हरियाणा में MBBS एग्जाम घोटाले के बाद अब सभी सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की आंसर शीट चेक होंगी। इसके लिए पांच सालों का रिकॉर्ड तलब कर लिया गया है। पंडित बीडी शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय रोहतक (UHSR) के अधिकारियों ने पिछले पांच वर्षों में राज्य भर के सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में आयोजित सभी एनुअल और सप्लीमेंट्री एग्जाम की आंसर शीट की गहन जांच करने का निर्णय लिया है। इस पहल का उद्देश्य आंसर शीट के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ या परीक्षा प्रक्रिया में हुई किसी भी तरह की गड़बड़ी को उजागर करना है। कमेटी में ये डॉक्टर्स करेंगे जांच इसकी जांच के लिए पीजीआईएमएस के चिकित्सा अधीक्षक डॉ कुंदन मित्तल के नेतृत्व में 3 मेंबरी कमेटी का गठन किया गया है। पीजीआईएमएस में फिजियोलॉजी के प्रोफेसर डॉ सुखदेव चांदला और पीजीआईडीएस, रोहतक में पीडोडोंटिक्स के प्रोफेसर डॉ अरुण कुमार समिति के सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। सूत्रों ने बताया, समिति का गठन यूएचएसआर के कुलपति डॉ. एचके अग्रवाल ने किया है, जो एमबीबीएस एनुअल या सप्लीमेंट्री एग्जाम घोटाले में शामिल अधिकारियों और छात्रों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करना चाहते हैं। जांच में अब तक 228 आंसर शीट की हो चुकी जांच हरियाणा के MBBS घोटाले की जांच के लिए करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज के निदेशक डॉ. एमके गर्ग की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति गठित की गई थी। इस समिति ने अपनी जांच के बाद एमबीबीएस वार्षिक और पूरक परीक्षाओं में घोटाले की पुष्टि की थी। इस समिति की रिपोर्ट पर ही कार्रवाई की गई है। सूत्रों ने दावा किया कि समिति ने एक निजी कॉलेज में रजिस्टर्ड एमबीबीएस छात्रों की 228 उत्तर पुस्तिकाओं की जांच करने के बाद ये फैसला लिया था। 41 के खिलाफ FIR की हो चुकी सिफारिश हरियाणा में MBBS परीक्षा घोटाला मामले में 41 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। रोहतक स्थित पंडित बीडी शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने इस परीक्षा घोटाले के संबंध में यह सिफारिश की जा चुकी है। इन 41 लोगों में से 24 प्राइवेट कॉलेजों के एमबीबीएस छात्र हैं, जबकि शेष 17 विश्वविद्यालय के कर्मचारी हैं। अब इस मामले में विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक (COI) डॉ. अमरीश भगोल को तत्काल प्रभाव से उनके पद से मुक्त किया जा चुका है। इस मामले में अब तक क्लर्क से लेकर डिप्टी सुपरिटेंडेंट तक के छह नियमित विश्वविद्यालय कर्मचारियों को निलंबित किया जा चुका है, जबकि छह आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त की जा चुकी हैं। हरियाणा में MBBS एग्जाम घोटाले के बाद अब सभी सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की आंसर शीट चेक होंगी। इसके लिए पांच सालों का रिकॉर्ड तलब कर लिया गया है। पंडित बीडी शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय रोहतक (UHSR) के अधिकारियों ने पिछले पांच वर्षों में राज्य भर के सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में आयोजित सभी एनुअल और सप्लीमेंट्री एग्जाम की आंसर शीट की गहन जांच करने का निर्णय लिया है। इस पहल का उद्देश्य आंसर शीट के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ या परीक्षा प्रक्रिया में हुई किसी भी तरह की गड़बड़ी को उजागर करना है। कमेटी में ये डॉक्टर्स करेंगे जांच इसकी जांच के लिए पीजीआईएमएस के चिकित्सा अधीक्षक डॉ कुंदन मित्तल के नेतृत्व में 3 मेंबरी कमेटी का गठन किया गया है। पीजीआईएमएस में फिजियोलॉजी के प्रोफेसर डॉ सुखदेव चांदला और पीजीआईडीएस, रोहतक में पीडोडोंटिक्स के प्रोफेसर डॉ अरुण कुमार समिति के सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। सूत्रों ने बताया, समिति का गठन यूएचएसआर के कुलपति डॉ. एचके अग्रवाल ने किया है, जो एमबीबीएस एनुअल या सप्लीमेंट्री एग्जाम घोटाले में शामिल अधिकारियों और छात्रों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करना चाहते हैं। जांच में अब तक 228 आंसर शीट की हो चुकी जांच हरियाणा के MBBS घोटाले की जांच के लिए करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज के निदेशक डॉ. एमके गर्ग की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय समिति गठित की गई थी। इस समिति ने अपनी जांच के बाद एमबीबीएस वार्षिक और पूरक परीक्षाओं में घोटाले की पुष्टि की थी। इस समिति की रिपोर्ट पर ही कार्रवाई की गई है। सूत्रों ने दावा किया कि समिति ने एक निजी कॉलेज में रजिस्टर्ड एमबीबीएस छात्रों की 228 उत्तर पुस्तिकाओं की जांच करने के बाद ये फैसला लिया था। 41 के खिलाफ FIR की हो चुकी सिफारिश हरियाणा में MBBS परीक्षा घोटाला मामले में 41 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। रोहतक स्थित पंडित बीडी शर्मा स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने इस परीक्षा घोटाले के संबंध में यह सिफारिश की जा चुकी है। इन 41 लोगों में से 24 प्राइवेट कॉलेजों के एमबीबीएस छात्र हैं, जबकि शेष 17 विश्वविद्यालय के कर्मचारी हैं। अब इस मामले में विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक (COI) डॉ. अमरीश भगोल को तत्काल प्रभाव से उनके पद से मुक्त किया जा चुका है। इस मामले में अब तक क्लर्क से लेकर डिप्टी सुपरिटेंडेंट तक के छह नियमित विश्वविद्यालय कर्मचारियों को निलंबित किया जा चुका है, जबकि छह आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त की जा चुकी हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
