<p style=”text-align: justify;”><strong>Haryana Assembly Election 2024:</strong> हरियाणा के विधानसभा चुनाव में सत्ता पाने की जोर आजमाइश सभी पार्टियां कर रही हैं. मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच माना जा रहा है. कयास लगाए जा रहे थे कि इस चुनाव में बीजेपी के खिलाफ विपक्ष एकजुट होकर चुनाव लड़ेगा. अब जैसे जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, नए समीकरण भी बनते दिखाई दे रहे हैं. विपक्ष अलग-अलग गुटों में बंटी नजर आ रही है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>विधानसभा चुनाव से पहले जेजेपी-एएसपी का गठबंधन हो, इनेलो-बसपा का गठबंधन हो या आप और कांग्रेस का अलग-अलग चुनाव लड़ना हो, विपक्ष का बिखराव कहीं ना कहीं हरियाणा चुनाव में मजबूत दिख रही कांग्रेस के लिए चिंता का विषय है. ऐसे में राजनीतिक पंडितों और आम जनता के बीच फिलहाल चर्चा का विषय है कि कांग्रेस और आप के अलग-अलग लड़ने का असर क्या होगा? छोटे-छोटे गठबंधन किसे डैमेज करेंगे?</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>आम आदमी पार्टी खड़ी करेगी कांग्रेस के लिए मुश्किल?</strong><br />वरिष्ठ पत्रकार राकेश शुक्ला बताते हैं कि हरियाणा चुनाव में जो नए गठबंधन बने हैं, इससे बीजेपी को मजबूती मिली है. चाहे जेजेपी-एएसपी का गठबंधन हो या इनेलो का मायावती की बसपा के साथ गठबंधन हो, ये गठबंधन कहीं ना कहीं कांग्रेस को दलित वोटरों से दूर करेगा. आम आदमी पार्टी का अलग चुनाव लड़ना भी कांग्रेस के लिए मुश्किल खड़ी करेगा क्योंकि आप भी जाट वोटों को ही काटेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ऐसे में जो कांग्रेस सत्ता विरोधी लहर को वोटों में भुनाना चाह रही थी, अब वोट बंटने के कारण नुकसान में दिखाई दे रही है. हालांकि, कांग्रेस के पास भूपेंद्र सिंह हुड्डा के रूप में बड़े जाट चेहरे हैं जबकि बीजेपी हरियाणा चुनाव में चेहरे के अभाव से जूझ रही है. इसका फायदा कांग्रेस को जरूर मिलेगा. लेकिन कुमारी सैलजा, रणदीप सुरजेवाला और भूपेंद्र हुड्डा की गुटबाजी की खबरें कांग्रेस के लिए चिंता का विषय है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इंडिया गठबंधन का अलग होना बीजेपी के लिए फायदा?</strong><br />हरियाणा की राजनीति में बाबाओं और डेरों का खासा दखल रहता है और ऐसा माना जाता है कि राम रहीम और रामपाल जैसे बाबाओं का समर्थन भी बीजेपी के साथ है. ऐसी स्थिति में बीजेपी भले ही चुनाव हार जाए लेकिन रसातल में जा रही बीजेपी के लिए ये समीकरण संजीवनी का काम करेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वरिष्ठ पत्रकार रामकृपाल सिंह कहते हैं कि जब भी इंडिया गठबंधन के सहयोगी अलग होकर लड़ेंगे तब फायदा बीजेपी को मिलेगा. अगर मिल कर लड़ते तो बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती होती. इंडिया गठबंधन के लिए असली चुनौती राज्यों के चुनाव में खुद एकजुट रहना है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>आप से गठबंधन न करना कांग्रेस के लिए फायदा या नुकसान?</strong><br />वरिष्ठ पत्रकार आदेश रावल कहते हैं कि एंटी बीजेपी वोट बंटे नहीं, इसलिए आप और कांग्रेस का गठबंधन महत्वपूर्ण था. हालांकि कांग्रेस को अपने सर्वे और लोकल इनपुट से ये आभास हुआ कि आम आदमी पार्टी का जनाधार हरियाणा में नहीं है. आप कांग्रेस को डैमेज नहीं कर पा रही है. अन्य राज्यों की भी बात करें तो आप कांग्रेस के वोट को ही काटती है. ऐसे में अपने साथ चुनाव लड़ा कर कांग्रेस आप को हरियाणा में नहीं पनपने देना चाहती थी. अब इसका चुनाव में कितना असर होगा, ये आने वाले वक्त में देखना दिलचस्प है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/haryana/haryana-assembly-election-2024-raghav-chadha-participates-nomination-road-show-of-aap-pawan-fauji-from-uchana-kalan-2781259″>’हरियाणा में सरकार की चाबी AAP के हाथ…’, पवन फौजी के नामांकन रोड शो के दौरान बोले सांसद राघव चड्ढा</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Haryana Assembly Election 2024:</strong> हरियाणा के विधानसभा चुनाव में सत्ता पाने की जोर आजमाइश सभी पार्टियां कर रही हैं. मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच माना जा रहा है. कयास लगाए जा रहे थे कि इस चुनाव में बीजेपी के खिलाफ विपक्ष एकजुट होकर चुनाव लड़ेगा. अब जैसे जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, नए समीकरण भी बनते दिखाई दे रहे हैं. विपक्ष अलग-अलग गुटों में बंटी नजर आ रही है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>विधानसभा चुनाव से पहले जेजेपी-एएसपी का गठबंधन हो, इनेलो-बसपा का गठबंधन हो या आप और कांग्रेस का अलग-अलग चुनाव लड़ना हो, विपक्ष का बिखराव कहीं ना कहीं हरियाणा चुनाव में मजबूत दिख रही कांग्रेस के लिए चिंता का विषय है. ऐसे में राजनीतिक पंडितों और आम जनता के बीच फिलहाल चर्चा का विषय है कि कांग्रेस और आप के अलग-अलग लड़ने का असर क्या होगा? छोटे-छोटे गठबंधन किसे डैमेज करेंगे?</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>आम आदमी पार्टी खड़ी करेगी कांग्रेस के लिए मुश्किल?</strong><br />वरिष्ठ पत्रकार राकेश शुक्ला बताते हैं कि हरियाणा चुनाव में जो नए गठबंधन बने हैं, इससे बीजेपी को मजबूती मिली है. चाहे जेजेपी-एएसपी का गठबंधन हो या इनेलो का मायावती की बसपा के साथ गठबंधन हो, ये गठबंधन कहीं ना कहीं कांग्रेस को दलित वोटरों से दूर करेगा. आम आदमी पार्टी का अलग चुनाव लड़ना भी कांग्रेस के लिए मुश्किल खड़ी करेगा क्योंकि आप भी जाट वोटों को ही काटेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ऐसे में जो कांग्रेस सत्ता विरोधी लहर को वोटों में भुनाना चाह रही थी, अब वोट बंटने के कारण नुकसान में दिखाई दे रही है. हालांकि, कांग्रेस के पास भूपेंद्र सिंह हुड्डा के रूप में बड़े जाट चेहरे हैं जबकि बीजेपी हरियाणा चुनाव में चेहरे के अभाव से जूझ रही है. इसका फायदा कांग्रेस को जरूर मिलेगा. लेकिन कुमारी सैलजा, रणदीप सुरजेवाला और भूपेंद्र हुड्डा की गुटबाजी की खबरें कांग्रेस के लिए चिंता का विषय है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इंडिया गठबंधन का अलग होना बीजेपी के लिए फायदा?</strong><br />हरियाणा की राजनीति में बाबाओं और डेरों का खासा दखल रहता है और ऐसा माना जाता है कि राम रहीम और रामपाल जैसे बाबाओं का समर्थन भी बीजेपी के साथ है. ऐसी स्थिति में बीजेपी भले ही चुनाव हार जाए लेकिन रसातल में जा रही बीजेपी के लिए ये समीकरण संजीवनी का काम करेगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वरिष्ठ पत्रकार रामकृपाल सिंह कहते हैं कि जब भी इंडिया गठबंधन के सहयोगी अलग होकर लड़ेंगे तब फायदा बीजेपी को मिलेगा. अगर मिल कर लड़ते तो बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती होती. इंडिया गठबंधन के लिए असली चुनौती राज्यों के चुनाव में खुद एकजुट रहना है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>आप से गठबंधन न करना कांग्रेस के लिए फायदा या नुकसान?</strong><br />वरिष्ठ पत्रकार आदेश रावल कहते हैं कि एंटी बीजेपी वोट बंटे नहीं, इसलिए आप और कांग्रेस का गठबंधन महत्वपूर्ण था. हालांकि कांग्रेस को अपने सर्वे और लोकल इनपुट से ये आभास हुआ कि आम आदमी पार्टी का जनाधार हरियाणा में नहीं है. आप कांग्रेस को डैमेज नहीं कर पा रही है. अन्य राज्यों की भी बात करें तो आप कांग्रेस के वोट को ही काटती है. ऐसे में अपने साथ चुनाव लड़ा कर कांग्रेस आप को हरियाणा में नहीं पनपने देना चाहती थी. अब इसका चुनाव में कितना असर होगा, ये आने वाले वक्त में देखना दिलचस्प है.</p>
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