हरियाणा में एक राज्यसभा सीट खाली:रोहतक लोकसभा से जीत चुके दीपेंद्र हुड्‌डा; उपचुनाव में BJP सरकार का बहुमत का भी टेस्ट होगा

हरियाणा में एक राज्यसभा सीट खाली:रोहतक लोकसभा से जीत चुके दीपेंद्र हुड्‌डा; उपचुनाव में BJP सरकार का बहुमत का भी टेस्ट होगा

हरियाणा की 5 में से एक राज्यसभा सीट खाली हो गई है। यह सीट अभी तक कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्‌डा के पास थी। दीपेंद्र ने हाल ही में रोहतक लोकसभा सीट से चुनाव जीत लिया। जिसके बाद उनकी राज्यसभा सीट को खाली करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। जल्द ही इस पर उपचुनाव होगा। खास बात यह है कि हरियाणा में राज्यसभा सीट के उपचुनाव में विधानसभा में मुख्यमंत्री नायब सैनी सरकार का बहुमत भी साबित हो जाएगा। जिसे विरोधी दल अल्पमत में बता रहे हैं। बता दें कि देशभर में राज्यसभा की कुल 10 सीटें लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद खाली हुई हैं। इनमें एक सीट हरियाणा की है। दीपेंद्र हुड्‌डा का अभी 2 साल का कार्यकाल बचा हुआ था। लेकिन लोकसभा चुनाव जीतने के बाद उनकी सीट खाली हो गई। दीपेंद्र हुड्‌डा इस सीट पर मार्च 2020 में छह साल के लिए राज्यसभा सदस्य निर्वाचित हुए थे। 2026 तक था दीपेंद्र का कार्यकाल
राज्यसभा में दीपेंद्र हुड्डा का कार्यकाल अप्रैल 2026 तक था। चूंकि उनकी राज्यसभा सदस्यता का शेष कार्यकाल एक वर्ष से अधिक है, इसलिए आगामी कुछ सप्ताह में भारतीय निर्वाचन आयोग देश के विभिन्न राज्यों में रिक्त हुई बाकी सीटों के साथ इस पर भी उपचुनाव कराएगा। इसलिए सांसद बनते ही रिक्त हो गई सीट
कानूनी विश्लेषक हेमंत का कहना है कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम (RP Act), 1951 की धारा 69 (2) के तहत यदि कोई व्यक्ति जो पहले से राज्यसभा का सदस्य है और वह लोकसभा का सदस्य निर्वाचित हो जाता है तो राज्यसभा में उस व्यक्ति की सीट सांसद चुने जाने की तारीख से ही खाली हो जाती है। इसलिए 4 जून से ही दीपेंद्र हुड्‌डा हरियाणा से राज्यसभा के सदस्य नहीं रहे। विपक्षी एकजुट हुए तो BJP के लिए मुश्किल
राज्यसभा के चुनाव में अगर विपक्षी एकजुट हुए तो भाजपा के लिए मुश्किल हो सकती है। भाजपा के पास इस वक्त 41 BJP, हलोपा 1 और एक निर्दलीय मिलाकर 43 विधायकों का सीधा समर्थन है। वहीं विपक्ष में कांग्रेस के 29, जजपा के 10, इनेलो 1 और 4 निर्दलीय यानी कुल 44 विधायक हैं। अगर ये एकजुट होकर विपक्षी उम्मीदवार के हक में गए तो फिर भाजपा राज्यसभा चुनाव हार सकती है। हालांकि अगर जजपा या किसी अन्य पार्टी से क्रॉस वोटिंग हुई तो भाजपा सीट आसानी से जीत जाएगी। क्रॉस वोटिंग से जीत सकती है भाजपा
मौजूदा समय में अगर भाजपा और उसके 2 समर्थक विधायक अलग पड़े तो भाजपा के लिए यह राज्यसभा सीट जीतनी मुश्किल होगी। हालांकि अगर क्रॉस वोटिंग हुई तो भाजपा यह सीट निकाल सकती है। हरियाणा में जजपा के 2 विधायक जोगीराम सिहाग और रामनिवास सुरजाखेड़ा ने खुलकर लोकसभा चुनाव में भाजपा की मदद की। चुनाव के बाद वे सीएम नायब सैनी से भी मिले। राज्यसभा चुनाव में भाजपा को उनसे समर्थन की उम्मीद रहेगी। इसके अलावा पूर्व सीएम और अब केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्‌टर भी कई बार कह चुके हैं कि कांग्रेस के विधायक ही एकजुट नहीं हैं। वहीं कांग्रेस विधायकों में भी गुटबाजी है। ऐसे में भाजपा को कांग्रेस से भी क्रॉस वोटिंग का भरोसा रहेगा। हरियाणा की 5 में से एक राज्यसभा सीट खाली हो गई है। यह सीट अभी तक कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्‌डा के पास थी। दीपेंद्र ने हाल ही में रोहतक लोकसभा सीट से चुनाव जीत लिया। जिसके बाद उनकी राज्यसभा सीट को खाली करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। जल्द ही इस पर उपचुनाव होगा। खास बात यह है कि हरियाणा में राज्यसभा सीट के उपचुनाव में विधानसभा में मुख्यमंत्री नायब सैनी सरकार का बहुमत भी साबित हो जाएगा। जिसे विरोधी दल अल्पमत में बता रहे हैं। बता दें कि देशभर में राज्यसभा की कुल 10 सीटें लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद खाली हुई हैं। इनमें एक सीट हरियाणा की है। दीपेंद्र हुड्‌डा का अभी 2 साल का कार्यकाल बचा हुआ था। लेकिन लोकसभा चुनाव जीतने के बाद उनकी सीट खाली हो गई। दीपेंद्र हुड्‌डा इस सीट पर मार्च 2020 में छह साल के लिए राज्यसभा सदस्य निर्वाचित हुए थे। 2026 तक था दीपेंद्र का कार्यकाल
राज्यसभा में दीपेंद्र हुड्डा का कार्यकाल अप्रैल 2026 तक था। चूंकि उनकी राज्यसभा सदस्यता का शेष कार्यकाल एक वर्ष से अधिक है, इसलिए आगामी कुछ सप्ताह में भारतीय निर्वाचन आयोग देश के विभिन्न राज्यों में रिक्त हुई बाकी सीटों के साथ इस पर भी उपचुनाव कराएगा। इसलिए सांसद बनते ही रिक्त हो गई सीट
कानूनी विश्लेषक हेमंत का कहना है कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम (RP Act), 1951 की धारा 69 (2) के तहत यदि कोई व्यक्ति जो पहले से राज्यसभा का सदस्य है और वह लोकसभा का सदस्य निर्वाचित हो जाता है तो राज्यसभा में उस व्यक्ति की सीट सांसद चुने जाने की तारीख से ही खाली हो जाती है। इसलिए 4 जून से ही दीपेंद्र हुड्‌डा हरियाणा से राज्यसभा के सदस्य नहीं रहे। विपक्षी एकजुट हुए तो BJP के लिए मुश्किल
राज्यसभा के चुनाव में अगर विपक्षी एकजुट हुए तो भाजपा के लिए मुश्किल हो सकती है। भाजपा के पास इस वक्त 41 BJP, हलोपा 1 और एक निर्दलीय मिलाकर 43 विधायकों का सीधा समर्थन है। वहीं विपक्ष में कांग्रेस के 29, जजपा के 10, इनेलो 1 और 4 निर्दलीय यानी कुल 44 विधायक हैं। अगर ये एकजुट होकर विपक्षी उम्मीदवार के हक में गए तो फिर भाजपा राज्यसभा चुनाव हार सकती है। हालांकि अगर जजपा या किसी अन्य पार्टी से क्रॉस वोटिंग हुई तो भाजपा सीट आसानी से जीत जाएगी। क्रॉस वोटिंग से जीत सकती है भाजपा
मौजूदा समय में अगर भाजपा और उसके 2 समर्थक विधायक अलग पड़े तो भाजपा के लिए यह राज्यसभा सीट जीतनी मुश्किल होगी। हालांकि अगर क्रॉस वोटिंग हुई तो भाजपा यह सीट निकाल सकती है। हरियाणा में जजपा के 2 विधायक जोगीराम सिहाग और रामनिवास सुरजाखेड़ा ने खुलकर लोकसभा चुनाव में भाजपा की मदद की। चुनाव के बाद वे सीएम नायब सैनी से भी मिले। राज्यसभा चुनाव में भाजपा को उनसे समर्थन की उम्मीद रहेगी। इसके अलावा पूर्व सीएम और अब केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्‌टर भी कई बार कह चुके हैं कि कांग्रेस के विधायक ही एकजुट नहीं हैं। वहीं कांग्रेस विधायकों में भी गुटबाजी है। ऐसे में भाजपा को कांग्रेस से भी क्रॉस वोटिंग का भरोसा रहेगा।   हरियाणा | दैनिक भास्कर