हरियाणा के पूर्व मंत्री ने कांग्रेस छोड़ी:लालू यादव के समधी, बेटा चुनाव हार गया था; बोले- हाईकमान ने मेरे साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया

हरियाणा के पूर्व मंत्री ने कांग्रेस छोड़ी:लालू यादव के समधी, बेटा चुनाव हार गया था; बोले- हाईकमान ने मेरे साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया

हरियाणा कांग्रेस के सीनियर लीडर व बिहार के पूर्व CM लालू प्रसाद यादव के समधी कैप्टन अजय यादव ने कांग्रेस छोड़ दी है। उन्होंने अपना इस्तीफा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भेज दिया है। वह अभी ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी में OBC मोर्चा के चेयरमैन की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। इसकी जानकारी कैप्टन यादव ने खुद सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा कर दी। उन्होंने लिखा, ‘मैंने कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। अब मैं ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के OBC मोर्चा का चेयरमैन भी नहीं रहा। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को इसकी जानकारी दे दी गई है।’ कैप्टन यादव ने आगे लिखा, ‘इस्तीफा देने का यह निर्णय वास्तव में बहुत कठिन था, क्योंकि मेरे परिवार का कांग्रेस से 70 वर्षों से जुड़ाव था। मेरे पिता दिवंगत राव अभय सिंह 1952 में कांग्रेस से विधायक बने और उसके बाद मैंने पारिवारिक परंपरा को जारी रखा, लेकिन सोनिया गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटने के बाद मेरे साथ खराब व्यवहार किया गया। इससे मेरा पार्टी हाईकमान से मोहभंग हो गया है।’ कैप्टन यादव की ओर से की गईं पोस्टें… लोकसभा टिकट न मिलने से नाराज चल रहे थे
पूर्व वित्त एवं सिंचाई मंत्री कैप्टन अजय यादव हरियाणा कांग्रेस में अपनी अनदेखी से नाराज चल रहे थे। उन्होंने विधानसभा चुनाव से पहले गुरुग्राम लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी, लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट न देकर राज बब्बर को यहां से मैदान में उतारा था। ​​​​​कैप्टन के बेटे चिरंजीव रेवाड़ी से हारे
वहीं, इस विधानसभा चुनाव में कैप्टन अजय यादव के बेटे चिरंजीव राव को रेवाड़ी से टिकट दिया गया था, लेकिन वह इस सीट को बचा नहीं पाए। उन्हें भाजपा उम्मीदवार लक्ष्मण सिंह यादव ने 28769 वोटों से हराया है। राव 2019 में इसी सीट से जीतकर विधानसभा में पहुंचे थे। इस सीट पर सालों से कैप्टन यादव का कब्जा रहा था। वह यहां से लगातार 6 बार विधायक रह चुके हैं, लेकिन इस बार उनके बेटे को मिली हार से वह काफी परेशान थे। अपने बेटे की हार के बाद अजय यादव ने पार्टी नेताओं पर लापरवाही के आरोप लगाए थे। उन्होंने OBC विभाग पद को भी झुनझुना बताया था। हालांकि, पार्टी ने उन पर कोई कार्रवाई नहीं की तो 7 दिन बाद कैप्टन यादव ने खुद ही पार्टी से इस्तीफा दे दिया। अजय यादव के बेटे चिरंजीव राव पार्टी के राष्ट्रीय सचिव भी हैं। CM बनने की खींचतान को हार का जिम्मेदार बताया
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद कैप्टन अजय यादव ने कहा था कि CM बनने को लेकर नेताओं की खींचतान इसकी बड़ी वजह बनी। उन्होंने कहा था, ‘जब चुनाव होते हैं तो सबसे बड़ा लक्ष्य जीतने का होता है। उस वक्त मुख्यमंत्री बनने की बातें मीडिया में आती हैं तो वह पार्टी के लिए कोई अच्छे संकेत नहीं होते। पहले बहुमत तो आने दीजिए। उसके बाद ही आप क्लेम करें। कौन मुख्यमंत्री होगा? इसका फैसला विधायक दल की बैठक में होता है। इसके बाद हाईकमान जिसे चाहे उसका नाम मुख्यमंत्री के लिए मनोनीत कर सकता है।’ कैप्टन यादव ने नूंह हिंसा के आरोपी उम्मीदवार मामन खान के चुनाव के वक्त दिए बयान को लेकर भी हार का जिम्मेदार ठहराया था। हरियाणा कांग्रेस के सीनियर लीडर व बिहार के पूर्व CM लालू प्रसाद यादव के समधी कैप्टन अजय यादव ने कांग्रेस छोड़ दी है। उन्होंने अपना इस्तीफा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भेज दिया है। वह अभी ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी में OBC मोर्चा के चेयरमैन की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। इसकी जानकारी कैप्टन यादव ने खुद सोशल मीडिया पर पोस्ट साझा कर दी। उन्होंने लिखा, ‘मैंने कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। अब मैं ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के OBC मोर्चा का चेयरमैन भी नहीं रहा। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को इसकी जानकारी दे दी गई है।’ कैप्टन यादव ने आगे लिखा, ‘इस्तीफा देने का यह निर्णय वास्तव में बहुत कठिन था, क्योंकि मेरे परिवार का कांग्रेस से 70 वर्षों से जुड़ाव था। मेरे पिता दिवंगत राव अभय सिंह 1952 में कांग्रेस से विधायक बने और उसके बाद मैंने पारिवारिक परंपरा को जारी रखा, लेकिन सोनिया गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटने के बाद मेरे साथ खराब व्यवहार किया गया। इससे मेरा पार्टी हाईकमान से मोहभंग हो गया है।’ कैप्टन यादव की ओर से की गईं पोस्टें… लोकसभा टिकट न मिलने से नाराज चल रहे थे
पूर्व वित्त एवं सिंचाई मंत्री कैप्टन अजय यादव हरियाणा कांग्रेस में अपनी अनदेखी से नाराज चल रहे थे। उन्होंने विधानसभा चुनाव से पहले गुरुग्राम लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की इच्छा जताई थी, लेकिन पार्टी ने उन्हें टिकट न देकर राज बब्बर को यहां से मैदान में उतारा था। ​​​​​कैप्टन के बेटे चिरंजीव रेवाड़ी से हारे
वहीं, इस विधानसभा चुनाव में कैप्टन अजय यादव के बेटे चिरंजीव राव को रेवाड़ी से टिकट दिया गया था, लेकिन वह इस सीट को बचा नहीं पाए। उन्हें भाजपा उम्मीदवार लक्ष्मण सिंह यादव ने 28769 वोटों से हराया है। राव 2019 में इसी सीट से जीतकर विधानसभा में पहुंचे थे। इस सीट पर सालों से कैप्टन यादव का कब्जा रहा था। वह यहां से लगातार 6 बार विधायक रह चुके हैं, लेकिन इस बार उनके बेटे को मिली हार से वह काफी परेशान थे। अपने बेटे की हार के बाद अजय यादव ने पार्टी नेताओं पर लापरवाही के आरोप लगाए थे। उन्होंने OBC विभाग पद को भी झुनझुना बताया था। हालांकि, पार्टी ने उन पर कोई कार्रवाई नहीं की तो 7 दिन बाद कैप्टन यादव ने खुद ही पार्टी से इस्तीफा दे दिया। अजय यादव के बेटे चिरंजीव राव पार्टी के राष्ट्रीय सचिव भी हैं। CM बनने की खींचतान को हार का जिम्मेदार बताया
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद कैप्टन अजय यादव ने कहा था कि CM बनने को लेकर नेताओं की खींचतान इसकी बड़ी वजह बनी। उन्होंने कहा था, ‘जब चुनाव होते हैं तो सबसे बड़ा लक्ष्य जीतने का होता है। उस वक्त मुख्यमंत्री बनने की बातें मीडिया में आती हैं तो वह पार्टी के लिए कोई अच्छे संकेत नहीं होते। पहले बहुमत तो आने दीजिए। उसके बाद ही आप क्लेम करें। कौन मुख्यमंत्री होगा? इसका फैसला विधायक दल की बैठक में होता है। इसके बाद हाईकमान जिसे चाहे उसका नाम मुख्यमंत्री के लिए मनोनीत कर सकता है।’ कैप्टन यादव ने नूंह हिंसा के आरोपी उम्मीदवार मामन खान के चुनाव के वक्त दिए बयान को लेकर भी हार का जिम्मेदार ठहराया था।   हरियाणा | दैनिक भास्कर