हरियाणा में इंस्पेक्टर भर्ती मामला गर्माया:कांग्रेस MP बोले- भाजपा MLA, उनकी पत्नी को कैसे नौकरी मिली, रिश्तेदार गुरुग्राम में कैसे तैनात रहे, सब पता

हरियाणा में इंस्पेक्टर भर्ती मामला गर्माया:कांग्रेस MP बोले- भाजपा MLA, उनकी पत्नी को कैसे नौकरी मिली, रिश्तेदार गुरुग्राम में कैसे तैनात रहे, सब पता

हरियाणा में 2008 में हुई इंस्पेक्टर भर्ती का मामला गर्माने लगा है। विधानसभा के बजट सत्र में भाजपा विधायक सुनील सांगवान ने इसको लेकर तत्कालीन कांग्रेस सरकार के CM रहे भूपेंद्र हुड्‌डा पर सवाल उठाए। CM नायब सैनी ने भी कहा कि फ्ल्यूड लगाकर फेल बच्चे पास किए गए। इसके लिए हाईकोर्ट के फैसले का भी हवाला दिया गया। अब हुड्‌डा के बचाव में उनके करीबी हिसार से कांग्रेस के लोकसभा सांसद जयप्रकाश जेपी कूद पड़े हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की BJP सरकार के मंत्रियों को अंग्रेजी नहीं आती, इसलिए ऑर्डर को समझ नहीं पाए। दादरी से भाजपा MLA सुनील सांगवान पर जेपी ने कहा कि उन्हें, उनकी पत्नी को कैसे नौकरी मिली? उनके रिश्तेदार 10 साल गुरुग्राम में कैसे अहम पदों पर रहे, वह चुनौती दें तो मैं सारी पोल खोल दूंगा। बता दें कि सुनील सांगवान जेल सुपरिटेंडेंट रहे हैं। 2024 में विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली और दादरी से भाजपा के टिकट पर विधायक बने। हिसार से कांग्रेस सांसद जेपी की 2 अहम बातें… 1. हाईकोर्ट ने प्रक्रिया में कमी बताई, उसमें सरकार का कसूर नहीं
हिसार से कांग्रेस सांसद जयप्रकाश (जेपी) से पूछा गया कि इंस्पेक्टर भर्ती को लेकर पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा पर विधानसभा के बजट सत्र में आरोप लगे हैं। इसके जवाब में सांसद जेपी ने कहा- इन (सरकार) बेचारों को कोई ज्ञान नहीं है। इन लोगों को अंग्रेजी पढ़नी नहीं आती। मुझे ऐसा लगता है कि ये जो कंप्लीट मंत्रिमंडल है, उन्हें अंग्रेजी का ज्ञान ही नहीं है। न उन्हें ये पता कि हाईकोर्ट ने क्या लिखा है। हाईकोर्ट ने सरकार को कुछ नहीं कहा। भर्ती को रद्द नहीं किया। प्रक्रिया में कमी बताई। 2. सुनील सांगवान कैसे की-पोस्ट पर रहे, चुनौती दें तो सब बता दूंगा
जेपी ने आगे कहा- छाज तो बोले, छलनी भी बोले, जिसमें 376 छेद हों। ये सुनील सांगवान, आज इसके पिताजी यहां नहीं हैं। मुझे याद है कि किस तरह से सुनील की नौकरी लगी। इनकी पत्नी कैसे लगी। 10 साल तक गुरुग्राम में इनके रिश्तेदार की-पोस्ट पर कैसे रहे? ये कैसे की-पोस्ट पर रहे। वह मुझे चुनौती दे तो मैं सारी पोल खोल दूंगा। ये तो बाई डिफॉल्ट जीत गए। सुनील सांगवान ने कहा- हुड्‌डा के पास पिता पर्ची लेकर गए थे
सदन में BJP विधायक सुनील सांगवान ने अपने पिता सतपाल सांगवान का नाम लेकर कहा- मेरे पिता हुड्डा की सरकार में मंत्री थे और वो 2008 की इंस्पेक्टर भर्ती में हुड्डा के पास एक गरीब वर्कर की पर्ची लेकर गए थे, लेकिन हुड्डा ने कहा कि कोई भाई-भतीजा है तो बता, नहीं तो नहीं लगेगा। उन्होंने कहा कि जो भी इसमें भर्ती हुए वो सारे इनके रिश्तेदार थे। विधानसभा में कैसे उठा मामला, कोर्ट ऑर्डर पर क्या दावे किए गए… ओपी यादव बोले- जो बच्चा टॉप पर था, उसका सिलेक्शन नहीं हुआ
18 मार्च को नारनौल से भाजपा विधायक ओमप्रकाश यादव ने सदन में इंस्पेक्टर भर्ती का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि 20 इंस्पेक्टर भर्ती किए गए थे। जो बच्चा टॉप पर था, उसका सिलेक्शन नहीं हुआ। वह कोर्ट गया, जहां कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। इस भर्ती में फ्ल्यूड का इस्तेमाल करके फेल बच्चों को टॉप पर रखा गया। तब सुनील सांगवान ने कहा कि इसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री हुड्‌डा का भतीजा भी शामिल था। इस पर विपक्ष के लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। महिपाल ढांडा ने विपक्ष के हंगामे पर कहा कि अब मिर्ची लग गई। स्पीकर ने उन्हें बैठने की हिदायत दी। 19 मार्च को फिर सदन की कार्यवाही में ओमप्रकाश यादव ने कहा- सदन में इंस्पेक्टर भर्ती में गड़बड़ी का गंभीर मामला उठा था। मैं इस पर स्पष्ट जवाब चाहता हूं, नहीं तो मुझे सदन से वॉकआउट करना पड़ेगा। स्पीकर: इस पर सरकार पहले ही जवाब दे चुकी है, लेकिन विपक्ष हंगामा कर रहा है। भूपेंद्र हुड्डा: मैं कोर्ट का फैसला पढ़कर सुनाता हूं। इसमें कुछ भी संदिग्ध नहीं है। सरकार कोर्ट के डिसीजन पर गलत टिप्पणी कर रही है। CM नायब सैनी: इस मामले पर कल भी सदन में गर्मागर्मी हुई थी। मामला 2008 की इंस्पेक्टर भर्ती से जुड़ा है, जहां विवाद के चलते कोर्ट ने एक विशेष टिप्पणी की है। मैं ये बताना चाहता हूं कि पानीपत के रहने वाले अमित कुमार ने इसको लेकर पिटीशन डाली थी। जिसमें उसने ये आरोप लगाए हैं कि वह लिखित परीक्षा में टॉप आया था, लेकिन इंटरव्यू में कम नंबर देकर उसे बाहर कर दिया गया। कोर्ट ने आदेश देने से इसको लेकर कोई टिप्पणी नहीं की। याचिकाकर्ता यदि इस निर्णय से संतुष्ट नहीं है तो अपील करना उसका अधिकार है। याचिकाकर्ता का एक आरोप है कि इस मामले में अर्जुन राठी और दीपक नाम के दो उम्मीदवारों ने लिखित परीक्षा भी नहीं दी, खाली परीक्षा दे आए। भूपेंद्र हुड्डा (गुस्से में आपत्ति जताते हुए): आप सदन में कोर्ट के फैसले को डिस्कस नहीं कर सकते। यूं तो आपके नाम से भी कितने निर्णय आए हुए हैं। हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट है। अगर ऐसा है तो मैं सदन से इस्तीफा दे देता हूं। सीएम नायब सैनी: आप जो कहना चाहें कहें। ये व्यवस्था की बात है, अगर किसी के साथ कोई अन्याय हुआ है तो कोर्ट ने उस पर टिप्पणी की है। कोर्ट ने इस मामले में एक 3 मेंबरी कमेटी बनाई, जिसने पाया कि परीक्षा की अटेंडेंस शीट गायब है। अब हैंडराइटिंग जांच विशेषज्ञ एजेंसी से कराई जानी चाहिए। अदालत ने इस पर अपने निर्णय में लिखा है कि कोर्ट इन्वेस्टिगेटिंग एजेंसी का काम नहीं कर सकती। स्टाफ सिलेक्शन कमीशन के पास तथ्यों के साथ जांच कराने का अधिकार था। ये सदन में विषय उठ रहा है, मैं इसको लेकर एक बात कहना चाहूंगा कि हम एजी से बात करेंगे कि क्या इस मामले की जांच किसी स्पेशल एजेंसी से करा सकते हैं, हम इस पर तुरंत काम करेंगे। अनिल विज ने कहा- हाईकोर्ट का जो फैसला हुड्‌डा साहब और मुख्यमंत्री ने पढ़कर सुनाया है। उससे स्पष्ट होता है कि हुड्‌डा साहब ने हाईकोर्ट के कुछ पॉइंट्स छिपा दिए हैं। यह मामला कोर्ट में नहीं चल रहा, बल्कि फैसला आ चुका है। इसलिए चर्चा की जा सकती है। आप सदन को गुमराह कर रहे हैं। पूरे फैसले में कई ऐसे पॉइंट हैं, जो आपने छिपा लिए। मैं तो कहता हूं फैसले को पूरी तरह पढ़ें और फिर चर्चा करें। हरियाणा में 2008 में हुई इंस्पेक्टर भर्ती का मामला गर्माने लगा है। विधानसभा के बजट सत्र में भाजपा विधायक सुनील सांगवान ने इसको लेकर तत्कालीन कांग्रेस सरकार के CM रहे भूपेंद्र हुड्‌डा पर सवाल उठाए। CM नायब सैनी ने भी कहा कि फ्ल्यूड लगाकर फेल बच्चे पास किए गए। इसके लिए हाईकोर्ट के फैसले का भी हवाला दिया गया। अब हुड्‌डा के बचाव में उनके करीबी हिसार से कांग्रेस के लोकसभा सांसद जयप्रकाश जेपी कूद पड़े हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश की BJP सरकार के मंत्रियों को अंग्रेजी नहीं आती, इसलिए ऑर्डर को समझ नहीं पाए। दादरी से भाजपा MLA सुनील सांगवान पर जेपी ने कहा कि उन्हें, उनकी पत्नी को कैसे नौकरी मिली? उनके रिश्तेदार 10 साल गुरुग्राम में कैसे अहम पदों पर रहे, वह चुनौती दें तो मैं सारी पोल खोल दूंगा। बता दें कि सुनील सांगवान जेल सुपरिटेंडेंट रहे हैं। 2024 में विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली और दादरी से भाजपा के टिकट पर विधायक बने। हिसार से कांग्रेस सांसद जेपी की 2 अहम बातें… 1. हाईकोर्ट ने प्रक्रिया में कमी बताई, उसमें सरकार का कसूर नहीं
हिसार से कांग्रेस सांसद जयप्रकाश (जेपी) से पूछा गया कि इंस्पेक्टर भर्ती को लेकर पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा पर विधानसभा के बजट सत्र में आरोप लगे हैं। इसके जवाब में सांसद जेपी ने कहा- इन (सरकार) बेचारों को कोई ज्ञान नहीं है। इन लोगों को अंग्रेजी पढ़नी नहीं आती। मुझे ऐसा लगता है कि ये जो कंप्लीट मंत्रिमंडल है, उन्हें अंग्रेजी का ज्ञान ही नहीं है। न उन्हें ये पता कि हाईकोर्ट ने क्या लिखा है। हाईकोर्ट ने सरकार को कुछ नहीं कहा। भर्ती को रद्द नहीं किया। प्रक्रिया में कमी बताई। 2. सुनील सांगवान कैसे की-पोस्ट पर रहे, चुनौती दें तो सब बता दूंगा
जेपी ने आगे कहा- छाज तो बोले, छलनी भी बोले, जिसमें 376 छेद हों। ये सुनील सांगवान, आज इसके पिताजी यहां नहीं हैं। मुझे याद है कि किस तरह से सुनील की नौकरी लगी। इनकी पत्नी कैसे लगी। 10 साल तक गुरुग्राम में इनके रिश्तेदार की-पोस्ट पर कैसे रहे? ये कैसे की-पोस्ट पर रहे। वह मुझे चुनौती दे तो मैं सारी पोल खोल दूंगा। ये तो बाई डिफॉल्ट जीत गए। सुनील सांगवान ने कहा- हुड्‌डा के पास पिता पर्ची लेकर गए थे
सदन में BJP विधायक सुनील सांगवान ने अपने पिता सतपाल सांगवान का नाम लेकर कहा- मेरे पिता हुड्डा की सरकार में मंत्री थे और वो 2008 की इंस्पेक्टर भर्ती में हुड्डा के पास एक गरीब वर्कर की पर्ची लेकर गए थे, लेकिन हुड्डा ने कहा कि कोई भाई-भतीजा है तो बता, नहीं तो नहीं लगेगा। उन्होंने कहा कि जो भी इसमें भर्ती हुए वो सारे इनके रिश्तेदार थे। विधानसभा में कैसे उठा मामला, कोर्ट ऑर्डर पर क्या दावे किए गए… ओपी यादव बोले- जो बच्चा टॉप पर था, उसका सिलेक्शन नहीं हुआ
18 मार्च को नारनौल से भाजपा विधायक ओमप्रकाश यादव ने सदन में इंस्पेक्टर भर्ती का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि 20 इंस्पेक्टर भर्ती किए गए थे। जो बच्चा टॉप पर था, उसका सिलेक्शन नहीं हुआ। वह कोर्ट गया, जहां कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया। इस भर्ती में फ्ल्यूड का इस्तेमाल करके फेल बच्चों को टॉप पर रखा गया। तब सुनील सांगवान ने कहा कि इसमें तत्कालीन मुख्यमंत्री हुड्‌डा का भतीजा भी शामिल था। इस पर विपक्ष के लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। महिपाल ढांडा ने विपक्ष के हंगामे पर कहा कि अब मिर्ची लग गई। स्पीकर ने उन्हें बैठने की हिदायत दी। 19 मार्च को फिर सदन की कार्यवाही में ओमप्रकाश यादव ने कहा- सदन में इंस्पेक्टर भर्ती में गड़बड़ी का गंभीर मामला उठा था। मैं इस पर स्पष्ट जवाब चाहता हूं, नहीं तो मुझे सदन से वॉकआउट करना पड़ेगा। स्पीकर: इस पर सरकार पहले ही जवाब दे चुकी है, लेकिन विपक्ष हंगामा कर रहा है। भूपेंद्र हुड्डा: मैं कोर्ट का फैसला पढ़कर सुनाता हूं। इसमें कुछ भी संदिग्ध नहीं है। सरकार कोर्ट के डिसीजन पर गलत टिप्पणी कर रही है। CM नायब सैनी: इस मामले पर कल भी सदन में गर्मागर्मी हुई थी। मामला 2008 की इंस्पेक्टर भर्ती से जुड़ा है, जहां विवाद के चलते कोर्ट ने एक विशेष टिप्पणी की है। मैं ये बताना चाहता हूं कि पानीपत के रहने वाले अमित कुमार ने इसको लेकर पिटीशन डाली थी। जिसमें उसने ये आरोप लगाए हैं कि वह लिखित परीक्षा में टॉप आया था, लेकिन इंटरव्यू में कम नंबर देकर उसे बाहर कर दिया गया। कोर्ट ने आदेश देने से इसको लेकर कोई टिप्पणी नहीं की। याचिकाकर्ता यदि इस निर्णय से संतुष्ट नहीं है तो अपील करना उसका अधिकार है। याचिकाकर्ता का एक आरोप है कि इस मामले में अर्जुन राठी और दीपक नाम के दो उम्मीदवारों ने लिखित परीक्षा भी नहीं दी, खाली परीक्षा दे आए। भूपेंद्र हुड्डा (गुस्से में आपत्ति जताते हुए): आप सदन में कोर्ट के फैसले को डिस्कस नहीं कर सकते। यूं तो आपके नाम से भी कितने निर्णय आए हुए हैं। हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट है। अगर ऐसा है तो मैं सदन से इस्तीफा दे देता हूं। सीएम नायब सैनी: आप जो कहना चाहें कहें। ये व्यवस्था की बात है, अगर किसी के साथ कोई अन्याय हुआ है तो कोर्ट ने उस पर टिप्पणी की है। कोर्ट ने इस मामले में एक 3 मेंबरी कमेटी बनाई, जिसने पाया कि परीक्षा की अटेंडेंस शीट गायब है। अब हैंडराइटिंग जांच विशेषज्ञ एजेंसी से कराई जानी चाहिए। अदालत ने इस पर अपने निर्णय में लिखा है कि कोर्ट इन्वेस्टिगेटिंग एजेंसी का काम नहीं कर सकती। स्टाफ सिलेक्शन कमीशन के पास तथ्यों के साथ जांच कराने का अधिकार था। ये सदन में विषय उठ रहा है, मैं इसको लेकर एक बात कहना चाहूंगा कि हम एजी से बात करेंगे कि क्या इस मामले की जांच किसी स्पेशल एजेंसी से करा सकते हैं, हम इस पर तुरंत काम करेंगे। अनिल विज ने कहा- हाईकोर्ट का जो फैसला हुड्‌डा साहब और मुख्यमंत्री ने पढ़कर सुनाया है। उससे स्पष्ट होता है कि हुड्‌डा साहब ने हाईकोर्ट के कुछ पॉइंट्स छिपा दिए हैं। यह मामला कोर्ट में नहीं चल रहा, बल्कि फैसला आ चुका है। इसलिए चर्चा की जा सकती है। आप सदन को गुमराह कर रहे हैं। पूरे फैसले में कई ऐसे पॉइंट हैं, जो आपने छिपा लिए। मैं तो कहता हूं फैसले को पूरी तरह पढ़ें और फिर चर्चा करें।   हरियाणा | दैनिक भास्कर