किसान आंदोलन की वजह से 13 महीने से बंद हरियाणा-पंजाब का खनौरी बॉर्डर भी शुक्रवार से खुल गया। यहां से दिल्ली-पटियाला हाईवे पर आवाजाही शुरू हो गई। हरियाणा पुलिस ने 20 मार्च को ही यहां से सीमेंट की बैरिकेडिंग हटा दी थी। पंजाब की तरफ से ट्रालियां हटाने में समय लग गया। पंजाब पुलिस ने अंबाला और पटियाला के बीच शंभू बॉर्डर को 20 मार्च को ट्रैफिक के लिए खोल दिया था। इसके बाद दिल्ली-अमृतसर-जम्मू हाईवे पर आवाजाही शुरू हो गई है। पंजाब पुलिस ने 19 मार्च को ये दोनों बॉर्डर किसानों से खाली कराए थे। वहीं, पंजाब के 2 किसान संगठन संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के पंजाब चैप्टर और भारतीय किसान यूनियन ( BKU) (उगराहां) ने राज्य सरकार की बुलाई मीटिंग का बायकॉट कर दिया। कृषि मंत्री ने चंडीगढ़ स्थित पंजाब भवन में यह मीटिंग बुलाई थी। दोनों संगठनों ने सरकार से बातचीत करने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि पहले शंभू-खनौरी बॉर्डर से हिरासत में लिए नेता रिहा किए जाएं, उसके बाद सरकार से कोई बात होगी। वहीं, किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल व अन्य किसानों को हिरासत में लेने का मामला पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में पहुंच गया है। इस मामले में उच्च अदालत में इमरजेंसी सुनवाई हुई है। अदालत ने डीजीपी से सोमवार (24 मार्च) तक इस बारे में स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। किसान मजदूर मोर्चा (KMM) के संयोजक सरवण सिंह पंधेर समेत 101 किसानों को पटियाला की सेंट्रल जेल भेजा गया है। जबकि संयुक्त किसान मोर्चा (नॉन पॉलिटिकल) के नेता जगजीत डल्लेवाल ने इलाज लेने से इनकार कर दिया। डॉक्टरों की टीम आर्मी कंट्रोल वाले एरिया जालंधर कैंट के रेस्ट हाउस में उनकी निगरानी कर रही है। शंभू-खनौरी बॉर्डर बंद होने और खुलने की 13 महीने की पूरी कहानी… किसानों को दिल्ली नहीं जाने दिया तो शंभू बॉर्डर पर रुके किसानों ने 4 बार दिल्ली मार्च की कोशिश की हाईकोर्ट से मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, डल्लेवाल के अनशन पर वार्ता शुरू
केंद्र के वार्ता न करने से शंभू बॉर्डर खुलवाने को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर हुई। हाईकोर्ट ने एक महीने में शंभू बॉर्डर खोलने को कहा। हरियाणा सरकार इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चली गई। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र-किसानों के बीच मध्यस्थता के लिए कमेटी बना दी। इसी बीच 26 नवंबर से किसान नेता जगजीत डल्लेवाल ने अनशन शुरू कर दिया। जिसके बाद केंद्र फिर वार्ता के लिए राजी हुआ। 14 फरवरी 2025 को चंडीगढ़ में वार्ता हुई लेकिन इसका कोई हल नहीं निकला। 22 फरवरी को फिर मीटिंग हुई लेकिन किसानों ने MSP पर गारंटी कानून बनने तक आंदोलन खत्म करने से इनकार कर दिया। पंजाब सरकार का आंदोलन हटाने का फैसला, 72 घंटे पहले प्लानिंग
किसान आंदोलन के चलते शंभू बॉर्डर बंद होने से पंजाब के कारोबारियों को नुकसान हो रहा था। इससे पंजाब सरकार पर बॉर्डर खुलवाने का दबाव बन रहा था। सरकार ने केंद्र-किसानों के बीच मध्यस्थता की। किसानों को भी मनाने की कोशिश की लेकिन वह धरना हटाने पर राजी नहीं हुए। इसके बाद पंजाब सरकार ने 72 घंटे पहले तैयार कर ली कि आंदोलन को पुलिस के जरिए बलपूर्वक हटाया जाएगा। इसके लिए 19 मार्च का दिन चुना गया। उस दिन केंद्रीय मंत्रियों की चंडीगढ़ में किसान नेताओं से मीटिंग थी। शंभू और खनौरी बॉर्डर पर आंदोलन की अगुआई करने वाले ज्यादातर किसान नेता मीटिंग में शामिल होने पहुंचे। मीटिंग शुरू होने से पहले फोर्स भेजी, खत्म होने के बाद पंधेर-डल्लेवाल हिरासत में लिए
केंद्र-किसानों की मीटिंग 11 से 3 बजे तक यानी 4 घंटे चली। यहां से शंभू बॉर्डर लौट रहे सरवण पंधेर को मोहाली की एयरपोर्ट रोड से हिरासत में ले लिया गया। अनशन पर बैठे डल्लेवाल एम्बुलेंस में खनौरी बॉर्डर लौट रहे थे, उन्हें संगरूर में घेर लिया गया। पुलिस एम्बुलेंस समेत डल्लेवाल को लेकर चली गई। इसके बाद तुरंत पंजाब पुलिस ने खनौरी और शंभू बॉर्डर से किसानों को हटाना शुरू कर दिया। जो अड़े, उन्हें हिरासत में ले लिया गया। हरियाणा पुलिस ने 10 घंटे में शंभू बॉर्डर खोला
पंजाब पुलिस के किसानों को हटाते ही गुरुवार (20 मार्च) को हरियाणा पुलिस भी एक्शन में आई। सुबह करीब साढ़े 8 बजे पुलिस बुलडोजर लेकर बैरिकेडिंग तोड़ने के लिए पहुंच गई। दोपहर डेढ़ बजे तक पुलिस ने पटियाला से अंबाला जाने वाला हिस्सा खोल दिया। फिर शाम साढ़े 6 बजे बॉर्डर के दोनों हिस्से खोल दिए गए। ************ ये खबरें भी पढ़ें :- पंजाब विधानसभा के बजट सत्र में हंगामा:शंभू-खनौरी बॉर्डर से किसानों को हटाने पर कांग्रेस का प्रदर्शन; गवर्नर विरोध के बीच भाषण दे रहे पंजाब विधानसभा के बजट सत्र के पहले ही दिन हंगामा हो गया। शंभू और खनौरी बॉर्डर खाली कराने और किसानों को हिरासत में लेने के विरोध में कांग्रेस विधायकों ने नारेबाजी की। इसके बाद कांग्रेस विधायकों ने वॉकआउट कर दिया। पढ़ें पूरी खबर शंभू-खनौरी बॉर्डर से किसानों को हटाने की इनसाइड स्टोरी:72 घंटे पहले प्लानिंग, टकराव टालने को मीटिंग का दिन, पंधेर-डल्लेवाल की गैरमौजूदगी में एक्शन शंभू और खनौरी बॉर्डर को 13 महीने बाद पंजाब पुलिस ने खाली करा लिया है। अफसरों ने इसके लिए 72 घंटे पहले ही तैयारी शुरू कर दी थी। योजना बनाने के साथ ही 18 मार्च को पंजाब के DGP गौरव यादव और स्पेशल DGP लॉ एंड ऑर्डर अर्पित शुक्ला की अध्यक्षता में हाईलेवल मीटिंग हुई। पढ़ें पूरी खबर किसान आंदोलन की वजह से 13 महीने से बंद हरियाणा-पंजाब का खनौरी बॉर्डर भी शुक्रवार से खुल गया। यहां से दिल्ली-पटियाला हाईवे पर आवाजाही शुरू हो गई। हरियाणा पुलिस ने 20 मार्च को ही यहां से सीमेंट की बैरिकेडिंग हटा दी थी। पंजाब की तरफ से ट्रालियां हटाने में समय लग गया। पंजाब पुलिस ने अंबाला और पटियाला के बीच शंभू बॉर्डर को 20 मार्च को ट्रैफिक के लिए खोल दिया था। इसके बाद दिल्ली-अमृतसर-जम्मू हाईवे पर आवाजाही शुरू हो गई है। पंजाब पुलिस ने 19 मार्च को ये दोनों बॉर्डर किसानों से खाली कराए थे। वहीं, पंजाब के 2 किसान संगठन संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) के पंजाब चैप्टर और भारतीय किसान यूनियन ( BKU) (उगराहां) ने राज्य सरकार की बुलाई मीटिंग का बायकॉट कर दिया। कृषि मंत्री ने चंडीगढ़ स्थित पंजाब भवन में यह मीटिंग बुलाई थी। दोनों संगठनों ने सरकार से बातचीत करने से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि पहले शंभू-खनौरी बॉर्डर से हिरासत में लिए नेता रिहा किए जाएं, उसके बाद सरकार से कोई बात होगी। वहीं, किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल व अन्य किसानों को हिरासत में लेने का मामला पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में पहुंच गया है। इस मामले में उच्च अदालत में इमरजेंसी सुनवाई हुई है। अदालत ने डीजीपी से सोमवार (24 मार्च) तक इस बारे में स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। किसान मजदूर मोर्चा (KMM) के संयोजक सरवण सिंह पंधेर समेत 101 किसानों को पटियाला की सेंट्रल जेल भेजा गया है। जबकि संयुक्त किसान मोर्चा (नॉन पॉलिटिकल) के नेता जगजीत डल्लेवाल ने इलाज लेने से इनकार कर दिया। डॉक्टरों की टीम आर्मी कंट्रोल वाले एरिया जालंधर कैंट के रेस्ट हाउस में उनकी निगरानी कर रही है। शंभू-खनौरी बॉर्डर बंद होने और खुलने की 13 महीने की पूरी कहानी… किसानों को दिल्ली नहीं जाने दिया तो शंभू बॉर्डर पर रुके किसानों ने 4 बार दिल्ली मार्च की कोशिश की हाईकोर्ट से मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, डल्लेवाल के अनशन पर वार्ता शुरू
केंद्र के वार्ता न करने से शंभू बॉर्डर खुलवाने को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर हुई। हाईकोर्ट ने एक महीने में शंभू बॉर्डर खोलने को कहा। हरियाणा सरकार इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चली गई। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र-किसानों के बीच मध्यस्थता के लिए कमेटी बना दी। इसी बीच 26 नवंबर से किसान नेता जगजीत डल्लेवाल ने अनशन शुरू कर दिया। जिसके बाद केंद्र फिर वार्ता के लिए राजी हुआ। 14 फरवरी 2025 को चंडीगढ़ में वार्ता हुई लेकिन इसका कोई हल नहीं निकला। 22 फरवरी को फिर मीटिंग हुई लेकिन किसानों ने MSP पर गारंटी कानून बनने तक आंदोलन खत्म करने से इनकार कर दिया। पंजाब सरकार का आंदोलन हटाने का फैसला, 72 घंटे पहले प्लानिंग
किसान आंदोलन के चलते शंभू बॉर्डर बंद होने से पंजाब के कारोबारियों को नुकसान हो रहा था। इससे पंजाब सरकार पर बॉर्डर खुलवाने का दबाव बन रहा था। सरकार ने केंद्र-किसानों के बीच मध्यस्थता की। किसानों को भी मनाने की कोशिश की लेकिन वह धरना हटाने पर राजी नहीं हुए। इसके बाद पंजाब सरकार ने 72 घंटे पहले तैयार कर ली कि आंदोलन को पुलिस के जरिए बलपूर्वक हटाया जाएगा। इसके लिए 19 मार्च का दिन चुना गया। उस दिन केंद्रीय मंत्रियों की चंडीगढ़ में किसान नेताओं से मीटिंग थी। शंभू और खनौरी बॉर्डर पर आंदोलन की अगुआई करने वाले ज्यादातर किसान नेता मीटिंग में शामिल होने पहुंचे। मीटिंग शुरू होने से पहले फोर्स भेजी, खत्म होने के बाद पंधेर-डल्लेवाल हिरासत में लिए
केंद्र-किसानों की मीटिंग 11 से 3 बजे तक यानी 4 घंटे चली। यहां से शंभू बॉर्डर लौट रहे सरवण पंधेर को मोहाली की एयरपोर्ट रोड से हिरासत में ले लिया गया। अनशन पर बैठे डल्लेवाल एम्बुलेंस में खनौरी बॉर्डर लौट रहे थे, उन्हें संगरूर में घेर लिया गया। पुलिस एम्बुलेंस समेत डल्लेवाल को लेकर चली गई। इसके बाद तुरंत पंजाब पुलिस ने खनौरी और शंभू बॉर्डर से किसानों को हटाना शुरू कर दिया। जो अड़े, उन्हें हिरासत में ले लिया गया। हरियाणा पुलिस ने 10 घंटे में शंभू बॉर्डर खोला
पंजाब पुलिस के किसानों को हटाते ही गुरुवार (20 मार्च) को हरियाणा पुलिस भी एक्शन में आई। सुबह करीब साढ़े 8 बजे पुलिस बुलडोजर लेकर बैरिकेडिंग तोड़ने के लिए पहुंच गई। दोपहर डेढ़ बजे तक पुलिस ने पटियाला से अंबाला जाने वाला हिस्सा खोल दिया। फिर शाम साढ़े 6 बजे बॉर्डर के दोनों हिस्से खोल दिए गए। ************ ये खबरें भी पढ़ें :- पंजाब विधानसभा के बजट सत्र में हंगामा:शंभू-खनौरी बॉर्डर से किसानों को हटाने पर कांग्रेस का प्रदर्शन; गवर्नर विरोध के बीच भाषण दे रहे पंजाब विधानसभा के बजट सत्र के पहले ही दिन हंगामा हो गया। शंभू और खनौरी बॉर्डर खाली कराने और किसानों को हिरासत में लेने के विरोध में कांग्रेस विधायकों ने नारेबाजी की। इसके बाद कांग्रेस विधायकों ने वॉकआउट कर दिया। पढ़ें पूरी खबर शंभू-खनौरी बॉर्डर से किसानों को हटाने की इनसाइड स्टोरी:72 घंटे पहले प्लानिंग, टकराव टालने को मीटिंग का दिन, पंधेर-डल्लेवाल की गैरमौजूदगी में एक्शन शंभू और खनौरी बॉर्डर को 13 महीने बाद पंजाब पुलिस ने खाली करा लिया है। अफसरों ने इसके लिए 72 घंटे पहले ही तैयारी शुरू कर दी थी। योजना बनाने के साथ ही 18 मार्च को पंजाब के DGP गौरव यादव और स्पेशल DGP लॉ एंड ऑर्डर अर्पित शुक्ला की अध्यक्षता में हाईलेवल मीटिंग हुई। पढ़ें पूरी खबर पंजाब | दैनिक भास्कर
