हरियाणा महिला आयोग चेयरपर्सन का एक्सटेंशन विवादों में:जनवरी 2025 में पूरा हो रहा कार्यकाल, 3 साल से ज्यादा पद पर नहीं रह सकतीं

हरियाणा महिला आयोग चेयरपर्सन का एक्सटेंशन विवादों में:जनवरी 2025 में पूरा हो रहा कार्यकाल, 3 साल से ज्यादा पद पर नहीं रह सकतीं

हरियाणा महिला आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया का एक्सटेंशन विवादों में आ गया है। कानूनी विश्लेषकों ने उनके एक्सटेंशन को अवैध बताया है। हरियाणा गवर्नर ने चेयरपर्सन का कार्यकाल 18 जनवरी 2025 से आगामी आदेशों तक बढ़ाने का ऑर्डर जारी किया है। जबकि हरियाणा राज्य महिला आयोग अधिनियम, 2012 की धारा 4 (1) में उल्लेख है कि आयोग की चेयरपर्सन, वाइस चेयरपर्सन और मेंबर का कार्यकाल 3 वर्ष से अधिक नहीं हो सकता। अब चूंकि भाटिया अगले माह 18 जनवरी 2025 को अपने कार्यकाल के 3 वर्ष पूरे कर लेंगी, इसलिए उससे अधिक उन्हें उस पद पर बनाए रखने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग से जारी सरकारी आदेश पर्याप्त नहीं हैं, बल्कि इसके लिए सरकार को कानूनी धारा में विधानसभा में संशोधन करना होगा। वाइस चेयरपर्सन का कार्यकाल एक साल का पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के वकील और कानूनी विश्लेषक हेमंत ने बताया कि आज से 9 महीने पहले 15 मार्च 2024 को सोनीपत जिले की खरखौदा क्षेत्र निवासी सोनिया अग्रवाल को हरियाणा महिला आयोग की वाइस चेयरपर्सन नियुक्त किया गया था। उसी माह उन्होंने अपना कार्यभार भी संभाल लिया था। हालांकि, सोनिया अग्रवाल के महिला आयोग की वाइस चेयरपर्सन पद पर नियुक्ति के संबंध में आधिकारिक नोटिफिकेशन 7 मई 2024 के हरियाणा सरकार के गजट में प्रकाशित की गई थी, जिसमें सोनिया का कार्यकाल एक वर्ष ही दर्शाया गया। सदस्यों की नहीं की गई नियुक्ति हेमंत ने यह बताया कि यह अत्यंत आश्चर्यजनक है कि महिला आयोग की मौजूदा चेयरपर्सन रेनू भाटिया की नियुक्ति के 3 वर्ष का समय बीते जाने के बाद आज तक आयोग में 5 सदस्यों में से एक सदस्य की भी नियुक्ति नहीं की गई। यहां तक कि वाइस चेयरपर्सन के तौर पर सोनिया अग्रवाल की नियुक्ति भी रेनू भाटिया की चेयरपर्सन पद पर नियुक्ति के 2 वर्ष 2 महीने बाद की गई, जोकि एक वर्ष के लिए थी। ये है हरियाणा महिला आयोग का कानून हरियाणा राज्य महिला आयोग कानून, 2012 की धारा 3(2) (बी) के अनुसार आयोग में चेयरपर्सन के अतिरिक्त एक वाइस चेयरपर्सन और अधिकतम 5 सदस्य हो सकते हैं, जिन्हें प्रदेश सरकार द्वारा नॉमिनेट (नियुक्त) किया जाता है। जिनमें से कम से कम एक सदस्य अनुसूचित जाति (SC) वर्ग से होना चाहिए। आयोग में एक सीनियर HCS अधिकारी के अलावा महिला IAS अधिकारी सदस्य सचिव होंगी। इसके अलावा महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रशासनिक सचिव आयोग में विशेष आमंत्रित सदस्य होंगी। इसी प्रकार महिला एवं बाल विकास विभाग की डायरेक्टर और DGP आयोग के पदेन (उनके पद के कारण) सदस्य होंगे। हरियाणा महिला आयोग की चेयरपर्सन रेनू भाटिया का एक्सटेंशन विवादों में आ गया है। कानूनी विश्लेषकों ने उनके एक्सटेंशन को अवैध बताया है। हरियाणा गवर्नर ने चेयरपर्सन का कार्यकाल 18 जनवरी 2025 से आगामी आदेशों तक बढ़ाने का ऑर्डर जारी किया है। जबकि हरियाणा राज्य महिला आयोग अधिनियम, 2012 की धारा 4 (1) में उल्लेख है कि आयोग की चेयरपर्सन, वाइस चेयरपर्सन और मेंबर का कार्यकाल 3 वर्ष से अधिक नहीं हो सकता। अब चूंकि भाटिया अगले माह 18 जनवरी 2025 को अपने कार्यकाल के 3 वर्ष पूरे कर लेंगी, इसलिए उससे अधिक उन्हें उस पद पर बनाए रखने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग से जारी सरकारी आदेश पर्याप्त नहीं हैं, बल्कि इसके लिए सरकार को कानूनी धारा में विधानसभा में संशोधन करना होगा। वाइस चेयरपर्सन का कार्यकाल एक साल का पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के वकील और कानूनी विश्लेषक हेमंत ने बताया कि आज से 9 महीने पहले 15 मार्च 2024 को सोनीपत जिले की खरखौदा क्षेत्र निवासी सोनिया अग्रवाल को हरियाणा महिला आयोग की वाइस चेयरपर्सन नियुक्त किया गया था। उसी माह उन्होंने अपना कार्यभार भी संभाल लिया था। हालांकि, सोनिया अग्रवाल के महिला आयोग की वाइस चेयरपर्सन पद पर नियुक्ति के संबंध में आधिकारिक नोटिफिकेशन 7 मई 2024 के हरियाणा सरकार के गजट में प्रकाशित की गई थी, जिसमें सोनिया का कार्यकाल एक वर्ष ही दर्शाया गया। सदस्यों की नहीं की गई नियुक्ति हेमंत ने यह बताया कि यह अत्यंत आश्चर्यजनक है कि महिला आयोग की मौजूदा चेयरपर्सन रेनू भाटिया की नियुक्ति के 3 वर्ष का समय बीते जाने के बाद आज तक आयोग में 5 सदस्यों में से एक सदस्य की भी नियुक्ति नहीं की गई। यहां तक कि वाइस चेयरपर्सन के तौर पर सोनिया अग्रवाल की नियुक्ति भी रेनू भाटिया की चेयरपर्सन पद पर नियुक्ति के 2 वर्ष 2 महीने बाद की गई, जोकि एक वर्ष के लिए थी। ये है हरियाणा महिला आयोग का कानून हरियाणा राज्य महिला आयोग कानून, 2012 की धारा 3(2) (बी) के अनुसार आयोग में चेयरपर्सन के अतिरिक्त एक वाइस चेयरपर्सन और अधिकतम 5 सदस्य हो सकते हैं, जिन्हें प्रदेश सरकार द्वारा नॉमिनेट (नियुक्त) किया जाता है। जिनमें से कम से कम एक सदस्य अनुसूचित जाति (SC) वर्ग से होना चाहिए। आयोग में एक सीनियर HCS अधिकारी के अलावा महिला IAS अधिकारी सदस्य सचिव होंगी। इसके अलावा महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रशासनिक सचिव आयोग में विशेष आमंत्रित सदस्य होंगी। इसी प्रकार महिला एवं बाल विकास विभाग की डायरेक्टर और DGP आयोग के पदेन (उनके पद के कारण) सदस्य होंगे।   हरियाणा | दैनिक भास्कर