प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3.0 सरकार में मंत्रियों के विभागों का बंटवारा हो गया है। हरियाणा से 3 मंत्रियों मनोहर लाल खट्टर, राव इंद्रजीत सिंह और कृष्णपाल गुर्जर को कुल 6 विभाग मिले हैं। मनोहर लाल खट्टर हरियाणा में बड़ा गैर जाट चेहरा हैं। आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय के जरिए भाजपा ने जहां अपने कोर शहरी वोट बैंक को साधा है। वहीं हरियाणा में शहरी क्षेत्र की जीटी रोड बेल्ट को साधने की कोशिश की है। वहीं पंजाब से रवनीत सिंह बिट्टू को रेलवे और फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज का राज्यमंत्री लगाया गया है। BJP इससे पंजाब की 70 प्रतिशत किसानों की आबादी और 60 प्रतिशत सिख आबादी पर फोकस कर रही है। रेलवे के प्रोजेक्ट्स के जरिए शहरों को भी पार्टी की कवर करने की कोशिश है। हिमाचल से जेपी नड्डा को स्वास्थ्य एवं परिवार भलाई विभाग और रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय सौंपा गया है। ऊना जिला के मलाहत में प्रस्तावित मिनी सेटेलाइट PGI सेंटर पिछले 5 साल से लटका हुआ है। उम्मीद है कि नड्डा इस प्रोजेक्ट को रफ्तार दिलाएंगे। अब जानिए विभागों के बंटवारे के पीछे क्या मायने… मनोहर के जरिए शहरी वोट पर नजर
हरियाणा, दिल्ली और हिमाचल के साथ लगता राज्य है। हरियाणा में पावर की दृष्टि से काफी संभावनाएं हैं। इसका फायदा दिल्ली को भी होगा। हरियाणा के यमुनानगर में दीनबंधु छोटू राम थर्मल पावर प्लांट में अब 800 मेगावॉट की एक ओर इकाई स्थापित की जा रही है। 300 मेगावॉट की 2 इकाइयां पहले से स्थापित हैं। इसके अलावा, 600 मेगावॉट की 2 इकाइयां हिसार और 250 की 2 व 210 मेगावॉट की एक इकाई पानीपत में है। वहीं फतेहाबाद के गोरखपुर में भी परमाणु संयंत्र स्थापित है। इस कारण हरियाणा पावर की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इसी तरह खट्टर को शहरी विकास मंत्रालय भी दिया गया है। शहरी आबादी के बड़े प्रोजेक्ट खट्टर ही देखेंगे। भाजपा का बड़ा वोट बैंक भी शहरी है। लोकसभा चुनाव में शहरी वोटरों ने भाजपा को बढ़चढ़ कर मतदान किया। इसलिए ईमानदार छवि के मनोहर लाल खट्टर को यह मंत्रालय दिया गया है। राव इंद्रजीत को संस्कृति मंत्रालय देकर दक्षिण के साथ दूसरे इलाके भी साधे
राव इंद्रजीत अहीरवाल में बड़ा चेहरा है। राव इंद्रजीत का कद वैसे भी हरियाणा में बड़ा है। कांग्रेस की सरकार रही हो या भाजपा की राव इंद्रजीत पर सबकी मेहरबानी रही है। राव अपनी राजनीति से दक्षिण हरियाणा को प्रभावित करते हैं। राव को संस्कृति एवं पर्यटन मंत्रालय देकर पूरे हरियाणा को साधा गया है। कुरुक्षेत्र हरियाणा की सांस्कृतिक राजधानी है। इसके अलावा, हिसार के राखीगढ़ी, फतेहाबाद के कुनाल में प्राचीन साइटें हैं। एक तरह से हरियाणा प्राचीन सभ्यता का केंद्र रहा है। कृष्णपाल को किसानों से जुड़ा महकमा
कृष्ण पाल गुर्जर भी दक्षिण हरियाणा से आते हैं। मगर उनका असर हरियाणा के साथ-साथ उत्तर प्रदेश और राजस्थान तक है। कृष्णपाल को सहकारिता राज्यमंत्री बनाया गया है। यह किसानों से जुड़ा महकमा है। इसलिए हरियाणा, पंजाब, यूपी और राजस्थान इससे प्रभावित हैं। वहीं गुर्जर आबादी भी अधिकतर पशुपालन का काम करती है। कृष्णपाल सहकारिता मंत्री अमित शाह के साथ यह मंत्रालय देखेंगे। रवनीत बिट्टू के जरिए 2027 के विधानसभा चुनाव पर नजर
पंजाब से राज्य मंत्री रवनीत बिट्टू को रेलवे और फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज का राज्यमंत्री लगाया गया है। रेलवे में वे कैबिनेट मंत्री अश्विनी वैष्णव और फूड प्रोसेसिंग में कैबिनेट मंत्री चिराग पासवान के साथ काम करेंगे। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में बठिंडा से अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल के पास भी यही महकमा था। भाजपा बिट्टू के जरिए प्रदेश की 60 प्रतिशत सिख आबादी पर फोकस कर रही है। इसके अलावा, बिट्टू खालिस्तान के खिलाफ खुलकर बोलते हैं। ऐसे में पंजाब में अमन पसंद सिखों और हिंदुओं को भाजपा से जोड़ने की कोशिश की गई है। फूड प्रोसेसिंग डिपार्टमेंट सीधे किसानों से जुड़ा हुआ है। पंजाब गेहूं और चावल के उत्पादन में दूसरे स्थान पर आता है। जबकि प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता में नंबर वन पर है। इसी तरह किन्नू उत्पादन में दूसरे और शहद उत्पादन में तीसरे नंबर पर आता है। इस डिपार्टमेंट से पंजाब की 70 फीसदी आबादी को सीधा जोड़ा जा सकेगा। जिसका पार्टी को फायदा मिलेगा। इसी तरह रेलवे की बात करें तो उत्तरी भारत में रेलवे की बहुत बड़ी इंडस्ट्री है। पंजाब के कपूरथला में तो रेल कोच फैक्ट्री (RCF) भी है। इसमें काफी सामान रेलवे का तैयार होता है। जिससे लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। अमृतसर से दिल्ली के बीच हाई स्पीड रेल परियोजना प्रस्तावित है। यह करीब 465 किलोमीटर लंबी है। इसमें पंजाब ही नहीं बल्कि हरियाणा भी जुड़ना है। अभी तक यह प्राथमिक चरण में है। अगर यह प्रोजेक्ट पूरा हो जाता है तो अमृतसर दिल्ली का सफर मात्र कुछ घंटों का रह जाएगा। इसी तरह, चंडीगढ़ राजपुरा रेलवे मार्ग है, जोकि 2016 में मंजूर हुआ था, लेकिन अभी तक पूरा नहीं हुआ है। इसके लिए टोकन मनी हजार रुपए मंजूर हुई थी। अगर यह प्रोजेक्ट पूरा हो जाता है तो ट्राइसिटी समेत हरियाणा और अन्य राज्यों के लोगों को रोजगार के अवसर पैदा होंगे। पूर्व कांग्रेसी नेता पवन बंसल के बाद यह विभाग पंजाब या चंडीगढ़ में आया है। बिट्टू को मंत्री बनाने के पीछे भाजपा 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव पर फोकस कर रही है। नड्डा के स्वास्थ्य मंत्री बनने से सैटेलाइट PGI सेंटर पूरा होगा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट मंत्री जगत प्रकाश नड्डा को हैवीवेट स्वास्थ्य मंत्रालय दिया है। जेपी नड्डा NDA-1 सरकार में भी स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं। इससे पहले 1998 में हिमाचल सरकार में भी वह स्वास्थ्य महकमा संभाल चुके हैं। पीएम मोदी ने ज्यादातर मंत्रियों को उनके पुराने विभाग दिए हैं। इससे मंत्रियों को उनके विभागों के कामकाज को समझने व सिरे चढ़ाने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा। पुराने मंत्री जानते हैं कि उनके विभाग में कौन-कौन से प्रोजेक्ट चल रहे हैं। NDA-2 सरकार में मनसुख मांडविया हेल्थ मिनिस्टर रहे हैं। मात्र 4 लोकसभा सीटों वाले हिमाचल से संबंध रखने वाले नड्डा के लिए हैवीवेट मंत्रालय कई मायनों में महत्वपूर्ण है। नड्डा की ताजपोशी के बाद हिमाचल के ऊना में लटके मिनी सैटेलाइट PGI और 4 ट्रामा सेंटर प्रोजेक्ट के जल्द सिरे चढ़ने की आस है। नड्डा ने बतौर केंद्रीय मंत्री मलाहत में 480 करोड़ की लागत से बनने प्रस्तावित मिनी सेटेलाइट PGI सेंटर की आधारशीला रखी थी। मगर आज तक यह नहीं बन पाया। इस सेंटर में 300 बेड की सुविधा के दावे किए गए थे। 5 साल पहले इसकी आधारशीला रखते वक्त नड्डा ने कहा था कि यह 40 महीने में बनकर तैयार होगा। NDA-1 सरकार में नड्डा हिमाचल को बिलासपुर में AIIMS दिला चुके हैं। इसके अलावा भाजपा ने नड्डा को बड़ा मंत्रालय देकर सभी 4 लोकसभा सीटें जिताने वाले हिमाचल प्रदेश को अहमियत का अहसास कराया है। नड्डा के जरिए अनुराग ठाकुर की वजह से पैदा हो रही कथित गुटबाजी को भी खत्म करने की कोशिश की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3.0 सरकार में मंत्रियों के विभागों का बंटवारा हो गया है। हरियाणा से 3 मंत्रियों मनोहर लाल खट्टर, राव इंद्रजीत सिंह और कृष्णपाल गुर्जर को कुल 6 विभाग मिले हैं। मनोहर लाल खट्टर हरियाणा में बड़ा गैर जाट चेहरा हैं। आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय के जरिए भाजपा ने जहां अपने कोर शहरी वोट बैंक को साधा है। वहीं हरियाणा में शहरी क्षेत्र की जीटी रोड बेल्ट को साधने की कोशिश की है। वहीं पंजाब से रवनीत सिंह बिट्टू को रेलवे और फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज का राज्यमंत्री लगाया गया है। BJP इससे पंजाब की 70 प्रतिशत किसानों की आबादी और 60 प्रतिशत सिख आबादी पर फोकस कर रही है। रेलवे के प्रोजेक्ट्स के जरिए शहरों को भी पार्टी की कवर करने की कोशिश है। हिमाचल से जेपी नड्डा को स्वास्थ्य एवं परिवार भलाई विभाग और रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय सौंपा गया है। ऊना जिला के मलाहत में प्रस्तावित मिनी सेटेलाइट PGI सेंटर पिछले 5 साल से लटका हुआ है। उम्मीद है कि नड्डा इस प्रोजेक्ट को रफ्तार दिलाएंगे। अब जानिए विभागों के बंटवारे के पीछे क्या मायने… मनोहर के जरिए शहरी वोट पर नजर
हरियाणा, दिल्ली और हिमाचल के साथ लगता राज्य है। हरियाणा में पावर की दृष्टि से काफी संभावनाएं हैं। इसका फायदा दिल्ली को भी होगा। हरियाणा के यमुनानगर में दीनबंधु छोटू राम थर्मल पावर प्लांट में अब 800 मेगावॉट की एक ओर इकाई स्थापित की जा रही है। 300 मेगावॉट की 2 इकाइयां पहले से स्थापित हैं। इसके अलावा, 600 मेगावॉट की 2 इकाइयां हिसार और 250 की 2 व 210 मेगावॉट की एक इकाई पानीपत में है। वहीं फतेहाबाद के गोरखपुर में भी परमाणु संयंत्र स्थापित है। इस कारण हरियाणा पावर की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इसी तरह खट्टर को शहरी विकास मंत्रालय भी दिया गया है। शहरी आबादी के बड़े प्रोजेक्ट खट्टर ही देखेंगे। भाजपा का बड़ा वोट बैंक भी शहरी है। लोकसभा चुनाव में शहरी वोटरों ने भाजपा को बढ़चढ़ कर मतदान किया। इसलिए ईमानदार छवि के मनोहर लाल खट्टर को यह मंत्रालय दिया गया है। राव इंद्रजीत को संस्कृति मंत्रालय देकर दक्षिण के साथ दूसरे इलाके भी साधे
राव इंद्रजीत अहीरवाल में बड़ा चेहरा है। राव इंद्रजीत का कद वैसे भी हरियाणा में बड़ा है। कांग्रेस की सरकार रही हो या भाजपा की राव इंद्रजीत पर सबकी मेहरबानी रही है। राव अपनी राजनीति से दक्षिण हरियाणा को प्रभावित करते हैं। राव को संस्कृति एवं पर्यटन मंत्रालय देकर पूरे हरियाणा को साधा गया है। कुरुक्षेत्र हरियाणा की सांस्कृतिक राजधानी है। इसके अलावा, हिसार के राखीगढ़ी, फतेहाबाद के कुनाल में प्राचीन साइटें हैं। एक तरह से हरियाणा प्राचीन सभ्यता का केंद्र रहा है। कृष्णपाल को किसानों से जुड़ा महकमा
कृष्ण पाल गुर्जर भी दक्षिण हरियाणा से आते हैं। मगर उनका असर हरियाणा के साथ-साथ उत्तर प्रदेश और राजस्थान तक है। कृष्णपाल को सहकारिता राज्यमंत्री बनाया गया है। यह किसानों से जुड़ा महकमा है। इसलिए हरियाणा, पंजाब, यूपी और राजस्थान इससे प्रभावित हैं। वहीं गुर्जर आबादी भी अधिकतर पशुपालन का काम करती है। कृष्णपाल सहकारिता मंत्री अमित शाह के साथ यह मंत्रालय देखेंगे। रवनीत बिट्टू के जरिए 2027 के विधानसभा चुनाव पर नजर
पंजाब से राज्य मंत्री रवनीत बिट्टू को रेलवे और फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज का राज्यमंत्री लगाया गया है। रेलवे में वे कैबिनेट मंत्री अश्विनी वैष्णव और फूड प्रोसेसिंग में कैबिनेट मंत्री चिराग पासवान के साथ काम करेंगे। मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में बठिंडा से अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल के पास भी यही महकमा था। भाजपा बिट्टू के जरिए प्रदेश की 60 प्रतिशत सिख आबादी पर फोकस कर रही है। इसके अलावा, बिट्टू खालिस्तान के खिलाफ खुलकर बोलते हैं। ऐसे में पंजाब में अमन पसंद सिखों और हिंदुओं को भाजपा से जोड़ने की कोशिश की गई है। फूड प्रोसेसिंग डिपार्टमेंट सीधे किसानों से जुड़ा हुआ है। पंजाब गेहूं और चावल के उत्पादन में दूसरे स्थान पर आता है। जबकि प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता में नंबर वन पर है। इसी तरह किन्नू उत्पादन में दूसरे और शहद उत्पादन में तीसरे नंबर पर आता है। इस डिपार्टमेंट से पंजाब की 70 फीसदी आबादी को सीधा जोड़ा जा सकेगा। जिसका पार्टी को फायदा मिलेगा। इसी तरह रेलवे की बात करें तो उत्तरी भारत में रेलवे की बहुत बड़ी इंडस्ट्री है। पंजाब के कपूरथला में तो रेल कोच फैक्ट्री (RCF) भी है। इसमें काफी सामान रेलवे का तैयार होता है। जिससे लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। अमृतसर से दिल्ली के बीच हाई स्पीड रेल परियोजना प्रस्तावित है। यह करीब 465 किलोमीटर लंबी है। इसमें पंजाब ही नहीं बल्कि हरियाणा भी जुड़ना है। अभी तक यह प्राथमिक चरण में है। अगर यह प्रोजेक्ट पूरा हो जाता है तो अमृतसर दिल्ली का सफर मात्र कुछ घंटों का रह जाएगा। इसी तरह, चंडीगढ़ राजपुरा रेलवे मार्ग है, जोकि 2016 में मंजूर हुआ था, लेकिन अभी तक पूरा नहीं हुआ है। इसके लिए टोकन मनी हजार रुपए मंजूर हुई थी। अगर यह प्रोजेक्ट पूरा हो जाता है तो ट्राइसिटी समेत हरियाणा और अन्य राज्यों के लोगों को रोजगार के अवसर पैदा होंगे। पूर्व कांग्रेसी नेता पवन बंसल के बाद यह विभाग पंजाब या चंडीगढ़ में आया है। बिट्टू को मंत्री बनाने के पीछे भाजपा 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव पर फोकस कर रही है। नड्डा के स्वास्थ्य मंत्री बनने से सैटेलाइट PGI सेंटर पूरा होगा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट मंत्री जगत प्रकाश नड्डा को हैवीवेट स्वास्थ्य मंत्रालय दिया है। जेपी नड्डा NDA-1 सरकार में भी स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं। इससे पहले 1998 में हिमाचल सरकार में भी वह स्वास्थ्य महकमा संभाल चुके हैं। पीएम मोदी ने ज्यादातर मंत्रियों को उनके पुराने विभाग दिए हैं। इससे मंत्रियों को उनके विभागों के कामकाज को समझने व सिरे चढ़ाने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा। पुराने मंत्री जानते हैं कि उनके विभाग में कौन-कौन से प्रोजेक्ट चल रहे हैं। NDA-2 सरकार में मनसुख मांडविया हेल्थ मिनिस्टर रहे हैं। मात्र 4 लोकसभा सीटों वाले हिमाचल से संबंध रखने वाले नड्डा के लिए हैवीवेट मंत्रालय कई मायनों में महत्वपूर्ण है। नड्डा की ताजपोशी के बाद हिमाचल के ऊना में लटके मिनी सैटेलाइट PGI और 4 ट्रामा सेंटर प्रोजेक्ट के जल्द सिरे चढ़ने की आस है। नड्डा ने बतौर केंद्रीय मंत्री मलाहत में 480 करोड़ की लागत से बनने प्रस्तावित मिनी सेटेलाइट PGI सेंटर की आधारशीला रखी थी। मगर आज तक यह नहीं बन पाया। इस सेंटर में 300 बेड की सुविधा के दावे किए गए थे। 5 साल पहले इसकी आधारशीला रखते वक्त नड्डा ने कहा था कि यह 40 महीने में बनकर तैयार होगा। NDA-1 सरकार में नड्डा हिमाचल को बिलासपुर में AIIMS दिला चुके हैं। इसके अलावा भाजपा ने नड्डा को बड़ा मंत्रालय देकर सभी 4 लोकसभा सीटें जिताने वाले हिमाचल प्रदेश को अहमियत का अहसास कराया है। नड्डा के जरिए अनुराग ठाकुर की वजह से पैदा हो रही कथित गुटबाजी को भी खत्म करने की कोशिश की गई है। हिमाचल | दैनिक भास्कर