हरियाणा में कल आएंगे अरविंद केजरीवाल:जगाधरी में करेंगे रोड शो; पहले फेज के कैंपेन में 11 विधानसभाओं में करेंगे डोर टू डोर कैंपेन

हरियाणा में कल आएंगे अरविंद केजरीवाल:जगाधरी में करेंगे रोड शो; पहले फेज के कैंपेन में 11 विधानसभाओं में करेंगे डोर टू डोर कैंपेन

दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिए जाने के बाद अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा पर फोकस करना शुरू कर दिया है। अब वह शुक्रिवार यानी कल हरियाणा दौरे पर आएंगे। वह जगाधरी में एक रोड शो करेंगे। इस दौरान उनके साथ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी मौजूद रहेंगे। पार्टी सूत्रों का कहना है कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में पहले फेज के इलेक्शन कैंपेन में वह 11 विधानसभाओं में डोर टू डोर कैंपेन चलाएंगे। जगाधरी के अलावा वह डबवाली, रानिया, भिवानी, महम, पूंडरी, कलायत, रेवाड़ी, दादरी, असंध, बल्लभगढ़ और बादरा में पार्टी प्रत्याशियों के पक्ष में वोट मांगेंगे। हरियाणा के लिए ये AAP का गेम प्लान आम आदमी पार्टी (AAP) ने जेल से बाहर आए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ मिलकर हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए गेम प्लान तैयार कर लिया है। इस प्लान के जरिए पार्टी के नेता हरियाणा चुनाव के दौरान इमोशनल कार्ड खेलेंगे। वे केजरीवाल के जेल जाने और मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की घटनाओं को चुनावी मुद्दा बनाकर उछालेंगे। इसके अलावा सभी बड़े चेहरे और खुद केजरीवाल बड़ी रैलियों की जगह डोर-टू-डोर कैंपेन चलाएंगे। इससे उन्हें लोगों के बीच जाकर अपनी बात रखने का मौका मिलेगा। साथ ही वह अपनी पार्टी का एजेंडा जमीनी स्तर पर लोगों को समझा पाएंगे। 2019 के बाद AAP ने BJP के बाद राज्य में बड़ा संगठन तैयार किया है। पार्टी का दावा है कि उसके 1.5 लाख वॉलंटियर पूरे राज्य में सक्रिय हैं। हरियाणा में AAP राज्य की सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। इसलिए हरियाणा पर केजरीवाल का फोकस हरियाणा में BJP 10 साल से सत्ता में है। कांग्रेस यहां मुख्य विपक्षी दल है। इसके अलावा इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) और जननायक जनता पार्टी (JJP) के उम्मीदवार भी मैदान में हैं। AAP ने पिछले 5 सालों में हरियाणा में अपना कैडर मजबूत किया है। इसके साथ ही इस बार चुनाव के बीच दिल्ली और पंजाब से पार्टी के वॉलंटियर भी यहां सक्रिय होने वाले हैं। इन सबके बीच अरविंद केजरीवाल का मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा पार्टी के लिए मददगार साबित हो सकता है। इसकी वजह यह है कि केजरीवाल चुनाव के दौरान लगातार कार्यकर्ताओं के बीच सक्रिय रहेंगे। इससे पार्टी के वॉलंटियर्स का मनोबल बढ़ेगा। पार्टी नेताओं कह रहे हैं कि केजरीवाल प्रचार में जी-जान से जुटेंगे। AAP को हरियाणा में मिलेगा बड़ा चेहरा हरियाणा में AAP के पास दिल्ली और पंजाब की तरह कोई बड़ा नेता नहीं है। अभी 2 बड़े चेहरे पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ. सुशील गुप्ता और अनुराग ढांडा ही हैं। इसलिए, पार्टी को हरियाणा में अरविंद केजरीवाल की ज्यादा जरूरत है। जब केजरीवाल तिहाड़ में थे, तब उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल ने हरियाणा में कई जगहों पर रैलियां की थीं। उन्होंने केजरीवाल को हरियाणा का बेटा और हरियाणा का शेर बताया था। ऐसे में केजरीवाल इस्तीफा देकर हरियाणा में पूरा समय प्रचार कर सकेंगे। केजरीवाल दिल्ली की जनता की नब्ज समझने में माहिर माने जाते हैं। उन्होंने पंजाब में भी अपनी पार्टी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनवाई है, और अब हरियाणा में केजरीवाल की परीक्षा होगी। हरियाणा में है केजरीवाल का गृह जिला CM केजरीवाल लगातार 3 बार चुनाव जीतकर दिल्ली के मुख्यमंत्री बने हैं। हरियाणा का जो हिस्सा NCR में आता है, उसके आसपास के इलाकों में AAP का प्रभाव साफ दिखाई देता है। गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत, पानीपत के अलावा कुरुक्षेत्र और करनाल जैसे कई शहर हैं, जहां AAP मजबूती से अपनी तैयारियों में जुटी हुई है। इसके अलावा सबसे खास बात यह है कि AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल का गृह जिला भी हरियाणा में ही है। उनका पैतृक गांव राज्य के हिसार जिले के खेड़ा में है। अक्सर राजनीतिक कार्यक्रमों में केजरीवाल खुद को हरियाणा से जोड़ते रहे हैं। कांग्रेस-BJP की बढ़ेगी टेंशन हरियाणा में AAP सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। जब तक अरविंद केजरीवाल जेल में थे, तब तक कांग्रेस और भाजपा, AAP को ज्यादा महत्व नहीं दे रही थी। शुरुआत में कांग्रेस ने गठबंधन बनाने की कोशिश भी की, लेकिन आखिरकार दोनों पार्टियों के बीच बात नहीं बनी। फिर उन्होंने अलग-अलग चुनाव लड़ने का फैसला किया। अब अरविंद केजरीवाल जेल से बाहर हैं, और उन्होंने ऐसा कदम उठाया है जिससे हरियाणा की जनता भावुक हो सकती है। इससे कांग्रेस के साथ-साथ BJP को भी नुकसान हो सकता है, क्योंकि शहरी वोटर BJP का कोर वोट बैंक माना जाता हैं। AAP की स्वीकार्यता भी ग्रामीण इलाकों के मुकाबले शहरी इलाकों में ज्यादा है। दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिए जाने के बाद अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा पर फोकस करना शुरू कर दिया है। अब वह शुक्रिवार यानी कल हरियाणा दौरे पर आएंगे। वह जगाधरी में एक रोड शो करेंगे। इस दौरान उनके साथ पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान भी मौजूद रहेंगे। पार्टी सूत्रों का कहना है कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में पहले फेज के इलेक्शन कैंपेन में वह 11 विधानसभाओं में डोर टू डोर कैंपेन चलाएंगे। जगाधरी के अलावा वह डबवाली, रानिया, भिवानी, महम, पूंडरी, कलायत, रेवाड़ी, दादरी, असंध, बल्लभगढ़ और बादरा में पार्टी प्रत्याशियों के पक्ष में वोट मांगेंगे। हरियाणा के लिए ये AAP का गेम प्लान आम आदमी पार्टी (AAP) ने जेल से बाहर आए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ मिलकर हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए गेम प्लान तैयार कर लिया है। इस प्लान के जरिए पार्टी के नेता हरियाणा चुनाव के दौरान इमोशनल कार्ड खेलेंगे। वे केजरीवाल के जेल जाने और मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की घटनाओं को चुनावी मुद्दा बनाकर उछालेंगे। इसके अलावा सभी बड़े चेहरे और खुद केजरीवाल बड़ी रैलियों की जगह डोर-टू-डोर कैंपेन चलाएंगे। इससे उन्हें लोगों के बीच जाकर अपनी बात रखने का मौका मिलेगा। साथ ही वह अपनी पार्टी का एजेंडा जमीनी स्तर पर लोगों को समझा पाएंगे। 2019 के बाद AAP ने BJP के बाद राज्य में बड़ा संगठन तैयार किया है। पार्टी का दावा है कि उसके 1.5 लाख वॉलंटियर पूरे राज्य में सक्रिय हैं। हरियाणा में AAP राज्य की सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। इसलिए हरियाणा पर केजरीवाल का फोकस हरियाणा में BJP 10 साल से सत्ता में है। कांग्रेस यहां मुख्य विपक्षी दल है। इसके अलावा इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) और जननायक जनता पार्टी (JJP) के उम्मीदवार भी मैदान में हैं। AAP ने पिछले 5 सालों में हरियाणा में अपना कैडर मजबूत किया है। इसके साथ ही इस बार चुनाव के बीच दिल्ली और पंजाब से पार्टी के वॉलंटियर भी यहां सक्रिय होने वाले हैं। इन सबके बीच अरविंद केजरीवाल का मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा पार्टी के लिए मददगार साबित हो सकता है। इसकी वजह यह है कि केजरीवाल चुनाव के दौरान लगातार कार्यकर्ताओं के बीच सक्रिय रहेंगे। इससे पार्टी के वॉलंटियर्स का मनोबल बढ़ेगा। पार्टी नेताओं कह रहे हैं कि केजरीवाल प्रचार में जी-जान से जुटेंगे। AAP को हरियाणा में मिलेगा बड़ा चेहरा हरियाणा में AAP के पास दिल्ली और पंजाब की तरह कोई बड़ा नेता नहीं है। अभी 2 बड़े चेहरे पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ. सुशील गुप्ता और अनुराग ढांडा ही हैं। इसलिए, पार्टी को हरियाणा में अरविंद केजरीवाल की ज्यादा जरूरत है। जब केजरीवाल तिहाड़ में थे, तब उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल ने हरियाणा में कई जगहों पर रैलियां की थीं। उन्होंने केजरीवाल को हरियाणा का बेटा और हरियाणा का शेर बताया था। ऐसे में केजरीवाल इस्तीफा देकर हरियाणा में पूरा समय प्रचार कर सकेंगे। केजरीवाल दिल्ली की जनता की नब्ज समझने में माहिर माने जाते हैं। उन्होंने पंजाब में भी अपनी पार्टी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनवाई है, और अब हरियाणा में केजरीवाल की परीक्षा होगी। हरियाणा में है केजरीवाल का गृह जिला CM केजरीवाल लगातार 3 बार चुनाव जीतकर दिल्ली के मुख्यमंत्री बने हैं। हरियाणा का जो हिस्सा NCR में आता है, उसके आसपास के इलाकों में AAP का प्रभाव साफ दिखाई देता है। गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत, पानीपत के अलावा कुरुक्षेत्र और करनाल जैसे कई शहर हैं, जहां AAP मजबूती से अपनी तैयारियों में जुटी हुई है। इसके अलावा सबसे खास बात यह है कि AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल का गृह जिला भी हरियाणा में ही है। उनका पैतृक गांव राज्य के हिसार जिले के खेड़ा में है। अक्सर राजनीतिक कार्यक्रमों में केजरीवाल खुद को हरियाणा से जोड़ते रहे हैं। कांग्रेस-BJP की बढ़ेगी टेंशन हरियाणा में AAP सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। जब तक अरविंद केजरीवाल जेल में थे, तब तक कांग्रेस और भाजपा, AAP को ज्यादा महत्व नहीं दे रही थी। शुरुआत में कांग्रेस ने गठबंधन बनाने की कोशिश भी की, लेकिन आखिरकार दोनों पार्टियों के बीच बात नहीं बनी। फिर उन्होंने अलग-अलग चुनाव लड़ने का फैसला किया। अब अरविंद केजरीवाल जेल से बाहर हैं, और उन्होंने ऐसा कदम उठाया है जिससे हरियाणा की जनता भावुक हो सकती है। इससे कांग्रेस के साथ-साथ BJP को भी नुकसान हो सकता है, क्योंकि शहरी वोटर BJP का कोर वोट बैंक माना जाता हैं। AAP की स्वीकार्यता भी ग्रामीण इलाकों के मुकाबले शहरी इलाकों में ज्यादा है।   हरियाणा | दैनिक भास्कर