हरियाणा में विधानसभा चुनाव के बीच आरोप प्रत्यारोप के दौर के बाद अब उम्मीदवार बॉडी शेमिंग पर उतर चुके हैं। रोहतक के कलानौर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार रेनू डाबला ने कांग्रेस उम्मीदवार शकुंतला खटक के वजन का मजाक उड़ाया है। दरअसल भाजपा प्रत्याशी रेनू डाबला शुक्रवार (20 सितंबर) को रोहतक के गांव लाहली में आयोजित एक कार्यक्रम में पहुंची थीं, इस दौरान लोगों को संबोधित करते हुए रेनू डाबला ने कहा, “मैं वजन करने के बारे में कुछ नहीं कहती, चाहे कुश्ती हो या दौड़, मैं पीछे नहीं रहूंगी। इतना ही नहीं उन्होंने आगे कहा, ‘मैंने तराजू तो कहा है, लेकिन हमें तोलना नहीं है। हमें अपने गुणों और काम को तोलना है। यह आपको तय करना है कि आपको सत्ता पक्ष का विधायक चाहिए या विपक्ष का’। इस मामले को लेकर जब शकुंतला खटक से पूछा गया कि उनका क्या कहना है तो उन्होंने कहा, ‘मुझे इस बारे में कुछ नहीं कहना’। रेनू बोली- जो आपकी आत्मा कहे वही कीजिए
बता दें कि शकुंतला खटक कांग्रेस की कद्दावर नेता हैं, वह इस सीट से तीन बार विधायक रह चुकी हैं जिस कारण यहां उनका काफी अच्छा होल्ड है। उधर रेनू पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रही हैं। रोहतक में जनसभा को संबोधित करते हुए शकुंतला खटक के वजन का मजाक उड़ाते हुए रेनू ने कहा ‘वोट देते समय आंख बंद करके मन में सोचिए कि यह एक तराजू है, जिसके एक तरफ शकुंतला खटक हैं और दूसरी तरफ रेनू डाबला हैं। फिर जो आपकी आत्मा कहे, वही कीजिए’। बॉडी शेमिंग क्या होती है?
बॉडी शेमिंग एक तरह की बुरी आदत है, जिसमें किसी व्यक्ति द्वारा दूसरे व्यक्ति को उसके शरीर के आकार, वजन, रंग, बाल या किसी अन्य शारीरिक रूप को लेकर अपमानित या कमजोर महसूस कराया जाता है। यह भी कह सकते हैं कि बॉडी शेमिंग एक तरह का मानसिक और भावनात्मक उत्पीड़न है। यह एक अपमानजनक व्यवहार है, जो सामने वाले व्यक्ति के आत्मसम्मान, आत्मविश्वास, और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकता है। 2019 में शकुंतला खटक ने दर्ज की थी जीत
कांग्रेस की टिकट पर 2024 के विधानसभा चुनाव में मैदान में उतरी शकुंतला खटक ने 2019 में भी इसी सीट से जीत दर्ज की थी। उस समय उन्होंने 62151 वोट प्राप्त कर भाजपा के रामावतार बाल्मीकि को करारी शिकस्त दी थी। वहीं बीएसपी की कश्मीरी, इनेलो के बलराज खासा के साथ-साथ सीपीआई-एम के कमलेश भी शकुंतला के आगे फीके नजर आए थे। कौन हैं चौथी बार मैदान में उतरी शकुंतला खटक… पार्षद का चुनाव हारने के बाद भी मिली टिकट
कलानौर प्रदेश की 17 रिजर्व सीटों में से एक है। भाजपा ने 2014 और 2019 में रामावतार बाल्मीकि को यहां से टिकट दिया था। लेकिन दोनों ही बार शकुंतला खटक ने उन्हें हरा दिया। जिस कारण इस बार रामावतार का टिकट काट कर रेनु डाबला को टिकट दिया गया है। हालांकि रेनु डाबला के पास विधानसभा चुनाव लड़ने का कोई अनुभव नहीं है। 2013 में जरूर वह मेयर चुनी गई थी लेकिन 2018 में वह खुद पार्षद का चुनाव हार गई थी। कौन हैं पहली बार विधानसभा चुनाव में उतरी रेनू डाबला… हरियाणा में विधानसभा चुनाव के बीच आरोप प्रत्यारोप के दौर के बाद अब उम्मीदवार बॉडी शेमिंग पर उतर चुके हैं। रोहतक के कलानौर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार रेनू डाबला ने कांग्रेस उम्मीदवार शकुंतला खटक के वजन का मजाक उड़ाया है। दरअसल भाजपा प्रत्याशी रेनू डाबला शुक्रवार (20 सितंबर) को रोहतक के गांव लाहली में आयोजित एक कार्यक्रम में पहुंची थीं, इस दौरान लोगों को संबोधित करते हुए रेनू डाबला ने कहा, “मैं वजन करने के बारे में कुछ नहीं कहती, चाहे कुश्ती हो या दौड़, मैं पीछे नहीं रहूंगी। इतना ही नहीं उन्होंने आगे कहा, ‘मैंने तराजू तो कहा है, लेकिन हमें तोलना नहीं है। हमें अपने गुणों और काम को तोलना है। यह आपको तय करना है कि आपको सत्ता पक्ष का विधायक चाहिए या विपक्ष का’। इस मामले को लेकर जब शकुंतला खटक से पूछा गया कि उनका क्या कहना है तो उन्होंने कहा, ‘मुझे इस बारे में कुछ नहीं कहना’। रेनू बोली- जो आपकी आत्मा कहे वही कीजिए
बता दें कि शकुंतला खटक कांग्रेस की कद्दावर नेता हैं, वह इस सीट से तीन बार विधायक रह चुकी हैं जिस कारण यहां उनका काफी अच्छा होल्ड है। उधर रेनू पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रही हैं। रोहतक में जनसभा को संबोधित करते हुए शकुंतला खटक के वजन का मजाक उड़ाते हुए रेनू ने कहा ‘वोट देते समय आंख बंद करके मन में सोचिए कि यह एक तराजू है, जिसके एक तरफ शकुंतला खटक हैं और दूसरी तरफ रेनू डाबला हैं। फिर जो आपकी आत्मा कहे, वही कीजिए’। बॉडी शेमिंग क्या होती है?
बॉडी शेमिंग एक तरह की बुरी आदत है, जिसमें किसी व्यक्ति द्वारा दूसरे व्यक्ति को उसके शरीर के आकार, वजन, रंग, बाल या किसी अन्य शारीरिक रूप को लेकर अपमानित या कमजोर महसूस कराया जाता है। यह भी कह सकते हैं कि बॉडी शेमिंग एक तरह का मानसिक और भावनात्मक उत्पीड़न है। यह एक अपमानजनक व्यवहार है, जो सामने वाले व्यक्ति के आत्मसम्मान, आत्मविश्वास, और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकता है। 2019 में शकुंतला खटक ने दर्ज की थी जीत
कांग्रेस की टिकट पर 2024 के विधानसभा चुनाव में मैदान में उतरी शकुंतला खटक ने 2019 में भी इसी सीट से जीत दर्ज की थी। उस समय उन्होंने 62151 वोट प्राप्त कर भाजपा के रामावतार बाल्मीकि को करारी शिकस्त दी थी। वहीं बीएसपी की कश्मीरी, इनेलो के बलराज खासा के साथ-साथ सीपीआई-एम के कमलेश भी शकुंतला के आगे फीके नजर आए थे। कौन हैं चौथी बार मैदान में उतरी शकुंतला खटक… पार्षद का चुनाव हारने के बाद भी मिली टिकट
कलानौर प्रदेश की 17 रिजर्व सीटों में से एक है। भाजपा ने 2014 और 2019 में रामावतार बाल्मीकि को यहां से टिकट दिया था। लेकिन दोनों ही बार शकुंतला खटक ने उन्हें हरा दिया। जिस कारण इस बार रामावतार का टिकट काट कर रेनु डाबला को टिकट दिया गया है। हालांकि रेनु डाबला के पास विधानसभा चुनाव लड़ने का कोई अनुभव नहीं है। 2013 में जरूर वह मेयर चुनी गई थी लेकिन 2018 में वह खुद पार्षद का चुनाव हार गई थी। कौन हैं पहली बार विधानसभा चुनाव में उतरी रेनू डाबला… हरियाणा | दैनिक भास्कर