हरियाणा के पूर्व केंद्रीय मंत्री कांग्रेस नेता चौधरी बीरेंद्र सिंह ने विधानसभा चुनाव से किनारा कर लिया है। लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए बीरेंद्र ने कहा कि वे चुनाव नहीं लड़ेंगे। बीरेंद्र सिंह कुछ दिन पहले ही पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान के साथ चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस में नजर आए थे। हालांकि वहां हुड्डा ने उन्हें मार्गदर्शक कह दिया। जिसके जवाब में बीरेंद्र ने कहा था कि वे एक्टिव पॉलिटिशियन हैं। बीरेंद्र सिंह बोले- बेटा लड़ेगा
बीरेंद्र सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा- ”हमारा परिवार चुनाव लड़ेगा। मेरे बेटे बृजेंद्र सिंह हिसार से लोकसभा के सांसद थे। बेटे ने उचाना विधानसभा से चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस में आवेदन किया है। यहां से मैं 5 बार विधायक रहा। एक बार मेरी पत्नी प्रेमलता विधायक रहीं। मैं समझता हूं कि उससे उपयुक्त कैंडिडेट नहीं है। मैंने भी ये समझा कि राजनीति के इस युग में युवाओं को और पार्टिसिपेट करने का मौका मिलना चाहिए।” बीरेंद्र सिंह को लोकसभा में झटका दे चुकी कांग्रेस
बीरेंद्र सिंह ने भले ही उचाना सीट से दावा ठोक दिया हो लेकिन कांग्रेस में उनकी राह आसान नहीं है। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उन्हें झटका दे चुकी है। उनके बेटे बृजेंद्र सिंह हिसार से BJP के सिटिंग सांसद थे। इसके बावजूद वह बेटे समेत कांग्रेस में आ गए। लोकसभा में कांग्रेस ने उनके बेटे की टिकट काट दी। बीरेंद्र सिंह ने हिसार और सोनीपत से दावेदारी ठोकी थी। हालांकि विधानसभा में उनके बेटे की दावेदारी को कांग्रेस कितनी तवज्जो देगी, इस पर सबकी नजर है। हुड्डा को छोड़ सैलजा संग नजर आ रहे बीरेंद्र
कांग्रेस में इस वक्त संगठन में पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा का दबदबा है। हालांकि बीरेंद्र सिंह हुड्डा की विरोधी मानी जाती सिरसा सांसद कुमारी सैलजा के साथ नजर आ रहे हैं। वह लोकसभा चुनाव के वक्त भी सैलजा का नामांकन भरवाने गए। अब सैलजा कांग्रेस संदेश यात्रा निकाल रही हैं तो बीरेंद्र सिंह उनके साथ नजर आ रहे हैं। बीरेंद्र सिंह ने कहा था- मेरा बेटा CM की दौड़ में
बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह के मन में अभी भी हरियाणा का मुख्यमंत्री न बनाए जाने की टीस है। हिसार से बेटे बृजेंद्र को कांग्रेस का टिकट न मिलने के बाद बीरेंद्र सिंह ने जींद में समर्थकों से मीटिंग की थी। जिसमें बीरेंद्र सिंह ने इशारों-इशारों में कहा था कि मैं CM नहीं बन पाया तो क्या हुआ, उनका बेटा अब CM की दौड़ में शामिल हो गया है। इस पर बीरेंद्र सिंह ने पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के पिता रणबीर सिंह का जिक्र करते हुए कहा कि भूपेंद्र हुड्डा के बड़े भाई जोगिंद्र के निधन पर बड़ी संख्या में पूरे देश से बड़े नेता आए हुए थे। तब चौधरी रणबीर सिंह ने यह कहा था कि लोग कहते थे क्या रणबीर सिंह कभी CM नहीं बन पाएगा। आज देखो मेरा बेटा प्रदेश का CM है। यह कहकर बीरेंद्र सिंह ने कहा कि अब आप लोग समझ जाओ। हरियाणा की राजनीति के ट्रेजेडी किंग बीरेंद्र सिंह
हरियाणा की सियासत में बीरेंद्र सिंह को ट्रेजेडी किंग कहा जाता है। हरियाणा में जाटों के दबदबे वाले जींद और इससे लगते इलाके को बांगर बेल्ट कहा जाता है। बांगर का यही इलाका किसानों के सबसे बड़े नेता, सर छोटूराम के नाती बीरेंद्र सिंह की राजनीतिक कर्मभूमि रही है। 5 बार विधायक और 3 दफा सांसद रह चुके बीरेंद्र सिंह कभी CM नहीं बन पाए और इसकी टीस उन्हें हमेशा से रही। वह खुद अनेक बार अलग-अलग मंचों से इसका जिक्र भी करते रहे। साफ-सुथरी राजनीति करने वाले बीरेंद्र सिंह हर मुद्दे पर अपना पॉइंट ऑफ व्यू बिना किसी लागलपेट के रखते हैं। जो भी कहना, सीधे मुंह पर कहना, उनकी आदत है। इसी बेबाकी के चलते वह कई बार अपनी ही पार्टी , फिर चाहे वो कांग्रेस हो या भाजपा, के लिए मुश्किलें खड़ी कर चुके हैं। वह वाक्या, जिसमें उदयभान और हुड्डा ने बीरेंद्र पर तंज कस दिया चंडीगढ़ में कांग्रेस ने ‘हरियाणा मांगे इंसाफ’ कैंपेन की लॉन्चिंग रखी थी। इस दौरान प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीरेंद्र सिंह को माइक देने से पहले प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान ने कहा- ”हमारे प्रदेश के वरिष्ठ नेता हैं चौधरी बीरेंद्र सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री, बड़ा लंबा तजुर्बा है। (हंसते हुए) 42 साल कांग्रेस का है, 10 साल BJP का है। उनका मार्गदर्शन बहुत ही बेहतर रहा है। वह भी अपने विचार रखेंगे।” इस पर भूपेंद्र हुड्डा ने उदयभान के हाथ से माइक पकड़कर चौधरी बीरेंद्र सिंह के लिए कहा-”मार्गदर्शक बन चुके हैं।”(यह सुनकर सब हंसने लगे) इस पर बीरेंद्र सिंह ने कहा- और ये (मार्गदर्शक) होने वाले हैं। इसके बाद चौधरी बीरेंद्र सिंह ने माइक थामा। उन्होंने कहा- ” मैं जो सोचता हूं। मेरी अपनी असेसमेंट है और ये मैं मार्गदर्शक के रूप में नहीं एक्टिव पॉलिटिशियन के रूप में बता रहा हूं कि हरियाणा में 70 से 75% मतदाता BJP का विरोधी है।” हरियाणा के पूर्व केंद्रीय मंत्री कांग्रेस नेता चौधरी बीरेंद्र सिंह ने विधानसभा चुनाव से किनारा कर लिया है। लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए बीरेंद्र ने कहा कि वे चुनाव नहीं लड़ेंगे। बीरेंद्र सिंह कुछ दिन पहले ही पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान के साथ चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस में नजर आए थे। हालांकि वहां हुड्डा ने उन्हें मार्गदर्शक कह दिया। जिसके जवाब में बीरेंद्र ने कहा था कि वे एक्टिव पॉलिटिशियन हैं। बीरेंद्र सिंह बोले- बेटा लड़ेगा
बीरेंद्र सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा- ”हमारा परिवार चुनाव लड़ेगा। मेरे बेटे बृजेंद्र सिंह हिसार से लोकसभा के सांसद थे। बेटे ने उचाना विधानसभा से चुनाव लड़ने के लिए कांग्रेस में आवेदन किया है। यहां से मैं 5 बार विधायक रहा। एक बार मेरी पत्नी प्रेमलता विधायक रहीं। मैं समझता हूं कि उससे उपयुक्त कैंडिडेट नहीं है। मैंने भी ये समझा कि राजनीति के इस युग में युवाओं को और पार्टिसिपेट करने का मौका मिलना चाहिए।” बीरेंद्र सिंह को लोकसभा में झटका दे चुकी कांग्रेस
बीरेंद्र सिंह ने भले ही उचाना सीट से दावा ठोक दिया हो लेकिन कांग्रेस में उनकी राह आसान नहीं है। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उन्हें झटका दे चुकी है। उनके बेटे बृजेंद्र सिंह हिसार से BJP के सिटिंग सांसद थे। इसके बावजूद वह बेटे समेत कांग्रेस में आ गए। लोकसभा में कांग्रेस ने उनके बेटे की टिकट काट दी। बीरेंद्र सिंह ने हिसार और सोनीपत से दावेदारी ठोकी थी। हालांकि विधानसभा में उनके बेटे की दावेदारी को कांग्रेस कितनी तवज्जो देगी, इस पर सबकी नजर है। हुड्डा को छोड़ सैलजा संग नजर आ रहे बीरेंद्र
कांग्रेस में इस वक्त संगठन में पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा का दबदबा है। हालांकि बीरेंद्र सिंह हुड्डा की विरोधी मानी जाती सिरसा सांसद कुमारी सैलजा के साथ नजर आ रहे हैं। वह लोकसभा चुनाव के वक्त भी सैलजा का नामांकन भरवाने गए। अब सैलजा कांग्रेस संदेश यात्रा निकाल रही हैं तो बीरेंद्र सिंह उनके साथ नजर आ रहे हैं। बीरेंद्र सिंह ने कहा था- मेरा बेटा CM की दौड़ में
बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह के मन में अभी भी हरियाणा का मुख्यमंत्री न बनाए जाने की टीस है। हिसार से बेटे बृजेंद्र को कांग्रेस का टिकट न मिलने के बाद बीरेंद्र सिंह ने जींद में समर्थकों से मीटिंग की थी। जिसमें बीरेंद्र सिंह ने इशारों-इशारों में कहा था कि मैं CM नहीं बन पाया तो क्या हुआ, उनका बेटा अब CM की दौड़ में शामिल हो गया है। इस पर बीरेंद्र सिंह ने पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के पिता रणबीर सिंह का जिक्र करते हुए कहा कि भूपेंद्र हुड्डा के बड़े भाई जोगिंद्र के निधन पर बड़ी संख्या में पूरे देश से बड़े नेता आए हुए थे। तब चौधरी रणबीर सिंह ने यह कहा था कि लोग कहते थे क्या रणबीर सिंह कभी CM नहीं बन पाएगा। आज देखो मेरा बेटा प्रदेश का CM है। यह कहकर बीरेंद्र सिंह ने कहा कि अब आप लोग समझ जाओ। हरियाणा की राजनीति के ट्रेजेडी किंग बीरेंद्र सिंह
हरियाणा की सियासत में बीरेंद्र सिंह को ट्रेजेडी किंग कहा जाता है। हरियाणा में जाटों के दबदबे वाले जींद और इससे लगते इलाके को बांगर बेल्ट कहा जाता है। बांगर का यही इलाका किसानों के सबसे बड़े नेता, सर छोटूराम के नाती बीरेंद्र सिंह की राजनीतिक कर्मभूमि रही है। 5 बार विधायक और 3 दफा सांसद रह चुके बीरेंद्र सिंह कभी CM नहीं बन पाए और इसकी टीस उन्हें हमेशा से रही। वह खुद अनेक बार अलग-अलग मंचों से इसका जिक्र भी करते रहे। साफ-सुथरी राजनीति करने वाले बीरेंद्र सिंह हर मुद्दे पर अपना पॉइंट ऑफ व्यू बिना किसी लागलपेट के रखते हैं। जो भी कहना, सीधे मुंह पर कहना, उनकी आदत है। इसी बेबाकी के चलते वह कई बार अपनी ही पार्टी , फिर चाहे वो कांग्रेस हो या भाजपा, के लिए मुश्किलें खड़ी कर चुके हैं। वह वाक्या, जिसमें उदयभान और हुड्डा ने बीरेंद्र पर तंज कस दिया चंडीगढ़ में कांग्रेस ने ‘हरियाणा मांगे इंसाफ’ कैंपेन की लॉन्चिंग रखी थी। इस दौरान प्रेस कॉन्फ्रेंस में बीरेंद्र सिंह को माइक देने से पहले प्रदेश अध्यक्ष चौधरी उदयभान ने कहा- ”हमारे प्रदेश के वरिष्ठ नेता हैं चौधरी बीरेंद्र सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री, बड़ा लंबा तजुर्बा है। (हंसते हुए) 42 साल कांग्रेस का है, 10 साल BJP का है। उनका मार्गदर्शन बहुत ही बेहतर रहा है। वह भी अपने विचार रखेंगे।” इस पर भूपेंद्र हुड्डा ने उदयभान के हाथ से माइक पकड़कर चौधरी बीरेंद्र सिंह के लिए कहा-”मार्गदर्शक बन चुके हैं।”(यह सुनकर सब हंसने लगे) इस पर बीरेंद्र सिंह ने कहा- और ये (मार्गदर्शक) होने वाले हैं। इसके बाद चौधरी बीरेंद्र सिंह ने माइक थामा। उन्होंने कहा- ” मैं जो सोचता हूं। मेरी अपनी असेसमेंट है और ये मैं मार्गदर्शक के रूप में नहीं एक्टिव पॉलिटिशियन के रूप में बता रहा हूं कि हरियाणा में 70 से 75% मतदाता BJP का विरोधी है।” हरियाणा | दैनिक भास्कर