हरियाणा की यूनिवर्सिटी से एग्जाम कंट्रोलर की छुट्‌टी:रजिस्ट्रार ने नौकरी से निकाला; छात्र को गलत तरीके से पास कराने की शिकायत आई

हरियाणा की यूनिवर्सिटी से एग्जाम कंट्रोलर की छुट्‌टी:रजिस्ट्रार ने नौकरी से निकाला; छात्र को गलत तरीके से पास कराने की शिकायत आई

हरियाणा के जींद स्थित चौधरी रणबीर सिंह यूनिवर्सिटी (CRSU) के एग्जाम कंट्रोलर डॉ. निहाल सिंह की छुट्‌टी कर दी गई है। आरोप था कि उन्होंने एक छात्र को गलत तरीके से पास कर उस पर साइन करने के लिए महिला कर्मचारी पर भी दबाव बनाया। महिला ने इस मामले में रजिस्ट्रार प्रोफेसर लवलीन मोहन को शिकायत दे दी। इसके बाद रजिस्ट्रार ने डॉ. निहाल सिंह को नौकरी से रिलीव कर दिया। वहीं मामले की पूरी जांच के लिए कमेटी का गठन कर दिया। एग्जाम कंट्रोलर डॉ. निहाल सिंह अनुबंध के आधार पर CRSU में एग्जाम कंट्रोलर के पद पर तैनात थे। छात्र का रिजल्ट होल्ड किया
यूनिवर्सिटी प्रबंधकों के मुताबिक रजिस्ट्रार के पास 2 हफ्ते पहले ही ये मामला आया था। जिसमें महिला कर्मचारी ने कहा था कि एग्जाम कंट्रोलर डॉ. निहाल सिंह ने एक छात्र को गलत तरीके से पास किया और डिग्री पर साइन कराने के लिए उस पर दबाव बनाया जा रहा था। इसमें एक एग्जाम ब्रान्च की एक महिला कर्मचारी भी शामिल है। हालांकि शिकायत के बाद कुछ समय तक मामला ठंडा पड़ा रहा। फिर अचानक एग्जाम कंट्रोलर पर कार्रवाई कर दी गई। रजिस्ट्रार बोले- जांच के लिए कमेटी गठित होगी
इस मामले में रजिस्ट्रार प्रोफेसर लवलीन मोहन ने कहा कि गलत तरीके से छात्र को पास करने को लेकर शिकायत पर यह कार्रवाई की गई है। मंगलवार को ही एग्जाम कंट्रोलर डॉ. निहाल सिंह को रिलीव कर दिया गया है। उनकी जगह डॉ. नीरज को एग्जाम कंट्रोलर लगाया गया है। इसमें दूसरे लोगों की भूमिका और छात्र के बारे में जांच के लिए वीसी प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा से अनुमति लेकर कमेटी गठित की जाएगी। डॉ. निहाल सिंह बोले- आरोप निराधार, पूरे मामले की सही जांच हो
नौकरी से रिलीव हो चुके परीक्षा नियंत्रक यानी एग्जाम कंट्रोलर डॉ. निहाल सिंह ने कहा कि महिला कर्मचारी ने जो आरोप लगाए हैं, वे निराधार हैं। मामले में कोई सच्चाई नहीं है। दो साल तक उन्होंने पूरी ईमानदारी के साथ अपना काम किया है। एग्जाम ब्रांच में कोई डिग्री व परिणाम लंबित नहीं है। साजिश के तहत आरोप लगाए गए हैं। पूरे मामले की सही से जांच होनी चाहिए, ताकि सच्चाई सबके सामने आ सके। ABVP ने भी मोर्चा खोला
वहीं दूसरी तरफ महिला कर्मचारी द्वारा एग्जाम ब्रांच में गड़बड़ी के आरोप लगाने के बाद एबीवीपी ने भी मोर्चा खोल दिया है। एबीवीपी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य रोहन सैनी ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय में पैसे ले-देकर पास और फेल करने का धंधा चल रहा है। मामले की गंभीरता को समझते हुए इसकी पूरी जांच होनी चाहिए। एबीवीपी ने पिछले दिनों PhD प्री कोर्स वर्क परीक्षा में एमबीए के 6 विद्यार्थियों को जान बूझकर फेल करने के आरोप लगाए थे। एबीवीपी का आरोप था कि एमबीए में पीएचडी के लिए निर्धारित सीट से ज्यादा दाखिले किए गए। इसलिए बाद में जानबूझकर 6 विद्यार्थियों को प्री कोर्स वर्क परीक्षा में फेल किया गया। हरियाणा के जींद स्थित चौधरी रणबीर सिंह यूनिवर्सिटी (CRSU) के एग्जाम कंट्रोलर डॉ. निहाल सिंह की छुट्‌टी कर दी गई है। आरोप था कि उन्होंने एक छात्र को गलत तरीके से पास कर उस पर साइन करने के लिए महिला कर्मचारी पर भी दबाव बनाया। महिला ने इस मामले में रजिस्ट्रार प्रोफेसर लवलीन मोहन को शिकायत दे दी। इसके बाद रजिस्ट्रार ने डॉ. निहाल सिंह को नौकरी से रिलीव कर दिया। वहीं मामले की पूरी जांच के लिए कमेटी का गठन कर दिया। एग्जाम कंट्रोलर डॉ. निहाल सिंह अनुबंध के आधार पर CRSU में एग्जाम कंट्रोलर के पद पर तैनात थे। छात्र का रिजल्ट होल्ड किया
यूनिवर्सिटी प्रबंधकों के मुताबिक रजिस्ट्रार के पास 2 हफ्ते पहले ही ये मामला आया था। जिसमें महिला कर्मचारी ने कहा था कि एग्जाम कंट्रोलर डॉ. निहाल सिंह ने एक छात्र को गलत तरीके से पास किया और डिग्री पर साइन कराने के लिए उस पर दबाव बनाया जा रहा था। इसमें एक एग्जाम ब्रान्च की एक महिला कर्मचारी भी शामिल है। हालांकि शिकायत के बाद कुछ समय तक मामला ठंडा पड़ा रहा। फिर अचानक एग्जाम कंट्रोलर पर कार्रवाई कर दी गई। रजिस्ट्रार बोले- जांच के लिए कमेटी गठित होगी
इस मामले में रजिस्ट्रार प्रोफेसर लवलीन मोहन ने कहा कि गलत तरीके से छात्र को पास करने को लेकर शिकायत पर यह कार्रवाई की गई है। मंगलवार को ही एग्जाम कंट्रोलर डॉ. निहाल सिंह को रिलीव कर दिया गया है। उनकी जगह डॉ. नीरज को एग्जाम कंट्रोलर लगाया गया है। इसमें दूसरे लोगों की भूमिका और छात्र के बारे में जांच के लिए वीसी प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा से अनुमति लेकर कमेटी गठित की जाएगी। डॉ. निहाल सिंह बोले- आरोप निराधार, पूरे मामले की सही जांच हो
नौकरी से रिलीव हो चुके परीक्षा नियंत्रक यानी एग्जाम कंट्रोलर डॉ. निहाल सिंह ने कहा कि महिला कर्मचारी ने जो आरोप लगाए हैं, वे निराधार हैं। मामले में कोई सच्चाई नहीं है। दो साल तक उन्होंने पूरी ईमानदारी के साथ अपना काम किया है। एग्जाम ब्रांच में कोई डिग्री व परिणाम लंबित नहीं है। साजिश के तहत आरोप लगाए गए हैं। पूरे मामले की सही से जांच होनी चाहिए, ताकि सच्चाई सबके सामने आ सके। ABVP ने भी मोर्चा खोला
वहीं दूसरी तरफ महिला कर्मचारी द्वारा एग्जाम ब्रांच में गड़बड़ी के आरोप लगाने के बाद एबीवीपी ने भी मोर्चा खोल दिया है। एबीवीपी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य रोहन सैनी ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय में पैसे ले-देकर पास और फेल करने का धंधा चल रहा है। मामले की गंभीरता को समझते हुए इसकी पूरी जांच होनी चाहिए। एबीवीपी ने पिछले दिनों PhD प्री कोर्स वर्क परीक्षा में एमबीए के 6 विद्यार्थियों को जान बूझकर फेल करने के आरोप लगाए थे। एबीवीपी का आरोप था कि एमबीए में पीएचडी के लिए निर्धारित सीट से ज्यादा दाखिले किए गए। इसलिए बाद में जानबूझकर 6 विद्यार्थियों को प्री कोर्स वर्क परीक्षा में फेल किया गया।   हरियाणा | दैनिक भास्कर