हरियाणा सरकार ने अफसरों की भर्ती से संबंधित एक बड़ा फैसला किया है। हालांकि यह फैसला लगभग 2 महीने पहले कर लिया गया था। दो महीने पहले हरियाणा लोक सेवा आयोग (HPSC) को इसकी पालना करने के लिए भेज दिया था। मगर इस फैसले का असर अब आने वाली भर्तियों में दिखाई देगा। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी सरकार ने ग्रुप बी अफसरों की सीधी भर्ती में वेटिंग लिस्ट तैयार करने के लिए कहा है। हालांकि आयोग ने 2021 में वेटिंग लिस्ट तैयार करने का आग्रह पत्र हरियाणा सरकार को भेजा था, मगर तब सरकार HPSC के इस आग्रह को ठुकरा दिया था। 3 साल पुराने फैसले को सैनी ने दी मंजूरी मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी सरकार ने 3 साल पुराने फैसले पर पुनर्विचार किया और जून 2024 में फैसला किया कि ग्रुप बी पदों के लिए भी HPSC वेटिंग लिस्ट तैयार करेगा। वैसे तो हरियाणा सरकार में HPSC को यह सूचना गत जून में भेज दी थी और यह भी बता दिया था कि 2019 के निर्देशानुसार वेटिंग लिस्ट तैयार होगी। मगर सरकार स्पष्टता के साथ दोबारा ये निर्देश जारी करेगी। अभी इसका मसौदा तैयार हो रहा है। ग्रुप A की नौकरी में लागू नहीं होगा फैसला मुख्य सचिव कार्यालय ने HPSC सचिव को 7 जून को भेजे पत्र में लिखा है, ‘सरकार ने पुनर्विचार कर फैसला किया है कि ग्रुप बी पदों के लिए भी वेटिंग लिस्ट तैयार की जाए। जैसे 25 जून 2019 के निर्देशों में लिखा हुआ है। यह भी स्पष्ट किया जाता है कि ग्रुप ए पदों के लिए कोई भी वेटिंग लिस्ट तैयार नहीं की जाएगी, चाहे चयन एक ही परीक्षा से हो या न हो। यह निर्णय तुरंत लागू होगा।’ अब ग्रुप बी, सी और डी पदों की सीधी भर्ती में वेटिंग लिस्ट तैयार होगी। पहले ग्रुप सी और डी पदों की भर्ती में वेटिंग लिस्ट तैयार होती थी। HPSC ने सरकार से ये की थी रिक्वेस्ट हरियाणा लोक सेवा आयोग ने 2021 में प्रदेश सरकार को आग्रह पत्र भेजा था। इसमें लिखा था, ‘मुख्य सचिव के 28 अगस्त 1993 और 27 फरवरी1998 निर्देशानुसार, एचपीएससी द्वारा 25 रिक्तियों की संख्या के 25% के बराबर 25 से 50 तक की रिक्तियों के लिए 15 और 50 से अधिक की रिक्तियों के लिए 10 के बराबर, न्यूनतम दो अभ्यर्थियों की प्रतीक्षा सूची तैयार की जानी है। मूल सूची 6 माह तक वैध रहेगी, इस दौरान विभाग रिक्तियों को भरने की प्रक्रिया पूरी करेगा। इसके बाद मूल सूची वैध नहीं रहेगी। 6 महीने रहेगी मूल सूची की वैधता मूल सूची को वैधता समाप्त होने के बाद प्रतीक्षा सूची 6 माह तक वैध रहेगी प्रतीक्षा सूची तभी संचालित की जाएगी, जब मूल सूची में अनुशासित अभ्यार्थी कार्यभार ग्रहण नहीं करता है या अन्य कारणों से पद रिक्त रह जाता है। ये निर्देश उन मामलों में लागू नहीं होंगे। जहां विभिन्न सेवाओं के लिए एक सामान्य परीक्षा के आधार पर भर्ती की जाती है। ऐसे मामलों में कोई प्रतीक्षा सूची तैयार नहीं की जाएगी। ये निर्देश उन मामलों में भी लागू नहीं होंगे जहां नियमों में कोई विशिष्ट प्रावधान है। हरियाणा सरकार ने अफसरों की भर्ती से संबंधित एक बड़ा फैसला किया है। हालांकि यह फैसला लगभग 2 महीने पहले कर लिया गया था। दो महीने पहले हरियाणा लोक सेवा आयोग (HPSC) को इसकी पालना करने के लिए भेज दिया था। मगर इस फैसले का असर अब आने वाली भर्तियों में दिखाई देगा। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी सरकार ने ग्रुप बी अफसरों की सीधी भर्ती में वेटिंग लिस्ट तैयार करने के लिए कहा है। हालांकि आयोग ने 2021 में वेटिंग लिस्ट तैयार करने का आग्रह पत्र हरियाणा सरकार को भेजा था, मगर तब सरकार HPSC के इस आग्रह को ठुकरा दिया था। 3 साल पुराने फैसले को सैनी ने दी मंजूरी मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी सरकार ने 3 साल पुराने फैसले पर पुनर्विचार किया और जून 2024 में फैसला किया कि ग्रुप बी पदों के लिए भी HPSC वेटिंग लिस्ट तैयार करेगा। वैसे तो हरियाणा सरकार में HPSC को यह सूचना गत जून में भेज दी थी और यह भी बता दिया था कि 2019 के निर्देशानुसार वेटिंग लिस्ट तैयार होगी। मगर सरकार स्पष्टता के साथ दोबारा ये निर्देश जारी करेगी। अभी इसका मसौदा तैयार हो रहा है। ग्रुप A की नौकरी में लागू नहीं होगा फैसला मुख्य सचिव कार्यालय ने HPSC सचिव को 7 जून को भेजे पत्र में लिखा है, ‘सरकार ने पुनर्विचार कर फैसला किया है कि ग्रुप बी पदों के लिए भी वेटिंग लिस्ट तैयार की जाए। जैसे 25 जून 2019 के निर्देशों में लिखा हुआ है। यह भी स्पष्ट किया जाता है कि ग्रुप ए पदों के लिए कोई भी वेटिंग लिस्ट तैयार नहीं की जाएगी, चाहे चयन एक ही परीक्षा से हो या न हो। यह निर्णय तुरंत लागू होगा।’ अब ग्रुप बी, सी और डी पदों की सीधी भर्ती में वेटिंग लिस्ट तैयार होगी। पहले ग्रुप सी और डी पदों की भर्ती में वेटिंग लिस्ट तैयार होती थी। HPSC ने सरकार से ये की थी रिक्वेस्ट हरियाणा लोक सेवा आयोग ने 2021 में प्रदेश सरकार को आग्रह पत्र भेजा था। इसमें लिखा था, ‘मुख्य सचिव के 28 अगस्त 1993 और 27 फरवरी1998 निर्देशानुसार, एचपीएससी द्वारा 25 रिक्तियों की संख्या के 25% के बराबर 25 से 50 तक की रिक्तियों के लिए 15 और 50 से अधिक की रिक्तियों के लिए 10 के बराबर, न्यूनतम दो अभ्यर्थियों की प्रतीक्षा सूची तैयार की जानी है। मूल सूची 6 माह तक वैध रहेगी, इस दौरान विभाग रिक्तियों को भरने की प्रक्रिया पूरी करेगा। इसके बाद मूल सूची वैध नहीं रहेगी। 6 महीने रहेगी मूल सूची की वैधता मूल सूची को वैधता समाप्त होने के बाद प्रतीक्षा सूची 6 माह तक वैध रहेगी प्रतीक्षा सूची तभी संचालित की जाएगी, जब मूल सूची में अनुशासित अभ्यार्थी कार्यभार ग्रहण नहीं करता है या अन्य कारणों से पद रिक्त रह जाता है। ये निर्देश उन मामलों में लागू नहीं होंगे। जहां विभिन्न सेवाओं के लिए एक सामान्य परीक्षा के आधार पर भर्ती की जाती है। ऐसे मामलों में कोई प्रतीक्षा सूची तैयार नहीं की जाएगी। ये निर्देश उन मामलों में भी लागू नहीं होंगे जहां नियमों में कोई विशिष्ट प्रावधान है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में कांग्रेस विधायक पर धमकी देने का आरोप:कहा- जिंदा दफन कर दूंगा; नूंह हिंसा के आरोपी बोले- शिकायतकर्ता ब्लैकमेलर हरियाणा में नूंह हिंसा मामले में आरोपी और फिरोजपुर झिरका से कांग्रेस विधायक मामन खान के खिलाफ एक व्यक्ति ने जान से मारने की धमकी देने व अभद्र व्यवहार की शिकायत पुलिस को दी है। विधायक पर चुनावी रंजिश रखने व झूठे मुकदमे में फंसाकर जेल में सड़ने के लिए मजबूर करने की धमकी देने का भी आरोप है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है। पाड़ला शाहपुरी गांव के रहने वाले सलीम ने सिटी पुलिस चौंकी फिरोजपुर झिरका को दी शिकायत में बताया कि विधानसभा चुनावों के दौरान उसने मामन खान के खिलाफ किसी अन्य का समर्थन किया था। इस प्रत्याशी को कारण मामन खान उससे रंजिश रखने लगा। उसे किसी मामले में झूठा फंसाने और मेवात छुड़वाने की धमकी देने लगा। वह अपने किसी जानकार का इंतकाल हो जाने पर वह शोक प्रकट करने जा रहा था। शाम करीब 6 बजे जब BSNL टावर के करीब पहुंचा तो विधायक मामन खान, जफरूद्दीन बाघोड़िया, आबिद पाड़ला व रवि चौपड़ा उसे राह में मिल गए। विधायक मामन खान उसे देखते ही तैश में आ गया और गंदी गालियां देने लगा। जब उसने गालियों का विरोध किया तो विधायक ने उसे झूठे मामले में जेल में बंद करवाने की धमकी दी। आरोप है कि विधायक ने उसे धमकाते हुए कहा कि ज्यादा राजनीति की तो जिंदा दफन करवा दूंगा, किसी को पता भी नहीं चलेगा। विधायक पहले भी खुले मंच से इस तरह की धमकियां दे चुका है, लेकिन उसने राजनीतिक मामला मानकर गंभीरता से नहीं लिया। मामन के राजनीतिक कद और प्रभाव को देखते हुए उसे व उसके परिवार को विधायक से खतरा है। पुलिस बोली- शिकायत मिली, जांच शुरू
शहर चौकी प्रभारी मुनिपाल ने बताया कि सलीम नामक व्यक्ति ने विधायक मामन खान के खिलाफ शिकायत दी है। उसकी जांच की जा रही है कि आरोपों में कितनी सच्चाई है। तफ्तीश के बाद आगे की कार्रवाई नियमानुसार की जाएगी। मामन खान नूंह हिंसा के बाद गिरफ्तार हो चुके नूंह में 31 जुलाई 2023 को ब्रजमंडल यात्रा के दौरान 2 समुदायों में टकराव हो गया था। इस केस में विधायक मामन खान को भड़काऊ बयानबाजी करने को लेकर गिरफ्तार किया गया था। हालांकि बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी। तत्कालीन SP नरेंद्र बिजारणियां ने कहा था कि बडकली चौक पर हुई हिंसक घटना में मामन खान की भूमिका मिली है। MLA खान दंगा फैलाने वालों के संपर्क में भी थे। 31 जुलाई को MLA की लोकेशन भी हिंसा वाली जगह के आसपास थी।
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अजय ने बताया कि मामला दोपहर करीब 12 बजे का है। मैं घर पर ही था। पिता महेंद्र सिंह घर से गली में जा रहे थे। तभी तीन बदमाश आए और फायरिंग शुरू कर दी। उन्होंने तीन फायर किए। दो गोलियां पिता के हाथों में लगी हैं। जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्होंने घरवालों को आवाज भी लगाई कि बदमाश आए हैं, छुप जाओ। एक दिन पहले इन्हीं बदमाशों ने रेकी भी की थी। जिसके बाद उन्होंने आज घटना को अंजाम दिया है। फायर करने के लिए 6 आए थे, लेकिन बाद में जब पिता को अस्पताल लेकर आ रहा था तो रास्ते में 6 बदमाश थे। बदमाशों की कोशिश थी कि वे रास्ते में भी हमला करें। पुरानी रंजिश से जुड़ा हुआ है मामला
दरअसल, सात महीने पहले करनाल के कतलाहेड़ी बस स्टैंड पर झाड़ियों से बंबारेहड़ी के 19 वर्षीय शुभम का शव बरामद हुआ था। मृतक शुभम के परिजनों ने बंबारेहड़ी के ग्राम सरपंच, युवती, उसके परिजनों और लड़की के कथित दोस्तों पर हत्या का आरोप लगाया है। मृतक शुभम के मामा ने आरोप लगाया था कि उनके भांजे शुभम की गांव की ही एक लड़की से दोस्ती थी। दोनों करनाल के एक ही शिक्षण संस्थान में पढ़ते थे। मामा का आरोप है कि इस दौरान लड़की की कुछ अन्य लड़कों से भी दोस्ती थी। इस दौरान लड़की के कथित दोस्तों ने शुभम को लड़की के साथ देख लिया था और उसे उससे दूर रहने की धमकी दी थी। मौत से एक साल पहले अपहरण
शुभम के रिश्तेदार कर्मजीत ने बताया कि इससे पहले जब शुभम का अपहरण कर उसके साथ अमानवीय व्यवहार किया गया था, उस समय गांव में पंचायत भी हुई थी। जिसमें मृतक के परिजनों ने गांव के सरपंच प्रतिनिधि पर आरोप लगाया था कि उन्होंने पंचायत में सबके सामने शुभम के बाल पकड़कर उसकी पिटाई की थी और गांव के अन्य युवकों ने पंचायत में सबके सामने उसकी गर्दन काटकर हत्या करने की बात कही थी। जांच में क्लीन चिट मिला
बताया जा रहा है कि इस मामले को लेकर आरोपी रंजिश रखते थे। सरपंच प्रतिनिधि अजय का कहना है कि इस मामले में हमारे खिलाफ आरोप लगाए गए थे, लेकिन आरोप निराधार पाए गए और जांच में हमें क्लीन चिट मिल गई। इन बदमाशों के मन में अभी भी यह गलतफहमी होगी कि लड़के की मौत में हमारा भी हाथ है। सीसीटीवी में कैद हुए 3 आरोपी
अब पुलिस पूरे मामले की हर एंगल से जांच कर रही है। अब सीसीटीवी फुटेज सामने आई है। इस फुटेज में 12:12:45 पर एक बाइक दिखाई दे रही है और तीनों आरोपी उसी बाइक पर हैं। स्प्लेंडर बाइक को पीली शर्ट और हल्के भूरे रंग की पैंट पहने एक युवक चला रहा है। उसने सफेद जूते पहने हुए हैं और उसका चेहरा सफेद कपड़े से ढका हुआ है। उसके पीछे काली शर्ट और हल्के भूरे रंग के जूते पहने एक और बदमाश बैठा है। उसने पहले आरोपी के पीछे खुद को छिपाने की कोशिश की है। तीसरा आरोपी पीछे बैठा है, जिसने सफेद कुर्ता पायजामा और काले रंग के स्पोर्ट्स शूज पहने हुए हैं और सिर पर सफेद रंग का तौलिया बांधा हुआ है।
फरीदाबाद में हुक्का बार पर पुलिस की रेड:मालिक समेत 15 लड़के-लड़कियां काबू; नशीली दवाइयां और शराब बरामद
फरीदाबाद में हुक्का बार पर पुलिस की रेड:मालिक समेत 15 लड़के-लड़कियां काबू; नशीली दवाइयां और शराब बरामद फरीदाबाद में पुलिस ने हुक्का बार पर रेड की। इस दौरान हुक्का बार मालिक समेत 15 लड़के-लड़कियों को काबू किया गया। नशीली दवाइयां, बीयर और शराब बरामद की गई है। मंगलवार देर शाम NIT थाना पुलिस और पुलिस के आला अधिकारियों की संयुक्त टीम ने कार्रवाई करते हुए एनआईटी फरीदाबाद की पांच नंबर में चल रहे डाउनटाउन नाम से हुक्का बार पर रेड की। इस दौरान मौके पर 8 लड़के और 6 लड़कियों मादक पदार्थों का सेवन करते हुए मिली। इस मौके पर पुलिस ने मौके से फ्लेवर हुक्का, नशीली दवाइयां बीयर और शराब की खाली बोतल आदि बरामद की है। 2 साल पहले भी पुलिस ने की थी रेड गौरतलब है की इसी डाउनटाउन हुक्का बार पर लगभग 2 साल पहले भी इसी प्रकार से रेड की गई थी। लेकिन बावजूद इसके इसका संचालक शुभम भाटिया इस नशे के अवैध कारोबार को बखूबी चल रहा था। फिलहाल पुलिस ने हुक्का बार के संचालक शुभम भाटिया को भी काबू कर लिया है और अब आगे की कार्रवाई में जुट गई है। वहीं पुलिस इस मामले अभी कुछ नहीं कह रह है।