र, नवंबर के दूसरे सप्ताह में सत्र संभव, नेता प्रतिपक्ष चुनना बाकि हरियाणा विधानसभा का शीतकालीन सत्र जल्द शुरू हो सकता है। हालांकि अभी इसकी तारीख निर्धारित नहीं हुई है मगर 25 नवंबर से शुरू हो रहे लोकसभा सत्र से पहले इसे करवाया जा सकता है। सरकार की ओर से राज्यपाल को इसके लिए पत्र भेज दिया गया है। बताया जा रहा है नवंबर के दूसरे सप्ताह में सत्र बुलाया जा सकता है। खुद मुख्यमंत्री नायब सैनी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि सरकार जल्द ही विधानसभा का शीतकालीन सत्र बुलाएगी। इसकी तैयारियां चल रही हैं और राज्यपाल का पत्र लिख दिया है। इससे पहले एक दिवसीय सत्र लगाया गया जिसमें सभी विधायकों को शपथ दिलाई गई और हरियाणा विधानसभा के स्पीकर और डिप्टी स्पीकर का चुनाव किया गया।
वहीं हरियाणा की मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस अभी तक नेता प्रतिपक्ष का नाम तय नहीं कर पाई है। ऐसे में अगर सत्र बुलाया जाता है तो ऐसा पहली बार होगा जब सदन की मुख्य कार्यवाही बिना नेता प्रतिपक्ष के होगी। विधायकों के एजेंडों पर रहेगी नजर
विधानसभा सत्र के दौरान विधायक अपने एजेंडे रखेंगे। इस बार कई विधायक पहली बार निर्वाचित हुए हैं ऐसे में वह अपने क्षेत्र की मांगों व बातों को सदन में रखेंगे। बताया जा रहा है कि सत्र दो दिन तक चल सकता है। हरियाणा में नई सरकार के गठन के बाद पहली बार शीतकालीन सत्र होने जा रहा है, लेकिन विधानसभा को पहली बार नेता प्रतिपक्ष के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। भाजपा को इस बार पूर्ण बहुमत मिला है, जबकि कांग्रेस 37 सीटें जीतकर दूसरे स्थान पर रही है। ऐसे में कांग्रेस विधायक दल का नेता ही सदन में नेता प्रतिपक्ष होगा। लेकिन कांग्रेस नेता प्रतिपक्ष का नाम तय नहीं कर पाई है। 20 साल में पहली बार नेता प्रतिपक्ष चुनने में इतना लंबा समय
हरियाणा में 8 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव परिणाम जारी हुए थे और 17 अक्टूबर को हरियाणा सरकार का गठन हुआ था। इतने दिन बीत जाने के बाद भी कांग्रेस की ओर से विधायक दल का नेता नहीं चुन पाई है। 20 साल में ऐसा पहली बार हो रहा कि हरियाणा को नेता प्रतिपक्ष के लिए इतना लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। इसका मुख्य कारण पिछले 3 चुनाव में कांग्रेस को लगातार मिली हार है। 2009 में भी कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, लेकिन बहुमत से पीछे रह गई थी। 2005, 2009, 2014 और 2019 में चुनाव परिणाम के बाद करीब 15 दिन के अंदर नेता प्रतिपक्ष चुन लिए गए थे। नेता चुनने के लिए कांग्रेस हाईकमान ने 18 अक्तूबर को चार पर्यवेक्षक भेजे थे, लेकिन विधायक दल की बैठक में हाईकमान पर फैसला छोड़ दिया गया। इसके बाद से कांग्रेस हाईकमान कोई फैसला नहीं ले पाया है। हुड्डा और सैलजा गुट में खींचतान 2019 में विपक्ष का नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा को बनाया गया था। हालांकि इस बार विधानसभा चुनाव में हुई हार के लिए हुड्डा को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है। ऐसे में सिरसा सांसद कुमारी सैलजा का गुट हुड्डा को फिर विपक्षी दल नेता बनाने का विरोध कर रहा है। इसे देखते हुए कुछ दिन पहले 31 विधायक इकट्ठा कर हुड्डा दिल्ली में अपनी ताकत दिखा चुके हैं। हुड्डा के विरोध की सूरत में उनके गुट से झज्जर की विधायक गीता भुक्कल और थानेसर से अशोक अरोड़ा का नाम भी चर्चा में है। वहीं सैलजा गुट से पंचकूला के विधायक चंद्रमोहन बिश्नोई का नाम आगे किया जा रहा है।
जींद में महिला के साथ दुष्कर्म- ब्लैकमेलिंग:कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ पिला मिटाई हवस; युवक के परिवार में था आना जाना
जींद में महिला के साथ दुष्कर्म- ब्लैकमेलिंग:कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ पिला मिटाई हवस; युवक के परिवार में था आना जाना हरियाणा के जींद जिले के पिल्लूखेड़ा थाना क्षेत्र की एक महिला को कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ पिलाकर उसका रेप करने के मामले में पिल्लूखेड़ा थाना पुलिस ने रेप, ब्लैकमेलिंग समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। पिल्लूखेड़ा क्षेत्र की एक महिला ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि गांव गांगोली निवासी अमित की उनके साथ पारिवारिक जान-पहचान थी। तीन जून 2023 को अमित ने उसे कोल्ड ड्रिंक नशीला पदार्थ पिला दिया और उसके साथ रेप किया। होश में आने के बाद उसने विरोध किया तो आरोपित ने उसे बुरा अंजाम भुगतने की धमकी दी। महिला ने बताया कि उस दौरान तो वह लोकलाज और डर के कारण चुप हो गई। लेकिन इसके बाद अमित ने उसे ब्लैकमेल कर उसका यौन शोषण करना शुरू कर दिया। पिल्लूखेड़ा थाना पुलिस ने महिला की शिकायत पर अमित के खिलाफ यौन शोषण समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी।