दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिए जाने के बाद अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा पर फोकस करना शुरू कर दिया है। अब वह शुक्रिवार यानी कल हरियाणा दौरे पर आएंगे। वह जगाधरी में एक रोड शो करेंगे। इस दौरान उनके साथ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी मौजूद रहेंगे। पार्टी सूत्रों का कहना है कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में पहले फेज के इलेक्शन कैंपेन में वह 11 विधानसभाओं में डोर टू डोर कैंपेन चलाएंगे। जगाधरी के अलावा वह डबवाली, रानिया, भिवानी, महम, पूंडरी, कलायत, रेवाड़ी, दादरी, असंध, बल्लभगढ़ और बादरा में पार्टी प्रत्याशियों के पक्ष में वोट मांगेंगे। हरियाणा के लिए ये AAP का गेम प्लान आम आदमी पार्टी (AAP) ने जेल से बाहर आए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ मिलकर हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए गेम प्लान तैयार कर लिया है। इस प्लान के जरिए पार्टी के नेता हरियाणा चुनाव के दौरान इमोशनल कार्ड खेलेंगे। वे केजरीवाल के जेल जाने और मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की घटनाओं को चुनावी मुद्दा बनाकर उछालेंगे। इसके अलावा सभी बड़े चेहरे और खुद केजरीवाल बड़ी रैलियों की जगह डोर-टू-डोर कैंपेन चलाएंगे। इससे उन्हें लोगों के बीच जाकर अपनी बात रखने का मौका मिलेगा। साथ ही वह अपनी पार्टी का एजेंडा जमीनी स्तर पर लोगों को समझा पाएंगे। 2019 के बाद AAP ने BJP के बाद राज्य में बड़ा संगठन तैयार किया है। पार्टी का दावा है कि उसके 1.5 लाख वॉलंटियर पूरे राज्य में सक्रिय हैं। हरियाणा में AAP राज्य की सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। इसलिए हरियाणा पर केजरीवाल का फोकस हरियाणा में BJP 10 साल से सत्ता में है। कांग्रेस यहां मुख्य विपक्षी दल है। इसके अलावा इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) और जननायक जनता पार्टी (JJP) के उम्मीदवार भी मैदान में हैं। AAP ने पिछले 5 सालों में हरियाणा में अपना कैडर मजबूत किया है। इसके साथ ही इस बार चुनाव के बीच दिल्ली और पंजाब से पार्टी के वॉलंटियर भी यहां सक्रिय होने वाले हैं। इन सबके बीच अरविंद केजरीवाल का मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा पार्टी के लिए मददगार साबित हो सकता है। इसकी वजह यह है कि केजरीवाल चुनाव के दौरान लगातार कार्यकर्ताओं के बीच सक्रिय रहेंगे। इससे पार्टी के वॉलंटियर्स का मनोबल बढ़ेगा। पार्टी नेताओं कह रहे हैं कि केजरीवाल प्रचार में जी-जान से जुटेंगे। AAP को हरियाणा में मिलेगा बड़ा चेहरा हरियाणा में AAP के पास दिल्ली और पंजाब की तरह कोई बड़ा नेता नहीं है। अभी 2 बड़े चेहरे पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ. सुशील गुप्ता और अनुराग ढांडा ही हैं। इसलिए, पार्टी को हरियाणा में अरविंद केजरीवाल की ज्यादा जरूरत है। जब केजरीवाल तिहाड़ में थे, तब उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल ने हरियाणा में कई जगहों पर रैलियां की थीं। उन्होंने केजरीवाल को हरियाणा का बेटा और हरियाणा का शेर बताया था। ऐसे में केजरीवाल इस्तीफा देकर हरियाणा में पूरा समय प्रचार कर सकेंगे। केजरीवाल दिल्ली की जनता की नब्ज समझने में माहिर माने जाते हैं। उन्होंने पंजाब में भी अपनी पार्टी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनवाई है, और अब हरियाणा में केजरीवाल की परीक्षा होगी। हरियाणा में है केजरीवाल का गृह जिला CM केजरीवाल लगातार 3 बार चुनाव जीतकर दिल्ली के मुख्यमंत्री बने हैं। हरियाणा का जो हिस्सा NCR में आता है, उसके आसपास के इलाकों में AAP का प्रभाव साफ दिखाई देता है। गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत, पानीपत के अलावा कुरुक्षेत्र और करनाल जैसे कई शहर हैं, जहां AAP मजबूती से अपनी तैयारियों में जुटी हुई है। इसके अलावा सबसे खास बात यह है कि AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल का गृह जिला भी हरियाणा में ही है। उनका पैतृक गांव राज्य के हिसार जिले के खेड़ा में है। अक्सर राजनीतिक कार्यक्रमों में केजरीवाल खुद को हरियाणा से जोड़ते रहे हैं। कांग्रेस-BJP की बढ़ेगी टेंशन हरियाणा में AAP सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। जब तक अरविंद केजरीवाल जेल में थे, तब तक कांग्रेस और भाजपा, AAP को ज्यादा महत्व नहीं दे रही थी। शुरुआत में कांग्रेस ने गठबंधन बनाने की कोशिश भी की, लेकिन आखिरकार दोनों पार्टियों के बीच बात नहीं बनी। फिर उन्होंने अलग-अलग चुनाव लड़ने का फैसला किया। अब अरविंद केजरीवाल जेल से बाहर हैं, और उन्होंने ऐसा कदम उठाया है जिससे हरियाणा की जनता भावुक हो सकती है। इससे कांग्रेस के साथ-साथ BJP को भी नुकसान हो सकता है, क्योंकि शहरी वोटर BJP का कोर वोट बैंक माना जाता हैं। AAP की स्वीकार्यता भी ग्रामीण इलाकों के मुकाबले शहरी इलाकों में ज्यादा है। दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिए जाने के बाद अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा पर फोकस करना शुरू कर दिया है। अब वह शुक्रिवार यानी कल हरियाणा दौरे पर आएंगे। वह जगाधरी में एक रोड शो करेंगे। इस दौरान उनके साथ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी मौजूद रहेंगे। पार्टी सूत्रों का कहना है कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में पहले फेज के इलेक्शन कैंपेन में वह 11 विधानसभाओं में डोर टू डोर कैंपेन चलाएंगे। जगाधरी के अलावा वह डबवाली, रानिया, भिवानी, महम, पूंडरी, कलायत, रेवाड़ी, दादरी, असंध, बल्लभगढ़ और बादरा में पार्टी प्रत्याशियों के पक्ष में वोट मांगेंगे। हरियाणा के लिए ये AAP का गेम प्लान आम आदमी पार्टी (AAP) ने जेल से बाहर आए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ मिलकर हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए गेम प्लान तैयार कर लिया है। इस प्लान के जरिए पार्टी के नेता हरियाणा चुनाव के दौरान इमोशनल कार्ड खेलेंगे। वे केजरीवाल के जेल जाने और मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की घटनाओं को चुनावी मुद्दा बनाकर उछालेंगे। इसके अलावा सभी बड़े चेहरे और खुद केजरीवाल बड़ी रैलियों की जगह डोर-टू-डोर कैंपेन चलाएंगे। इससे उन्हें लोगों के बीच जाकर अपनी बात रखने का मौका मिलेगा। साथ ही वह अपनी पार्टी का एजेंडा जमीनी स्तर पर लोगों को समझा पाएंगे। 2019 के बाद AAP ने BJP के बाद राज्य में बड़ा संगठन तैयार किया है। पार्टी का दावा है कि उसके 1.5 लाख वॉलंटियर पूरे राज्य में सक्रिय हैं। हरियाणा में AAP राज्य की सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। इसलिए हरियाणा पर केजरीवाल का फोकस हरियाणा में BJP 10 साल से सत्ता में है। कांग्रेस यहां मुख्य विपक्षी दल है। इसके अलावा इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) और जननायक जनता पार्टी (JJP) के उम्मीदवार भी मैदान में हैं। AAP ने पिछले 5 सालों में हरियाणा में अपना कैडर मजबूत किया है। इसके साथ ही इस बार चुनाव के बीच दिल्ली और पंजाब से पार्टी के वॉलंटियर भी यहां सक्रिय होने वाले हैं। इन सबके बीच अरविंद केजरीवाल का मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा पार्टी के लिए मददगार साबित हो सकता है। इसकी वजह यह है कि केजरीवाल चुनाव के दौरान लगातार कार्यकर्ताओं के बीच सक्रिय रहेंगे। इससे पार्टी के वॉलंटियर्स का मनोबल बढ़ेगा। पार्टी नेताओं कह रहे हैं कि केजरीवाल प्रचार में जी-जान से जुटेंगे। AAP को हरियाणा में मिलेगा बड़ा चेहरा हरियाणा में AAP के पास दिल्ली और पंजाब की तरह कोई बड़ा नेता नहीं है। अभी 2 बड़े चेहरे पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ. सुशील गुप्ता और अनुराग ढांडा ही हैं। इसलिए, पार्टी को हरियाणा में अरविंद केजरीवाल की ज्यादा जरूरत है। जब केजरीवाल तिहाड़ में थे, तब उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल ने हरियाणा में कई जगहों पर रैलियां की थीं। उन्होंने केजरीवाल को हरियाणा का बेटा और हरियाणा का शेर बताया था। ऐसे में केजरीवाल इस्तीफा देकर हरियाणा में पूरा समय प्रचार कर सकेंगे। केजरीवाल दिल्ली की जनता की नब्ज समझने में माहिर माने जाते हैं। उन्होंने पंजाब में भी अपनी पार्टी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनवाई है, और अब हरियाणा में केजरीवाल की परीक्षा होगी। हरियाणा में है केजरीवाल का गृह जिला CM केजरीवाल लगातार 3 बार चुनाव जीतकर दिल्ली के मुख्यमंत्री बने हैं। हरियाणा का जो हिस्सा NCR में आता है, उसके आसपास के इलाकों में AAP का प्रभाव साफ दिखाई देता है। गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत, पानीपत के अलावा कुरुक्षेत्र और करनाल जैसे कई शहर हैं, जहां AAP मजबूती से अपनी तैयारियों में जुटी हुई है। इसके अलावा सबसे खास बात यह है कि AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल का गृह जिला भी हरियाणा में ही है। उनका पैतृक गांव राज्य के हिसार जिले के खेड़ा में है। अक्सर राजनीतिक कार्यक्रमों में केजरीवाल खुद को हरियाणा से जोड़ते रहे हैं। कांग्रेस-BJP की बढ़ेगी टेंशन हरियाणा में AAP सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। जब तक अरविंद केजरीवाल जेल में थे, तब तक कांग्रेस और भाजपा, AAP को ज्यादा महत्व नहीं दे रही थी। शुरुआत में कांग्रेस ने गठबंधन बनाने की कोशिश भी की, लेकिन आखिरकार दोनों पार्टियों के बीच बात नहीं बनी। फिर उन्होंने अलग-अलग चुनाव लड़ने का फैसला किया। अब अरविंद केजरीवाल जेल से बाहर हैं, और उन्होंने ऐसा कदम उठाया है जिससे हरियाणा की जनता भावुक हो सकती है। इससे कांग्रेस के साथ-साथ BJP को भी नुकसान हो सकता है, क्योंकि शहरी वोटर BJP का कोर वोट बैंक माना जाता हैं। AAP की स्वीकार्यता भी ग्रामीण इलाकों के मुकाबले शहरी इलाकों में ज्यादा है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा BJP के घर बैठे नेताओं की छुट्टी होगी:RSS फीडबैक पर बदलेगा संगठन, 42 सीटों पर हार की समीक्षा, हारने की 5 वजहें हरियाणा में लगातार तीसरी बार भले ही भाजपा ने सरकार बना ली हो, लेकिन पार्टी को 90 में से 42 सीटों पर हार भी मिली है। अब भाजपा ने इन सीटों पर हुई हार की समीक्षा भी कर ली है। एक महीने तक BJP ने हार के कारण जानने के लिए हारे उम्मीदवारों, जिलाध्यक्षों, पुराने कार्यकर्ताओं सहित RSS से भी फीडबैक लिया है। प्रदेश भाजपा इकाई ने यह रिपोर्ट पार्टी शीर्ष नेतृत्व को सौंप दी है। बताया जा रहा है कि हरियाणा में सदस्यता अभियान पूरा कर प्रदेश में संगठन के बदलाव के समय ही इन जिलों में जिलाध्यक्ष से लेकर जिला इकाई तक में बदलाव किए जाएंगे। ऐसे लोगों को किनारे लगाया जाएगा, जो पद लेकर बैठे रहे, मगर फील्ड में एक्टिव नहीं दिखे। इसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की रिपोर्ट की भूमिका सबसे अहम होगी। वहीं, टिकट वितरण में स्थानीय नेताओं की उपेक्षा भी हार का बड़ा कारण माना जा रहा है। इससे पार्टी में गलत मैसेज गया और कार्यकर्ता फील्ड में जाने के बजाय निष्क्रिय होकर बैठ गए। इन सब बिंदुओं को देखते हुए रिपोर्ट तैयार की गई। पार्टी के सह-प्रभारी बिप्लब देब भी भाजपा प्रदेशाध्यक्ष से इसे लेकर चर्चा कर चुके हैं। आने वाले समय में संगठन में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। संगठन मंत्री बोले- हमने समीक्षा कर ली, आगे भी करेंगे
भाजपा के प्रदेश संगठन मंत्री फणींद्र नाथ शर्मा ने बताया कि भाजपा हार की समीक्षा लगातार करती रही है। लोकसभा की तरह हमने विधानसभा में जिन सीटों पर हार हुई है, उनकी समीक्षा की है और रिपोर्ट शीर्ष नेतृत्व को दी है। भाजपा में समीक्षा कभी नहीं रुकती। लगातार चलती रहती है। BJP की रिपोर्ट में हार के 5 बड़े कारण… 1. पुराने नेताओं की अनदेखी
भाजपा ने कई सीटों पर पुराने कार्यकर्ताओं की अनदेखी की, जिसका खामियाजा भुगतना पड़ा। दूसरी पार्टी के कई नेताओं को चुनाव से ऐन वक्त पहले पार्टी में शामिल करवाया गया और टिकट दी, जिससे कई महीनों से फील्ड में तैयारी कर रहे नेताओं को झटका लगा और वह पूरे चुनाव में दूरी बनाकर रहे। उम्मीदवारों और संघ की रिपोर्ट में उन नेताओं के बाकायदा नाम भी लिखकर दिए गए हैं। 2. एंटी इनकम्बेंसी
चुनाव के समय प्रदेश में भाजपा के खिलाफ एंटी इनकम्बेंसी की चर्चा रही। चर्चा यह भी थी कि भाजपा चुनाव हार रही है और कांग्रेस जीत रही है, जिसके कारण 5 प्रतिशत स्विंग वोटर्स कांग्रेस की तरफ चला गया। यही वजह रही कि कड़े मुकाबलों वाली सीटों पर भी भाजपा हार गई। रोहतक, सिरसा और फतेहाबाद में सबसे ज्यादा वोट स्विंग हुए। सिरसा और फतेहाबाद में भाजपा विधायकों और नेताओं की कार्यशैली को लेकर भी लोगों में नाराजगी रही। 3. किसानों और जाटों में नाराजगी
किसानों और जाटों की नाराजगी का भाजपा को नुकसान उठाना पड़ा। रोहतक, फतेहाबाद और सिरसा में जाट और किसान एग्रेसिव होकर भाजपा के खिलाफ वोट डालने निकले। सिरसा और फतेहाबाद की सभी 8 सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की। किसान आंदोलन का सबसे ज्यादा असर इन जिलों में देखने को मिला। यहां नशाखोरी का मुद्दा भी चुनाव में छाया रहा। नशाखोरी रोकने के लिए भाजपा सरकार द्वारा किए गए इंतजाम नाकाफी नजर आए। इन सीटों पर जाटों के साथ-साथ सिख मतदाताओं की नाराजगी भी देखने को मिली। दोनों जिलों की पंजाबी बेल्ट में भाजपा का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। 4. टिकट वितरण में गड़बड़ी
कुछ सीटों पर टिकटों का वितरण सही तरीके से नहीं हुआ। यहां पार्टी का सर्वे विफल रहा। इन सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते, जिसमें हिसार, गन्नौर जैसी सीट भी शामिल हैं। इसके अलावा सिरसा जिले में सबसे ज्यादा टिकट वितरण में गड़बड़ी हुई। मजबूत चेहरों को दरकिनार किया गया। रणजीत सिंह, आदित्य चौटाला, मीनू बेनीवाल जैसे चेहरों को पार्टी ने दरकिनार किया, जिसका खामियाजा भुगतना पड़ा। 5. मेवात में मुसलमानों ने भाजपा को नकारा
मेवात की तीनों सीटों पर भाजपा कोई कमाल नहीं कर पाई। यहां नूंह दंगों का असर देखने को मिला। यहां के लोगों में BJP के खिलाफ नाराजगी दिखी। लोगों ने BJP सरकार पर क्षेत्र में विकास न होने और भेदभाव का आरोप लगाया था। BJP इन मुस्लिम बहुल इलाकों में अपना खाता भी नहीं खोल पाई। 5 जिलों में खाता नहीं खोल पाई पार्टी
भाजपा प्रदेश के 5 जिलों में अपना खाता भी नहीं खोल पाई। इन जिलों में नूंह, सिरसा, झज्जर, रोहतक और फतेहाबाद शामिल हैं। अगर बेल्ट के हिसाब से देखें तो ये जिले बागड़, देशवाल और नूंह बेल्ट में आते हैं। इन जिलों में कुल 19 विधानसभा सीटें हैं। बागड़ बेल्ट में भाजपा ने 8, कांग्रेस ने 10, इनेलो ने 2 और निर्दलीय ने 1 सीट जीती। वहीं, 2019 में भाजपा ने 8, कांग्रेस ने 4, JJP ने 5, इनेलो ने 1 और निर्दलीय ने 2 सीटें जीती थीं।
हरियाणा के 13 जिलों में आंधी का अलर्ट:सिरसा अब भी सबसे गर्म; 4 तक मौसम में बदलाव नहीं, कुछ जिलों में बूंदाबांदी होगी
हरियाणा के 13 जिलों में आंधी का अलर्ट:सिरसा अब भी सबसे गर्म; 4 तक मौसम में बदलाव नहीं, कुछ जिलों में बूंदाबांदी होगी हरियाणा में नौतपा के नौवें दिन राहत रहने वाली है। शनिवार को कुछ जिलों में हुई बारिश से तापमान में हल्की गिरावट आई है। हालांकि, ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन (AWS) पर 48.2 डिग्री की अधिकतम तापमान के साथ सिरसा देश में तीसरे दिन भी सबसे गर्म रहा। वहीं, उत्तर प्रदेश का झांसी 46.9 डिग्री के साथ दूसरे और हरियाणा का रोहतक और राजस्थान का श्रीगंगानगर 46.2 डिग्री के साथ तीसरे नंबर पर रहे। बारिश के बाद भी दिन का अधिकतम तापमान सामान्य से 3.4 डिग्री ज्यादा रिकॉर्ड किया गया है। हरियाणा में 4 जून तक मौसम में बदलाव देखने को नहीं मिलेगा। आज सूबे में उत्तर हरियाणा के जिलों को छोड़कर 13 जिलों में भीषण गर्मी के साथ गरज-चमक के साथ बादल छाएंगे। इस दौरान 40 किलोमीटर प्रति घंटे के हिसाब से तेज हवाएं (आंधी) चलेंगी। कुछ जिलों में बूंदाबांदी से लोगों को गर्मी से राहत मिलेगी। 24 घंटे में कहां हुई कितनी बारिश
प्रदेश में 20 दिन की गर्मी के बाद मौसम में बदलाव देखने को मिल रहा है। 24 घंटे के दौरान कुछ जिलों में आंधी के साथ ही बूंदाबांदी हुई है। हिसार में 3.8 मिलीमीटर बारिश हुई है। वहीं, रोहतक में 2.5, गुरुग्राम में 0.5, महेंद्रगढ़ में 7, रेवाड़ी में 1, सिरसा में 6.5 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है। बारिश से भी रात के न्यूनतम तापमान में कोई खास असर नहीं देखने मिला। दादरी की रात सबसे गर्म रिकॉर्ड की गई। यहां का न्यूनतम तापमान 33.9 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। पश्चिमी विक्षोभ एक्टिव होने से राहत मिली
हरियाणा के जिलों को अलर्ट पर रखा गया है। उन जिलों में महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, झज्जर, गुरुग्राम, मेवात, पलवल, फरीदाबाद, सिरसा, फतेहाबाद, हिसार, जींद, भिवानी और चरखी दादरी शामिल हैं। पानीपत, सोनीपत, रोहतक में दिन और रात में भीषण गर्मी पड़ेगी। इसलिए, इन जिलों में भी यलो अलर्ट जारी किया गया है।
हरियाणा में मर्सीडीज बसों की सवारी करेंगे यात्री:AC- नॉन एसी मिलाकर 1,168 बसें खरीदेगी सैनी सरकार; रोडवेज में शामिल की जाएंगी
हरियाणा में मर्सीडीज बसों की सवारी करेंगे यात्री:AC- नॉन एसी मिलाकर 1,168 बसें खरीदेगी सैनी सरकार; रोडवेज में शामिल की जाएंगी हरियाणा के लोगों का सफर जल्द ही सुहाना होने वाला है। रोडवेज ने 650 नई बसों की खरीद को लेकर टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली है। इनमें 500 नॉन एसी स्टैंडर्ड और 150 एचवीएसी बसें शामिल हैं। इन बसों की खरीद के बाद विभाग जल्द 518 अन्य नई बसों की खरीद प्रक्रिया शुरू करेगा। जिनमें 500 एचवीएसी बसें लेने की योजना है। 18 लग्जरी बसों की खरीद की जाएगी। अभी परिवहन विभाग के पास 06 वोल्वो बसें, 12 मर्सडिज, 153 एचवीएसी, 03 सीएनजी, 10 सिमी लो फ्लोर बसें, 278 मिनी बसें, 3203 प्लेन बसें हैं। कुल मिलाकर परिवहन विभाग के बेड़े में 1168 नई बसें शामिल हो जाएंगी। परिवहन विभाग के बेड़े में हो जाएंगी 5395 बसें
अभी परिवहन विभाग के बेड़े में कुल 4227 बसें हैं । इनमें 562 बसें किलोमीटर स्कीम के तहत शामिल हैं। सरकार द्वारा 1168 नई बसों की खरीद करने के बाद परिवहन विभाग का बेड़ा 5,395 बसों वाला हो जाएगा। अभी अंबाला में 201, चंडीगढ़ में 139, करनाल में 166, जींद में 209, कैथल में 196, सोनीपत में 223, यमुनानगर में 201, दिल्ली में 121, कुरुक्षेत्र में 197, पानीपत में 143, पंचकूला में 154, गुरुग्राम में 214, रोहतक में 171, हिसार में 260, रेवाड़ी में 148, भिवानी में 213, सिरसा में 242, फरीदाबाद में 185, फतेहाबाद में 195, झज्जर में 202, नारनौल में 161, चरखी दादरी में 116, पलवल में 107 और नूह में 63 बसें हैं। छह जिला बस स्टैंड के वाशरूम सुधरेंगे
दरअसल, हरियाणा परिवहन विभाग ने परिवहन मंत्री असीम गोयल के निर्देश पर प्रदेश के सभी बस स्टैंड और सब डिपो के शौचालयों को चकाचक करने के लिए अभियान शुरू करने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत परिवहन विभाग सबसे पहले प्रदेश के छह जिलों में सटे मुख्य बस स्टैंड के शौचालयों को सुधारेगा। मगर उससे भी पहले इन बस स्टैंड के शौचालयों का निरीक्षण किया जाएगा। जिसके लिए मुख्यालय स्तर पर अधिकारियों की टीम का गठन किया गया है , जो जिला स्तर पर टीम के साथ मिलकर कमियों का पता लगाएगी। प्लानिंग के लिए हायर की निजी कंपनी
हरियाणा परिवहन विभाग की ओर से एक निजी कंपनी को हायर किया गया है, जो शौचालयों को चकाचक करने के मामले में अपनी योजना बताएगी। यह काम परिवहन मंत्री असीम गोयल के निर्देशों के बाद युद्ध स्तर पर चल रहा है। निरीक्षण टीम करीब एक सप्ताह में अपना काम पूरा कर लेगी । इसके बाद बस स्टैंड के शौचालयों को चकाचक करने का काम सिरे चढ़ाया जाएगा। पहले चरण में कुछ जिलों के बस स्टैंड के शौचालयों को निरीक्षण के बाद सुधारने का काम शुरू किया जाएगा। इसके बाद अगले चरण में दूसरे जिले के बस स्टैंड के शौचालयों को लिया जाएगा। असल में बस स्टैंड पर आने वाले यात्री को किसी तरह की परेशानी न हो और बस स्टैंड में बदबू रहित शौचालय हो , इसे देखते हुए यह अभियान शुरू करने का निर्णय लिया गया है।