हरियाणा में आज भी मानसून एक्टिव:41 शहरों में बारिश शुरू, अलर्ट; 40 KMH की रफ्तार से चल रही हवा, बिजली गिरने का खतरा

हरियाणा में आज भी मानसून एक्टिव:41 शहरों में बारिश शुरू, अलर्ट; 40 KMH की रफ्तार से चल रही हवा, बिजली गिरने का खतरा

हरियाणा में पिछले कुछ दिनों से मानसून सक्रिय है। इसे देखते हुए मौसम विभाग ने प्रदेश के 41 शहरों के लिए अलर्ट जारी किया है। इन शहरों में बादल छाए हुए हैं। साथ ही 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल रही है। खराब मौसम को देखते हुए भिवानी, तोशाम, भवानी खेड़ा, हांसी, हिसार, नारनौंद, बराड़ा, जगाधरी, छछरौली, नारायणगढ़, पंचकूला में बिजली गिरने के आसार हैं। वहीं नांगल चौधरी, नारनौल, अटेली, महेंद्रगढ़, कनीना, इंद्री, लोहारू, चरखी दादरी, भिवानी, बावल, रेवाड़ी, कोसली, मातनहेल, झज्जर, बहादुरगढ़, बेरी खास, सांपला, रोहतक, आदमपुर, नारनौंद , फतेहाबाद, रादौर, मेहम, जुलाना, जींद, नरवाना, अंबाला, कालका, बराडा , जगाधर , छछरौली, नारायणगढ़ में भी बादल छाए हुए हैं। इन शहरों में हल्की से मध्यम बारिश के आसार हैं। कहां कितनी हुई बारिश मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार सबसे ज्यादा बारिश महेंद्रगढ़ में हुई। यहां वर्षा का आंकड़ा 22.5 एमएम रिकॉर्ड किया गया। इसके अलावा जींद में झमाझम बारिश हुई, यहां 20.5 एमएम बारिश हुई। इसके अलावा अंबाला, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, पानीपत और पंचकूला जिलों में हल्की बूंदाबांदी हुई। अन्य जिलों में बारिश नहीं हुई, हालांकि बादल छाए रहे। अगस्त में मेहरबान मानसून अगर आंकड़ों को देखें तो हरियाणा के 22 जिलों में अगस्त के 10 दिनों में अभी तक सामान्य से 42% अधिक बारिश हुई है। अभी तक सभी जगह 53.9 एमएम बारिश होनी थी, लेकिन इन दस दिनों में 76.7 एमएम बारिश हो चुकी है। इनमें फतेहाबाद, हिसार, कैथल, करनाल, पलवल, पंचकूला, पानीपत में सामान्य से कम बारिश हुई है। जुलाई में कम हुई बरसात हरियाणा में जुलाई में इस बार 5 सालों में सबसे कम बारिश हुई है। आंकड़ों को देखे तो 2018 में 549 एमएम बारिश हुई थी। 2019 में 244.8, 2020 में 440.6, 2021 में 668.1, 2022 में 472, 2023 में 390 और 2024 में 97.9 एमएम ही बारिश रिकॉर्ड की गई है। कम बारिश होने के कारण सूबे के धान पैदावार करने वाले किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्हें ट्यूबवेल से सिंचाई करनी पड़ रही है। हरियाणा में पिछले कुछ दिनों से मानसून सक्रिय है। इसे देखते हुए मौसम विभाग ने प्रदेश के 41 शहरों के लिए अलर्ट जारी किया है। इन शहरों में बादल छाए हुए हैं। साथ ही 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल रही है। खराब मौसम को देखते हुए भिवानी, तोशाम, भवानी खेड़ा, हांसी, हिसार, नारनौंद, बराड़ा, जगाधरी, छछरौली, नारायणगढ़, पंचकूला में बिजली गिरने के आसार हैं। वहीं नांगल चौधरी, नारनौल, अटेली, महेंद्रगढ़, कनीना, इंद्री, लोहारू, चरखी दादरी, भिवानी, बावल, रेवाड़ी, कोसली, मातनहेल, झज्जर, बहादुरगढ़, बेरी खास, सांपला, रोहतक, आदमपुर, नारनौंद , फतेहाबाद, रादौर, मेहम, जुलाना, जींद, नरवाना, अंबाला, कालका, बराडा , जगाधर , छछरौली, नारायणगढ़ में भी बादल छाए हुए हैं। इन शहरों में हल्की से मध्यम बारिश के आसार हैं। कहां कितनी हुई बारिश मौसम विभाग के आंकड़ों के अनुसार सबसे ज्यादा बारिश महेंद्रगढ़ में हुई। यहां वर्षा का आंकड़ा 22.5 एमएम रिकॉर्ड किया गया। इसके अलावा जींद में झमाझम बारिश हुई, यहां 20.5 एमएम बारिश हुई। इसके अलावा अंबाला, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, पानीपत और पंचकूला जिलों में हल्की बूंदाबांदी हुई। अन्य जिलों में बारिश नहीं हुई, हालांकि बादल छाए रहे। अगस्त में मेहरबान मानसून अगर आंकड़ों को देखें तो हरियाणा के 22 जिलों में अगस्त के 10 दिनों में अभी तक सामान्य से 42% अधिक बारिश हुई है। अभी तक सभी जगह 53.9 एमएम बारिश होनी थी, लेकिन इन दस दिनों में 76.7 एमएम बारिश हो चुकी है। इनमें फतेहाबाद, हिसार, कैथल, करनाल, पलवल, पंचकूला, पानीपत में सामान्य से कम बारिश हुई है। जुलाई में कम हुई बरसात हरियाणा में जुलाई में इस बार 5 सालों में सबसे कम बारिश हुई है। आंकड़ों को देखे तो 2018 में 549 एमएम बारिश हुई थी। 2019 में 244.8, 2020 में 440.6, 2021 में 668.1, 2022 में 472, 2023 में 390 और 2024 में 97.9 एमएम ही बारिश रिकॉर्ड की गई है। कम बारिश होने के कारण सूबे के धान पैदावार करने वाले किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। उन्हें ट्यूबवेल से सिंचाई करनी पड़ रही है।   हरियाणा | दैनिक भास्कर