हरियाणा में आज 19 शहरों में मौसम खराब रहने वाला है। इसको देखते हुए मौसम विभाग ने बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है। बहादुरगढ़, सांपला, रोहतक, खरखौंदा, सोनीपत, गन्नौर, समालखा, बपौली, खरौंडा, करनाल, गोहाना, इसराना, सफीदो, पानीपत, असंध, कैथल, नीलोखेरि, गुहला, पेहेवा में हल्की बारिश होने के आसार हैं। अभी बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी वाली हवाओं के असर से प्रदेश के कई जिलों में हल्की से मध्यम बारिश हो रही है। 24 घंटे में 9 जिलों में झमाझम बारिश हुई। सबसे ज्यादा गुरुग्राम और सोनीपत जिले में हुई, यहां 18-18 एमएम तक बारिश रिकॉर्ड की गई। इधर मौसम विशेषज्ञों कहना है कि बंगाल की खाड़ी में एक कम दबाव का क्षेत्र बन चुका है। इसके असर से प्रदेश में 17 सितंबर तक बारिश होने के आसार बने हुए हैं। कहां कितती हुई बारिश हरियाणा के 9 जिले ऐसे रहे, जहां 24 घंटे के दौरान हल्की से मध्यम बारिश रिकॉर्ड की गई। सबसे ज्यादा बारिश गुरुग्राम और कुरुक्षेत्र में 18.0 एमएम बारिश हुई। इसके अलावा अंबाला में 7.0, यमुनानगर में 6.0 एमएम, चंडीगढ़ में 4.0 एमएम, रोहतक में 9.0, कैथल में 3.5 एमएम, जींद में 0.5 बारिश रिकॉर्ड की गई। भारत मौसम विज्ञान विभाग के दर्ज आंकड़ों के अनुसार 1 जून से लेकर अब तक हरियाणा में 332.1 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। जो सामान्य से 374.3 मिली मीटर से अब तक 10% कम हुई है। अब तक के आंकड़ों के अध्ययन से पता चलता है कि राज्य के 14 जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है। आगे रहेगा मौसम एचएयू के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. एमएल खिचड़ ने बताया कि हरियाणा राज्य में मौसम आमतौर पर 17 सितंबर तक परिवर्तनशील रहने की संभावना है। इस दौरान मानसून ट्रफ सामान्य स्थिति पर उत्तर की तरफ बने रहने तथा अरब सागर से नमी वाली हवाएं आने की संभावना से राज्य में मानसूनी हवाओं की सक्रियता में बढ़ोतरी होने की संभावना से राज्य के ज्यादातर क्षेत्रों में 14 सितंबर तक बीच-बीच में हवाएं व गरज चमक के साथ कहीं-कहीं हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। इस दौरान कुछ एक स्थानों पर तेज बारिश की संभावना बन रही है। इस दौरान दिन के तापमान में हल्की गिरावट होने तथा वातावरण में नमी की मात्रा में बढ़ोतरी होने की भी संभावना है। परंतु 15 सितंबर से फिर से बारिश की गतिविधियों में कमी आएगी। जुलाई में रुठा रहा मानसून हरियाणा में जुलाई में इस बार 5 सालों में सबसे कम बारिश हुई है। आंकड़ों को देखे तो 2018 में 549 एमएम बारिश हुई थी। 2019 में 244.8, 2020 में 440.6, 2021 में 668.1, 2022 में 472, 2023 में 390 और 2024 में मात्र 97.9 एमएम ही बारिश रिकॉर्ड की गई है। कम बारिश होने के कारण सूबे के धान पैदावार करने वाले किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्हें ट्यूबवेल से सिंचाई करनी पड़ रही है। हरियाणा में आज 19 शहरों में मौसम खराब रहने वाला है। इसको देखते हुए मौसम विभाग ने बारिश का यलो अलर्ट जारी किया है। बहादुरगढ़, सांपला, रोहतक, खरखौंदा, सोनीपत, गन्नौर, समालखा, बपौली, खरौंडा, करनाल, गोहाना, इसराना, सफीदो, पानीपत, असंध, कैथल, नीलोखेरि, गुहला, पेहेवा में हल्की बारिश होने के आसार हैं। अभी बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी वाली हवाओं के असर से प्रदेश के कई जिलों में हल्की से मध्यम बारिश हो रही है। 24 घंटे में 9 जिलों में झमाझम बारिश हुई। सबसे ज्यादा गुरुग्राम और सोनीपत जिले में हुई, यहां 18-18 एमएम तक बारिश रिकॉर्ड की गई। इधर मौसम विशेषज्ञों कहना है कि बंगाल की खाड़ी में एक कम दबाव का क्षेत्र बन चुका है। इसके असर से प्रदेश में 17 सितंबर तक बारिश होने के आसार बने हुए हैं। कहां कितती हुई बारिश हरियाणा के 9 जिले ऐसे रहे, जहां 24 घंटे के दौरान हल्की से मध्यम बारिश रिकॉर्ड की गई। सबसे ज्यादा बारिश गुरुग्राम और कुरुक्षेत्र में 18.0 एमएम बारिश हुई। इसके अलावा अंबाला में 7.0, यमुनानगर में 6.0 एमएम, चंडीगढ़ में 4.0 एमएम, रोहतक में 9.0, कैथल में 3.5 एमएम, जींद में 0.5 बारिश रिकॉर्ड की गई। भारत मौसम विज्ञान विभाग के दर्ज आंकड़ों के अनुसार 1 जून से लेकर अब तक हरियाणा में 332.1 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। जो सामान्य से 374.3 मिली मीटर से अब तक 10% कम हुई है। अब तक के आंकड़ों के अध्ययन से पता चलता है कि राज्य के 14 जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है। आगे रहेगा मौसम एचएयू के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ. एमएल खिचड़ ने बताया कि हरियाणा राज्य में मौसम आमतौर पर 17 सितंबर तक परिवर्तनशील रहने की संभावना है। इस दौरान मानसून ट्रफ सामान्य स्थिति पर उत्तर की तरफ बने रहने तथा अरब सागर से नमी वाली हवाएं आने की संभावना से राज्य में मानसूनी हवाओं की सक्रियता में बढ़ोतरी होने की संभावना से राज्य के ज्यादातर क्षेत्रों में 14 सितंबर तक बीच-बीच में हवाएं व गरज चमक के साथ कहीं-कहीं हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। इस दौरान कुछ एक स्थानों पर तेज बारिश की संभावना बन रही है। इस दौरान दिन के तापमान में हल्की गिरावट होने तथा वातावरण में नमी की मात्रा में बढ़ोतरी होने की भी संभावना है। परंतु 15 सितंबर से फिर से बारिश की गतिविधियों में कमी आएगी। जुलाई में रुठा रहा मानसून हरियाणा में जुलाई में इस बार 5 सालों में सबसे कम बारिश हुई है। आंकड़ों को देखे तो 2018 में 549 एमएम बारिश हुई थी। 2019 में 244.8, 2020 में 440.6, 2021 में 668.1, 2022 में 472, 2023 में 390 और 2024 में मात्र 97.9 एमएम ही बारिश रिकॉर्ड की गई है। कम बारिश होने के कारण सूबे के धान पैदावार करने वाले किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्हें ट्यूबवेल से सिंचाई करनी पड़ रही है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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