हरियाणा में विधानसभा चुनाव के बीच पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने बड़ा एक्शन लिया है। ED ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा, मेसर्स ईमार इंडिया लिमिटेड (EMAAR) और MGF डेवलपमेंट लिमिटेड सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में 834 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क की है। ये संपत्ति गुरुग्राम और दिल्ली के 20 गांवों में है। आरोप है कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कंपनियों ने नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग (DTCP) के तत्कालीन डायरेक्टर त्रिलोक चंद गुप्ता के साथ मिलकर सस्ते दामों पर जमीन हथिया ली थी। इसकी वजह से न केवल लोगों को, बल्कि सरकार को भी नुकसान हुआ था। जब्त की गई संपत्ति की PHOTOS… सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) ने इस मामले में 23 जनवरी 2019 को केस दर्ज किया था। केस में भूपेंद्र सिंह हुड्डा, त्रिलोक चंद गुप्ता, मेसर्स ईमार एमजीएफ लैंड लिमिटेड और 14 अन्य कॉलोनाइजर कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई हुई थी। कम कीमत पर बेचने को हुए मजबूर लोग मामला अलग-अलग जमीन के मालिकों, आम जनता और हुड्डा के साथ धोखाधड़ी से जुड़ा है। इसमें भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 1894 की धारा 4 और बाद में भूमि अधिग्रहण के लिए अधिनियम की धारा 6 के तहत अधिसूचना जारी करवाई गई। इससे जमीन मालिकों को अपनी जमीन इन कॉलोनाइजर कंपनियों को कम कीमत पर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा। साल 2009 में हरियाणा सरकार ने गुरुग्राम के सेक्टर 58 से 63, सेक्टर 65 से 67 की 1417.07 एकड़ भूमि पर भूमि अधिग्रहण अधिनियम 1894 की धारा-4 के तहत अधिसूचना जारी की थी। हरियाणा में विधानसभा चुनाव के बीच पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर एनफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने बड़ा एक्शन लिया है। ED ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा, मेसर्स ईमार इंडिया लिमिटेड (EMAAR) और MGF डेवलपमेंट लिमिटेड सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में 834 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क की है। ये संपत्ति गुरुग्राम और दिल्ली के 20 गांवों में है। आरोप है कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कंपनियों ने नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग (DTCP) के तत्कालीन डायरेक्टर त्रिलोक चंद गुप्ता के साथ मिलकर सस्ते दामों पर जमीन हथिया ली थी। इसकी वजह से न केवल लोगों को, बल्कि सरकार को भी नुकसान हुआ था। जब्त की गई संपत्ति की PHOTOS… सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) ने इस मामले में 23 जनवरी 2019 को केस दर्ज किया था। केस में भूपेंद्र सिंह हुड्डा, त्रिलोक चंद गुप्ता, मेसर्स ईमार एमजीएफ लैंड लिमिटेड और 14 अन्य कॉलोनाइजर कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई हुई थी। कम कीमत पर बेचने को हुए मजबूर लोग मामला अलग-अलग जमीन के मालिकों, आम जनता और हुड्डा के साथ धोखाधड़ी से जुड़ा है। इसमें भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 1894 की धारा 4 और बाद में भूमि अधिग्रहण के लिए अधिनियम की धारा 6 के तहत अधिसूचना जारी करवाई गई। इससे जमीन मालिकों को अपनी जमीन इन कॉलोनाइजर कंपनियों को कम कीमत पर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ा। साल 2009 में हरियाणा सरकार ने गुरुग्राम के सेक्टर 58 से 63, सेक्टर 65 से 67 की 1417.07 एकड़ भूमि पर भूमि अधिग्रहण अधिनियम 1894 की धारा-4 के तहत अधिसूचना जारी की थी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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रोहतक में तलीयार के कर्मचारियों से मारपीट:नशे में धुत युवक ने मांगा मुफ्त कमरा, मना करने पर किया झगड़ा रोहतक के तलियार पर्यटन केंद्र के कर्मचारियों से मारपीट का मामला सामने आया है। जहां शराब के नशे में धुत होकर आए एक युवक ने पहले फ्री कमरा मांगा और जब कमरा नहीं मिला तो झगड़ा करने लगा। उसने गाली-गलौज और धमकी भी दी। इसके बाद उसने अपने दोस्तों के साथ मिलकर कर्मचारियों से मारपीट भी की। जिसकी शिकायत के आधार पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। रोहतक के किलोई गांव निवासी सतीश ने आईएमटी थाने में शिकायत दर्ज कराई है। जिसमें उसने बताया कि वह हरियाणा कौशल रोजगार निगम के अंतर्गत तलियार पर्यटन केंद्र के रिसॉर्ट में वेटर के पद पर कार्यरत है। जब वह रेस्टोरेंट में ड्यूटी पर था तो रात करीब 9:45 बजे एक व्यक्ति नशे की हालत में रिसेप्शन काउंटर पर आया। उसने फ्री कमरा मांगा। इसके बाद झगड़ा और धमकी देना शुरू कर दिया। इसके बाद आरोपी को शांत कराकर बाहर खड़ी अपनी कार में बैठा लिया। कुछ देर बाद वही युवक फिर अंदर आया और फ्री कमरा मांगने लगा। जान से मारने की दी धमकी
उन्होंने बताया कि रात को करीब 11 बजे रेस्टोरेंट के बंद होने का समय हुआ तो कमरों को चेक किया। इसी दौरान आरोपी युवक कमरे में मिला। जिसने कमरा किराए पर नहीं लिया हुआ था। उसने ना तो भुगतान किया था और ना हीं आईडी कार्ड दिया था। जिस पर आरोपी फिर से गाली-गलौज करने लगा और जान से मारने की धमकी दी। जिसके बाद कार्यवाहक मैनेजर राकेश कुमार को इसकी जानकारी दी और आरोपी का मोबाइल फोन रिसेप्शन काउंटर पर रख लिया। कर्मचारियों के साथ की मारपीट
उन्होंने बताया कि आरोपी बिना बताए कमरे से बाहर चला गया। वहीं मध्य रात्रि करीब सवा 2 बजे वह वापस आया। दरवाजा खोलते ही अपने दो साथियों को बुला लिया और फ्री कमरा देने की बात कहने लगा। उनमें से एक व्यक्ति ने चौकीदार के साथ लाठी-डंडो से हमला कर दिया। वही आरोपी ने अपने साथियों से मिलकर उसके साथ भी मारपीट की। अन्य साथियों ने बीच-बचाव किया। इस झगड़े में घायल को उपचार के लिए दोनों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जिसकी शिकायत पुलिस को दे दी। पुलिस ने मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी।
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हरियाणा में IG की शिकायत पर DGP अलर्ट:एक से ज्यादा मकान कब्जाने वाले IPS की डिटेल मांगी; सैलरी से पैनल रेंट काटने को कहा हरियाणा में IG वाई पूरन कुमार की शिकायत पर पुलिस महानिदेशक (DGP) ऑफिस अलर्ट हो गया है। डीजीपी शत्रुजीत कपूर के निर्देश पर हरियाणा की सभी पुलिस यूनिट्स के मुखियाओं को निर्देश भेजा गया है। कहा गया है कि अपने जिले या यूनिट से जो गजटेड ऑफिसर दूसरे जिलों की यूनिट में ट्रांसफर हो गए हैं, लेकिन अभी भी सरकारी आवास खाली नहीं किए हैं, उनकी लिस्ट भेजी जाए। साथ ही यह भी हिदायत दी गई है कि उन ऑफिसर्स को तुरंत मकान खाली करने का नोटिस दिया जाए। इसके साथ ही उनसे पैनल रेंट उनकी सैलरी से काटा जाए। इसके बाद इसकी डिटेल्ड जानकारी डीजीपी ऑफिस भेजी जाए। पंचकूला में अभी फ्लैट 2C, 4C, फरीदाबाद में हाउस नंबर 5, पंचकूला के हाउस नंबर 7 सेक्टर 2, भोंडसी कॉम्पलेक्स के हाउस नंबर 1 में आईपीएस अधिकारियों ने कब्जा जमाया हुआ है। 9 IPS ने कब्जा रखे हैं एक से अधिक मकान हाल ही में आईजी वाई पूरन कुमार ने वन ऑफिसर वन हाउस पॉलिसी का जिक्र कर उन IPS अफसरों की शिकायत कर रखी है, जिनके पास एक से ज्यादा सरकारी आवास हैं। कुछ तो फील्ड में तैनात हैं और कुछ गलत जानकारी दे रहे हैं। इनमें 9 आईपीएस अफसरों के नाम हैं, जिन्होंने एक से अधिक सरकारी आवास कब्जा कर रखे हैं। इनमें एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर ममता सिंह के साथ सीनियर आईपीएस सौरभ सिंह, राकेश आर्या, सतीश बालन, हिमांशू गर्ग, राज कुमार, एके मित्तल के साथ दो और नाम शामिल हैं। CM तक पहुंच चुका मामला हरियाणा के आईजी स्तर के अधिकारी वाई पूरन कुमार ने पुलिस विभाग में नियमों के खिलाफ एक से अधिक आवास लेने के मामले में अब मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को भी 7 दिन पहले शिकायत की थी। आईपीएस अधिकारी ने शिकायत में बाकायदा आईपीएस अधिकारियों के नाम का जिक्र किया था और सबूत होने का भी दावा किया था। इससे पहले IG ने इस मामले की शिकायत DGP शत्रुजीत कपूर और गृह विभाग के सचिव टीवीएसएन प्रसाद को भी कर चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने के चलते अब उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम शिकायत भेजी थी। HC तक पहुंच चुका मामला पुलिस डिपार्टमेंट के वन ऑफिसर वन रेजिडेंट पॉलिसी का मामला पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट तक पहुंच चुका है। हाईकोर्ट में बताया गया है कि गृहमंत्री के आदेश के अनुसार यदि कोई आईजी अपनी रेंज में तैनात होता है तो उसे मुख्यालय में सरकारी मकान की अलॉटमेंट नहीं की जा सकती है, लेकिन 2 पुलिस अधिकारी ऐसे हैं जो मुख्यालय में सरकारी मकान अलॉट करवा रहे हैं। हाईकोर्ट इस मामले में याचिका पर सुनवाई करते हुए हरियाणा सरकार से पूछ चुका है कि आखिर क्यों याची को सरकारी आवास अलॉट नहीं किया जा रहा है। आईजी आईपीएस वाई पूरन कुमार का कहना है कि आशा है कि डीजीपी हरियाणा उनके कार्यालय द्वारा आवंटित पंचकूला फ्लैटों और घरों के लिए पैनल रेंट का नोटिस जारी करके उदाहरण पेश करेंगे।
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