हरियाणा के खनन केस में एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने बड़ी कार्रवाई की है। इस केस में ED ने हरियाणा, चंडीगढ़ और पंजाब के शहरों में 122 करोड़ रुपए की 145 प्रॉपर्टियां अटैच की हैं। इसमें हरियाणा के गुरुग्राम में 100 एकड़ से अधिक की एग्रीकल्चर लैंड भी शामिल है। ईडी द्वारा यह कार्रवाई हरियाणा के गुरुग्राम के अलावा फरीदाबाद, सोनीपत, करनाल, यमुनानगर, पंचकूला, चंडीगढ़ और पंजाब के मोहाली में की गई है। इस केस में कांग्रेस के सोनीपत से विधायक सुरेंद्र पंवार, इनेलो नेता और पूर्व विधायक दिलबाग सिंह के अलावा पीएस बिल्डटेक के मालिक इंद्रपाल सिंह, कांग्रेस नेता मनोज वधवा, कुलविंदर सिंह सहित अंगद सिंह मक्कड़, भूपिंदर सिंह और उनके सहयोगी को ED ने आरोपी बनाया है। ED ने प्रॉपर्टी अटैच करने को लेकर डाली पोस्ट… अब पढ़िए पूरा मामला खनन कारोबार को लेकर जनवरी में रेड हुई
कांग्रेस के विधायक सुरेंद्र पंवार का हरियाणा के साथ राजस्थान में भी खनन कारोबार है। 4 जनवरी को ED की टीम ने उनके सोनीपत में सेक्टर-15 स्थित आवास पर रेड की थी। खनन कारोबार में करीब 36 घंटे तक जांच हुई थी। जिसके बाद खनन कारोबार में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के लिए टीम ने घर में रखे डॉक्यूमेंट खंगाले थे। उसी दिन यमुनानगर के पूर्व विधायक दिलबाग सिंह के ठिकानों पर भी ED की टीम ने रेड की थी। उनके महाराणा प्रताप चौक के पास ऑफिस, सेक्टर-18 में खनन एजेंसी के ऑफिस और कलेसर में फार्म हाउस पर जांच की गई। उनके करीबियों संजीव गुप्ता, इंद्रपाल सिंह उर्फ बबल के घर, ट्रांसपोर्टर गुरबाज सिंह के ऑफिस पर भी टीमें पहुंची थीं। 5 दिन रेड के बाद 8 जनवरी को दिलबाग सिंह को ED ने गिरफ्तार कर लिया था। ED ने दावा किया था कि रेड के दौरान दिलबाग के घर से 5 करोड़ रुपए कैश, 3 गोल्ड बिस्किट, विदेशी शराब की 100 से ज्यादा बोतलें, विदेश में बनाई कई संपत्तियों के कागजात, 5 विदेशी राइफलें, 300 कारतूस समेत अन्य चीजें बरामद की। जिसके बाद यमुनानगर में उनके खिलाफ आर्म्स एक्ट और एक्साइज एक्ट में 2 केस दर्ज किए गए थे। एक महीने बाद दिलबाग सिंह को जमानत मिल गई थी पिछले महीने हुए थी पंवार की गिरफ्तारी
20 जुलाई को विधायक पंवार को ED ने गिरफ्तार किया था। अभी वह अंबाला की जेल में ही बंद हैं। ED के वकील के मुताबिक विधायक सुरेंद्र पंवार पर 25 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग ट्रायल का मामला है। विधायक के खिलाफ 8 मामले दर्ज हैं। एक मामला ED की टीम ने दर्ज कराया है। जनवरी 2024 में यह मामला दर्ज किया गया था। पूर्व CM हुड्डा के खास हैं पंवार
सोनीपत से विधायक सुरेंद्र पंवार को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा व सांसद दीपेंद्र का खास माना जाता है। सोनीपत में कांग्रेस पार्टी के मुख्य कार्यक्रमों के आयोजनों की जिम्मेदारी विधायक सुरेंद्र पंवार पर ही होती है। इसके अलावा वे पार्टी के अभियानों व अन्य कार्यक्रमों में विशेष भूमिका निभाते हैं। पंवार उनकी कोर टीम के सदस्य हैं। कुछ समय पहले ही सुरेंद्र पंवार को प्रदेश सोशल मीडिया का प्रभार भी दिया गया था। पंवार को गैंगस्टर से मिल चुकी धमकी
विधायक सुरेंद्र पंवार ने पिछले साल गैंगस्टर के नाम पर धमकी मिलने की शिकायत दी थी। उन्होंने बाद में विधायक पद से इस्तीफे की पेशकश कर दी थी। इसके बाद वे काफी चर्चा में आए थे। कांग्रेस में आने से पहले पंवार ने इनेलो की टिकट पर सोनीपत से विधानसभा का चुनाव लड़ा था। तब वह कविता जैन से हार गए थे। कांग्रेस में शामिल होने के बाद वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में वे कविता जैन को हराकर विधायक बने थे। हरियाणा के खनन केस में एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने बड़ी कार्रवाई की है। इस केस में ED ने हरियाणा, चंडीगढ़ और पंजाब के शहरों में 122 करोड़ रुपए की 145 प्रॉपर्टियां अटैच की हैं। इसमें हरियाणा के गुरुग्राम में 100 एकड़ से अधिक की एग्रीकल्चर लैंड भी शामिल है। ईडी द्वारा यह कार्रवाई हरियाणा के गुरुग्राम के अलावा फरीदाबाद, सोनीपत, करनाल, यमुनानगर, पंचकूला, चंडीगढ़ और पंजाब के मोहाली में की गई है। इस केस में कांग्रेस के सोनीपत से विधायक सुरेंद्र पंवार, इनेलो नेता और पूर्व विधायक दिलबाग सिंह के अलावा पीएस बिल्डटेक के मालिक इंद्रपाल सिंह, कांग्रेस नेता मनोज वधवा, कुलविंदर सिंह सहित अंगद सिंह मक्कड़, भूपिंदर सिंह और उनके सहयोगी को ED ने आरोपी बनाया है। ED ने प्रॉपर्टी अटैच करने को लेकर डाली पोस्ट… अब पढ़िए पूरा मामला खनन कारोबार को लेकर जनवरी में रेड हुई
कांग्रेस के विधायक सुरेंद्र पंवार का हरियाणा के साथ राजस्थान में भी खनन कारोबार है। 4 जनवरी को ED की टीम ने उनके सोनीपत में सेक्टर-15 स्थित आवास पर रेड की थी। खनन कारोबार में करीब 36 घंटे तक जांच हुई थी। जिसके बाद खनन कारोबार में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के लिए टीम ने घर में रखे डॉक्यूमेंट खंगाले थे। उसी दिन यमुनानगर के पूर्व विधायक दिलबाग सिंह के ठिकानों पर भी ED की टीम ने रेड की थी। उनके महाराणा प्रताप चौक के पास ऑफिस, सेक्टर-18 में खनन एजेंसी के ऑफिस और कलेसर में फार्म हाउस पर जांच की गई। उनके करीबियों संजीव गुप्ता, इंद्रपाल सिंह उर्फ बबल के घर, ट्रांसपोर्टर गुरबाज सिंह के ऑफिस पर भी टीमें पहुंची थीं। 5 दिन रेड के बाद 8 जनवरी को दिलबाग सिंह को ED ने गिरफ्तार कर लिया था। ED ने दावा किया था कि रेड के दौरान दिलबाग के घर से 5 करोड़ रुपए कैश, 3 गोल्ड बिस्किट, विदेशी शराब की 100 से ज्यादा बोतलें, विदेश में बनाई कई संपत्तियों के कागजात, 5 विदेशी राइफलें, 300 कारतूस समेत अन्य चीजें बरामद की। जिसके बाद यमुनानगर में उनके खिलाफ आर्म्स एक्ट और एक्साइज एक्ट में 2 केस दर्ज किए गए थे। एक महीने बाद दिलबाग सिंह को जमानत मिल गई थी पिछले महीने हुए थी पंवार की गिरफ्तारी
20 जुलाई को विधायक पंवार को ED ने गिरफ्तार किया था। अभी वह अंबाला की जेल में ही बंद हैं। ED के वकील के मुताबिक विधायक सुरेंद्र पंवार पर 25 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग ट्रायल का मामला है। विधायक के खिलाफ 8 मामले दर्ज हैं। एक मामला ED की टीम ने दर्ज कराया है। जनवरी 2024 में यह मामला दर्ज किया गया था। पूर्व CM हुड्डा के खास हैं पंवार
सोनीपत से विधायक सुरेंद्र पंवार को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा व सांसद दीपेंद्र का खास माना जाता है। सोनीपत में कांग्रेस पार्टी के मुख्य कार्यक्रमों के आयोजनों की जिम्मेदारी विधायक सुरेंद्र पंवार पर ही होती है। इसके अलावा वे पार्टी के अभियानों व अन्य कार्यक्रमों में विशेष भूमिका निभाते हैं। पंवार उनकी कोर टीम के सदस्य हैं। कुछ समय पहले ही सुरेंद्र पंवार को प्रदेश सोशल मीडिया का प्रभार भी दिया गया था। पंवार को गैंगस्टर से मिल चुकी धमकी
विधायक सुरेंद्र पंवार ने पिछले साल गैंगस्टर के नाम पर धमकी मिलने की शिकायत दी थी। उन्होंने बाद में विधायक पद से इस्तीफे की पेशकश कर दी थी। इसके बाद वे काफी चर्चा में आए थे। कांग्रेस में आने से पहले पंवार ने इनेलो की टिकट पर सोनीपत से विधानसभा का चुनाव लड़ा था। तब वह कविता जैन से हार गए थे। कांग्रेस में शामिल होने के बाद वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में वे कविता जैन को हराकर विधायक बने थे। हरियाणा | दैनिक भास्कर