हरियाणा में मंगलवार देर रात एक बार फिर मानसून की वापसी हो गई। बुधवार सुबह पंचकूला, रेवाड़ी, फरीदाबाद और उसके आसपास के इलाकों में बारिश हुई। अधिकतर शहरों में बादल छाए हुए हैं। मौसम विभाग ने आज 11 शहरों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इनमें रादौर, थानेसर, शाहाबाद, अंबाला, बराड़ा, जगाधरी , छछरौली, नारायणगढ़, पंचकूला और कालका शामिल हैं। यहां गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने के आसार हैं। इस दौरान 30-40 KMPH की स्पीड से हवाएं भी चलेंगी। इन शहरों में आकाशीय बिजली गिरने का भी खतरा जताया है। इसलिए बने बारिश के आसार मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि पंजाब के ऊपर एक और साइक्लोनिक सर्कुलेशन बनने से बंगाल की खाड़ी की ओर से मानसून सक्रियता बढ़ने के आसार बने हैं। जिसके प्रभाव से 9 अगस्त के बीच भी हरियाणा के कई क्षेत्रों में बारिश की संभावना बनी हुई है। कुछ स्थानों पर तेज बारिश भी हो सकती है। जिससे तापमान में गिरावट आ सकती है। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कृषि मौसम विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ ने बताया कि मानसून की अक्षय रेखा उत्तर दिशा की ओर सामान्य स्थिति में रहने के कारण अगस्त के बीच कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। 5 सालों में सबसे कम बारिश हरियाणा में इस बार 5 सालों में सबसे कम बारिश हुई है। आंकड़ों को देखे तो 2018 में 549 एमएम बारिश हुई थी। 2019 में 244.8, 2020 में 440.6, 2021 में 668.1, 2022 में 472, 2023 में 390 और 2024 में 97.9 एमएम ही बारिश रिकॉर्ड की गई है। कम बारिश होने के कारण सूबे के धान पैदावार करने वाले किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्हें ट्यूबवैल से सिंचाई करनी पड़ रही है। हरियाणा में मंगलवार देर रात एक बार फिर मानसून की वापसी हो गई। बुधवार सुबह पंचकूला, रेवाड़ी, फरीदाबाद और उसके आसपास के इलाकों में बारिश हुई। अधिकतर शहरों में बादल छाए हुए हैं। मौसम विभाग ने आज 11 शहरों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इनमें रादौर, थानेसर, शाहाबाद, अंबाला, बराड़ा, जगाधरी , छछरौली, नारायणगढ़, पंचकूला और कालका शामिल हैं। यहां गरज-चमक के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने के आसार हैं। इस दौरान 30-40 KMPH की स्पीड से हवाएं भी चलेंगी। इन शहरों में आकाशीय बिजली गिरने का भी खतरा जताया है। इसलिए बने बारिश के आसार मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि पंजाब के ऊपर एक और साइक्लोनिक सर्कुलेशन बनने से बंगाल की खाड़ी की ओर से मानसून सक्रियता बढ़ने के आसार बने हैं। जिसके प्रभाव से 9 अगस्त के बीच भी हरियाणा के कई क्षेत्रों में बारिश की संभावना बनी हुई है। कुछ स्थानों पर तेज बारिश भी हो सकती है। जिससे तापमान में गिरावट आ सकती है। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के कृषि मौसम विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ. मदन खीचड़ ने बताया कि मानसून की अक्षय रेखा उत्तर दिशा की ओर सामान्य स्थिति में रहने के कारण अगस्त के बीच कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। 5 सालों में सबसे कम बारिश हरियाणा में इस बार 5 सालों में सबसे कम बारिश हुई है। आंकड़ों को देखे तो 2018 में 549 एमएम बारिश हुई थी। 2019 में 244.8, 2020 में 440.6, 2021 में 668.1, 2022 में 472, 2023 में 390 और 2024 में 97.9 एमएम ही बारिश रिकॉर्ड की गई है। कम बारिश होने के कारण सूबे के धान पैदावार करने वाले किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्हें ट्यूबवैल से सिंचाई करनी पड़ रही है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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