हरियाणा के झज्जर में जन्मे अभय सिंह महाकुंभ से IIT बाबा के नाम से चर्चा में आए। जिसने अपने जीवन को वैराग्य के लिए समर्पित कर दिया। अभय सिंह के साथ दिल्ली में कोचिंग करने वाले दोस्त ने उसकी खूबियों पर चर्चा की। वह कोचिंग में एक बैच में पढ़ते थे। उन्होंने कहा कि अभय दिन में 18 घंटे सिर्फ पढ़ाई करता था। अध्यात्म में जाना उसका अपना फैसला है, अगर उसने यह रास्ता चुना है, तो उसकी गहराई तक जाकर ही दम लेगा। बिना पैन कॉपी के कर देता था सवाल हल IIT बाबा के दोस्त जौनी ने बताया कि अभय के आगे वो जीरो थे। वह हमेशा पढ़ाई में ही लगा रहता था। कोई भी सवाल हो, तो उसे लिखने के लिए कॉपी की जरूरत नहीं होती थी और ना ही पैन उठाता था। जब तक कोचिंग के दूसरे क्लासमेट कॉपी पर सवाल उतारते थे, उससे पहले अभय उसका उत्तर बता देता था। काम को करके ही लेता था दम अभय के दोस्त ने बताया कि हमारी सोच सिर्फ एक स्टेप पर जा पाती थी। लेकिन वह 5 गुणा तेज दिमाग से हमेशा आगे रहता था। उसने जो सोच लिया उसे पूरा करने के बाद ही रुकता था। अब वैराग्य में गया है, तो उसमें भी गहराई तक जाए बिना अभय सिंह पीछे हटने वालों में नहीं है। उसने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा, हमेशा अगले पड़ाव पर जाने का प्रयास करता था। साइंटिस्ट न्यूटन से की अभय की तुलना अभय सिंह के कोचिंग के मित्र जौनी ने उसकी तुलना साइंटिस्ट न्यूटन से की है। उसने बताया कि अभय सिंह हमेशा अपने लक्ष्य पर ध्यान रखता था। उसकी सोच बिल्कुल न्यूटन की तरह थी, जैसे पेड़ से सेब नीचे गिरा है, तो क्यों गिरा है, इसके पीछे कोई तो रीजन है। इसी तरह वह हर बात के पीछे के कारण को जानने का प्रयास करता था। एक ही बिल्डिंग में रहते थे दोनों IIT बाबा के बेकरी वाले मित्र जौनी ने बताया कि वह और उसका दोस्त एक ही बिल्डिंग में रहते थे। उसने यह भी बताया कि बिल्डिंग एक ही थी, लेकिन वह अपने रूम में हमेशा अकेला रहा, उसने कभी किसी के साथ रूम शेयर नहीं किया। वह पढाई को लेकर किसी के साथ रूम शेयर नहीं करता था। AIEEE में आई थी AIR 150 जौनी ने बताया कि अभय पढ़ाई में इतना तेज था कि उसकी गिनती कोचिंग सेंटर के टॉप स्टूडेंट्स में होती थी। अभय की AIEEE में AIR 150 रही थी और IIT में उसकी AIR 631 आई थी। पढ़ाई में हमेशा आगे रहने का कारण यही था कि वह हर काम को सीरियस होकर पूरी दिलचस्पी के साथ करता है। हरियाणा के झज्जर में जन्मे अभय सिंह महाकुंभ से IIT बाबा के नाम से चर्चा में आए। जिसने अपने जीवन को वैराग्य के लिए समर्पित कर दिया। अभय सिंह के साथ दिल्ली में कोचिंग करने वाले दोस्त ने उसकी खूबियों पर चर्चा की। वह कोचिंग में एक बैच में पढ़ते थे। उन्होंने कहा कि अभय दिन में 18 घंटे सिर्फ पढ़ाई करता था। अध्यात्म में जाना उसका अपना फैसला है, अगर उसने यह रास्ता चुना है, तो उसकी गहराई तक जाकर ही दम लेगा। बिना पैन कॉपी के कर देता था सवाल हल IIT बाबा के दोस्त जौनी ने बताया कि अभय के आगे वो जीरो थे। वह हमेशा पढ़ाई में ही लगा रहता था। कोई भी सवाल हो, तो उसे लिखने के लिए कॉपी की जरूरत नहीं होती थी और ना ही पैन उठाता था। जब तक कोचिंग के दूसरे क्लासमेट कॉपी पर सवाल उतारते थे, उससे पहले अभय उसका उत्तर बता देता था। काम को करके ही लेता था दम अभय के दोस्त ने बताया कि हमारी सोच सिर्फ एक स्टेप पर जा पाती थी। लेकिन वह 5 गुणा तेज दिमाग से हमेशा आगे रहता था। उसने जो सोच लिया उसे पूरा करने के बाद ही रुकता था। अब वैराग्य में गया है, तो उसमें भी गहराई तक जाए बिना अभय सिंह पीछे हटने वालों में नहीं है। उसने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा, हमेशा अगले पड़ाव पर जाने का प्रयास करता था। साइंटिस्ट न्यूटन से की अभय की तुलना अभय सिंह के कोचिंग के मित्र जौनी ने उसकी तुलना साइंटिस्ट न्यूटन से की है। उसने बताया कि अभय सिंह हमेशा अपने लक्ष्य पर ध्यान रखता था। उसकी सोच बिल्कुल न्यूटन की तरह थी, जैसे पेड़ से सेब नीचे गिरा है, तो क्यों गिरा है, इसके पीछे कोई तो रीजन है। इसी तरह वह हर बात के पीछे के कारण को जानने का प्रयास करता था। एक ही बिल्डिंग में रहते थे दोनों IIT बाबा के बेकरी वाले मित्र जौनी ने बताया कि वह और उसका दोस्त एक ही बिल्डिंग में रहते थे। उसने यह भी बताया कि बिल्डिंग एक ही थी, लेकिन वह अपने रूम में हमेशा अकेला रहा, उसने कभी किसी के साथ रूम शेयर नहीं किया। वह पढाई को लेकर किसी के साथ रूम शेयर नहीं करता था। AIEEE में आई थी AIR 150 जौनी ने बताया कि अभय पढ़ाई में इतना तेज था कि उसकी गिनती कोचिंग सेंटर के टॉप स्टूडेंट्स में होती थी। अभय की AIEEE में AIR 150 रही थी और IIT में उसकी AIR 631 आई थी। पढ़ाई में हमेशा आगे रहने का कारण यही था कि वह हर काम को सीरियस होकर पूरी दिलचस्पी के साथ करता है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा CM के खिलाफ उम्मीदवार ने मचाया कांग्रेस में हड़कंप:बोले- कुछ कांग्रेसी नेताओं ने ही BJP के पक्ष में वोट देने को कहा; सबका खुलासा करूंगा हरियाणा CM नायब सैनी के खिलाफ करनाल विधानसभा सीट से उपचुनाव लड़ने वाले कांग्रेस उम्मीदवार तरलोचन सिंह ने कांग्रेस में खलबली मचा दी है। मतदान के अगले ही दिन तरलोचन ने समर्थकों का धन्यवाद करते हुए कुछ नेताओं के पीठ में छूरा घोंपने की बात कह दी। तरलोचन ने यहां तक कहा कि इसके बारे में वह सभी नेताओं के नाम हाईकमान को लिखकर भेजेंगे। अगर कार्रवाई नहीं की गई तो फिर वे हाईकमान के दफ्तर के आगे धरने पर बैठ जाएंगे। बता दें कि तरलोचन सिंह पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के करीबी हैं। कांग्रेस की तरफ से उनकी टिकट अनाउंस होने से पहले ही हुड्डा ने उनका नामांकन तक भरवा दिया था। वहीं तरलोचन सिंह के इस दावे के बाद कांग्रेस में हुड्डा और SRK (कुमारी सैलजा, रणदीप सुरजेवाला व किरण चौधरी) गुट के बाद हुड्डा ग्रुप के भीतर ही गुटबाजी शुरू हो गई है। तिरलोचन सिंह की सोशल मीडिया पोस्ट… तरलोचन सिंह की कही 3 अहम बातें… 1. फोन करके लोगों का कहा BJP को वोट देना
भास्कर से बातचीत में तरलोचन सिंह ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस में कुछ नेता ऐसे भर्ती हो रखे है, जिन्होंने समर्थन में वोट मांगने की बजाय कांग्रेस के खिलाफ वोट करने के लिए कहा। इसके लिए फोन भी किया गया। वहां उन्हें कहा गया कि BJP को वोट दे देना। ऐसे में वे कांग्रेस के वफादार कैसे हो सकते हैं। हालांकि तरलोचन सिंह ने उन कांग्रेसियों के नामों का खुलासा करने से मना कर दिया, लेकिन इतना जरूर कहा है कि मैं नामों का भी खुलासा कर दूंगा, जब समय आएगा। ऐसे नेताओं से हमारे बड़े नेताओं को भी सावधान रहना पड़ेगा। 2. छूरा घोपे जाने का बाद में पता चलता है
तरलोचन सिंह के चुनाव प्रचार के दौरान सभी नेता नजर आए थे, इस सवाल पर तरलोचन सिंह ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान नेता साथ जरूर थे, लेकिन छूरा तो धीरे से और पीछे से ही घोंपा जाता है। इन नेताओं या फिर कार्यकर्ताओं में से किसने छूरा घोंपा है, उसका भी पता चल चुका है, समय आने पर खुलासा भी कर देंगे। इस पूरे प्रकरण की शिकायत कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को की जाएगी और उसकी कॉपी ऊपर से लेकर नीचे तक के नेताओं को दी जाएगी। 3. मुझे हराकर खुद इलेक्शन लड़ना चाहते हैं
तरलोचन सिंह ने कहा कि चुनाव में हार और जीत होना एक अलग मुद्दा है, लेकिन दगाबाज नेताओं या फिर कार्यकर्ताओं ने अपना फर्ज नहीं निभाया, उल्टा नेगेटिव बोले। हम सरकार के सामने इलेक्शन लड़ रहे थे और पूरी मेहनत की। कार्यकर्ताओं ने भी पूरी मेहनत की लेकिन कुछ लोगों ने दूसरों को फोन कॉल्स किए और नेगेटिव प्रचार किया। अगर मेहनत सभी करते तो उसमें कोई मुद्दा नहीं था। जो भी कुछ हुआ है उसके सबूत हमारे पास है। खुद की महत्वाकांक्षा के लिए उन नेताओं ने यह सोचा कि अगर त्रलोचन सिंह इलेक्शन हार जाता है तो अगला इलेक्शन हम लड़ेंगे।
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किसान आंदोलन- SC बोला- आपसे कमेटी के जरिए बात करेंगे:डल्लेवाल पर कहा- हमने अनशन तोड़ने का नहीं बोला, जानबूझकर हालात बिगाड़े जा रहे हरियाणा-पंजाब के खनौरी बॉर्डर पर 38 दिन से आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत डल्लेवाल को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इसमें कोर्ट ने फिर पंजाब सरकार पर सख्त रुख दिखाया। कोर्ट ने कहा कि जानबूझकर हालात बिगाड़ने की कोशिश हो रही है। हमने कभी अनशन तोड़ने को नहीं कहा। कोर्ट ने पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि आपका रवैया ही सुलह करवाने का नहीं है। कुछ तथाकथित किसान नेता गैर-जिम्मेदाराना बयानबाजी कर रहे हैं। इस केस में डल्लेवाल की दोस्त एडवोकेट गुनिंदर कौर गिल ने पार्टी बनने की याचिका दायर की थी। इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा- “कृपया टकराव के बारे में न सोचें, हम किसानों से सीधे बातचीत नहीं कर सकते।” कोर्ट ने यह भी कहा कि हमें डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती कराने के आदेश की कंप्लायंस रिपोर्ट चाहिए। सुनवाई के दौरान पंजाब के DGP और चीफ सेक्रेटरी भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मौजूद रहे। अब 6 जनवरी (सोमवार) को डल्लेवाल मामले और हरियाणा सरकार की शंभू बॉर्डर खोलने के खिलाफ दायर पिटीशन पर भी सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान दलीलें… जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की बेंच में सुनवाई हुई। कोर्ट को बताया गया कि किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की दोस्त एडवोकेट गुनिंदर कौर ने याचिका दायर की है। कोर्ट हरियाणा सरकार के शंभू बॉर्डर खोलने के हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ याचिका पर सुनवाई कर रहा है। इसमें 2 और याचिका आईं हैं। जस्टिस सूर्यकांत: मैडम गिल, आप महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। कृपया टकराव के बारे में न सोचें। हमारे पास पूर्व जजों की एक कमेटी है, जो पंजाब से हैं…वे सभी विद्वान साथी हैं। अब वह कमेटी आ गई है…हम किसानों से सीधे बातचीत नहीं कर सकते। SG तुषार मेहता: हम एक व्यक्ति की सेहत तक सीमित हैं। केंद्र सरकार किसानों के बारे में चिंतित है। नई याचिका (डल्लेवाल की) पर नोटिस जारी करने की बजाय..वे मुझे याचिका देते हैं। एडवोकेट गिल: प्रस्ताव (पिछले किसान आंदोलन के खत्म होते समय तैयार) के अनुसार, इसकी आखिरी लाइनों से पता चलता है कि 5 लंबित मांगों को हल करने की गारंटी थी। यह एक कमिटमेंट और वादा था, जिस वजह से किसानों ने अपना आंदोलन वापस लिया। एडवोकेट गिल: एक के बाद एक कमेटियां हैं। SG तुषार मेहता: कोर्ट की नियुक्त कमेटी की हंसी न उड़ाएं। पंजाब के AG गुरमिंदर सिंह: हमारी मेडिकल टीम डल्लेवाल के लिए मौके पर है। मुझे जमीनी हालात से अवगत कराना चाहिए..। जस्टिस सूर्यकांत: आपके मीडिया द्वारा जानबूझकर हालात बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है। हमारा निर्देश यह नहीं था कि वह अपना अनशन तोड़ दें..। जस्टिस सूर्यकांत: हमारी चिंता यह थी कि उन्हें कोई नुकसान न पहुंचे। पंजाब AG: यहां मुद्दा यह है कि हमने उन्हें मेडिकल मदद लेने के लिए मनाने की कोशिश की। उन्होंने मीडिया को बताया कि यह राज्य का काम नहीं है। वह सशर्त मेडिकल मदद स्वीकार करेंगे। जस्टिस सूर्यकांत: क्या आपने कभी किसानों को बताने की कोशिश की कि हमने उनके लिए एक कमेटी बनाई है। आपका रवैया सुलह करवाने का नहीं है। जस्टिस सूर्यकांत: वहां कुछ लोग हैं, जो गैर जिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं, तथाकथित किसान नेता..। पंजाब AG: हम इसे चेक करेंगे। हम ग्राउंड पर हैं। थोड़ा और टाइम दीजिए। हमारे अफसर यहां हैं। जस्टिस सूर्यकांत: अगर अफसर यहां हैं तो हमें उम्मीद है कि हमारा मैसेज उनके पास पहुंच गया होगा। पंजाब AG: हमें कुछ और टाइम दीजिए, हम हालात संभालने की कोशिश कर रहे हैं। जस्टिस सूर्यकांत: हम सोमवार (13 जनवरी) को सुनवाई करेंगे। हमे आदेश लागू करने यानी कंप्लायंस रिपोर्ट चाहिए।कोर्ट ने कहा कि सोमवार डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती कराने के आदेश लागू न करने की अवमानना याचिका के साथ हरियाणा सरकार के शंभू बॉर्डर खोलने के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर भी सुनवाई होगी। 30 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने 3 दिन का टाइम दिया था
इससे पहले 30 दिसंबर को हुई सुनवाई में कोर्ट ने पंजाब सरकार को डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती करवाने के लिए 3 दिन का टाइम दिया था। इस दौरान पंजाब सरकार ने कहा था कि एक मध्यस्थ ने आवेदन दिया है कि अगर केंद्र हस्तक्षेप करता है तो डल्लेवाल बातचीत के लिए तैयार हैं। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार के समय मांगने के आवेदन को मंजूर कर लिया था। बुधवार को पंजाब पुलिस के अधिकारियों ने किसानों से लगातार मीटिंग की। अधिकारियों ने बताया कि अच्छे माहौल में बातचीत हुई है। उधर, डॉक्टरों के जारी मेडिकल बुलेटिन के मुताबिक डल्लेवाल को बोलने में भी परेशानी हो रही है। पंधेर बोले- डल्लेवाल का अनशन जारी रहेगा
किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने कहा कि डल्लेवाल के अनशन को 38 दिन हो गए हैं। ये अनशन बातचीत करने के लिए नहीं बल्कि मांगे मनवाने के लिए शुरू किया है। ये अनशन इसी तरह से जारी रहेगा। जल्द ही दिल्ली कूच का फिर से ऐलान किया जाएगा। 4 जनवरी को बड़ी पंचायत खनौरी में होगी। 17 दिन में सुप्रीम कोर्ट में 5 सुनवाई, पढ़िए इन सुनवाई में क्या हुआ…. 1. डल्लेवाल पापुलर पर्सनैलिटी, ढिलाई न बरती जाए
17 दिसंबर को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट में पंजाब सरकार ने कहा कि डल्लेवाल की हालत को देखते हुए उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उनसे भावनाएं जुड़ी हुई हैं। राज्य को कुछ करना चाहिए। वह पापुलर पर्सनैलिटी हैं। इसमें ढिलाई नहीं बरती जा सकती है। पंजाब सरकार को हालात संभालने होंगे। 2. पंजाब सरकार ने कहा- डल्लेवाल की सेहत ठीक
18 दिसंबर की सुनवाई में पंजाब सरकार ने कहा कि डल्लेवाल की सेहत ठीक है। इस पर कोर्ट ने सवाल किया कि 70 साल का आदमी 24 दिन से भूख हड़ताल पर है। कौन डॉक्टर है, जो बिना किसी टेस्ट के डल्लेवाल की तबीयत सही बता रहा है? उनकी कोई जांच नहीं हुई, ब्लड टेस्ट नहीं हुआ, ECG नहीं हुई। 3. पंजाब सरकार अस्पताल में शिफ्ट क्यों नहीं कर रही
19 दिसंबर की सुनवाई में कोर्ट ने चिंता जताई कि डल्लेवाल की हालत रोज बिगड़ रही है। पंजाब सरकार उन्हें अस्पताल में शिफ्ट क्यों नहीं कराती? यह उन्हीं की जिम्मेदारी है। यदि उन्हें अस्पताल में भर्ती करने की जरूरत होती है तो अधिकारी निर्णय लेंगे। 4. अस्पताल ले जाने से रोकने का आंदोलन कभी नहीं सुना
28 दिसंबर की सुनवाई में कोर्ट ने सख्त रुख दिखाया। कोर्ट ने पंजाब सरकार को कहा कि पहले आप समस्या पैदा करते हैं, फिर कहते हैं कि आप कुछ नहीं कर सकते। केंद्र की मदद से उन्हें अस्पताल में शिफ्ट करें। इसमें किसानों के विरोध पर कोर्ट ने कहा कि किसी को अस्पताल ले जाने से रोकने का आंदोलन कभी नहीं सुना। यह आत्महत्या के लिए उकसाने जैसा है। किस तरह के किसान नेता हैं जो चाहते हैं कि डल्लेवाल मर जाएं? डल्लेवाल पर दबाव दिखता है। जो लोग उनका अस्पताल में भर्ती होने का विरोध कर रहे हैं, वे उनके शुभचिंतक नहीं हैं। 5. सरकार ने 3 दिन का समय मांगा
30 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार ने कोर्ट को बताया कि 30 दिसंबर को पंजाब बंद था, जिस वजह से ट्रैफिक नहीं चला। इसके अलावा एक मध्यस्थ ने भी आवेदन दिया है जिसमें कहा गया है कि अगर यूनियन हस्तक्षेप करती है तो डल्लेवाल बातचीत के लिए तैयार हैं। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार के समय मांगने के आवेदन को मंजूर कर लिया। किसानों की आगामी रणनीति क्या… 4 जनवरी को 2 लाख से अधिक किसान पहुंचेंगे
4 जनवरी को खनौरी मोर्चे पर होने वाली किसान महापंचायत की तैयारी शुरू हो गई है। किसान नेताओं ने कहा कि 2 लाख से अधिक किसान मोर्चे पर पहुंचेंगे। डल्लेवाल अपना जरूरी संदेश खनौरी मोर्चे से देंगे। सभी किसानों को मोर्चे पर सुबह 10 बजे तक पहुंचना है। 6 को शंभू बॉर्डर पर मनाएंगे प्रकाश पर्व
किसान नेता सरवण सिंह पंधेर के नेतृत्व में बुधवार को शंभू बॉर्डर पर किसानों की बैठक हुई। मीटिंग में तय हुआ है कि 6 जनवरी को श्री गुरु गोबिंद सिंह जी का प्रकाश पर्व शंभू बॉर्डर पर मनाया जाएगा। ऐसे में पटियाला के नजदीक के गांवों से अपील की जा रही है कि अधिक से अधिक लोग मोर्चे में पहुंचे। ——————— किसानों से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें… केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज चौहान बोले- सुप्रीम कोर्ट जो भी फैसला देगा हमें स्वीकार होगा किसान आंदोलन को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज चौहान ने कहा कि अभी यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से जो भी आदेश जारी किए जाएंगे, वह उसका पालन करेंगे। उन्होंने कहा कि वह हर मंगलवार को किसानों से मुलाकात करते रहते हैं। पूरी खबर पढ़ें…
करनाल में छात्र पर चाकू से हमला:घर में घुस चोर ने की वारदात, 12 हजार रुपए और जरूरी दस्तावेज लेकर फरार
करनाल में छात्र पर चाकू से हमला:घर में घुस चोर ने की वारदात, 12 हजार रुपए और जरूरी दस्तावेज लेकर फरार हरियाणा के करनाल की शालीमार कॉलोनी में चोरी के दौरान कमरे में सो रहे छात्र पर 2 चोरों ने चाकू से हमला कर दिया। बाद में दोनों चोरों ने छात्र को कमरे में बंद कर दिया और मौके से फरार हो गए। घटना के समय परिवार के अन्य सदस्य छत पर सो रहे थे, छात्र ने अपने मोबाइल टैब से अपनी मौसी को कॉल किया और मौसी ने छात्र के पिता को कॉल कर नीचे कमरे में भेजा। जिसके बाद छात्र को अस्पताल ले जाया गया। उपचार के बाद छात्र को छुट्टी दे दी गई। पीड़ित परिवार ने मामले की शिकायत पुलिस को दी है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर अज्ञात चोरों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। कमरे में सो रहा था छात्र करनाल के हांसी रोड पर स्थित शालीमार कॉलोनी निवासी राम संजीवन पुत्र नरेश कुमार अपने परिवार के सदस्यों के साथ छत पर सोया हुआ था। उसका 17 वर्षीय बेटा शिवा नीचे कमरे में सो रहा था। शिवा 12वीं कक्षा का छात्र है। रविवार की आधी रात दो चोर घर में घुस गए। शिकायतकर्ता राम संजीवन के मुताबिक, चोरों ने उसका पर्स चोरी किया। पर्स में 12 हजार रुपए की नकदी, एटीएम कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, ई-श्रम कार्ड व आधार कार्ड था। जैसे ही चोर लड़के वाले कमरे में घुसे तो लड़के की आंख खुल गई। उसने शोर मचाना चाहा, लेकिन चोरों ने उस पर हमला कर दिया और उसका गला दबा लिया। इसी दौरान उस पर चाकू से वार किया। जिससे थोड़े खून आने भी शुरू हो गए थे। उसके बाद दोनों चोर लड़के को कमरे में बंद करके भाग गए। स्कूल मोबाइल टैब से किया कॉन्टेक्ट छात्र को चाकू लगा हुआ था और वह अपने कमरे में दर्द से कराह रहा था। वह दरवाजा खटखटा रहा था और आवाजें लगा रहा था लेकिन उसकी आवाज उसके घर वालों तक नहीं पहुंच रही थी। तभी उसे याद आया कि उसके पास मोबाइल टैब है, जो उसे स्कूल से मिला हुआ है, उसने मोबाइल टैब उठाया, लेकिन उसमें कॉल करने के लिए बैलेंस ही नहीं था। लिहाजा उसने वॉट्सऐप वीडियो कॉलिंग अपने पिता के नंबर पर की, लेकिन पिता का नंबर बंद था। फिर उसने पड़ोसियों के नंबर पर कॉल किया, लेकिन फोन नहीं उठाया। फिर उसने अपनी बुआ के नंबर पर कॉल किया, क्योंकि उसकी बुआ उस वक्त ऑनलाइन थी। उसने अपनी बुआ को कॉल करके सारी बात बताई और कहा कि वह अपने नंबर से मेरे पापा के पास कॉल करके नीचे भेजे। जिसके बाद बुआ ने कॉल किया और छात्र के पिता नीचे आए। अपने बेटे की हालत देखकर वह हैरान रह गए। आनन फानन में वे अपने बेटे को करनाल के सरकारी अस्पताल में लेकर पहुंचे। जहां उसका उपचार किया गया। पुलिस जुटी जांच में सिटी थाना के जांच अधिकारी जयपाल ने बताया कि शालीमार कालोनी के राम संजीवन ने चोरों द्वारा बेटे पर चाकू से हमला किए जाने और पर्स चोरी करने की शिकायत दी है। शिकायत के आधार पर दोनों चोरों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।