हरियाणा विधानसभा की 90 सीटों के लिए 5 अक्टूबर को हुई वोटिंग का रिजल्ट 8 अक्टूबर को डिक्लेयर हुआ। तीसरी बार हरियाणा में भाजपा की सरकार बनेगी। भाजपा इस बार 48 सीटें जीतकर बहुमत की सरकार बनाने वाली है। इस विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान कांग्रेस की लहर की चर्चा रही, लेकिन रिजल्ट में कांग्रेस 37 सीटों पर सिमट गई है। वहीं, आम आदमी पार्टी (AAP) और जननायक जनता पार्टी (JJP) का खाता भी नहीं खुला। हालांकि, इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) 2 सीटें जीतने में कामयाब रही। वहीं, 3 निर्दलीय उम्मीदवार भी अपनी सीटें निकाल ले गए। हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में इस बार 8 सीटें ऐसी रहीं जहां प्रत्याशियों की जीत-हार का अंतर 2000 वोटों से भी कम रहा। इनमें पंचकूला, यमुनानगर, उचाना कलां, डबवाली, आदमपुर, लोहारू, दादरी और रोहतक शामिल हैं। वहीं, इस बार 3 ऐसी सीटें हैं, जहां प्रत्याशियों की जीत-हार का अंतर 50000 वोटों से ज्यादा रहा। इनमें गढ़ी सांपला किलोई, बादशाहपुर और गुरुग्राम शामिल हैं। हरियाणा की सभी 90 सीटों का जिलावाइज रिजल्ट… हरियाणा विधानसभा की 90 सीटों के लिए 5 अक्टूबर को हुई वोटिंग का रिजल्ट 8 अक्टूबर को डिक्लेयर हुआ। तीसरी बार हरियाणा में भाजपा की सरकार बनेगी। भाजपा इस बार 48 सीटें जीतकर बहुमत की सरकार बनाने वाली है। इस विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान कांग्रेस की लहर की चर्चा रही, लेकिन रिजल्ट में कांग्रेस 37 सीटों पर सिमट गई है। वहीं, आम आदमी पार्टी (AAP) और जननायक जनता पार्टी (JJP) का खाता भी नहीं खुला। हालांकि, इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) 2 सीटें जीतने में कामयाब रही। वहीं, 3 निर्दलीय उम्मीदवार भी अपनी सीटें निकाल ले गए। हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में इस बार 8 सीटें ऐसी रहीं जहां प्रत्याशियों की जीत-हार का अंतर 2000 वोटों से भी कम रहा। इनमें पंचकूला, यमुनानगर, उचाना कलां, डबवाली, आदमपुर, लोहारू, दादरी और रोहतक शामिल हैं। वहीं, इस बार 3 ऐसी सीटें हैं, जहां प्रत्याशियों की जीत-हार का अंतर 50000 वोटों से ज्यादा रहा। इनमें गढ़ी सांपला किलोई, बादशाहपुर और गुरुग्राम शामिल हैं। हरियाणा की सभी 90 सीटों का जिलावाइज रिजल्ट… हरियाणा | दैनिक भास्कर
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पलवल में अज्ञात वाहन ने बाइक को मारी टक्कर:2 दोस्तों की मौत, वृंदावन से लौट रहे थे वापस, यूपी के रहने वाले वृंदावन से बाइक पर लौट रहे दो युवकों की बाइक में पलवल के नेशनल हाईवे-19 पर मितरोल फ्लाई ओवर के पास अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जोरदार थी की बाइक के परखच्चे उड़ गए और दोनों युवकों की मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस ने मृतक के भाई की शिकायत पर अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ केस दर्ज कर शवों का पोस्टमार्टम कराने के बाद उनके परिजनों को सौंप दिया। वापस लौट रहे थे घर मुंडकटी थाना प्रभारी सुंदरपाल के अनुसार, नोएडा (यूपी) के सेक्टर-11 निवासी प्रांशु गौतम ने दी शिकायत में कहा है कि उसका छोटा भाई भानू गौतम (23) अपने दोस्त जिला गाजियाबाद (यूपी) के अकबरपुर बहरामपुर गांव निवासी शैलेश (26) के साथ बाइक पर मथुरा-वृंदावन घुमने के बाद वापस अपने घर लौट रहे थे। रात के करीब साढ़े 10 बजे जब उनकी बाइक नेशनल हाईवे-19 पर मुंडकटी थाना क्षेत्र में मितरोल फ्लाई ओवर पर पहुंची तभी कोई अज्ञात वाहन चालक अपने वाहन को पीछे से तेज गति से चलाता हुआ आया और उनकी बाइक में टक्कर मार दी। परिजनों को सौंपे शव टक्कर लगने से बाइक के परखच्चे उड़ गए और दोनों सड़क पर गिर पड़े। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई, जिन्हें किसी राहगीर ने एम्बुलेंस बुलाकर जिला नागरिक अस्पताल भिजवा दिया। जिला नागरिक अस्पताल में डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया। सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने दोनों की तलाशी लेकर उनके पास से मिले फोन नंबर पर उनके परिजनों को सूचना दी। दो नों के परिजन सूचना मिलने पर अस्पताल पहुंच गए। पुलिस ने मृतक भानू गौतम के भाई प्रांशु गौतम की शिकायत पर अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ केस दर्ज कर दोनों शवों को पोस्टमार्टम के बाद उनके परिजनों को सौंप दिया।
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हरियाणा में पुलिसवालों ने चुराई ASI की बाइक:थाने में खड़ी थी, लॉक तोड़कर ले गए, CCTV से फंसे; दोनों नौकरी से निकाले हरियाणा के सोनीपत में पुलिसवाले ही बाइक चोर बन गए। उन्होंने सिविल लाइन थाने में खड़ी ASI की बाइक चोरी कर ली। बाइक चुराने वालों में ट्रैफिक राइडर पर तैनात 2 स्पेशल पुलिस अफसर (SPO) हैं। ये दोनों सेना से रिटायर्ड हैं। पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि SPO बाइक को खेत से आने-जाने के लिए इस्तेमाल करना चाहता था। इसलिए, उसने बाइक चोरी की घटना को अंजाम दिया। सिविल लाइन थाना प्रभारी सतबीर सिंह ने दोनों को बर्खास्त कर दिया है। छुट्टी पर गए थे ASI
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हिसार सीट के नतीजों पर इनेलो-जजपा खामोश:जयप्रकाश और रणजीत बता रहे अपनी-अपनी जीत, कड़े मुकाबले से दोनों की उड़ी नींद
हिसार सीट के नतीजों पर इनेलो-जजपा खामोश:जयप्रकाश और रणजीत बता रहे अपनी-अपनी जीत, कड़े मुकाबले से दोनों की उड़ी नींद हरियाणा की हिसार लोकसभा सीट पर BJP, कांग्रेस, INLD और JJP के मुकाबला है। 25 मई को मतदान के बाद जहां भाजपा और कांग्रेस अपनी-अपनी जीत के दावे कर रही लगा रही हैं वहीं दूसरी ओर जजपा और इनेलो ने चुप्पी साधी हुई है। दोनों पार्टियों को किसी चमत्कार की उम्मीद है। भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशी जहां चुनाव के बाद भी हिसार में कार्यकर्ताओं से मिलते नजर आए वहीं जजपा और इनेलो खेमे में पूरी तरह से सन्नाटा पसारा है।
4 जून को मतगणना वाले दिन ही पता चलेगा कि हिसार का सिरमौर कौन बनेगा। मगर हिसार में टफ फाइट के बीच रणजीत और जयप्रकाश दोनों की नींद उड़ी हुई है। कांग्रेस और भाजपा की ओर 70-70 हजार मतों से जीत के दावे किए जा रहे हैं। हिसार और बवानीखेड़ा विधानसभा को छोड़कर कांग्रेस सभी विधानसभा में अपनी जीत बता रही है तो भाजपा को उम्मीद है कि वह सभी विधानसभा से जीत के साथ आगे निकलेगी हालांकि उचाना और नारनौंद में पार्टी कांग्रेस के साथ टफ फाइट मान रही है। जीत के बाद ही हिसार में खरीदेंगे घर
आपको बता दें कि हिसार लोकसभा सीट पर इस बार सभी राजनीतिक पार्टियों ने आउटसाइडर उम्मीदवार उतारे हैं। हिसार सीट पर ऐसा पहली बार हुआ है जब चुनावी मैदान में एक भी लोकल कैंडिडेट नहीं है। BJP के साथ-साथ जननायक जनता पार्टी (JJP) और इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) ने मूलत: सिरसा जिले से ताल्लुक रखने वाले चौटाला परिवार के सदस्यों को टिकट दिए हैं। इनमें रणजीत चौटाला, नैना चौटाला और सुनैना चौटाला शामिल है। चौटाला परिवार मूल रूप से सिरसा जिले में चौटाला गांव का रहने वाला है जो हिसार से लगभग 150 किलोमीटर है। इसी तरह कांग्रेस का टिकट पाने वाले जयप्रकाश उर्फ जेपी मूल रूप से कैथल जिले में कलायत के रहने वाले हैं। हिसार और कलायत की दूरी 90 किलोमीटर है। ऐसे में नतीजों से हिसार में घर खरीदने का जोखिम कोई नहीं उठा रहा। खुद भाजपा प्रत्याशी भी चुनाव नतीजों के बाद ही अपना घर हिसार में तलाश करेंगे। भाजपा को आस बीरेंद्र सिंह की नाराजगी भारी पड़ेगी
वहीं भाजपा को आस है कि उचाना और नारनौंद में चौधरी बीरेंद्र सिंह की नाराजगी कांग्रेस को भारी पड़ेगी। कांग्रेस दोनों जगह से बड़े मार्जिन से जीत का दावा कर रही थी। मगर बीरेंद्र सिंह ने जयप्रकाश के लिए प्रचार न करके समर्थकों को एक मैसेज देने का काम किया। कांग्रेस इन दोनों हलको से 50 हजार से ऊपर की लीड बनाने का दावा कर रही है मगर भाजपा का कहना है कि यहां भी वह मुकाबले में है और कांग्रेस को पूरी टक्कर देगी। आपको बता दें कि बीरेंद्र सिंह उचाना और नारनौंद दोनों हलको से विधायक रह चुके हैं। बीरेंद्र सिंह के बेटे बृजेंद्र सिंह ने भाजपा की टिकट पर हिसार से बड़े मार्जिन से जीत हासिल की थी। हिसार में कांग्रेस जीती तो 20 साल का सूखा खत्म
हरियाणा में हिसार लोकसभा सीट पर कांग्रेस 20 साल से कोई चुनाव नहीं जीत पाई है। 2004 में कांग्रेस के जयप्रकाश जेपी ने हिसार में अंतिम बार चुनाव जीता था। मगर उसके बाद से अब तक कांग्रेस के पाले में सूखा है। अब फिर से कांग्रेस ने जयप्रकाश जेपी को मैदान में उतारा हैं। अब न तो जिंदल परिवार कांग्रेस के साथ है और न ही भजनलाल परिवार। दोनों परिवार अब भाजपा के साथ हैं। ऐसे में कांग्रेस को जीत के लिए जयप्रकाश के चेहरे, इनेलो में फूट और भाजपा सरकार के खिलाफ एंटी इंकम्बेंसी से आस है। जाट वोट बैंक बंटा तो भाजपा को फायदा
हिसार सीट पर सबसे ज्यादा जाट वोटर हैं। यह कुल आबादी का करीब 32 प्रतिशत हैं। जाट मतदाता करीब 5 लाख 75 हजार हैं। इसके अलावा अनुसूचित जाति के वोट करीब 23 प्रतिशत हैं। ब्राह्मण मतदाता 1 लाख 20 हजार, पंजाबी 96 हजार, कुम्हार 84 हजार, वैश्य समाज मतदाता 62 हजार, सैनी 58 हजार, बिश्नोई 51 हजार, जांगड़ा 52 हजार, ओड़ समाज 35 हजार, अहीर 32 हजार, सैन समाज 28 हजार, गुर्जर 21 हजार, नायक 17 हजार, लोहार 17 हजार, सुनार 14 हजार और सिंधी करीब साढ़े 10 हजार हैं। ऐसे में भाजपा को आस है कि इनेलो और जजपा में जाट वोट बैंक बटेगा जिससे उसकी बड़ी जीत होगी। वहीं कांग्रेस का दावा है कि जाट वोट बैंक नहीं बटेगा और कांग्रेस को फायदा होगा। अब तक 18 सांसद में कांग्रेस के 7 चुने गए
हिसार लोकसभा में अब तक 18 बार लोकसभा चुनाव हो चुके हैं। यहां 7 बार ही कांग्रेस जीत पाई है। वहीं इनेलो 3 बार और भजनलाल परिवार की हजकां 2 बार चुनाव जीती है। इसके अलावा अलग-अलग दल चुनाव जीते हैं। भाजपा ने 2019 में पहली बार कमल खिलाया था। वहीं चौटाला परिवार में 2014 में इस सीट पर दुष्यंत चौटाला जीते थे।